हाईकोर्ट
O.21 R.32(5) CPC | यदि निर्णय-ऋणी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है तो निष्पादन न्यायालय संपत्ति का कब्जा बहाल कर सकता है: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि जहां निषेधात्मक निषेधाज्ञा का आदेश, निर्णीत ऋणी द्वारा विवादित संपत्ति से डिक्री धारक को बेदखल करने के जानबूझकर और गैरकानूनी कृत्य के कारण निरर्थक हो जाता है, वहां निष्पादन न्यायालय को आदेश 21 नियम 32(5) सीपीसी के तहत कब्जा बहाल करने का निर्देश देने का अधिकार है। जस्टिस फरजंद अली ने इस तर्क को खारिज करते हुए कि निष्पादन न्यायालय का अधिकार क्षेत्र केवल डिक्री को लागू करने तक सीमित है, जो इस मामले में केवल निषेधात्मक निषेधाज्ञा थी, न कि कब्जा सौंपना, कहा, "निषेधात्मक...
राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा, आपराधिक मामले में बरी होने के बाद कर्मचारी को वेतन से वंचित करना गलत; सरकार को मुआवजा देने का आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि किसी कर्मचारी को उस अवधि के लिए वेतन देने से इनकार करना, जब उसे आपराधिक आरोपों में हिरासत में रखा गया था - जो आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में कदाचार से संबंधित नहीं थे - और बाद में बरी कर दिया गया था, अन्यायपूर्ण था। जस्टिस आनंद शर्मा ने अपने आदेश में कहा,"व्यापक और हितकर सिद्धांत यह है कि जहां किसी कर्मचारी को आपराधिक आरोपों में हिरासत में रखा जाता है, जो उसके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में कदाचार से संबंधित नहीं थे और बाद में बरी कर दिया जाता है, तो कर्मचारी...
तलाक के बाद घरेलू हिंसा कानून के तहत महिला को निवास का अधिकार नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि विवाह कानूनी रूप से समाप्त हो चुका है तो महिला को घरेलू हिंसा कानून (Protection of Women from Domestic Violence Act) की धारा 17 के तहत साझा घर में रहने का अधिकार नहीं होगा, जब तक कि उसके पास कोई अन्य वैधानिक अधिकार साबित न हो।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,“जब विवाह वैध तलाक डिक्री द्वारा समाप्त हो जाता है तो घरेलू संबंध भी समाप्त हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, जिस आधार पर निवास का अधिकार टिका है, वह समाप्त हो जाता है, जब...
कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया- बाइक टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए कोई आदेश नहीं, व्यक्तिगत चालकों को परेशान न करने की सलाह
कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उसने बुधवार (20 अगस्त) को पारित अपने आदेश में बाइक टैक्सी एग्रीगेटर्स को राज्य में संचालन की अनुमति देने के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की थी। यह स्पष्टीकरण चीफ जस्टिस विभु बखरू और जस्टिस सी एम जोशी की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान आया।महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने खंडपीठ को सूचित किया कि 20 अगस्त के आदेश के तुरंत बाद ओला, उबर और रैपिडो जैसे एग्रीगेटर ऐप्स ने बाइक टैक्सी संचालन शुरू कर दिया था। इस पर खंडपीठ ने कहा, “हमने कोई आदेश नहीं दिया है। यदि...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- NSE उपनियमों के तहत मध्यस्थता अवॉर्ड पारित करने की तीन महीने की समय सीमा निर्देशात्मक, अनिवार्य नहीं
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस सोमशेखर सुंदरेश्वरन की बेंच ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 के तहत दायर एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए एनएसई उपनियमों के नियम 13 की व्याख्या की। कोर्ट ने माना कि नियम 13(ब) के तहत मध्यस्थता अवॉर्ड को संदर्भ शुरू होने की तारीख से तीन महीने के भीतर पारित करने की समय सीमा निर्देशात्मक है, न कि अनिवार्य।मामले का विवरणयह याचिका 25 सितंबर, 2013 को पारित एक मध्यस्थता अवॉर्ड (दूसरा अवॉर्ड) को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी, जो एनएसई के उपनियमों के तहत गठित...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक आरीफ मसूद के खिलाफ FIR का आदेश दिया, कॉलेज संबद्धता के लिए जाली दस्तावेजों का आरोप
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है, जो अमान एजुकेशन सोसाइटी के सचिव हैं और इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज का संचालन करते हैं। उन पर लगभग दो दशकों तक कॉलेज की संबद्धता प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप है।कोर्ट ने यह देखते हुए कि 'आरिफ मसूद संभवतः राजनीतिक रूप से अच्छे संपर्कों वाले हैं', एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन करना उचित समझा, जो FIR की जांच की निगरानी करेगी और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत...
अलग रह रहे माता-पिता के बच्चों में भाई-बहन का रिश्ता मजबूत करने के लिए लगातार संपर्क ज़रूरी: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब माता-पिता वैवाहिक विवाद के कारण अलग रह रहे हों तो भाई-बहन के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके बीच लगातार संपर्क बनाए रखना बेहद आवश्यक है।जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने कहा,“जब माता-पिता वैवाहिक कलह के कारण अलग रह रहे हों तो भाई-बहन के रिश्ते को लगातार संपर्क के माध्यम से और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है।”अदालत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एक पति ने दायर किया था। पति ने फैमिली कोर्ट द्वारा तय किए गए मुलाक़ात (विज़िटेशन) के...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनुसूचित जनजाति जाति प्रमाणपत्र के लिए दस्तावेजों की वैधता पर फैसला सुनाया, समिति के आदेश को रद्द किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 21 अगस्त, 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसले में अमरावती की अनुसूचित जनजाति जाति प्रमाणपत्र जांच समिति के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें याचिकाकर्ताओं के 'माना' अनुसूचित जनजाति के दावे को अमान्य घोषित किया गया था। जस्टिस प्रवीण एस. पाटिल की अध्यक्षता वाली अदालत ने माना कि समिति ने बिना कारण बताए पुनः जांच के निर्देश देकर गलती की, विशेष रूप से तब जब सतर्कता सेल ने स्वतंत्रता-पूर्व दस्तावेजों, विशेष रूप से 1932 के कोतवाल बुक प्रविष्टि की प्रामाणिकता की पुष्टि की थी, जिसमें...
P&H हाईकोर्ट ने SC/ST अधिनियम के आरोपी को दी जमानत, कहा- आरोपी स्वयं वंचित अनुसूचित जाति से, अधिनियम का लागू होना संदिग्ध
पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत दर्ज एक मामले में आरोपी को जमानत दे दी है। अदालत ने यह देखते हुए जमानत दी कि आरोपी स्वयं एक वंचित अनुसूचित जाति समुदाय, विशेष रूप से हरियाणा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त खटीक जाति से संबंधित है।जस्टिस मनीषा बत्रा ने कहा कि यह सवाल उठता है कि क्या इस मामले में SC/ST अधिनियम की धारा 3(1)(r) के तहत अपराध लागू हो सकता है, क्योंकि यह प्रावधान अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति को...
समान मामला समय पर सुना जा चुका हो तो देरी के कारण अपील खारिज करना अनुचित: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि किसी आदेश को चुनौती देने वाला समान मामला समय पर दायर होने के कारण मेरिट पर सुना दिया गया हो तो देरी का हवाला देकर समान आदेश के खिलाफ दूसरी अपील को खारिज करना न्यायसंगत नहीं होगा।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने कहा,"यह न्यायोचित प्रतीत नहीं होता कि मामले में वादपत्र लौटाने के आदेश की वैधता मेरिट पर जांची जाए, जबकि समान आदेश के खिलाफ समान आधारों पर दायर दूसरी चुनौती को केवल अपील में हुई देरी के आधार पर खारिज कर दिया जाए।"यह मामला...
हरियाणा में 6 महीने से ज़्यादा समय से गिरफ़्तार न हुए NDPS Act के आरोपियों की सूची हाईकोर्ट ने मांगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 (NDPS Act) के तहत उन आरोपियों के नामों की सूची दाखिल करने का निर्देश दिया, जिन्हें पिछले छह महीने से ज़्यादा समय से गिरफ़्तार नहीं किया गया।जस्टिस एन.एस. शेखावत ने ऐसे आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी पूछा। साथ ही पूछा कि क्या ऐसे मामलों में जांच अधिकारी (IO) की ओर से कोई लापरवाही पाए जाने पर उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई की गई।DGP द्वारा दायर...
गुजरात हाईकोर्ट ने सभी जिलों में शुरू किए फॉर्मल विटनेस डिपोजिशन सेंटर, चीफ जस्टिस ने किया वर्चुअल उद्घाटन
गुजरात हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने गुरुवार को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर फॉर्मल विटनेस डिपोजिशन सेंटर (FWDCs) का वर्चुअल उद्घाटन किया। यह पहल न्यायपालिका में आधुनिकीकरण और सुधार की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।उद्घाटन समारोह में बोलते हुए चीफ जस्टिस अग्रवाल ने कहा,"हमने न्यायिक आधुनिकीकरण और सुधार के अपने संकल्प में एक अहम मील का पत्थर हासिल किया है। यह केवल परियोजना की शुरुआत नहीं, बल्कि राज्य के हर नागरिक के लिए तेज़ और न्यायपूर्ण न्याय देने की हमारी प्रतिबद्धता को मज़बूत...
6 माह में निष्पादन नहीं किया तो अवमानना मानी जाएगी: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया कि यदि न्यायिक अधिकारी और संबंधित प्राधिकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समय सीमा के भीतर निष्पादन (Execution) की कार्यवाही पूरी नहीं करते, तो यह आदेश की अवमानना मानी जाएगी।जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल एस. शाह बनाम जिनेंद्र कुमार गांधी (2021) मामले में स्पष्ट निर्देश दिए कि निष्पादन याचिका दायर होने की तिथि से छह माह के भीतर निष्पादन कार्यवाही पूरी होनी चाहिए। इस अवधि को केवल ठोस कारणों को लिखित रूप में दर्ज करने...
भारतीय संविधान के अंतर्गत नीति निर्देशक सिद्धांतों में 'करेगा' और 'प्रयास करेगा' को समझिए
संविधान के भाग IV में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (डीपीएसपी) निहित हैं जो संविधान के संस्थापक सदस्यों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। निर्माताओं ने महसूस किया कि संविधान में सामाजिक-आर्थिक अधिकारों का अभाव नागरिक और राजनीतिक अधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में बाधक है। इसके परिणामस्वरूप संविधान में सामाजिक-आर्थिक अधिकारों को शामिल किया गया (अनुच्छेद 36 के प्रारूप से अनुच्छेद 46 के प्रारूप तक) और न्यायोचितता और गैर-न्यायोचितता के आधार पर भेद किया गया। बी.एन. राव ने संविधान सभा को लिखे अपने...
गवाहों को पेश करने के लिए समन व कार्रवाई लागू न करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई चिंता
हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के पिछले आदेशों के बावजूद गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिये समन जारी करने और दंडात्मक उपायों को लागू करने में पुलिस की नाकामी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।IPC की धारा 363, 366, 376, 384 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 और आईटी अधिनियम की धारा 67ए के तहत अपराधों के लिए 2022 से जेल में बंद आरोपियों की दूसरी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए, जस्टिस अजय भनोट ने कहा,"वैधानिक जनादेश के बावजूद मुकदमे में गवाहों की उपस्थिति को मजबूर करने के लिए पुलिस...
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 'लुटेरे' फिल्म प्रोड्यूसर्स की निषेधाज्ञा याचिका खारिज की
बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि निर्माता संघ के साथ फिल्म टाइटल का रजिस्ट्रेशन अपने आप में किसी तीसरे पक्ष के विरुद्ध कोई प्रवर्तनीय विशेष अधिकार नहीं बनाता। इसलिए यह निषेधाज्ञा का आधार नहीं हो सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे रजिस्ट्रेशन केवल संघ के सदस्यों के बीच आंतरिक विनियमन के लिए हैं और ट्रेडमार्क एक्ट या कॉपीराइट एक्ट के तहत इनका कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।जस्टिस संदीप वी. मार्ने सुनील द्वारा दायर वाणिज्यिक बौद्धिक संपदा मुकदमे में अंतरिम आवेदन पर सुनवाई कर रहे थे। सुनील ने फिल्म निर्माता...
कुत्तों के टीकाकरण और नसबंदी की मांग वाली PIL पर राज्य से जवाब तलब: कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने शहर भर में आवारा कुत्तों के टीकाकरण और नसबंदी की मांग करने वाली याचिका पर राज्य से जवाब मांगा है। जनहित याचिका में सामूहिक टीकाकरण और नसबंदी कार्यक्रमों के माध्यम से आवारा कुत्तों के हमलों को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की गई है।जस्टिस सुजॉय पॉल और जस्टिस स्मिता दास डे की खंडपीठ ने संबंधित नगर निगमों से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। याचिका में कुत्ते के काटने के मामलों और रेबीज से संबंधित मौतों में खतरनाक वृद्धि पर प्रकाश डाला गया है, जैसा कि केंद्र सरकार की...
केरल हाईकोर्ट ने अदालत परिसर में गिरफ्तारी पर पुलिस आचरण के नियम स्पष्ट किए, दो-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र बनाया
केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (21 अगस्त) को अदालत परिसर में व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कर्मियों द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देश स्पष्ट किए, साथ ही राज्य और जिला स्तर पर अपनाए जाने वाले शिकायत निवारण तंत्र की भी व्यवस्था की।अदालत ने अदालत परिसर के भीतर पुलिस कर्मियों द्वारा पालन की जाने वाली आचार संहिता पर एक दिशानिर्देश के बारे में राज्य पुलिस प्रमुख द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण दिया। जस्टिस एके जयशंकरन नांबियार और जस्टिस जोबिन सेबेस्टियन की खंडपीठ ने रामनकरी...
सरकार पंचायत चुनावों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित नहीं कर सकती, यह संविधान के अनुच्छेद 243-ई के विपरीत: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने माना कि नए पंचायत चुनाव कराने के लिए विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया का पालन किए बिना, अपनी-अपनी पंचायतों के विघटन के छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी, अगले चुनाव तक प्रशासक के पद पर बने रहने की अनुमति प्राप्त औपचारिक सरपंचों को हटाना, संवैधानिक आदेश के उल्लंघन का एक ज्वलंत उदाहरण है। जस्टिस अनूप कुमार ढांड की पीठ ने आगे कहा कि इन चुनावों को लंबे समय तक स्थगित रखने से स्थानीय स्तर पर शासन में शून्यता पैदा हो सकती है, और राजस्थान सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह इस...
सर्टिफिकेट खारिज करने पर याचिका पर फैसला करने से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के जज देखेंगे फिल्म 'अजेय
बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) पर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि वह 'आए : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' नामक फिल्म देखेगा और उसके बाद फिल्म के निर्माताओं की ओर से फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणित करने की याचिका पर फैसला करेगा।यह फिल्म 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' पुस्तक से प्रेरित है, जो कथित तौर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है। गौरतलब है कि सीबीएफसी की परीक्षा...




















