पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोमोशन के लिए पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री के बराबर नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

Amir Ahmad

3 Oct 2025 1:43 PM IST

  • पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रोमोशन के लिए पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री के बराबर नहीं: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

    हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा को पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री के समान नहीं माना जा सकता और ऐसे में मेडिकल एजुकेशन सर्विस रूल्स के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर प्रोमोशन का दावा डिप्लोमा धारक नहीं कर सकते।

    जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस सुशील कु्करेजा की खंडपीठ ने कहा कि 1999 के हिमाचल प्रदेश मेडिकल एजुकेशन सर्विस रूल्स में कहीं भी पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा का उल्लेख नहीं है। नियमों में पोस्ट-ग्रेजुएशन शब्द का आशय केवल पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री से ही लिया जाएगा।

    मामले में याचिकाकर्ता सुनील दत्त ने MBBS के बाद कुछ वर्षों तक सेवा दी और फिर पोस्ट-ग्रेजुएट डिप्लोमा हासिल किया। उन्होंने दलील दी कि डिप्लोमा पूरा करने के बाद सीनियर रेजिडेंट के तौर पर तीन साल का शिक्षण अनुभव उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य बनाता है। हालांकि, विभागीय प्रोमोशन समिति ने उनकी दावेदारी नज़रअंदाज़ कर दी और दूसरे उम्मीदवार की सिफारिश की।

    अदालत ने कहा कि सेवा नियमों के मुताबिक असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए न्यूनतम योग्यता पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री है न कि डिप्लोमा। साथ ही आवश्यक तीन साल का शिक्षण अनुभव भी केवल डिग्री के बाद का होना चाहिए। डिप्लोमा के बाद प्राप्त अनुभव को इस योग्यता में नहीं जोड़ा जा सकता।

    इस आधार पर हाईकोर्ट ने विभागीय समिति के निर्णय को सही ठहराते हुए याचिकाकर्ता की अपील खारिज कर दी।

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