गुजरात हाईकोर्ट ने 400 साल पुरानी मस्जिद के आंशिक विध्वंस पर रोक से किया इनकार, सड़क चौड़ीकरण परियोजना को दी हरी झंडी
Amir Ahmad
3 Oct 2025 3:30 PM IST

गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार (3 अक्टूबर) को अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (AMC) की उस योजना पर रोक लगाने से इनकार किया, जिसमें सरसपुर स्थित लगभग 400 साल पुरानी मंचा मस्जिद के एक हिस्से को तोड़कर सड़क चौड़ीकरण किया जाना है।
चीफ जस्टिस ए.एस. सुपेहिया और जस्टिस एल.एस. पीरजादा की खंडपीठ ने मुतवल्ली की अपील खारिज करते हुए कहा कि मस्जिद की मुख्य संरचना को तोड़ा नहीं जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण के लिए मंदिर, मकान और व्यावसायिक संपत्तियां भी शामिल की गई हैं।
मामला
मुतवल्ली ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि मस्जिद का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। यह बार-बार पुनर्निर्मित व जीर्णोद्धारित होती रही है। उन्होंने कहा कि मस्जिद का मुस्लिम समुदाय में विशेष महत्व है और यह वक्फ संपत्ति होने के कारण वक्फ बोर्ड की निगरानी में आती है।
AMC ने अदालत को बताया कि प्रक्रिया गुजरात प्रोविंशियल म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट, 1949 के तहत पूरी की गई। सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया और सभी आपत्तियों पर स्थायी समिति द्वारा विचार भी किया गया। निगम ने यह भी कहा कि सड़क अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन की ओर जाती है, जहां यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में परियोजना जनहित में है और व्यक्तिगत असुविधा को प्राथमिकता नहीं दी जा सकती।
अदालत ने कहा,
"हम पाते हैं कि सिंगल बेंच ने अपने आदेश में कोई त्रुटि नहीं की। कानून के प्रावधानों के अनुसार निगम ने स्थायी समिति की अनुमति से आंशिक विध्वंस का निर्णय लिया। इसमें कई धार्मिक एवं निजी संपत्तियां शामिल हैं। ऐसे में मंचा मस्जिद का भी हिस्सा प्रभावित होना अपरिहार्य है।"
अदालत ने यह भी माना कि सार्वजनिक हित में सड़क चौड़ीकरण योजना आवश्यक है ताकि यातायात सुचारु रहे और आपातकालीन सेवाओं को भी सुविधा मिल सके।
निष्कर्ष
हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए सिंगल बेंच का आदेश बरकरार रखा। अदालत ने कहा कि मस्जिद की मुख्य इमारत सुरक्षित रहेगी केवल आंशिक हिस्से पर कार्रवाई की जाएगी।

