हाईकोर्ट
हर वैध व्यापार संविधान के जरिए संरक्षित: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बाइक टैक्सी प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर कहा, राज्य मुद्दे पर विचार करने के लिए सहमत
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को हाईकोर्ट को सूचित किया कि बाइक टैक्सियों के संबंध में निर्णय सरकार के सर्वोच्च स्तर पर लिया जाएगा। चीफ जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस सीएम जोशी की खंडपीठ द्वारा परिवहन के इस साधन को विनियमित करने के बजाय, इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने पर राज्य सरकार की खिंचाई के बाद यह निर्णय लिया गया है।न्यायाधीशों ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, "आज ई-बाइक की भी अनुमति नहीं है। अब पूरी तरह से वैध व्यापार प्रतिबंधित है। जब तक आप किसी सेवा की अनुमति दे रहे हैं, आप उसे विनियमित कर सकते...
'पूजा करता है और नियमित गीता पढ़ता है': उड़ीसा हाईकोर्ट ने दोहरे हत्याकांड और गर्भवती महिला के भ्रूण की हत्या के दोषी की मौत की सजा कम की
उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को सत्र न्यायालय की ओर से दी गई मृत्युदंड की सज़ा को कम कर दिया है। उसने न केवल दो अलग-अलग स्थानों पर दो अज्ञात लोगों की हत्या की थी, बल्कि दो अन्य लोगों को गंभीर रूप से घायल भी किया था। उसने एक गर्भवती महिला को बार-बार चाकू मारकर और उसके गुप्तांग में 'पेस्ट्री-रोलर' डालकर उसकी हत्या करने का प्रयास भी किया था, जिससे अंततः उसके भ्रूण की मृत्यु हो गई थी। मृत्युदंड को कम करते हुए जस्टिस बिभु प्रसाद राउत्रे और जस्टिस चित्तरंजन दाश की खंडपीठ ने कहा -“जेल प्रशासन की...
POCSO मामलों में बिना ठोस या न्यायोचित कारण के गवाह को वापस नहीं बुलाया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि POCSO मामले में किसी गवाह को वापस नहीं बुलाया जा सकता यदि आवेदन में कोई ठोस या न्यायोचित कारण नहीं बताया गया हो।जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा, "किसी गवाह को वापस बुलाने में, विशेष रूप से POCSO Act के तहत उन मामलों में जिनकी सुनवाई शीघ्रता से की जानी आवश्यक है, ऐसे आवेदन दायर करके देरी नहीं की जा सकती, जिनमें ऐसे गवाहों को वापस बुलाने का कोई ठोस या न्यायोचित कारण नहीं बताया गया हो।"भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) की धारा 348 का हवाला देते हुए न्यायालय ने...
रिटायर कर्मियों पर विभागीय कार्यवाही संभव, पर दंड नहीं सिर्फ सरकारी नुकसान का आकलन: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार रिटायर कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही जारी रख सकती है लेकिन केवल इस सीमा तक कि उससे राज्य को हुए वित्तीय नुकसान का निर्धारण हो सके। सेवा नियमों के तहत दंडित करने के लिए ऐसी कार्यवाही नहीं की जा सकती।जस्टिस सिंधु शर्मा और जस्टिस शाहज़ाद अज़ीम की खंडपीठ ने रिट कोर्ट का आदेश रद्द कर दिया, जिसमें रिटायर अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि चूंकि अधिकारी को मार्च 2013 में रिटायरमेंट से पहले ही आरोप पत्र...
Order 41 Rule 27 CPC: अपील लंबित रहने पर अतिरिक्त साक्ष्य की अर्जी पर फैसला अंतिम सुनवाई में ही होगा : राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि सिविल प्रक्रिया संहिता (CPC) की Order 41 Rule 27 के तहत अपील के दौरान दाखिल की गई अतिरिक्त साक्ष्य लेने की अर्जी पर फैसला अपील की अंतिम सुनवाई के समय ही किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की अर्जी को अपील की सुनवाई से पहले तय करना न्यायिक दृष्टि से उचित नहीं होगा।मामला उस समय उठा, जब याचिकाकर्ता के खिलाफ किराया न्यायाधिकरण ने बेदखली का आदेश पारित किया था। इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई, जो विचाराधीन थी। अपील लंबित रहते हुए याचिकाकर्ता ने...
लंबित जांच के दरमियान किसी कर्मचारी को बिना उचित प्रक्रिया के समय से पहले सेवानिवृत्त करना कदाचार के बराबर: झारखंड हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की पीठ ने कहा कि विवादित अभिलेखों पर विभागीय जांच लंबित रहने के दौरान, उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना, किसी कर्मचारी को समय से पहले सेवानिवृत्त करना, अधिकारियों द्वारा कदाचार माना जाता है क्योंकि इससे नियोक्ता के हितों को नुकसान पहुंचता है। मामले में न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की सिफारिश करके और लंबित विभागीय जांच को रद्द करके, कंपनी के हितों के प्रतिकूल कार्य किया है। न्यायालय ने माना कि सीसीएल के प्रमाणित स्थायी आदेशों की...
मास्टर प्लान में गांव को 'शहरी क्षेत्र' घोषित किए जाने पर राज्य ऐसे क्षेत्र के विकास के लिए भूमि परिवर्तन की अनुमति दे सकता है: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने सुजानगढ़ मास्टर प्लान 2036 में असोटा गांव को शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि यह ग्राम पंचायत की आपत्तियों के बावजूद किया गया था और यह पंचायत की स्वायत्तता के लिए हानिकारक था। जस्टिस कुलदीप माथुर ने कहा कि इस तरह के समावेशन से पहले संबंधित ग्राम पंचायत के साथ किया गया परामर्श पर्याप्त था और नीतिगत निर्णय लेने के लिए सहमति अनिवार्य नहीं थी।कोर्ट ने कहा,"यहां यह ध्यान देने योग्य है कि 'सुजानगढ़ मास्टर प्लान 2036' में असोटा गांव को...
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद MP हाईकोर्ट ने पैरामेडिकल कॉलेजों की अवैध संबद्धता संबंधित PIL अनिश्चित काल के लिए स्थगित की
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार (20 अगस्त) को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से दायर एक जनहित याचिका की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी। इस जनहित याचिका में पैरामेडिकल कोर्स प्रदान करने वाले संस्थानों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं और अवैधताओं का आरोप लगाया गया था। अदालत ने यह आदेश पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में हाईकोर्ट में आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने के आदेश के मद्देनजर पारित किया।इससे पहले, 16 जुलाई के एक आदेश के माध्यम से, हाईकोर्ट ने पैरामेडिकल...
दिल्ली हाईकोर्ट ने BCI से विदेशी लॉ फर्मों के नियमों के उल्लंघन को लेकर डेंटन्स लिंक गठजोड़ पर अंतिम निर्णय रोकने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश दिया कि वह डेंटन्स लिंक लीगल गठजोड़ के खिलाफ जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर अंतिम निर्णय न ले, क्योंकि इसमें बार काउंसिल ऑफ इंडिया रूल्स फॉर रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फॉरेन लॉयर्स एंड फॉरेन लॉ फर्म्स इन इंडिया, 2022 का कथित उल्लंघन शामिल है।चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने एडवोकेट अतुल शर्मा और उनकी लॉ फर्म लिंक लीगल द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जो 2023 में डेंटन्स समूह में शामिल हो...
'जीविका के लायक वेतन पाने की हकदार': गुजरात हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारियों के बराबर मानने के निर्देश को खारिज किया, वेतन बढ़ाने का आदेश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार (20 अगस्त) को एकल न्यायाधीश के 2024 के उस आदेश को आंशिक रूप से पलट दिया जिसमें कहा गया था कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (AWWs) और आंगनवाड़ी सहायिकाओं (AWHs) को राज्य या केंद्र सरकार में सिविल पदों पर कार्यरत नियमित रूप से चयनित स्थायी कर्मचारियों के समान माना जाएगा। अदालत ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारियों के समान मानने और उनके नियमितीकरण के लिए नीति बनाने के एकल न्यायाधीश के निर्देशों को खारिज कर दिया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के...
आगे की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति के इच्छुक व्यक्ति से चयन से पहले नौकरी से इस्तीफा देने की उम्मीद नहीं की जा सकती: राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट ने विदेश में शिक्षा के लिए इच्छुक एक छात्र को राहत प्रदान की। विदेश में अध्ययन के लिए उस छात्र की ओर से राज्य सरकार की स्वामी विवेकानंद शैक्षणिक उत्कृष्टता छात्रवृत्ति योजना के तहत किए गए आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि वह अपना कोर्स शुरू होने से एक महीने पहले अपनी नौकरी का इस्तीफा पेश करने में विफल रहा था। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता से कोर्स में चयन से पहले अपनी नौकरी से इस्तीफा देने की उम्मीद नहीं की जा सकती। कोर्ट ने छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की भूमिका पर और...
राइट टू बी फॉरगॉटन: पॉन्टी चड्ढा के बेटे ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, बरी होने के बाद भी मीडिया रिपोर्ट हटाने की मांग
मशहूर शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा के बेटे मनीप्रीत सिंह चड्ढा उर्फ मोंटी चड्ढा ने बृहस्पतिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मीडिया रिपोर्टों को हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ रुपये की कथित प्रॉपर्टी धोखाधड़ी मामले में बरी होने के बावजूद उनके खिलाफ पुरानी खबरें अब भी ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंच रही है।मामले की सुनवाई जस्टिस पुरषेन्द्र कुमार कौरव ने संक्षेप में की।चड्ढा की ओर से कहा गया कि 2018 में दर्ज FIR ट्रायल कोर्ट ने नवंबर, 2019 में कंपाउंड...
NEET के लिए दिव्यांगजनों को आरक्षण विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र के आधार पर दिया जाना चाहिए, प्राधिकारी अभ्यर्थी की विकलांगता का पुनर्मूल्यांकन नहीं कर सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि NEET परीक्षा के लिए आरक्षण का लाभ सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (UDID) के आधार पर दिया जाना चाहिए और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के तहत प्राधिकारी अभ्यर्थी की दिव्यांगता का पुनर्मूल्यांकन नहीं कर सकता।एक NEET अभ्यर्थी को राहत देते हुए जस्टिस पंकज भाटिया ने कहा,"राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार नामित प्राधिकारियों को केवल 'कार्यात्मक दिव्यांगता' का आकलन करने का कार्य सौंपा जा सकता है, जिसके...
विवाह का अपूरणीय विघटन
"विवाह का अपूरणीय विघटन" को तलाक के आधार के रूप में भारतीय विधि निर्माता द्वारा अभी तक वैधानिक रूप से मान्यता नहीं दी गई है। मुझे अन्य देशों की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है जहां "संस्कृति", "परंपरा", "दृष्टिकोण", "सभ्यता" आदि भारत से बहुत भिन्न हैं। "विवाह का अपूरणीय विघटन" शब्द इतने "लचीले", "अस्पष्ट" और "अनिर्णायक" हैं, यदि "खतरनाक" नहीं भी हैं, कि विभिन्न स्तरों के न्यायाधीश अपने समक्ष आने वाले मामलों में तलाक को "अनुमति" देने या "अस्वीकार" करने के लिए उक्त अभिव्यक्ति का "उपयोग" या...
दिल्ली हाईकोर्ट ने किया MCD का फ़ैसला बरक़रार, बच्चों के लिए पार्क की ज़मीन बनेगी स्कूल का मैदान
दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर निगम (MCD) के उस फ़ैसले को सही ठहराया, जिसमें मॉडल टाउन इलाके की एक ज़मीन को सार्वजनिक सजावटी पार्क (Ornamental Park) की बजाय MCD स्कूल के बच्चों के खेल मैदान के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया।जस्टिस मिनी पुष्कर्णा ने कहा कि बच्चों की शारीरिक वृद्धि और विकास के लिए मैदान बेहद ज़रूरी है। इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने उन व्यक्तियों की याचिका खारिज कर दिया, जिन्होंने मांग की थी कि MCD अपनी पुरानी सहमति (2011) के मुताबिक उस ज़मीन को सार्वजनिक पार्क के...
अतिक्रमणकारियों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया, पुलिस को कार्रवाई की चेतावनी दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अतिक्रमणकारियों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं हो सकती। न्यायालय ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे विभिन्न शहरों और कस्बों के नगर निगमों और नगर परिषदों को शहर/कस्बों की सड़कों और फुटपाथों पर किए गए अवैध अतिक्रमणों को हटाने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश जारी करें।मनोज टिबरेवाल आकाश मामले का हवाला देते हुए जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित ने कहा,"अतिक्रमण हटाने का ऐसा अभियान राज्य स्तर पर चलाया जाना चाहिए...
पति-पत्नी के बीच जाति-आधारित अपमान SC/ST Act के तहत अपराध नहीं, जब तक कि जनता द्वारा इसकी गवाही न दी जाए: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट ने दोहराया कि एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के प्रावधान 3(1)(आर) और 3(1)(एस) केवल तभी लागू होंगे, जब घटना या तो सार्वजनिक स्थान पर हुई हो या कम से कम एक स्वतंत्र गवाह द्वारा देखी गई हो।यह आदेश जस्टिस ई.वी. वेणुगोपाल ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द करने की याचिका पर पारित किया, जिसने कथित तौर पर जाति-आधारित गालियों का इस्तेमाल करके अपने पूर्व पति का अपमान किया था।हितेश वर्मा बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य तथा सुधाकर बनाम राज्य में सुप्रीम कोर्ट...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में अब्बास अंसारी की सजा पर लगाई रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व विधायक अब्बास अंसारी की तीन साल पुराने नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार करने से न केवल उनके साथ बल्कि मतदाताओं के साथ भी अन्याय होगा, जिन्होंने उन्हें चुना था।2022 में मऊ से चुने गए अब्बास को 2022 में किए गए एक अभियान भाषण के लिए मई 2025 में दो साल की कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसके कारण उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सत्र अदालत ने जहां उसकी सजा...
हाईकोर्ट ने JJ Act के तहत 6 महीने बाद छोटी अपराध जांच खत्म करने के नियम पर केंद्र से जवाब मांगा
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 14 (4) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। प्रावधान में कहा गया है कि कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चे के खिलाफ एक छोटे अपराध की जांच छह महीने के भीतर समाप्त नहीं होने पर समाप्त कर दी जाएगी।जस्टिस हरसिमरन सिंह सेठी और जस्टिस विकास सूरी ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई एक अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी। याचिका में कहा गया है कि मुकदमे या...
केरल हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर कोटा मांगने वाली लॉ स्टूडेंट की याचिका पर राज्य से जवाब मांगा
केरल हाईकोर्ट ने कोझिकोड के सरकारी लॉ कॉलेज में एकीकृत पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ट्रांसजेंडर श्रेणी के तहत आरक्षण की मांग करने वाली एक कानून उम्मीदवार की याचिका पर राज्य सरकार का रुख पूछा है।याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता ने केरल लॉ एंट्रेंस एग्जाम में क्वालिफाइंग अंक हासिल किए जो रैंक सूची में शामिल होने के लिए जरूरी थे। हालांकि, उसे ट्रांसजेंडर श्रेणी के तहत कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया था। याचिका में सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वह सभी सरकारी लॉ...



















