संपादकीय

COVID-19 : अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने टेलीफ़ोन कॉन्फ्रेंस से सुनवाई करने का फैसला किया
COVID-19 : अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने टेलीफ़ोन कॉन्फ्रेंस से सुनवाई करने का फैसला किया

COVID -19 महामारी के मद्देनजर, संयुक्त राज्य अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने मई में टेलीफोन कॉन्फ्रेंस से मौखिक तर्क सुनने का फैसला किया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आधिकारिक काम के लिए न्यायालय भवन खुला रहेगा, लेकिन अधिकांश न्यायालय के अधिकारी टेलीफोन पर काम करेंगे। राष्ट्रपति ट्रम्प के टैक्स रिटर्न से संबंधित दस मामलों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। कथित तौर पर, यह पहली बार है कि न्यायालय टेलीफोन कांफ्रेंस द्वारा मामलों की सुनवाई और तर्कों की लाइव ऑडियो फीडिंग के लिए तैयार है। प्रेस...

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण करने के लिए सरकार को निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण करने के लिए सरकार को निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को COVID-19 के खतरे से निपटने के लिए भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण करने के लिए सरकार को किसी भी प्रकार का निर्देश देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति रवींद्र भट की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, "यह ऐसा फैसला नहीं है कि अदालत सरकार को लेने के लिए कहे। हम अस्पतालों के राष्ट्रीयकरण का आदेश नहीं दे सकते। सरकार ने पहले ही कुछ अस्पतालों को अपने कब्जे में ले लिया है।" न्यायमूर्ति भूषण ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के...

 प्रेस को रोक नहीं सकते  : मुख्य न्यायाधीश ने कोरोना वायरस महामारी का सांप्रदायिकरण करने पर कुछ मीडिया हाउस पर कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर कहा
" प्रेस को रोक नहीं सकते " : मुख्य न्यायाधीश ने कोरोना वायरस महामारी का सांप्रदायिकरण करने पर कुछ मीडिया हाउस पर कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तब्लीगी जमात की बैठक को कोरोना से जोड़कर सांप्रदायिकरण करने पर मीडिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा, "हम प्रेस को रोक नहीं सकते। हम अंतरिम आदेश / निर्देश पारित नहीं करेंगे।" मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एलएन राव और जस्टिस एमएम शांतनागौदर की पीठ ने समाचार सामग्री के बारे में ठोस दीर्घकालिक उपाय करने के लिए कहते हुए मामले को दो सप्ताह के लिए...

जहां हैं वहीं रहें: COVID-19 के चलते लॉकडाउन से विदेशों में फंसे लोगों से मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अभी वापस लाना संभव नहीं
"जहां हैं वहीं रहें": COVID-19 के चलते लॉकडाउन से विदेशों में फंसे लोगों से मुख्य न्यायाधीश ने कहा, अभी वापस लाना संभव नहीं

 COVID-19 लॉकडाउन के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने की मांग करने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एम एम शांतनागौदर की पीठ ने सोमवार को लोगों से अपील की कि वे "जहां हैं वहीं रहें" और कहा कि उन्हें अभी वापस लाना संभव नहीं होगा। "अन्य देशों के लोगों को अभी वापस नहीं लाया जा सकता है, " मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने...

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अदालत को आईसीयू में ऑक्सीजन पर डालने जैसा, वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने मुख्य न्यायाधीश बोबडे को पत्र लिखा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अदालत को आईसीयू में ऑक्सीजन पर डालने जैसा, वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने मुख्य न्यायाधीश बोबडे को पत्र लिखा

COVID 19 ​​लॉकडाउन के कारण सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और यहां तक ​​कि अधीनस्थ कोर्ट भी प्रभावी रूप से बंद हैं और केवल अत्यधिक अर्जेंट मामलों पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से सुनवाई हो रही है। इस बीच वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लंबे समय तक अदालतों के बंद रहने पर चिंता जताई है। वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने लिखा, "लंबे समय के लिए अदालतों को बंद करना एक आत्म विनाशकारी विचार है। न्यायालय मौलिक अधिकारों के प्रहरी हैं। वहां बैकलॉग है।...

COVID 19: गोवा का सामुदायिक सर्वेक्षण गलत सलाह पर आधारित, सीजेआई को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग
COVID 19: "गोवा का सामुदायिक सर्वेक्षण 'गलत सलाह' पर आधारित", सीजेआई को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के समक्ष पत्र के जर‌िए दायर याचिका में COVID 19 की जांच के लिए 13 अप्रैल, 2020 से गोवा में शुरू हो रहे सामुदायिक सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग की गई है। पत्र में न्यायालय से अपील की गई है कि वह सामुदायिक सर्वेक्षण की प्रक्र‌िया में तत्काल हस्तक्षेप करे। याच‌िका में जोर देकर कहा गया है कि अगर जांच पर रोक के मुद्दे को एक दिन भी टाला गया तो यह पूरे समुदाय को खतरे में डाल देगा। सर्वेक्षण की "गलत सलाह" पर आधारित है और "पूरी तरह से योजनाबद्ध" नहीं है। ...

COVID19 टेस्ट निशुल्क करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को संशोधित करने के लिए आवेदन, अर्ज़ी में पहले से ही कम हो रहे टेस्ट की दर में और गिरावट का अंदेशा जताया
COVID19 टेस्ट निशुल्क करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को संशोधित करने के लिए आवेदन, अर्ज़ी में पहले से ही कम हो रहे टेस्ट की दर में और गिरावट का अंदेशा जताया

निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों द्वारा COVID19 का नि: शुल्क परीक्षण करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों को संशोधित करने की प्रार्थना करते हुए एक हस्तक्षेप आवेदन सुप्रीम कोर्ट में दायर किया गया है। इस आवेदन में यह चिंता जताई गई है कि निजी प्रयोगशालाओं और अस्पतालों को COVID19 टेस्ट निशुल्क करने के निर्देश देने से पहले से ही कम हो रहे टेस्ट की दर में और गिरावट आएगी। आवेदक में यह प्रार्थना की है कि उन लोगों के लिए एक अलग ईडब्ल्यूएस कोटा तैयार किया जा सकता है जिनके पास इसके लिए...

Children Of Jammu and Kashmir From Continuing Education
जम्‍मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट पर प्रतिबंध श‌िक्षा के अधिकार का हनन, सुप्रीम कोर्ट में प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने दायर की याचिका

प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन, जम्मू और कश्मीर (PSAJK) ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में 4 जी कनेक्टिविटी की अनुपलब्‍धता शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन कर रही है। PSAJK में 2,200 से अधिक स्कूल शामिल हैं। एडवोकेट शोएब कुरैशी और चारू अंबवानी की त्वरित याचिका में 18 जनवरी 2020, 24 जनवरी 2020, 26 मार्च 2020 और 03 अप्रैल 2020 के सरकारी आदेशों को चुनौती दी गई है, जिनके तहत जम्‍मू और कश्मीर में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया था। याचिकाकर्ताओं...

केवल आशंका कि समाचार पत्र कोरोना वायरस ले जा सकते हैं, नागरिकों के सूचना के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने अखबारों को दी छूट के खिलाफ याचिका खारिज की
केवल आशंका कि समाचार पत्र कोरोना वायरस ले जा सकते हैं, नागरिकों के सूचना के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट ने अखबारों को दी छूट के खिलाफ याचिका खारिज की

मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रिंट मीडिया को दी गई छूट के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि "केवल आशंका" कि समाचार पत्र कोरोना वायरस ले जा सकते हैं, नागरिकों के सूचना के अधिकार को प्रतिबंधित करने का आधार नहीं हो सकता है। न्यायमूर्ति एन किरुबाकरन और न्यायमूर्ति आर हेमलता की पीठ ने कहा , "केवल आशंका या कम से कम संभावना, अखबारों के प्रकाशन पर रोक लगाने का आधार नहीं हो सकती क्योंकि यह न केवल प्रकाशक, संपादक बल्कि पाठकों के भी भारत के संविधान द्वारा...

यदि उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में स्पष्ट अवैधता हुई है तो एस्टोपेल का सिद्धांत लागू नहीं होता : सुप्रीम कोर्ट
यदि उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में स्पष्ट अवैधता हुई है तो एस्टोपेल का सिद्धांत लागू नहीं होता : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि जब परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को चयन की प्रक्रिया में स्पष्ट अवैधता हुई है तो इस आचरण या अधिग्रहण से एस्टोपेल यानी प्रतिबंध के सिद्धांत का कोई अनुप्रयोग नहीं होगा। इसके साथ ही जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर ( PTI ) के पद के लिए चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। न्यायालय ने कहा कि एक उम्मीदवार, जो चयनित होने के लिए कोई गणना किए बिना...

लॉकडाउन के चलते J&K में 4G सेवा बहाल करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा
लॉकडाउन के चलते J&K में 4G सेवा बहाल करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में COVID-19 महामारी के प्रकाश में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने की मांग करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया है।जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने जम्मू-कश्मीर के स्थायी वकील को ईमेल के माध्यम से नोटिस जारी किया, जो एक सप्ताह के भीतर वापसी योग्य है।वकील शादान फरासात और हुज़ेफ़ा अहमदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत को अवगत कराया।अहमदी ने कहा कि लॉकडाउन के मद्देनजर, जम्मू और कश्मीर...

हेल्थकेयर के राष्ट्रीयकरण की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
हेल्थकेयर के राष्ट्रीयकरण की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल

COVID-19 महामारी के नियंत्रित होने तक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र और संबंधित सेवाओं के राष्ट्रीयकरण की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। वकील अमित द्विवेदी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नोवेल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य सुविधाओं पर बहुत अधिक निर्भरता की आवश्यकता होगी और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र अकेले इस आवश्यकता को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से उपकरणों से लैस नहीं है, इसलिए, द्विवेदी का तर्क है, निजी क्षेत्र को भी "सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं,...