संपादकीय

हाईकोर्ट त्रुटिपूर्ण तरीके से मंजूर डिफॉल्ट जमानत को सीआरपीसी की धारा 439 (2) के तहत रद्द कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट
हाईकोर्ट त्रुटिपूर्ण तरीके से मंजूर डिफॉल्ट जमानत को सीआरपीसी की धारा 439 (2) के तहत रद्द कर सकता है : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 (2) के तहत मंजूर की गयी 'डिफॉल्ट जमानत' सीआरपीसी की धारा 439 (2) के तहत रद्द की जा सकती है। इस मामले में, हाईकोर्ट ने बेंगलूर स्थित राजस्व खुफिया निदेशालय के खुफिया अधिकारी की ओर से सीआरपीसी की धारा 439(2) के तहत दायर उस याचिका को मंजूर कर लिया था, जिसमें अभियुक्त को सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत मंजूर की गयी नियमित जमानत रद्द करने की मांग की गयी थी।आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज एक्ट,...

मोटर वाहन दुर्घटना दावा दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा नहीं, 6 महीने की सीमा तय करने वाला संशोधन अधिसूचित नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया
मोटर वाहन दुर्घटना दावा दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा नहीं, 6 महीने की सीमा तय करने वाला संशोधन अधिसूचित नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया

"2019 अधिनियम की धारा 166 के प्रावधानों के कई निहितार्थ हैं जिन्हें ध्वजांकित किया जा सकता है, अर्थात्, समय सीमा, जो वहां नहीं थी, को पेश किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार ने एक उद्देश्य के साथ इसे लाने की तारीख तय नहीं की है। संशोधित धारा 52 से 57 के प्रावधानों को लाया गया जो अध्याय X, XI & XII में पूर्ण परिवर्तन से संबंधित है और इसलिए, ये स्पष्ट है कि संशोधित अधिनियम को क़ानून की किताब में नहीं लाया गया है।" इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि मोटर वाहन...

अभ‌िनेता यौन शोषण मामले में ट्रायल जज नहीं बदलेगा; केरल हाईकोर्ट ने पीड़िता और ‌अभ‌ियोजन की स्‍थानांतरण याचिकाएं रद्द की
अभ‌िनेता यौन शोषण मामले में ट्रायल जज नहीं बदलेगा; केरल हाईकोर्ट ने पीड़िता और ‌अभ‌ियोजन की स्‍थानांतरण याचिकाएं रद्द की

केरल हाईकोर्ट ने 2017 के अभिनेता यौन शोषण के सनसनीखेज मामले में, शुक्रवार को अभियोजन पक्ष और पीड़िता द्वारा दायर आवेदनों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मुकदमे की सुनवाई कर रहे जज को बदलने की मांग की थी।ज‌स्टिस वीजी अरुण की एकल पीठ ने 13 नवंबर को विशेष लोक अभियोजक सुमन चक्रवर्ती और वरिष्ठ अधिवक्ता एस श्रीकुमार की सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने इस मामले में अतिरिक्त सत्र जज (विशेष / सीबीआई)-III, एर्नाकुलम की अदालत में आदेश सुनाए जाने तक, सुनवाई की कार्यवाही पर रोक लगा दी...

कप्पन पत्रकारिता की  आड़ में हाथरस में कानून- व्यवस्था बिगाड़ने जा रहे थे : यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
कप्पन पत्रकारिता की ' आड़' में हाथरस में कानून- व्यवस्था बिगाड़ने जा रहे थे : यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

उत्तर प्रदेश राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया है कि पत्रकार सिद्दीक कप्पन के पास अनुच्छेद 32 याचिका के तहत शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कोई स्थान नहीं है, क्योंकि वह एक अवैध हिरासत / कारावास में नहीं है, बल्कि वैध न्यायिक कार्यवाही के तौर पर सक्षम न्यायालय द्वारा पारित आदेश के तहत न्यायिक हिरासत में है। " यूपी सरकार द्वारा दायर जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ( KUWJ) द्वारा सीधे भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका "सुनवाई...

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य का  बयान दर्ज किया कि जेल में वकील की कप्पन से  मुलाकात पर कोई आपत्ति नहीं : सुनवाई अगले हफ्ते के लिए टली
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य का बयान दर्ज किया कि जेल में वकील की कप्पन से मुलाकात पर कोई आपत्ति नहीं : सुनवाई अगले हफ्ते के लिए टली

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल के उस बयान को दर्ज किया, जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य के लिए पेश होकर उन्होंने कहा कि राज्य को केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की एक वकील से मुलाकात के दौरान जेल में वकालतनामा पर हस्ताक्षर करने पर कोई आपत्ति नहीं है।कानून अधिकारी ने कहा,"कोई आपत्ति नहीं थी और कोई आपत्ति नहीं है।" एसजी तुषार मेहता ने याचिकाकर्ता के आरोपों का खंडन किया कि कप्पन को एक वकील तक पहुंच से वंचित किया गया था।शीर्ष अदालत, केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट ( KUWJ) द्वारा कप्पन की...

निजी स्वतंत्रता की रक्षा न्यायालय का कर्तव्य: कर्नाटक हाईकोर्ट ने टीवी चैनल के एमडी को जमानत देते हुए अर्नब गोस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया
'निजी स्वतंत्रता की रक्षा न्यायालय का कर्तव्य': कर्नाटक हाईकोर्ट ने टीवी चैनल के एमडी को जमानत देते हुए अर्नब गोस्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने राकेश शेट्टी, मैनेजिंग डायरेक्टर और संपादक, पावर टीवी को जबरन वसूली के मामले में अग्रिम जमानत देते हुए अर्नब गोस्वामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का हवाला दिया है।कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की एक सीरीज़ चलाने के बाद शेट्टी के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने जबरन वसूली का मामला दर्ज किया था।मामले में अग्रिम जमानत की याचिका की अनुमति देते हुए, ज‌स्टिस बीए पाटिल की एकल पीठ ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट द्वारा...

सहारा जनता से एकत्र 62,602 करोड़ रुपये जमा कराए : सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में  विफल रहने पर सहारा को हिरासत में लेने की अर्जी दी
"सहारा जनता से एकत्र 62,602 करोड़ रुपये जमा कराए" : सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में विफल रहने पर सहारा को हिरासत में लेने की अर्जी दी

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) के खिलाफ 62,602 करोड़ रुपये वसूलने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है जिसे जनता से एकत्र किया गया था। बाजार नियामक मचाहता है कि सहारा को अवमानना ​​में रखा जाए और उन्हें हिरासत में लिया जाए, अगर वह उक्त राशि जमा करने में विफल रहते हैं।सेबी का तर्क है कि सहारा ग्रुप 2012 और 2015 के आदेशों का पालन करने में विफल रहा जिसने कंपनियों को 15% वार्षिक...

जब मौत घर की निजता में हुई हो तो स्पष्टीकरण देने का भार घरवालों पर : सुप्रीम कोर्ट
जब मौत घर की निजता में हुई हो तो स्पष्टीकरण देने का भार घरवालों पर : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पत्नी की हत्या के लिए एक पति की सजा को ये ध्यान देते हुए बरकरार रखा है कि उसने घर की निजता के भीतर हुई मृत्यु के लिए स्पष्टीकरण की पेशकश नहीं की थी। न्यायालय ने कहा कि घर की निजता के भीतर होने वाली घटनाओं की ऐसी स्थितियों में, आरोपी "सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज बयान में मृत्यु के कारण के बारे में एक प्रशंसनीय स्पष्टीकरण देने के दायित्व के तहत है और इससे इनकार करना ऐसी स्थिति में जवाब नहीं हो सकता है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने जयंतीलाल वर्मा...

भविष्य में वीज़ा आवेदन पर तब्लीगी जमात के सदस्यों पर हाईकोर्ट की भारत दौरा करने की प्रतिबंधित की शर्त विचार न हो : सुप्रीम कोर्ट
भविष्य में वीज़ा आवेदन पर तब्लीगी जमात के सदस्यों पर हाईकोर्ट की भारत दौरा करने की प्रतिबंधित की शर्त विचार न हो : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि तब्लीगी जमात से जुड़े आठ विदेशियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जो शर्त रखी है कि वे अगले दस वर्षों के भीतर भारत का दौरा नहीं करेंगे, वीज़ा के लिए उनका आवेदन तय करते समय इस पर विचार नहीं किया जाएगा। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने 16 नवंबर को दिए अपने फैसले में कहा कि यदि अपीलकर्ता और अन्य समान रूप से व्यक्ति भारत आने के लिए वीज़ा के लिए आवेदन करते हैं -"...दिनांक 13.10.2020 के...

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले से संबंधित आरोप लगाने पर अक्षय कुमार ने भेजा यूट्यूबर को 500 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले से संबंधित आरोप लगाने पर अक्षय कुमार ने भेजा यूट्यूबर को 500 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस

अभिनेता अक्षय कुमार ने 25 वर्षीय यूट्यूबर अल राशिद सिद्दीकी को मानहानि का नोटिस भेजा है। कथित तौर पर यूट्यूबर ने अक्षय कुमार को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले से जोड़ते हुए ''मानहानि करने वाली, अपमानजनक और अनादरपूर्ण'' बातें कहीं हैं।17 नवंबर को कानूनी फर्म आईसी लीगल के माध्यम से भेजे गए उक्त नोटिस में, अक्षय कुमार ने सिद्दीकी से बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा है और अपने यूट्यूब चैनल एफएफ न्यूज से उक्त आपत्तिजनक वीडियो को हटाने के लिए भी कहा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है...

ऋण ब्याज पर छूट : पर्याप्त राहत दी गई है, आगे हस्तक्षेप की जरूरत नहीं: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा
ऋण ब्याज पर छूट : 'पर्याप्त राहत दी गई है, आगे हस्तक्षेप की जरूरत नहीं': केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

केंद्र ने जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सुभाष रेड्डी की पीठ से आग्रह किया कि वो हस्तक्षेप न करें और अनुच्छेद 32 के तहत उधारकर्ताओं को और राहत प्रदान ना करें क्योंकि सरकार पहले से ही "इसके शीर्ष पर" है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आज शीर्ष अदालत को बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों के साथ कई राहत पैकेजों और योजनाओं पर काम किया गया था और राजकोषीय नीति के मुद्दों में न्यायालय का हस्तक्षेप बिना रुके जारी है।कानून अधिकारी ने अदालत को सूचित किया कि सरकार विभिन्न हितधारकों के तनाव से बेखबर...

हर किसी को COVID के इलाज करने  की इजाजत नहीं दी जा सकती: सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के इलाज के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति पर केंद्र से जवाब मांगा
'हर किसी को COVID के इलाज करने की इजाजत नहीं दी जा सकती': सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के इलाज के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति पर केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को निर्देश दिया कि वह जवाबी हलफनामा दाखिल करे कि किस तरीके से और किस हद तक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति से आयुर्वेद, होम्योपैथी और सिद्धा को COVID के इलाज की अनुमति दी जा सकती है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने केरल उच्च न्यायालय के 21 अगस्त के फैसले के खिलाफ एक एसएलपी पर सुनवाई की थी जिसमें कहा गया था कि आयुष चिकित्सक COVID -19 के लिए इलाज के रूप में गोलियां या मिश्रण नहीं लिखेंगे, बल्कि केवल प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने के रूप में लिखेंगे।आयुष...

सुदर्शन टीवी : सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों को केंद्र के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए सुनवाई दो हफ्ते टाली
सुदर्शन टीवी : सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों को केंद्र के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए सुनवाई दो हफ्ते टाली

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुदर्शन न्यूज टीवी के विवादास्पद शो के खिलाफ मामले की सुनवाई को स्थगित कर दिया, ताकि पक्षकारों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दायर हलफनामे का जवाब देने में सक्षम बनाया जा सके। सुनवाई में केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​की एक पीठ को सूचित किया गया कि उसने 'बिंदास बोल' शो के लिए सुदर्शन टीवी को चेतावनी देते हुए एक आदेश पारित किया है, जिसने मुस्लिमों के सिविल सेवाओं में प्रवेश को सांप्रदायिक रूप दे दिया है। मंत्रालय ने...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
सिविल जज के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकील को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार (11 नवंबर) को एक वकील को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया। वकील के खिलाफ 6.11.2020 को वर्णिका शुक्ला, सिविल जज (जूनियर डिवीजन), सदर, प्रतापगढ़ द्वारा खराब आचरण करने की शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जस्टिस रितु राज अवस्थी और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने कहा,"प्रथम दृष्टया, विजय कुमार पांडेय, अधिवक्ता का आचरण आपराधिक अवमानना के दायरे में प्रतीत होता है।"आरोपअधिवक्ता पर आरोप यह हैं कि उन्होंने पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया और अभद्र भाषा का प्रयोग किया और...

अनुच्छेद 21A के तहत शिक्षा के अधिकार में शिक्षकों को मेधावी और सर्वोत्तम होना चाहिए :  सुप्रीम कोर्ट
अनुच्छेद 21A के तहत शिक्षा के अधिकार में शिक्षकों को मेधावी और सर्वोत्तम होना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

संविधान के अनुच्छेद 21A के संदर्भ में शिक्षा की गारंटी के अधिकार के तहत बच्चों को दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की परिकल्पना की जाएगी, जो यह दर्शाता है कि शिक्षकों को मेधावी और सर्वोत्तम होना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश राज्य में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती से जुड़े एक मामले में उत्तर प्रदेश शिक्षा मित्र एसोसिएशन द्वारा दायर की गई अपीलों को खारिज करते हुए कहा। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनागौदर की पीठ ने कहा कि ATRE- 2019 में 65-60% तय करना पूरी तरह से...

सीजेआई बोबडे का एक सालः उन मामलों पर एक नजर, जिनमें महत्वपूर्ण संवैधानिक सवालों का जवाब दिया जाना है
सीजेआई बोबडे का एक सालः उन मामलों पर एक नजर, जिनमें महत्वपूर्ण संवैधानिक सवालों का जवाब दिया जाना है

एसए बोबडे ने 18 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में एक वर्ष पूरा किया, ऐसे में उन प्रमुख मामलों पर एक नजर डालना आवश्यक है, जिनमें संविधान संबंध‌ित महत्वपूर्ण सवालों का जवाब दिया जाना है। उन सभी मसलों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने, नागरिकता संशोधन अधिनियम की संवैधानिकता और चुनावी बांड की वैधता के ख‌िलाफ दायर या‌चिकाओं जैसे राष्ट्रीय महत्व के कई मसलों को तय करने में तत्परता नहीं दिखाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की काफी आलोचना हो चुकी है।दिसंबर...

आपके प्रति हमारी सहानुभूति है, लेकिन हम पैसा एकट्ठा करने और बांटने का काम खुद नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट ने पोंजी स्कीम पीड़ितों की सुनवाई में कहा
''आपके प्रति हमारी सहानुभूति है, लेकिन हम पैसा एकट्ठा करने और बांटने का काम खुद नहीं कर सकते ': सुप्रीम कोर्ट ने पोंजी स्कीम पीड़ितों की सुनवाई में कहा

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को फ्यूचर मेकर केयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित 2018 पोंजी स्कीम के पीड़ितों को राहत देने के लिए सुझाव मांगे हैं। इस योजना के तहत हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव,न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ द्वारा पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई की जा रही है। न्यायमूर्ति राव ने कहा, ''हमारे पास आपके प्रति सहानुभूति है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय सही जगह नहीं है। ऐसे सैकड़ों लोग हैं,जिन्होंने हजारों व लाखों लोगों से धोखा...

PMO अनूठा, मामले को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने PM मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा
"PMO अनूठा, मामले को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता": सुप्रीम कोर्ट ने PM मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा जिसमें 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि देश के सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय, यानी पीएमओ और इससे संबंधित मुद्दे को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता है। ऐसा तब हुआ जब याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कई बार स्थगन...