संपादकीय

 वह लगभग मृत्युशैया पर हैं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरवरा राव को तलोजा जेल से नानावती अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया
" वह लगभग मृत्युशैया पर हैं," बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरवरा राव को तलोजा जेल से नानावती अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को 81 वर्षीय वृद्ध वरवरा राव की गंभीर चिकित्सीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया कि उन्हें 15 दिन के लिए तलोजा जेल से नानावती सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाए।जस्टिस एसएस शिंदे और माधव जामदार की डिवीजन बेंच ने कहा, "..आदमी लगभग मृत्युशैया पर है। उन्हें उपचार की आवश्यकता है। क्या राज्य कह सकता है कि नहीं, हम तलोजा में उनका इलाज करेंगे?" हम केवल दो सप्ताह के लिए उन्हें नानावती में हस्तांतरित करने के लिए कह रहे हैं। हम दो सप्ताह के बाद आगे...

69,000 शिक्षा मित्र भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने कट-ऑफ अंक बढ़ाने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ अपील खारिज की
69,000 शिक्षा मित्र भर्ती: सुप्रीम कोर्ट ने कट-ऑफ अंक बढ़ाने के यूपी सरकार के फैसले के खिलाफ अपील खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य में 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती से जुड़े एक मामले में उत्तर प्रदेश शिक्षा मित्र एसोसिएशन द्वारा दायर अपीलों को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वालीपीठ ने इस फैसले में आगे दर्ज किया कि राज्य द्वारा शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती परीक्षा में भाग लेने के लिए एक आखिरी मौका दिया जाएगा और उसके तौर-तरीकों को राज्य द्वारा तैयार किया जाएगा।इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार को मई, 2020 में घोषित परिणाम के अनुसार सहायक अध्यापकों (शिक्षा...

DSPE का प्रावधान जिसमें राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होती है, संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप  : सुप्रीम कोर्ट
DSPE का प्रावधान जिसमें राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होती है, संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में, जिसमें शक्तियों और अधिकार क्षेत्र के लिए सीबीआई के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता होती है, संविधान के संघीय चरित्र के अनुरूप है। "हालांकि धारा 5 केंद्र सरकार को केंद्र शासित प्रदेशों से परे डीएसपीई के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने में सक्षम बनाती है, लेकिन जब तक कि डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 के तहत राज्य संबंधित क्षेत्र के भीतर इस तरह के विस्तार के लिए अपनी सहमति नहीं देता है, तब तक यह स्वीकार्य नहीं...

 हम अनुच्छेद 32 क्षेत्राधिकार में कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं  :  मुख्य न्यायधीश बोबडे
" हम अनुच्छेद 32 क्षेत्राधिकार में कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं " : मुख्य न्यायधीश बोबडे

लगातार दूसरे दिन, भारत के मुख्य न्यायाधीश ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए अनिच्छा व्यक्त की।सीजेआई एस ए बोबडे ने मंगलवार को कहा, "हम अनुच्छेद 32 क्षेत्राधिकार में कटौती करने की कोशिश कर रहे हैं।"सीजेआई ने उक्त टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा को दी, जो एक चुनावी मामले में अनुच्छेद 32 के तहत एक रिट याचिका में पेश हुई थीं और उच्च न्यायालय के सुनवाई के लिए जल्द तारीख नहीं देने की शिकायत कर रही थीं। यह देखते हुए कि हाल ही में अनुच्छेद...

National Uniform Public Holiday Policy
COVID19 के मद्देनजर दसवीं और बारहवीं के छात्रों का परीक्षा शुल्क माफ करने का मामला : सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई ने इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया,जिसमें महामारी की स्थिति के मद्देनजर दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क के भुगतान से छूट मांगी गई थी। जस्टिस अशोक भूषण,जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि इसके लिए उचित प्राधिकरण से संपर्क किया जाना चाहिए। COVID19 और कुछ अभिभावकों के सामने आ रही वित्तीय समस्याओं के मद्देनजर वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 10 और 12 के छात्रों की शिकायतों के चलते यह याचिका दायर की गई थी। दिल्ली...

कारण बताओ नोटिस में नोटिस प्राप्तकर्ता को ब्लैकलिस्ट करने के इरादे का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
कारण बताओ नोटिस में नोटिस प्राप्तकर्ता को ब्लैकलिस्ट करने के इरादे का स्पष्ट रूप से उल्लेख करना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

एक कारण बताओ नोटिस, किसी ब्लैकलिस्टिंग आदेश के वैध आधार का गठन करने के लिए, स्पष्ट रूप से वर्तनी में होना चाहिए, या इसकी सामग्री ऐसी होनी चाहिए कि यह स्पष्ट रूप से अनुमान लगाया जा सके कि नोटिस जारी करने वाले का इरादा जिसे नोटिस भेजा गया है, उसको ब्लैकलिस्ट करने का है। सुप्रीम कोर्ट ने यूएमसी टेक्नालॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जारी किए गए एक ब्लैकलिस्टिंग आदेश को रद्द करते हुए कहा। दरअसल भारतीय खाद्य निगम ने 5 साल की अवधि के लिए किसी भी भविष्य की निविदा में भाग लेने से कंपनी को ब्लैकलिस्ट...

उच्च न्यायालयों के पास भी केंद्रीय कानून को रद्द करने की शक्ति है : सुप्रीम कोर्ट ने महामारी अधिनियम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता दी
"उच्च न्यायालयों के पास भी केंद्रीय कानून को रद्द करने की शक्ति है" : सुप्रीम कोर्ट ने महामारी अधिनियम के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता दी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महामारी अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को यह सुझाव देते हुए वापस लेने के लिए कहा कि संबंधित उच्च न्यायालय से संपर्क किया जाए। याचिकाकर्ता हर्षल मिराशी से शुरू में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा, "आपने किस तरह की रिट याचिका दायर की है? क्या आपके पास बॉम्बे उच्च न्यायालय नाम की कोई चीज नहीं है?" वकील ने जवाब दिया, "मैं 15 मार्च के महामारी अधिनियम और एक परिपत्र को चुनौती दे रहा हूं ... यह एक केंद्रीय अधिनियम है।" न्यायमूर्ति...

[तब्लीगी जमात का सांप्रदायिकरण] हम एनबीएसए को संदर्भित क्यों करें जब आपके पास अथॉरिटी है, यदि यह मौजूद नहीं है, तो आप गठित करें : सुप्रीम कोर्ट
[तब्लीगी जमात का सांप्रदायिकरण] हम एनबीएसए को संदर्भित क्यों करें जब आपके पास अथॉरिटी है, यदि यह मौजूद नहीं है, तो आप गठित करें : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को COVID-19 को लेकर तब्लीगी जमात सदस्यों के खिलाफ सांप्रदायिक प्रचार में लिप्त मीडिया आउटलेट्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिकाओं के एक बैच पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दाखिल जवाबी हलफनामे पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की । "हम आपके हलफनामे से संतुष्ट नहीं हैं। हमने आपको यह बताने के लिए कहा था कि आपने केबल टीवी एक्ट के तहत क्या किया है? हलफनामे में इस बारे में कोई कानाफूसी तक नहीं है। हमें आपको बताना चाहिए कि हम इन मामलों में संघ के हलफनामे से निराश...

सुप्रीम कोर्ट और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों को निशाना बनाने के मामले में सीबीआई ने 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया
सुप्रीम कोर्ट और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों को निशाना बनाने के मामले में सीबीआई ने 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भारतीय न्यायपालिका को बदनाम करने और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के साथ-साथ उच्चतम न्यायालय को निशाना बनाने के आरोप में 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने वाईएसआरसीपी नेताओं द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ की गई अपमपनजनक टिप्पण‌ियों के खिलाफ दर्ज मामलों की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए ‌दिए गए निर्देश की पृष्ठभूमि में उक्त कार्यवाई की गई है।राज्य सीआईडी द्वारा जांच पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, उच्च न्यायालय ने कुछ...

जस्टिस रमना और हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई से जस्टिस यूयू ललित ने खुद को अलग किया
जस्टिस रमना और हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई से जस्टिस यूयू ललित ने खुद को अलग किया

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस और पत्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूयू ललित ने खुद को अलग कर लिया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, आंध्र प्रदेश सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस और पत्र के खिलाफ जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस एनवी रमना और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ सीजेआई एस ए बोबडे को शिकायत करने का दावा किया गया था, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं।जब मामला सुनवाई...

प्रेस को आवश्यक टिप्पणियों और विचारों के साथ समाचार प्रकाशित करने का अधिकार: केरल हाईकोर्ट ने मनोरमा संपादकों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा रद्द किया
प्रेस को आवश्यक टिप्पणियों और विचारों के साथ समाचार प्रकाशित करने का अधिकार: केरल हाईकोर्ट ने मनोरमा संपादकों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा रद्द किया

केरल उच्च न्यायालय ने मलयाला मनोरमा दैनिक के मुख्य संपादक, प्रबंध संपादक और प्रकाशक के खिलाफ दर्ज एक मानहानि शिकायत को खारिज कर दिया है।जस्टिस पी सोमराजन ने कहा कि प्रेस को आवश्यक टिप्पणियों और विचारों के साथ समाचार प्रकाशित करने का अधिकार है। इस प्रकार के अधिकार को तब तक खत्म नहीं किया जा सकता, जब तक कि दुर्भावना बहुत अध‌िक हो और सार्वजनिक हित की बात नहीं हो।अदालत ने कहा कि समाचार की अवमानना ​​प्रकृति, अगर वह सच्चाई के प्रतिरूपण से जुड़ी है, जिसे सार्वजनिक सद्भावना के लिए प्रकाशन की आवश्यकता...

राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट के अग्र‌िम जमानत आदेश के बावजूद मजिस्ट्रेट ने जारी किया गिरफ्तारी आदेश, हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार (09 नवंबर) को रजिस्ट्रार (विजिलेंस) को निर्देश दिया कि वह एक ऐसे मजिस्ट्रेट के खिलाफ पहल करे, जिसने इस तथ्य के बावजूद कि हाईकोर्ट ने पहले ही अग्र‌िम जामनत दी है, आरोप‌ियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने कहा, "विद्वान मजिस्ट्रेट की कार्रवाई स्पष्ट रूप से अतिरिक्त थी और हाईकोर्ट के आदेश के प्रति न्यूनतम सम्मान का प्रदर्शन किया गया था और क्रिमिनल लॉ का भी कम ज्ञान था।"पृष्ठभूमियाचिकाकर्ताओं, नानूराम सैनी और विनोद कुमार को...

रूमानी प्यार के गलत होने की संभावना हैः हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोपी 21 वर्षीय लड़के को जमानत दी
रूमानी प्यार के गलत होने की संभावना हैः हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोपी 21 वर्षीय लड़के को जमानत दी

"पानी लाने के बहाने स्वेच्छा से घर से गई पीड़िता के आचरण और यह देखते हुए कि आरोपी भी अविवाहित है, रूमानी प्यार के गलत होने की संभावना है।" हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार (12 नवंबर) का एक 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार के आरोपी 21 वर्षीय लड़के को जमानत देते हुए यह कहा।जस्टिस अनूप चितकारा की खंडपीठ 21 वर्षीय आरोपी की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने आरोप लगाया था कि लड़की के परिवार ने उसे अपने प्रेम संबंध को तोड़ने के लिए झूठी शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया।पुलिस ने...

संविदा विधि (Law of Contract ) भाग 22 :  अभिकरण की संविदा के अंतर्गत अभिकर्ता के कर्तव्य और अधिकार क्या होतें हैं ( Rights and duties of Agent)
संविदा विधि (Law of Contract ) भाग 22 :  अभिकरण की संविदा के अंतर्गत अभिकर्ता के कर्तव्य और अधिकार क्या होतें हैं ( Rights and duties of Agent)

संविदा विधि से संबंधित सीरीज के अंतर्गत संविदा विधि के प्रावधानों पर सारगर्भित आलेख लेखक द्वारा लिखे जा रहे हैं। अब तक के आलेखों में संविदा विधि के आधारभूत सिद्धांतों का अध्ययन किया जा चुका है और उसके साथ उपनिधान, गिरवी, प्रत्याभूति,क्षतिपूर्ति तथा एजेंसी जैसे विषय का भी सारगर्भित अध्ययन किया जा चुका है। पिछले आलेख में एजेंसी की संविदा के अंतर्गत अभिकर्ता को प्राप्त प्राधिकार के संबंध में चर्चा की गई थी। इस आलेख में एक अभिकर्ता के अपने स्वामी के प्रति क्या अधिकार होते हैं और क्या कर्तव्य होते...

अधिकारी सुधारात्मक आवाजों के प्रति असहिष्‍णु होने के दोषी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेसबुक पोस्ट में क्वारंटीन सेंटर के कुप्रंबंधन को उजागर किए जाने के बाद दर्ज एफआईआर को रद्द किया
"अधिकारी सुधारात्मक आवाजों के प्रति असहिष्‍णु होने के दोषी": इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेसबुक पोस्ट में क्वारंटीन सेंटर के कुप्रंबंधन को उजागर किए जाने के बाद दर्ज एफआईआर को रद्द किया

इलाहबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (04 नवंबर) को याचिकाकर्ता उमेश प्रताप स‌िंह के खिलाफ एक फेसबुक पोस्ट के मामलों मे एफआईआर दर्ज किए जाने पर राज्य के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उमेश प्रताप सिंह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में प्रयाग राज‌ जिले में बने एक क्वारंटीन सेंटर के कुप्रबंधन और सुविधाओं की कमी को उजागर किया था।जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने एफआईआर को खारिज किया और बहुत ही कड़े शब्दों मे दिए गए आदेश में कहा, "यह एफआईआर स्पष्ट रूप से दुर्भावानागस्त और दुष्‍प्रेरित है, इसे खारिज...

[पटाखों पर बैन] सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में पटाखों पर बैन के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को 9 नवंबर के NGT के आदेश के अनुरूप संशोधित किया
[पटाखों पर बैन] सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में पटाखों पर बैन के तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को 9 नवंबर के NGT के आदेश के अनुरूप संशोधित किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय के उस आदेश को संशोधित कर दिया जिसमें 9 नवंबर को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप दिवाली के दौरान राज्य भर में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण और तत्काल प्रतिबंध लगा दिया गया था। जस्टिस एएम खानविलकर जस्टिस और संजीव खन्ना की एक अवकाश पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी किया और कहा कि एनजीटी के दिशा-निर्देश तेलंगाना राज्य पर लागू होते हैं और राज्य उसकी भावना के तहत निर्देशों का पालन करेगा।उच्चतम न्यायालय, "तेलंगाना राज्य के...

संविदा विधि (Law of Contract ) भाग 20 :  संविदा विधि के अंतर्गत अभिकरण की संविदा क्या होती है (Agency)
संविदा विधि (Law of Contract ) भाग 20 : संविदा विधि के अंतर्गत अभिकरण की संविदा क्या होती है (Agency)

संविदा विधि के संदर्भ में लिखे जा रहे हैं आलेखों के अंतर्गत अब तक उपनिधान की संविदा तक समझा जा चुका है। पिछले आलेख में उपनिधान के रूप में गिरवी क्या होता है इस संदर्भ में उल्लेख किया गया था। संविदा विधि सीरीज के आलेखों में अब अंतिम आलेखों का समय चल रहा है, संविदा अधिनियम के सबसे अंत में एजेंसी का उल्लेख किया गया है, इस आलेख में एजेंसी की संविदा के संदर्भ में संविदा विधि के संदर्भ में लिखे जा रहे हैं आलेखों के अंतर्गत अब तक उपनिधान की संविदा तक समझा जा चुका है। पिछले आलेख में उपनिधान के रूप में...

Allahabad High Court expunges adverse remarks against Judicial Officer
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी बीमा पॉलिसी के लिए दावा दाखिल करने के लिए तीन साल की सीमा अवधि तय की

किसानों और समाज के अन्य सीमांत वर्गों को बड़ी राहत देते हुए, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि सरकारी बीमा योजनाओं, विशेष रूप से मुख्मंत्री किसान अवाम सर्वहित बीमा योजना के तहत दावा दायर करने की 75 दिनों की समय अवधि अनुचित और मनमानी है। जस्टिस शशि कांत गुप्ता और जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ ने कहा कि इतनी कम समय अवधि इस योजना के सामाजिक-लाभकारी उद्देश्य के खिलाफ है और इसलिए इसे रद्द किया जाता है।पीठ ने आदेश दिया कि दावा याचिका दायर करने के लिए, मृतक की मृत्यु की तारीख से तीन साल की अवधि,...