संपादकीय

National Uniform Public Holiday Policy
बोझिल माहौल का एक सामान्य आरोप ट्रायल को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि बोझिल माहौल का एक सामान्य आरोप ट्रायल को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। न्यायमूर्ति ह्रषिकेश रॉय ने भटिंडा, मोगा और फरीदकोट जिलों में न्यायालयों के समक्ष लंबित आपराधिक मामलों के ट्रायल को दिल्ली या किसी भी नजदीकी राज्य में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली जतिंदरवीर अरोड़ा और अन्य द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए कहा, "एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रायल का स्थानांतरण अनिवार्य रूप से राज्य की न्यायपालिका की विश्वसनीयता...

न्यायिक नियुक्तियों पर फैसले नहीं लेना कार्यपालिका के शस्त्रागार में नया हथियार हैः गोपाल सुब्रमणियम
न्यायिक नियुक्तियों पर फैसले नहीं लेना कार्यपालिका के "शस्त्रागार में नया हथियार" हैः गोपाल सुब्रमणियम

सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमणियम ने कहा है कि कॉलेजियम की सिफारिशों पर फैसले नहीं लेना कार्यपालिका के "शस्त्रागार में नया हथियार" है।23 नवंबर को आयोजित एक वेब‌िनार में, जिसका विषय था, "भारतीय लोकतंत्र में कानून का शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के अ‌स्‍थायी अर्थ" पर कहा, "एक स्वतंत्र न्यायपालिका के बिना, संविधान कुछ भी नहीं है, बल्‍कि कोरे वादों का संग्रह है।"सुब्रमणियम, जिन्होंने 2014 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित चार नामों में से, केंद्र सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति पर रोक लगाने के...

क्या डी वी एक्ट के तहत साझा घर में रहने वाली महिला के अधिकार को वरिष्ठ नागरिक अधिनियम की धारा 23 के तहत बेदखली की शक्ति से हराया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
क्या डी वी एक्ट के तहत साझा घर में रहने वाली महिला के अधिकार को वरिष्ठ नागरिक अधिनियम की धारा 23 के तहत बेदखली की शक्ति से हराया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विचार किया कि घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 17 के तहत साझा घर में रहने वाली महिला के अधिकार को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण अधिनियम , 2007 की धारा 23 के तहत बेदखली की शक्ति से हराया जा सकता है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ एक विवाहित हिंदू महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो ससुराल में रह रही थी और उसने उपायुक्त द्वारा उसके खिलाफ पारित निष्कासन के आदेश को चुनौती दी थी। विचाराधीन...

सुप्रीम कोर्ट ने अमरावती भूमि घोटाले की FIR पर मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाने वाले आंध्र हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई
सुप्रीम कोर्ट ने अमरावती भूमि घोटाले की FIR पर मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाने वाले आंध्र हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अमरावती भूमि घोटाले की एफआईआर की सामग्री पर मीडिया रिपोर्टिंग और सोशल मीडिया टिप्पणियों पर प्रतिबंध लगाने वाले आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने 15 सितंबर को उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका पर स्थगन आदेश पारित किया।शीर्ष अदालत ने मामले को जनवरी में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है और इस बीच पक्षों को इस...

वोहरा समिति की रिपोर्ट में बताई गई आपराधिक-राजनीतिक सांठगांठ की लोकपाल की निगरानी में जांच हो : सुप्रीम कोर्ट में याचिका
वोहरा समिति की रिपोर्ट में बताई गई "आपराधिक-राजनीतिक सांठगांठ" की लोकपाल की निगरानी में जांच हो : सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें वोहरा समिति की रिपोर्ट में बताई गई "आपराधिक-राजनीतिक सांठगांठ" की लोकपाल की निगरानी में जांच की मांग की गई है। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय जांच प्राधिकरण, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, खुफिया ब्यूरो, एसएफआईओ, रॉ, सीबीडीटी, एनसीबी द्वारा जांच की निगरानी के लिए लोकपाल की मांग की गई है।यह कहते हुए कि कार्रवाई का कारण तब हुआ जब वोहरा समिति ने आपराधिक- राजनीतिक सांठगांठ पर अपनी रिपोर्ट केंद्र को...

धार्म‌िक पुजारी विवाह के लिए धर्मांतरण की पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट को नहीं दे रहे,उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दिए जांच के आदेश
धार्म‌िक पुजारी विवाह के लिए धर्मांतरण की पूर्व सूचना जिला मजिस्ट्रेट को नहीं दे रहे,उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दिए जांच के आदेश

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट, देहरादून को उत्तराखंड फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट, 2018 की धारा 8 (2) का पालन न करने के बारे में विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। उक्त कानून के तहत एक पुजारी को किसी व्यक्ति का धर्मांतरण कराने से पहले संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को पूर्व सूचना देना अनिवार्य होता है।जस्टिस आलोक कुमार वर्मा और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने दो मामलों में अंतर-धार्मिक जोड़ों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करते हुए उक्‍त निर्देश दिए। एक मामले में, एक हिंदू लड़की ने इस्लाम धर्म अपनाया था...

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बुजुर्ग और बीमार मां- बाप की देखभाल के लिए सुप्रीम कोर्ट ने UAPA के दो दोषियों को दी अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने यूएपीए के दो दोषियों को अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए एक महीने के लिए अंतरिम जमानत दी है। दरअसल हाफिज अब्दुल मजीद और अरुण कुमार जैन और कुछ अन्य को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 18 बी और 20 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। उच्च न्यायालय ने सजा को बरकरार रखा और सजा को 14 साल के कठोर कारावास में बदल दिया। आरोपियों के खिलाफ मामला यह था कि उन्होंने कथित तौर पर गोला-बारूद और जाली भारतीय मुद्रा संग्रहीत की, और पाकिस्तान...

सुप्रीम कोर्ट  ने अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के आरोपी की बेल के खिलाफ जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए गुजरात सरकार को एक आखिरी अवसर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति के युवक की हत्या के आरोपी की बेल के खिलाफ जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए गुजरात सरकार को 'एक आखिरी अवसर' दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हत्या के उस आरोपी को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली अपील पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए गुजरात सरकार को एक अंतिम अवसर दिया, जिसमें राजकोट के पास एक कारखाने के परिसर में एक अनुसूचित जाति के युवक की कथित तौर पर पिटाई कर दी गई थी। "राज्य के वकील से प्रार्थना के लिए एक सप्ताह का समय, एक अंतिम अवसर के रूप में, जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए दिया गया है," जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने आदेश दिया। पीठ ने एक सप्ताह के बाद मामले को...

संपत्ति का अधिकार  एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार बना हुआ है :  सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया
संपत्ति का अधिकार एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार बना हुआ है : सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया

हालांकि संपत्ति का अधिकार एक मौलिक अधिकार नहीं है,लेकिन यह एक मूल्यवान संवैधानिक अधिकार बना हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को मालिक को जमीन पर कब्जा वापस करने का निर्देश देते हुए दोहराया।जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एस रवींद्र भट ने कहा, अनुच्छेद 300-ए का पुन: निर्धारण व्यवस्थित है और अनुच्छेद 21 और 265 के साथ इसकी समानता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है- वे वास्तव में, कानून के शासन की सर्वोच्चता की गारंटी हैं, इससे कम कम नहीं।इस मामले में, हालांकि हाईकोर्ट ने भूमि स्वामी द्वारा सूट...

सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश भर के पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने से संबंधित एक मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया। जस्टिस रोहिंटन एफ. नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की एक बेंच ने 45 दिनों से अधिक के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने और एकत्रित करने के सवाल पर शुक्रवार तक वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, एमिकस क्यूरी को एक व्यापक नोट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।2018 में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती हिरासत यातना के मामले से निपटनने के लिए देश के हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी लगाने का...

सुप्रीम कोर्ट ने PM  मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती देने वाली बीएसएफ के पूर्व जवान की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने PM मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती देने वाली बीएसएफ के पूर्व जवान की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती दी गई थी। 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था और कहा था कि देश के सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय, यानी पीएमओ और इससे संबंधित मुद्दे को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता है।मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और...

विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम (Specific Relief Act) भाग 2: विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अंतर्गत संपत्ति के कब्ज़े का प्रत्युद्धरण (Recovery) क्या होता है
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम (Specific Relief Act) भाग 2: विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम के अंतर्गत संपत्ति के कब्ज़े का प्रत्युद्धरण (Recovery) क्या होता है

विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम 1963 संपत्ति के कब्जे का प्रत्युद्धरण के लिए व्यवस्था करता है। अधिनियम की धारा 5, 6 स्थावर संपत्ति के प्रत्युद्धरण के बारे में उपबंध करती है तथा धारा 7 धारा 8 जंगम संपत्ति के प्रत्युद्धरण के बारे में उपबंध करती है। विनिर्दिष्ट स्थावर संपत्ति का प्रत्युद्धरण विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम 1963 की धारा 5 के अनुसार जो व्यक्ति किसी विशेष संपत्ति के कब्जे का हकदार है वह सिविल प्रक्रिया संहिता 1960 द्वारा उपबंधित प्रकार से उसका प्रत्युद्धरण कर सकता है।स्थावर संपत्ति के...

अपनी पंसद का साथी चुनने का अधिकार एक मौ‌लिक अधिकार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, केवल विवाह के लिए धर्मांतरण का फैसला अच्छा कानून नहीं
अपनी पंसद का साथी चुनने का अधिकार एक मौ‌लिक अधिकार, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, "केवल विवाह के लिए धर्मांतरण" का फैसला अच्छा कानून नहीं

एक महत्वपूर्ण फैसले में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में (11 नवंबर को) विशेष रूप से कहा कि "अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ रहने का अधिकार, इसके बाद भी कि आपने किस धर्म को स्वीकार किया है, जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में अंतर्निहित है।"जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा, "हम यह समझने में विफल हैं कि यदि कानून दो व्यक्तियों को एक साथ शांति से रहने की अनुमति देता है, भले ही वो एक ही ल‌िंग के हों तो भी, तो न तो किसी व्यक्ति को और न ही परिवार या यहां तक ​​कि राज्य को भी...

देश में महामारी की स्थिति और खराब होने की आशंंका, राज्यों और केंद्र को COVID 19  संकट से  निपटने के लिए तैयारी करनी होगी : सुप्रीम कोर्ट
देश में महामारी की स्थिति और खराब होने की आशंंका, राज्यों और केंद्र को COVID 19 संकट से निपटने के लिए तैयारी करनी होगी : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि आने वाले महीनों में देश में महामारी की स्थिति और खराब होने की आशंंका है और राज्यों के साथ-साथ केंद्र को COVID 19 संकट से निपटने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित होना चाहिए। इस प्रकाश में जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और असम राज्यों को निर्देश दिया कि वे संबंधित राज्यों में कोविड 19 मामलों के संबंध में संकट से निपटने के लिए जमीनी स्थिति साथ ही उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें।सुप्रीम...

किसी व्यक्ति की नियमित जमानत रद्द होने के बाद गिरफ्तारी की आशंका से दायर अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट
किसी व्यक्ति की नियमित जमानत रद्द होने के बाद गिरफ्तारी की आशंका से दायर अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं : सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि कानून की 'कंस्ट्रक्टिव कस्टडी' में रहने वाला व्यक्ति अग्रिम जमानत अर्जी नहीं दायर कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि नियमित जमानत रद्द होने के परिणामस्वरूप गिरफ्तारी से बचने के लिए कोई व्यक्ति अग्रिम जमानत याचिका दायर नहीं कर सकता।शीर्ष अदालत ने इसकी व्याख्या करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए है कि जमानत पर रिहा व्यक्ति कानून की नजर में 'कंस्ट्रक्टिव कस्टडी' के तहत होता है, और कस्टडी वाला व्यक्ति अग्रिम जमानत का अनुरोध नहीं कर सकता।सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उस व्यक्ति की...

किसी नागरिक की स्वतंत्रता को इस तरह से दूर नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट ने वकील की अनुपस्थिति के कारण आपराधिक पुनरीक्षण खारिज करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया
"किसी नागरिक की स्वतंत्रता को इस तरह से दूर नहीं किया जा सकता ": सुप्रीम कोर्ट ने वकील की अनुपस्थिति के कारण आपराधिक पुनरीक्षण खारिज करने के हाईकोर्ट के फैसले को रद्द किया

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को खारिज करते हुए जिसमें एक व्यक्ति की याचिका को उसके वकील की अनुपस्थिति के कारण खारिज कर दिया गया था, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि " किसी नागरिक की स्वतंत्रता को इस तरह से दूर नहीं किया जा सकता है।" जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा है कि हाईकोर्ट ने प्रकट रूप से शस्त्र अधिनियम के तहत सजा के पुनरीक्षण याचिका को इस आधार पर डिफ़ॉल्ट रूप से खारिज करने में त्रुटि की थी, कि अपीलार्थी के अधिवक्ता पूर्व...

किसी विशेष मुवक्किल के लिए पेश होने के कारण वकील को निशाना बनाना अनुचितः ज‌स्टिस लोकुर
किसी विशेष मुवक्किल के लिए पेश होने के कारण वकील को निशाना बनाना अनुचितः ज‌स्टिस लोकुर

जस्टिस (रिटायर्ड) मदन बी लोकुर, ने दिल्ली हाईकोर्ट वोमेन लायर्स फोरम और वोमेन इन क्रिमिनल लॉ एसोसिएशन की ओर से आयोजित एक वेबिनार में कहा, "मुझे लगता है कि एक विशेष मुवक्किल के लिए पेश होने के कारण एक वकील को निशाना बनाना अनुचित है।"उन्होंने कहा, "अगर एक वकील सैकड़ों COFEPOSA मामलों को देखता है तो आप यह नहीं कह सकते कि वह भी एक स्मगलर है। मुझे नहीं लगता कि एक जज को कभी एक वकील और मुवक्किल के रिश्ते में शामिल होना चाहिए।"शुक्रवार, 20 नवंबर को आयोजित वेबिनार में जस्टिस लोकुर के साथ एडवोकेट वारिशा...