सिविल जज के साथ दुर्व्यवहार करने वाले वकील को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया
LiveLaw News Network
19 Nov 2020 7:32 AM GMT
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार (11 नवंबर) को एक वकील को आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया। वकील के खिलाफ 6.11.2020 को वर्णिका शुक्ला, सिविल जज (जूनियर डिवीजन), सदर, प्रतापगढ़ द्वारा खराब आचरण करने की शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
जस्टिस रितु राज अवस्थी और जस्टिस सरोज यादव की बेंच ने कहा,
"प्रथम दृष्टया, विजय कुमार पांडेय, अधिवक्ता का आचरण आपराधिक अवमानना के दायरे में प्रतीत होता है।"
आरोप
अधिवक्ता पर आरोप यह हैं कि उन्होंने पीठासीन अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया और अभद्र भाषा का प्रयोग किया और न्यायालय की कार्यवाही में बाधा पैदा की। साथ ही आदेश छीन लिया और फाड़ दिया, न्यायालय पर दबाव बनाया और अपने दहशत फैलाई।
यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अदालत को काम नहीं करने दिया और अदालत पर रुपए लेकर जजमेंट देने का आरोप लगाया। इस प्रकार गंभीर आरोप लगाकर अदालत को बदनाम किया, अदालत की गरिमा को सार्वजनिक रूप से धूमिल किया और अदालत के अधिकार को कमजोर करने का प्रयास किया।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि "6.11.2020 की शिकायत में लगाए गए आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं।
कोर्ट ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ के माध्यम से अधिवक्ता विजय कुमार पांडेय को नोटिस जारी किया।
निर्देश दिया गया कि विजय कुमार पांडेय पर जिला एवं सत्र न्यायालय प्रतापगढ़ के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के माध्यम से भी नोटिस चस्पा किया जाए।
मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
इस तारीख को कोर्ट ने विजय कुमार पांडेय, अधिवक्ता को हाईकोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने रजिस्ट्री द्वारा प्रस्तुत 9.11.2020 की कार्यालय रिपोर्ट का ध्यान देने के बाद उन्हें नोटिस जारी किया था।
जैसा कि पूर्व में बताया गया है कि इस संबंध में शिकायत वर्णिका शुक्ला, सिविल जज (जूनियर डिवीजन) सदर, प्रतापगढ़ ने भी की थी। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश के आदेशों के तहत आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज किया गया।
केस टाइटल - यूपी स्टेट बनाम विजय कुमार पांडे [अवमानना संख्या- 1973, 2020]
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