मुख्य सुर्खियां
आरटीआई- सीपीआईओ/ पीआईओ 'डाकघरों' के रूप में कार्य नहीं कर सकते और न ही उचित कारण के बिना सूचना रोक सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में माना है कि केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) या पीआईओ बिना उचित कारण के जानकारी को रोक नहीं सकते हैं और सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से निपटने के दौरान ऐसे अधिकारी केवल ''डाकघरों'' के रूप में कार्य नहीं कर सकते हैं। यह निर्णय दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ की न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने दिया है। कोर्ट ने सीपीआईओ और अन्य सार्वजनिक सूचना अधिकारियों के विभिन्न सिद्धांतों को दोहराते हुए माना कि सरकारी विभागों को सूचना का खुलासा करने से...
NGT ने 'सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' के नियमों का पालन न करने पर केरल सरकार को फटकार लगाई
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की प्रिंसिपल बेंच ने केरल सरकार के प्रशासन की विफलता और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स (एसडब्ल्यूएम) , 2016 का पालन न करने के लिए फटकार लगाई। दरअसल, केरल के कोच्चि के बाहरी इलाके में स्थित सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट की वजह से भारामपुरम में प्रदूषण फैल रहा है।केरल कोर्ट के पूर्व जज न्यायमूर्ति ए.वी. रामकृष्ण पिल्लई द्वारा एक रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद पता चला कि मामला पिछले दो वर्षों से एनजीटी के समक्ष लंबित है। जस्टिस रामकृष्ण ने दिनांक 23.02.2019 को कचरे के...
''समझौता संस्कृति व्यापक रूप से प्रचलित, मृतक का जीवन इतना सस्ता नहीं है जिसे दो व्यक्तियों के बीच निगोशिएट किया जा सके'': इलाहाबाद हाईकोर्ट
यह देखते हुए कि केस लड़ने वाले पक्षों के बीच 'समझौता संस्कृति' अब तेजी से प्रचलित हो रही है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह कहा कि, ''मृतक का जीवन इतना सस्ता नहीं है, जिसे दो व्यक्तियों के बीच निगोशिएट किया जा सके।'' न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह टिप्पणी एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इस मामले में आवेदक के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए,304बी,120बी और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत केस दर्ज किया गया था। संक्षेप में मामला मामला एक महिला से संबंधित है, जिसने अपनी...
यदि 19 फरवरी तक फायर सेफ्टी एनओसी न ली जाए तो अस्पतालों को मरीज एडमिट करने से रोका जाएः गुजरात हाईकोर्ट ने अहमदाबाद नगर निगम को निर्देश दिया
गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार (29 जनवरी) को अहमदाबाद के 151 अस्पतालों को ''एक आखिरी अवसर'' प्रदान किया है ताकि वह अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) से अग्नि सुरक्षा पर 19 फरवरी तक वैध अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कर सकें। न्यायमूर्ति जे.बी.परदीवाला और न्यायमूर्ति इलेश जे वोरा की खंडपीठ ने एएमसी को निर्देश दिया है कि वह इन 151 अस्पतालों को नोटिस जारी करें और उनको निर्देश दें कि वह 19 फरवरी 2021 तक एनओसी प्राप्त कर लें। कोर्ट ने आगे कहा, ''ऐसा न करने पर अस्पतालों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कदम...
महाराष्ट्र में अधीनस्थ न्यायालय द्वारा 1 फरवरी 2021 से "नियमित फिजिकल कामकाज" शुरू किया जाएगा
महाराष्ट्र और गोवा में अधीनस्थ न्यायालय 1 फरवरी 2021 से नियमित फिजिकल कामकाज शुरू करेगी। कोरोनोवायरस महामारी के कारण फिजिकल कामकाज पर रोक लगा दी गई थी। लगभभ 1 साल बाद फिर से फिजिकल कामकाज शुरू होना जा रहा है।बॉम्बे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा शुक्रवार को जारी एक नोटिस में कहा गया है कि महाराष्ट्र और गोवा, केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव राज्यों में अधीनस्थ अदालतें नियमित रूप से फिजिकल कामकाज शुरू करेंगी। बता दें, कोर्ट के फिजिकल कामकाज को कोरोना महामारी की वजह से...
दुनिया की पहली महिला विकलांग पर्वतारोही के फंड के हेराफेरी के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिश्तेदारों को अंतरिम जमानत दी
माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली महिला एम्प्यूटी पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा द्वारा बनाए गए ट्रस्ट से धन की हेराफेरी के आरोपी एक एक दंपति को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अंतरिम जमानत दे दी।सिन्हा ने अपनी बहन और बहनोई के खिलाफ लखनऊ के सरोजनी नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दोनों ने जाली दस्तावेजों और हस्ताक्षर के जरिए उनके साथ 41,50,000 रुपए की धोखाधड़ी की और आवेदक/आरोपी से पैसे वापस करने को अनुरोध करने पर, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी...
कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशीष कुमार चक्रवर्ती का निधन
कलकत्ता हाईकोर्ट के सिटिंग जज जस्टिस आशीष कुमार चक्रवर्ती का आज कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रुकने) के कारण निधन हो गया।55 वर्षीय न्यायाधीश को 22 अक्टूबर 2014 को कलकत्ता में उच्च न्यायालय के एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उन्हें 06 अक्टूबर 2016 को कलकत्ता हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।12 दिसंबर 1965 को जन्मे जस्टिस आशीष कुमार चक्रवर्ती ने नवंबर, 1992 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया।न्यायाधीश अशीष कुमार ने 29 जनवरी, 1993 को एक...
हैबियस कॉर्पस की रिट तब जारी नहीं की जा सकती जब कथित दत्तक माँ द्वारा प्राकृतिक माँ से बच्चे की कस्टडी की मांग की जाए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही में 2.5 वर्षीय बच्ची की प्राकृतिक माँ (Natural Mother) से कस्टडी पाने की मांग करने वाली एक कथित दत्तक माँ (Adoptive Mother) द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका खारिज कर दिया। "इस तरह के विवादित सवालों के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट प्राकृतिक माँ के खिलाफ जारी नहीं की जा सकती है।"मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की खंडपीठ उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसे एक संजना सोविया (कथित दत्तक माँ)...
"अभियुक्त ने अपने फोन के दुरुपयोग के लिए माफी मांगी और CM के प्रति सम्मान व्यक्त किया": इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने UP के मुख्यमंत्री को मौत की धमकी देने के आरोपी को जमानत दी
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार (27 जनवरी) को अमर पाल यादव नाम के एक ट्रक ड्राइवर को जमानत दे दी, जिसने कथित तौर पर 24 घंटे के भीतर गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को रिहा नहीं करने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मारने की धमकी देने वाला व्हाट्सएप संदेश भेजा था। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने धारा 124 ए, 501, 504, 505 (1) (बी), और 506 आईपीसी और 67 सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2020 के तहत दर्ज अपराध/एफआईआर नंबर में आवेदक द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई की। ...
COVID19: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतिम बार अंतरिम आदेश को 8 फरवरी तक लिए बढ़ाया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतिम बार उच्च न्यायालय, सभी जिला न्यायालयों, सिविल न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों, श्रम न्यायालयों, औद्योगिक न्यायाधिकरणों और राज्य के अन्य सभी न्यायाधिकरणों द्वारा पारित अंतरिम आदेशों को बढ़ा दिया है। इसके साथ ही लिमिटेशन अधिनियम, 1963 की धारा 4 के तहत बंद करने का आदेश 8 फरवरी तक के लिए है।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि, "16 अप्रैल 2020 के आदेश के पैराग्राफ 35 के खंड (i) से (ii) में उल्लिखित अंतरिम आदेश केवल 8 फरवरी, 2021 तक काम करता रहेगा। इसके...
जहां तक संभव हो गैर-सरकारी संगठनों को 'केंद्रीय' या 'राज्य' या 'राष्ट्रीय' नाम का उपयोग करने से बचना चाहिए : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने कहा कि गैर- सरकारी संगठनों (एनजीओ) या एसोसिएशन या समाज, जहां तक संभव हो 'केंद्रीय' या 'राज्य' या 'राष्ट्रीय' नाम का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।मुख्य न्यायाधीश एस. मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी. चैली ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन को एक निर्णय लेने का निर्देश दिया, जिसमें पंजीकरण करते समय किसी भी निजी संस्था को यह आभास नहीं देना चाहिए कि, यह एक वैधानिक निकाय है।कोर्ट ने राज्य पर्यावरण संरक्षण परिषद द्वारा दायर एक याचिका, जिसमें कन्नूर जिले के चेलड स्थित एक गैर सरकारी...
'शारीरिक संबंधों की रक्षा संभावित': बॉम्बे हाईकोर्ट ने बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को बरी किया
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने एक व्यक्ति को बलात्कार के लिए दोषी ठहराए जाने के मामले में बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष की गवाही से संदेह पैदा होता है और शारीरिक संबंध की रक्षा संभावित थी।न्यायमूर्ति पुष्पा गणेदीवाला की खंडपीठ, एएसजे यवतमाल द्वारा विशेष (POCSO) केस संख्या 35 (2016) मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (1) और 451 के तहत अपीलकर्ता को दोषी ठहराए जाने और अपराध के लिए में 10 साल के लिए कठोर कारावास की सजा देने के खिलाफ अपील पर सुनवाई कर रही थी। ।लड़की का पहला सूचना...
टीआरपी मामले में आयोजित प्रेस ब्रीफिंग सख्ती से कानून के दायरे में: मुंबई पुलिस कमिश्नर ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया
मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक हलफनामे में एआरजी आउटलेर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और रिपब्लिक टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी द्वारा उनके खिलाफ किए गए दुर्भावना और पूर्वाग्रह के आरोपों को खारिज कर दिया है।सिंह ने कहा है कि टीआरपी घोटाला मामले में उनके द्वारा आयोजित प्रेस ब्रीफिंग कानून के दायरे में सख्ती से हुई थी। उन्होंने दावा किया कि, पुलिससंवेदनशील मामलों में स्थापित प्रक्रिया और अभ्यास के अनुसार आवधिक ब्रीफिंग रखती है और जांच के दौरान एकत्र किए गए गुप्त और गोपनीय सामग्री...
'गंगा का पानी पीने लायक नहीं है': यूपी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया
उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि गंगा नदी का पानी पीने लायक नहीं है।वर्ष 2006 में उच्च न्यायालय द्वारा (सू मोटो) नदी की रक्षा और पुनर्स्थापना के लिए मुकदमा दायर किया गया था। अधिवक्ता तृप्ति वर्मा द्वारा एक हस्तक्षेप दायर किए जाने के बाद यह मामला सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि गंगा और यमुना नदियों का पानी गंभीर रूप से खराब हो गया है।पिछले हफ्ते जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता, जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की एक बेंच...
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस सुनील कुमार अवस्थी ने इस्तीफा दिया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज, जस्टिस सुनील कुमार अवस्थी ने इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 2 जनवरी 2021 से प्रभावी है। कानून और न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की और कहा, "श्री जस्टिस सुनील कुमार अवस्थी ने संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) के प्रावधान (ए) के अनुसार, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज पद से इस्तीफा दे दिया है, यह 02, जनवरी, 2021 से प्रभावी है।जस्टिस अवस्थी 15 अक्टूबर 1985 को सिविल जज क्लास II के रूप में न्यायिक सेवा में शामिल हुए थे और न्यायिक अधिकारी के रूप...
''एफआईआर तुरंत क्यों नहीं दर्ज की गई'': दिल्ली हाई कोर्ट ने ढाई साल की बच्ची से रेप के आरोपी को जमानत दी
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एफआईआर दर्ज करने में 8 घंटे की देरी का हवाला देते हुए ढाई साल की बच्ची से बलात्कार करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि, '' पीड़िता ढाई वर्ष की है, जिसके कारण उसका बयान दर्ज नहीं किया गया था, हालांकि, अभियोजन के मामले की मैरिट पर टिप्पणी किए बिना और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि एफआईआर दर्ज करने में 8 घंटे की देरी है,इस अदालत का विचार है कि याचिकाकर्ता जमानत का हकदार है।'' बेंच ने इस बात पर भी...
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट में उम्र कैद की सजा काट रहे ईसा मेमन को भाई की मौत के छह महीने बाद पैरोल दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को ईसा मेमन को आपातकालीन मौत की पैरोल दी, जो 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है। ईसा मेमन, टाइगर मेमन का भाई है, जो धमाकों के पीछे दिमाग होने का आरोपी है।जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस मनीष पितले की खंडपीठ ने मेमन को बिना पुलिस एस्कॉर्ट्स के सात दिन की पैरोल दी। ईसा मेमन, जो 26 साल जेल में बिता चुका है, ने पिछले साल नासिक जेल के अधीक्षक द्वारा तीन दिन की पैरोल के लिए पुलिस एस्कॉर्ट शुल्क के रूप में प्रति दिन 70,000 रुपये का भुगतान करने के लिए...
डिविजन बेंच के समक्ष जिला न्यायालय के आदेशों की सभी वाणिज्यिक अपीलों को सूचीबद्ध किया जाए: दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अपनी रजिस्ट्री को वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन बेंच से पहले जिला अदालत के आदेशों से सभी वाणिज्यिक अपील को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इन अपीलों को एफएओ (कॉम) के रूप में पंजीकृत करने का भी निर्देश दिया है, इससे पहले कि वे वाणिज्यिक अपीलीय डिवीजन में सूचीबद्ध हों।न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की एकल पीठ ने निर्देश दिया है कि वाणिज्यिक न्यायालय अधिनियम, 2015 की धारा 13 (1 ए) के तहत दायर सभी अपील, अतिरिक्त जिला जज सहित जिला न्यायाधीश के स्तर पर एक वाणिज्यिक न्यायालय...
सीआरपीसी की धारा 125 (3) के तहत भरण पोषण का अधिकार ; डिफॉल्टर के खिलाफ इसका आह्वान गलत नहीं हो सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत एक व्यक्ति का अपनी पत्नी, बच्चों या माता-पिता का भरण पोषण करना और इसे बनाए रखने का दायित्व "निरंतर प्रकृति" में से एक है और एक मजिस्ट्रेट को डिफ़ॉल्ट के मामले में धारा 125 (3) के तहत वारंट जारी करने के लिए दोष नहीं दिया जा सकता है।न्यायमूर्ति डॉ. योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की एकल पीठ ने कहा कि,"सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण पोषण का भुगतान करने की देयता निरंतर देयता की प्रकृति है। इसलिए भरण पोषण के भुगतान के लिए...
दिल्ली कोर्ट ने आप नेता सोमनाथ भारती को AIIMS के सुरक्षा कर्मचारियों पर हमला केस में दी गई दो साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया
राउज़ एवेन्यू कोर्ट (मध्य दिल्ली) की अदालत ने गुरुवार (28 जनवरी) को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सोमनाथ भारती को वर्ष 2016 में दर्ज एक मामले में एम्स के सुरक्षा कर्मचारियों पर हमला करने के आरोप में दी गई 2 साल की जेल की सजा को निलंबित कर दिया।अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे के आदेश के खिलाफ एक अपील को प्राथमिकता देने के बाद विशेष न्यायाधीश विकास ढुल द्वारा सोमनाथ भारती के 2 साल की जेल अवधि को निलंबित करने का आदेश पारित किया गया है।गौरतलब है कि पिछले सप्ताह दिल्ली की...
















