'एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए': होसपेट कोर्ट परिसर में वकील की हत्या के बाद कर्नाटक बार काउंसिल ने मांग की

LiveLaw News Network

2 March 2021 5:11 AM GMT

  • एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए: होसपेट कोर्ट परिसर में वकील की हत्या के बाद कर्नाटक बार काउंसिल ने मांग की

    कर्नाटक स्टेट बार काउंसिल ने एक सर्कुलर जारी कर कर्नाटक के होसपेट में 27 फरवरी को कोर्ट परिसर के अंदर एडवोकेट तारिहल्ली वेंकटेश की नृशंस हत्या की निंदा की है।

    काउंसिल के सभापति एल. श्रीनिवास बाबू द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि,

    "हम कई बार देख चुके हैं कि राज्य के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में भी वकीलों पर हमले हुए हैं। तेलंगाना के मांड्या के एक दंपत्ति वकील जोड़े पर हुए क्रूर हमले और नृशंस हत्या को भी हमने देखा है। इस तरह के हमले काफी बढ़ रहे हैं, जो वकीलों पर निडर और निष्पक्ष होकर काम करने के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।"

    बयान में आगे कहा गया,

    "यह साबित करता है कि बार की स्वतंत्रता पर एक गंभीर खतरा है।"

    बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि,

    "वकीलों पर लगातार खतरों और हमलों ने साबित किया है कि वकील देश में बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। यह पेशे की स्वतंत्रता पर हमला है। यह अत्यधिक कठिन और घातक भी साबित हो रहा है। वकीलों ने जब भी आम आदमी के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के मामले उठाए हैं तभी उन पर हमले हुए हैं। बार-बार होने वाली घटनाओं ने यह स्पष्ट किया हैं।"

    बयान में कहा गया,

    परिषद ने मामले को बहुत गंभीरता से लिया है और वह इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा करती है। कर्नाटक राज्य बार काउंसिल ने भारतीय बार काउंसिल (BCI) में कर्नाटक राज्य बार काउंसिल के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे इस मामले को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सामने उठाए और उन पर दबाव डाले कि वह इस मामले को केंद्र सरकार के पास ले जाए और एक स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जाँच के लिए सरकार से आदेश पारित कराए।

    उन्होंने कहा कि यह बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) भी चाहता है कि केंद्र सरकार देश के वकीलों को उचित सुरक्षा प्रदान करने और वकीलों की सुरक्षा के लिए कुछ कानून पारित करने की मांग करे।

    यह भी कहा गया,

    "यह सही समय है जब केंद्र और राज्य सरकार को पूरी ईमानदारी से इस मुद्दे को उठाना चाहिए, अन्यथा देश के वकीलों को राष्ट्रव्यापी आंदोलन का सहारा लेना होगा।"

    परिषद ने कहा कि यह राज्य सरकार से "अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम" को जल्द से जल्द लागू करने के लिए एक उचित प्रतिक्रिया की उम्मीद करती है।

    दो हफ्ते पहले, तेलंगाना में एक हाईवे पर एक वकील दंपति की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद तेलंगाना हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था।

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