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'जन गण मन'वीडियो में युवक की मौत का मामलाः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली पर हलफनामा दायर करने को कहा
23 वर्षीय फैजान की मौत के मामले में कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच करवाने की मांग करने वाली एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि वह दस्तावेजों के संरक्षण और पुलिस स्टेशन में लगे सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली के संबंध में एक हलफनामा दायर करें। गौरतबल है कि पिछले साल वायरल हुए एक वीडियो में फैजान को देखा गया था। इस वीडियो में दिल्ली दंगों के दौरान पुलिस अधिकारी जमीन पर पड़े पांच घायल लोगों को राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर कर रहे थे। हाईकोर्ट, फैजान की माँ किसमटुन की तरफ...
'जमानत नियम है, जेल अपवाद ': दिल्ली कोर्ट ने किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दी
रोहिणी कोर्ट (दिल्ली) के उत्तरी जिला के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने किसान आंदोलन को कवर करते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा सिंघु बॉर्डर से 30 जनवरी को हिरासत में लिए गए स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दी। यह देखते हुए कि कोई संभावना नहीं है कि अभियुक्त / आवेदक किसी भी पुलिस अधिकारी को प्रभावित करने में सक्षम है और उससे कोई जब्ती नहीं की जानी है, मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने उन्हें 25,000 रुपये की राशि या इसके समान राशि में जमानत बांड प्रस्तुत करने पर जमानत दी।कोर्ट...
कोर्ट विवादित मुद्दों पर '' अंतिम या कम से कम प्रथम दृष्ट्या निष्कर्ष के बिना सीलबंद लिफाफे में पेश सीबीआई जांच रिपोर्ट की सील पक्षकारों की उपस्थिति में नहीं तोड़ सकता : मेघालय हाईकोर्ट
मेघालय हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि कोर्ट विवादित मुद्दों पर '' अंतिम या कम से कम प्रथम दृष्ट्या निष्कर्ष निकाले '' बिना पक्षकारों की उपस्थिति में सीलबंद लिफाफे में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की सील नहीं तोड़ सकता।मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ सोमाद्दर और न्यायमूर्ति थांगख्यू कि खंडपीठ ने यह टिप्पणी की।हाईकोर्ट की खंडपीठ मेघालय लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) एवं तीन अन्य व्यक्तियों की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जो एकल खंडपीठ द्वारा नौ दिसंबर 2020 को दिए गए आदेश के...
दिल्ली दंगों के दौरान शिव विहार में मदीना मस्जिद में आग लगाने का मामलाः दिल्ली कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया
दिल्ली के एक कोर्ट ने पिछले साल दिल्ली दंगों के दौरान मदीना मस्जिद, शिव विहार में आ लगाने और उजाड़ने की कथित घटना में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, मयूरी सिंह ने करावल नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ को निर्देश दिया कि वे एफआईआर दर्ज करे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पष्ट रूप से एक संज्ञेय अपराध है और इस मामले में उचित जांच की जानी चाहिये।यह आदेश अधिवक्ता एम. आर. शमशाद द्वारा दायर एक अर्जी पर दिया गया है, जो 156 (3) Cr.P.C. के तहत दायर की...
राज्य अधिकारियों की ओर से प्रथम दृष्ट्या सत्ता के पक्षपात या दुर्भावनापूर्ण अभ्यास जांच को सीबीआई को ट्रांसफर करने के लिए आवश्यक : कलकत्ता हाईकोर्ट
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को माना कि अदालत को केवल उन मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच स्थानांतरित करने का अधिकार है, जहां राज्य अधिकारियों की ओर से सत्ता के पक्षपात या दुर्भावनापूर्ण अभ्यास का विशिष्ट उदाहरण है।न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य पिछले साल सिलीगुड़ी में एक युवा मोर्चा के दौरान मारे गए एक उलेन रॉय की मौत के मामले में सुनवाई कर रही थीं।7 दिसंबर 2020 को हुई गोलीबारी की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना ने जुलूस में भाग लेने वाले उलेन रॉय के जीवन छीन लिया था। इसके बाद शिकायत...
बार काउंसिल ऑफ इंडिया कोई 'एंटरप्राइज (उद्यम)' नहीं है: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बीसीआई के खिलाफ प्रभुत्व के दुरुपयोग की शिकायत खारिज की
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने शिकायत को खारिज कर दिया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया कानूनी शिक्षा में प्रवेश करने के लिए अधिकतम आयु सीमा लगाकर "अपने प्रमुख पद का दुरुपयोग कर रही है"। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग में 52 वर्षीय कार्यकारी इंजीनियर थुपिली रवेन्द्र बाबू द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसने रिटायरमेंट के बाद कानूनी शिक्षा लेने की इच्छा जताई थी। शिकायतकर्ता का आरोप कानूनी शिक्षा नियमों 2008 के खंड 28 पर है, जिसमें सामान्य वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों को कानूनी...
यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष सिद्दीकी कप्पन के साथ गिरफ्तार किए गए तीन लोगों को जेल में वकीलों से मिलने की मंजूरी दी
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को सूचित किया है कि 3 कथित पीएफआई सदस्यों को, जिन्हें पत्रकार सिद्दीक कप्पन के साथ हाथरस के रास्ते पर गिरफ्तार किया था, उन्हें जेल में उनके वकीलों से मिलने की अनुमति दी।एएजी मनीष गोयल ने जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस शमीम अहमद की डिवीजन बेंच से कहा कि वकील जेल के नियमों के अनुसार याचिकाकर्ताओं से मिल सकते हैं।यह घटनाक्रम तब प्रकाश में आया जब याचिकाकर्ताओं के वकील ने आरोप लगाया कि जेल अधीक्षक, मथुरा उन्हें अपने क्लाइंट से मिलने की अनुमति नहीं दे...
'छात्र बोर्ड परीक्षा से पहले LSAT टेस्ट देकर लॉ स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं ': जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में वर्ष 2021-22 के लिए एडमिशन शुरू
जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (JGLS) में पेश किए जाने वाले सभी अकादमिक कार्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया 1 फरवरी, 2020 से शुरू हो गई है। इस आशय के लिए जारी एक प्रेस नोट में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति और डीन, जेएलजीएस ने प्रोफेसर (डॉ) सी. राज कुमार ने कहा,"यह एक प्रारंभिक प्रवेश प्रक्रिया है। 12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लिखने वाले छात्रों और प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के पास इन प्रतियोगी आकांक्षाओं को संतुलित करने के लिए हर साल कठिन समय होता है। इस वर्ष...
महिलाओं/बच्चों के लिए आश्रय गृहों में स्मार्ट टेलीविजन स्क्रीन स्थापित करें और रिकॉर्डेड शिक्षा पाठ्यक्रम उपलब्ध कराएं: राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य को निर्देश दिया
राजस्थान उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी बालिका गृह, बाल अवलोकन गृह और नारी निकेतन में स्मार्ट टेलीविजन स्क्रीन स्थापित किए जाएं और शिक्षा विभाग के पहले से रिकार्ड किए गए पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएँ ताकि इन संस्थानों में रखे गए महिलाओं/बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा सके। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कच्छवाहा की खंडपीठ ने यह निर्देश, एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए और एमिकस क्यूरी डॉ. नूपुर भाटी...
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में अधीनस्थ न्यायालयों को 8 फरवरी से बिना किसी प्रतिबंध के साथ पूर्ण क्षमता से काम करने की अनुमति दी
मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार (01 फरवरी) को जारी किए एक आधिकारिक ज्ञापन (मेमोरेंडम) में अधीनस्थ न्यायालयों (तमिलनाडु राज्य और पुडुचेरी यूटी में) को पूर्ण क्षमता (पूर्व COVID-19 महामारी से पहले) में 08.02.2021 से बिना किसी प्रतिबंध/सीमा के काम करने की अनुमति दी है।तमिलनाडु राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में COVID-19 महामारी की मौजूदा स्थिति और तमिलनाडु राज्य में अधीनस्थ न्यायालयों के वर्तमान कामकाज और पुडुचेरी के अधीनस्थ न्यायालयों के वर्तमान कामकाज का आकलन करने के बाद यह ज्ञापन जारी किया गया...
पहचान छुपाकर शादी का वादा करके यौन संबंधः पक्षों के बीच पति-पत्नी के रूप में रहने के समझौते के बावजूद दिल्ली हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार (01 फरवरी) को बलात्कार के एक मामले को इस आधार पर खारिज़ करने से इनकार कर दिया कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। मामले में दोनों पक्षों, याचिकाकर्ता/अभियुक्त और प्रतिवादी नंबर 2 / शिकायतकर्ता ने पति और पत्नी के रूप में रहने का फैसला किया था।जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता-अभियुक्त पर बलात्कार और जालसाजी जैसे गंभीर अपराधों के आरोप हैं, यह सामाजिक हित पर गंभी असर डालता हैं।उन्होंने कहा, "... इन अपराधों को निजी या दीवानी विवाद नहीं माना जा...
"वह हमेशा वकीलों के लिए खड़े हुए हैं", पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने एजी अतुल नंदा को सदस्यता से हटाने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर रोक लगाई
पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) के एजी अतुल नंदो को सदस्यता से हटाने के एक प्रस्ताव पर रोक लगा दी है। काउंसिल ने कहा है कि एजी अतुल नंदा को सदस्यता के हटाने के एचसीबीए के फैसला को मनमाने तरीके से लिया गया था।काउंसिल ने कहा, "... अतुल नंदा हमेशा अधिवक्ताओं के लिए खड़े हुए हैं। एचसीबीए का संकल्प तथ्यों के खिलाफ है। अतुल नंदा ने सार्वजनिक रूप से कई बार न्यायालयों के फिजिकल कामकाज को फिर से शुरू करने का समर्थन किया है।"सोमवार को, पंजाब और हरियाणा...
फिजिकल सुनवाई फिर से शुरू नहींं करने पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया
पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, चंडीगढ़ ने चीफ जस्टिस रवि शंकर झा के ट्रांसफर के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव न्यायालय में फिजिकल सुनवाई को फिर से शुरू न करने के चलते पास किया गया है। बार एसोसिएशन ने आज प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि, ''माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का लगातार बंद होना, जो कि संविधान का संरक्षक और मौलिक अधिकारों का रक्षक है, समाज में एक गलत संकेत भेज रहा है। इसके अलावा कानूनी क्षेत्र से जुड़े वकीलों,स्टेनो, क्लर्कों और अन्य लोगों की आजीविका भी छीनी...
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की रिहाई की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें न सिर्फ किसानों को बल्कि सभी व्यक्तियों को रिहा करने की मांग की गई है, जिन्हें कथित तौर पर 26 जनवरी को या उसके बाद राजधानी दिल्ली में आयोजित किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है। याचिकाकर्ता जो कानून के छात्र है, उसने अधिवक्ता आशिमा मंडला और एडवोकेट मंदाकिनी सिंह के माध्यम से याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की गिरफ्तारी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14,...
हत्या के मामले में दोषी ठहराई गई विधवा, पारिवारिक पेंशन पाने की हकदार है क्योंकि यह मामला पति की मौत से संबंधित नहीं है: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते फैसला सुनाया कि एक विधवा को पारिवारिक पेंशन, उसके दोष (हत्या के अपराध के लिए) वजह से देने से इनकार नहीं किया जा सकता है, जो उसके पति की मृत्यु से संबंधित नहीं है।न्यायमूर्ति जी.एस.संधवलिया की खंडपीठ बलजिंदर कौर के मामले की सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने हरियाणा राज्य प्राधिकरणों द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी थी। राज्य प्राधिकरण द्वारा कौर की ओर से मांग की गई (ए) मासिक वित्तीय सहायता और (बी) परिवार पेंशन के बकाया के अनुदान को खारिज कर दिया गया था।मामले के...
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज तक, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार को गणतंत्र दिवस पर किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर भ्रामक रिपोर्टिंग के आरोप लगाने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को यानी आज पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा की न्यूज चैनल आजतक, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया और केंद्र पर भ्रामक रिपोर्टिंग के आरोप लगाने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में आरोप लगाया गया कि चैनल द्वारा एक वीडियो रिपोर्ट में दिखाए जा रहे हैं किसानों के विरोध प्रदर्शन को "मनगढ़ंत कहानी" के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जिसमें भ्रामक तरीके से बताया जा रहा है, "विरोध का तथ्यों से कोई लेना-देना नहीं है।" गणतंत्र दिवस, 2021 पर किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चैनल द्वारा...
परोक्ष रूप से भी बलात्कार पीड़िता की पहचान का खुलासा करने से बचने के लिए सावधानी बरतेंः बाॅम्बे हाईकोर्ट ने मीडिया, जनता और न्यायालयों के लिए निर्देश जारी किए
बाॅम्बे हाईकोर्ट (औरंगाबाद पीठ) ने हाल ही में प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व आम जनता के लिए कुछ अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी किए ताकि सोशल मीडिया का उपयोग करके बलात्कार पीड़िता से संबंधित ऐसी जानकारियों को प्रकाशित करने से रोका जा सके,जो ''प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से'' उसकी पहचान का खुलासा कर देती हैं। न्यायमूर्ति टी वी नलवाडे और न्यायमूर्ति एम जी सेवलीकर की खंडपीठ एक संगीता (एक बलात्कार पीड़िता की माँ) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मांग की थी कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निर्देश...
धारा 377 आईपीसी और पोक्सो अधिनियम के तहत बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों के मामले को पक्ष आपस में समझौता करके खत्म नहीं कर सकतेःदिल्ली उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अदालत केवल इस आधार पर एफआईआर को रद्द करने की अनुमति नहीं दे सकती है कि पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया है, जबकि एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 377 और पोक्सो अधिनियम के तहत बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों से संबंधित है।जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद ने पटेल नगर थाने में आईपीसी की धारा 377, पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत दर्ज एफआईआर, जिसे धारा 482 सीआरपीसी के तहत रद्द करने की प्रार्थना की गई थी, को रद्द करने से इनकार कर दिया।आईपीसी की धारा 377 के तहत...
धारा 41ए सीआरपीसी: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 498 ए मामलों में मनमानी गिरफ्तारी से बचाव के लिए तय सुरक्षा उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए
एक महत्वपूर्ण फैसले में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों को, विशेषकर दहेज मामलों (498 ए आईपीसी) में स्वचालित / नियमित गिरफ्तारी को रोकने और सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत निर्धारित पूर्व शर्तों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने सभी मजिस्ट्रेटों को ऐसे पुलिस अधिकारियों के नामों को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया, जिन्हें संभवतः यांत्रिक या दुर्भावनापूर्ण तरीके से गिरफ्तारी की हैं, ताकि उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।सीआरपीसी की धारा 41 ए में यह प्रावधान है कि उन...
माता-पिता या समाज एक बालिग बच्चे को उनकी शर्तों पर जीवन जीने के लिए मजबूर नहीं कर सकतेः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार (25 जनवरी) को कहा कि माता-पिता अपनी शर्तों पर एक बच्चे को जीवन जीने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। न्यायमूर्ति अलका सरीन की खंडपीठ ने आगे कहा कि केवल इसलिए कि लड़का विवाह योग्य उम्र का नहीं है (हालांकि बालिग) याचिकाकर्ताओं के एकसाथ रहने के अधिकार को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, यह देखते हुए कि ''माता-पिता एक बच्चे को अपनी शर्तों पर जीवन जीने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं और प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को अपने जीवन को उस तरह से जीने का अधिकार है जैसा...


















