पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित सभी मामलों का विवरण मांगा

LiveLaw News Network

1 March 2021 8:58 AM GMT

  • पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित सभी मामलों का विवरण मांगा

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजन गुप्ता और न्यायमूर्ति करमजीत सिंह की खंडपीठ ने पंजाब, हरियाण और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में सांसदों और विधायकों (वर्तमान/पूर्व) के खिलाफ लंबित सभी मामलों पर संज्ञान लिया।

    पीठ ने सभी जिला और सत्र न्यायाधीशों को सासंदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों के बारे में जानकारी भेजने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट के स्वत: संज्ञान बनाम पंजाब राज्य के शीर्षक वाला सीडब्लूपी नंबर (PIL)-29-2021 मामले में कोर्ट का इरादा है कि मामलों को जल्दी से निपटाया जाए।

    पीठ ने पंजाब, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में सांसदों और विधायकों का न केवल लंबित मामलों का विवरण मांगा, बल्कि उनके शीघ्र निपटारन के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए।

    राजनीति के अपराधीकरण को कम करने और निर्वाचित प्रतिनिधियों के आपराधिक अभियोजन को तर्कसंगत बनाने के लिए एक व्यक्ति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक रिट याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया कि वह जन प्रतिनिधियों से संबंधित आपराधिक मामलों को तय करने के लिए विशेष न्यायालयों को स्थापित करने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश जारी करे।

    इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने संविधान के कामकाज की समीक्षा करने और लोगों के प्रतिनिधियों के लिए न्यूनतम योग्यता और अधिकतम आयु सीमा निर्धारित करने के लिए चुनाव आयोग, कानून आयोग और राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रस्तावित "महत्वपूर्ण चुनावी सुधार" के कार्यान्वयन के लिए निर्देश जारी करने का भी अनुरोध किया।

    जब मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने सुनवाई के लिए आया तो कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया कि वे विधायकों (वर्तमान या पूर्व) के खिलाफ लंबित सभी आपराधिक मामलों के बारे में अपेक्षित जानकारी प्रस्तुत करें।

    तदनुसार, पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने निम्नलिखित आदेश पारित किया,

    "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत और अन्य (सुप्रीम कोर्ट) मामले में पारित आदेश की के आधार पर, पुलिस महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी को आवश्यक सूचना प्रस्तुत करने के लिए सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। अधिकारी को आवश्यक रूप से पंजाब, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ राज्यों में सांसदों / विधायकों (वर्तमान या पूर्व) के खिलाफ लंबित सभी मामलों की अपेक्षित जानकारी प्रस्तुत करना होगा। इसी के साथ मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए लंबित मामलों का विवरण प्रस्तुत करने के लिए पंजाब, हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के जिला न्यायाधीशों को निर्देश जारी किया जाता है और साथ ही वे ट्रायल के प्रत्येक चरण के बारे में रिपोर्ट भेजेंगे।"

    इस स्तर पर, एमिकस क्यूरी खोसला बताते हैं कि भारत संघ, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय ( ई.डी) और आदेश के ऑपरेटिव भाग (अश्विनी कुमार मामले में) के रूप में अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि राज्य (एस) द्वारा स्थापित सभी आपराधिक मामलों की सुनवाई की निगरानी की जानी है। जैसा कि हमने तीनों राज्यों के सभी सत्र न्यायाधीशों से जानकारी प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है, हम उम्मीद करते हैं कि खोसला द्वारा सुझाई गई जानकारी भी सुसज्जित होगी।"

    रजिस्ट्री इस मामले को सूचीबद्ध करने की संभावना की जांच करने के लिए यह अदालत फिजिकल (भौतिक) सुनवाई के लिए बैठी है। वकील को अग्रिम रूप से ऐसी तिथि के बारे में सूचित किया जाएगा।

    पीठ ने सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (E.D) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के पास लंबित मामलों की भी जानकारी भी मांगी है। रजिस्ट्री को लंबित मामलों की सूची प्रस्तुत करने और फिजिकल (भौतिक) सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करने की संभावना देखने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

    आदेश की कॉपी यहां पढ़ें:



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