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POCSO एक्ट के तहत नाबालिगों के बीच सहमति से सेक्स अपरिभाषित है: बॉम्बे हाई कोर्ट
''POCSO एक्ट के तहत नाबालिगों के बीच सहमति से सेक्स अपरिभाषित है'': बॉम्बे हाई कोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि पाॅक्सो एक्ट लागू करना बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने की दिशा में एक ''महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदम'' है, हालांकि, नाबालिगों के बीच सहमति से यौन संबंध की घटनाएं इस कानून के तहत एक ग्रे एरिया/अपरिभाषित रहा है क्योंकि कानून की नजर में नाबालिग की सहमति वैध नहीं है। न्यायमूर्ति संदीप के शिंदे की खंडपीठ ने यह टिप्पणी एक 19 वर्षीय लड़के को जमानत देते हुए की है,जिसे उसकी नाबालिग फर्स्ट कजन के साथ बार-बार बलात्कार करने के मामले में पाॅक्सो एक्ट (यौन अपराधों से...

किसानों का विरोध-प्रदर्शनः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इंटरनेट बैन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया
किसानों का विरोध-प्रदर्शनः पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इंटरनेट बैन को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया

हरियाणा राज्य में इंटरनेट सेवाओं की तत्काल बहाली के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है।यह याचिका संदीप सिंह और अन्य लोगों की ओर एडवोकेट आर.एस. बैंस की ओर से दायर की है, जिसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता का जीवन और प्रैक्टिस इंटरनेट सेवाओं के अचानक निलंबन से प्रभावित हुआ है।याचिकाकर्ताओं ने बिना किसी पूर्व सूचना के हरियाणा के 17 जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने और बंद करने पर "हरियाणा राज्य और भारत के संघ राज्य के मनमाने कार्य" को चुनौती दी गई है।याचिका...

[दिल्ली दंगा] न कोई सीसीटीवी फुटेज, न गवाह और न  कांस्टेबल द्वारा की गई शिकायत: दिल्ली हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन के कथित सहयोगी को जमानत दी
[दिल्ली दंगा] न कोई सीसीटीवी फुटेज, न गवाह और न कांस्टेबल द्वारा की गई शिकायत: दिल्ली हाईकोर्ट ने ताहिर हुसैन के कथित सहयोगी को जमानत दी

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक लियाकत अली को जमानत दे दी, जिस पर फरवरी 2020 में हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में निलंबित AAP पार्षद ताहिर हुसैन का सहयोग करने के आरोप में दिल्ली की अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की एकल न्यायाधीश पीठ ने लियाकत अली को ज़मानत देकर अर्जी का निस्तारण किया।लियाकत की कथित भूमिका के लिए खजूरी खास और दयालपुर पुलिस स्टेशनों में लियाकत अली के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिसमें पथराव, पेट्रोल बम और उपद्रवी भीड़ का नेतृत्व करते हुए...

पत्नी का आरोप, COVID-19 वैक्सीन लेने के बाद पति की मौत: मद्रास हाईकोर्ट ने AEFI गाइडलाइन के तहत विशेषज्ञ से शव की ऑटोप्सी करने का निर्देश दिया
पत्नी का आरोप, COVID-19 वैक्सीन लेने के बाद पति की मौत: मद्रास हाईकोर्ट ने AEFI गाइडलाइन के तहत विशेषज्ञ से शव की ऑटोप्सी करने का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार (04 फरवरी) को एक 40 वर्षीय सफ़ाई कर्मचारी के शरीर की ऑटोप्सी का आदेश दिया। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि अगर सही तरीके से पहले से ही सही तरह से ऑटोप्सी नहीं हुई, तो इस बार सर्जन, पैथोलॉजिस्ट और फॉरेंसिक विशेषज्ञ की भागीदारी में होनी चाहिए।न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस. अनंथी की खंडपीठ ने मृतक की पत्नी अंबिका (एक दिहाड़ी मजदूर) की याचिका पर सुनवाई करते हुए यहा आदेश दिया।मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसके पति को 21 जनवरी 2021 को COVID-19 का टीका लगा था,...

चाहे कारण कितना भी वास्तविक हो, लेकिन अदालती कामकाज के बहिष्कार से परहेज करें, कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बार से अपील
'चाहे कारण कितना भी वास्तविक हो, लेकिन अदालती कामकाज के बहिष्कार से परहेज करें', कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बार से अपील

कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका ने राज्य में बार एसोसिएशनों के सदस्यों से अपील की है कि कारण के औच‌ित्य के बावजूद वे अदालत के कामकाज से अलग रहने या अदालत की कार्यवाही का बहिष्कार करने से परहेज करें, और ऐसी अवैधताओं में ‌लिप्त न हों।चीफ जस्टिस ओका ने एक सार्वजनिक संदेश में कहा, "मैं बार के सदस्यों से अपील करता हूं कि वे अधिक से अधिक संख्या में मामलों के निस्तारण में अदालत का सहयोग करें।"यह अपील जिला न्यायालयों से प्राप्त उन रिपोर्टों के बाद की गई है, जिसमें कहा गया था कि मांड्या...

महामारी के कारण शिक्षा रोकना सही नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा
महामारी के कारण शिक्षा रोकना सही नहीं: कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने (गुरुवार) राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का सुझाव दिया कि स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में सुधार होना चाहिए। बिना शिक्षा के देश प्रगति नहीं कर पाएगा।न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न और न्यायमूर्ति एमजी उमा की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों के माध्यम से संबंधित कक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की उपस्थिति को विद्यागामा मोड और शारीरिक कक्षाओं के माध्यम से और आंगनवाड़ी से एलकेजी में छात्रों के नामांकन के लिए कहा कि, "एक बार सभी लोग सोचें कि यदि हम स्कूल नहीं...

पंचायती तलाक में कोई कानूनी पवित्रता नहीं, इस तरह के रिवाज हिंदू विवाह अधिनियम के गठन के बाद अस्तित्व में नहीं रहे: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
'पंचायती तलाक' में कोई कानूनी पवित्रता नहीं, इस तरह के रिवाज हिंदू विवाह अधिनियम के गठन के बाद अस्तित्व में नहीं रहे: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

यह देखते हुए कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 एक पूर्ण संहिता है और विवाह की शर्तों के साथ-साथ तलाक की प्रक्रिया भी प्रदान करता है, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पिछले महीने स्पष्ट किया कि 'पंचायती' तलाक की कानून दृष्टि में कोई मान्यता नहीं है। न्यायमूर्ति अलका सरीन की खंडपीठ ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 4 के मद्देनजर सभी रिवाज जैसे 'पंचायती' तलाक और इससे संबंधित प्रचलन का प्रभाव समाप्त हो गया है। न्यायालय के समक्ष मामला अदालत एक आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें...

वकील का कार में बैठकर लापरवाही से वर्चुअल सुनवाई में शामिल होना, अदालती कार्यवाही के अनादर जैसाः मद्रास हाईकोर्ट
वकील का कार में बैठकर "लापरवाही से" वर्चुअल सुनवाई में शामिल होना, अदालती कार्यवाही के अनादर जैसाः मद्रास हाईकोर्ट

यह देखते हुए कि एक वकील कार में बैठकर "लापरवाही से" वर्चुअल सुनवाई में 'शामिल हुए, मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार (03 फरवरी) ने वकील के आचरण पर नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा, "वकील लापरवाही से एक कार में बैठकर याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए हैं, जो कि उच्च न्यायालय द्वारा अधिसूचित वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के मद्देनजर अस्वीकार्य है।"ज‌स्ट‌िस एसएम सुब्रमण्यम की खंडपीठ ने कहा कि कार के पीछे एक अन्य व्यक्ति भी बैठा हुआ था, जबकि वकील वर्चुअल हियरिंग के लिए पेश हुए थे। इस पर कोर्ट ने कहा, "कोर्ट की...

लॉकडाउन एक अप्रत्याशित घटना: मद्रास हाईकोर्ट ने पूरे लॉकडाउन अवधि के दौरान लाइसेंस शुल्क में पूर्ण छूट का निर्देश दिया
"लॉकडाउन एक 'अप्रत्याशित' घटना": मद्रास हाईकोर्ट ने पूरे लॉकडाउन अवधि के दौरान लाइसेंस शुल्क में पूर्ण छूट का निर्देश दिया

मद्रास हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में नगर निगम को 24 मार्च, 2020 से 6 सितंबर, 2020 तक कुल लॉकडाउन की पूरी अवधि के दौरान बस स्टैंड में दुकान चलाने के लिए लाइसेंस शुल्क माफ करने का निर्देश दिया है।न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन की एकल पीठ ने कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी सरकारी आदेश का लाभ, जिसने दो महीने (अप्रैल और मई) के लिए लाइसेंस शुल्क माफ किया था, उस अवधि को पूरे लॉकडाउन तक बढ़ाया जाना चाहिए।कोर्ट, आर नारायणन द्वारा दायर एक रिट याचिका पर विचार कर रहा था। वह नागरकोइल नगर निगम के लाइसेंस पर एक...

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में 11 न्यायिक अधिकारियों को नियुक्त किए जाने की सिफारिश की
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में 11 न्यायिक अधिकारियों को नियुक्त किए जाने की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 फरवरी, 2021 को हुई अपनी बैठक में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में 11 न्यायिक अधिकारियों के रूप ने नियुक्ती की सिफारिश के प्रस्ताव को मंजूरी दी।कॉलेजियम द्वारा निम्नलिखित नामों की सिफारिश की गई है:1. मो. असलम,2. अनिल कुमार गुप्ता,3. अनिल कुमार ओझा,4. साधना रानी (ठाकुर),5. ओम प्रकाश त्रिपाठी,6. नवीन श्रीवास्तव,7. उमेश चंद्र शर्मा,8. सैयद आफ़ताब हुसैन रिज़वी,9. अजय त्यागी,10. सैयद वाइज मियां, और11. अजय कुमार श्रीवास्तव- Iसिफारिशी पत्र को डाउनलोड करने के लिए...

वरिष्ठ वकीलों ने अटॉर्नी-जनरल से सरकार को COVID-19 टीकाकरण का विस्तार  कानूनी बिरादरी तक करने का अनुरोध करने की अपील की
वरिष्ठ वकीलों ने अटॉर्नी-जनरल से सरकार को COVID-19 टीकाकरण का विस्तार कानूनी बिरादरी तक करने का अनुरोध करने की अपील की

वरिष्ठ वकीलों ने शुक्रवार को अटॉर्नी-जनरल से अपील की कि सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करें कि बार के वरिष्ठ सदस्यों को COVID ​​-19 की वैक्सीन जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए।वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने टिप्पणी की, "मुझे लगता है कि एजी को अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करना चाहिए और सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि यह सुनिश्चित करें कि टीका बार के सभी वरिष्ठ वकीलों को दिया जाए।"उन्होंने आगे कहा कि,"वरिष्ठ" शब्द से, वह केवल उन लोगों का जिक्र नहीं कर रहे हैं जो वरिष्ठ अधिवक्ता हैं, बल्कि...

एकल न्यायाधीश की पीठ संज्ञान ले सकती है और नागरिक अवमानना याचिका तय कर सकती है: केरल हाईकोर्ट
एकल न्यायाधीश की पीठ संज्ञान ले सकती है और नागरिक अवमानना याचिका तय कर सकती है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने कहा कि एकल न्यायाधीश खंडपीठ संज्ञान ले सकती है और नागरिक अवमानना याचिका तय कर सकती है।डिवीजन बेंच में चीफ जस्टिस एस. मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी. चैली शामिल थे, जिन्होंने कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट्स (केरल हाईकोर्ट) के नियम 6 को भारत के संविधान के लिए और न्यायालय अवमानना अधिनियम की धारा 19 (1) को अधिकातीत के रूप में शामिल किया। नियम 6 कहता है कि एक डिवीजन बेंच अकेले अवमानना कार्यवाही का संज्ञान ले सकती है और जब प्रथम दृष्टया के मामले का पता चलता है, तो अवमानना याचिका को दो न्यायाधीशों...

पीड़िता द्वारा फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने का मतलब यह नहीं है कि वह यौन संबंध बनाना चाहती है: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
पीड़िता द्वारा फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने का मतलब यह नहीं है कि वह यौन संबंध बनाना चाहती है: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने तेरह साल की बच्ची के साथ बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि पीड़िता ने आरोपी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी, इसका यह मतलब जरा भी नहीं है कि आरोपी, बच्ची के साथ यौन संबंध स्थापित करने का अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त कर लिया है।न्यायमूर्ति अनूप चितकारा ने कहा कि, "लोग नेटवर्किंग, ज्ञान और मनोरंजन के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, न कि यौन शोषण और मानसिक शोषण करने के लिए।" कोर्ट ने कहा कि,"अधिकांश युवा ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद और...

कस्टडी को सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ाया जा सकता क्योंकि एफएसएल ने रिपोर्ट नहीं दी; एफएसएल जांच में देरी कर रही है स्पीडी ट्रायल के अधिकार को प्रभावितः कर्नाटक हाईकोर्ट
कस्टडी को सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ाया जा सकता क्योंकि एफएसएल ने रिपोर्ट नहीं दी; एफएसएल जांच में देरी कर रही है स्पीडी ट्रायल के अधिकार को प्रभावितः कर्नाटक हाईकोर्ट

राज्य में पर्याप्त फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की कमी को ध्यान में रखते हुए, कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार को कई निर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एफएसएल रिपोर्ट समय पर दे दी जाए और मामलों के त्वरित निपटारे में सहायता मिल सके। अदालत ने कहा कि,''कर्नाटक जैसे राज्य के लिए, जिसे सूचना प्रौद्योगिकी में सबसे आगे चलने वाला माना जाता है और उसका बंगलौर शहर पूर्व की सिलिकन वैली है, उसके बावजूद भी यह एक अस्वीकार्य सी बात है कि इस राज्य में एक एफएसएल है,जिसके 13 अनुभाग...

राज्य के कितने पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं हैं? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा
'राज्य के कितने पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं हैं?' इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न लॉ कॉलेजों के छात्रों द्वारा एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसे पुलिस स्टेशनों में महिलाओं के शौचालयों के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जहां लेडिज़ टॉयलेट का निर्माण नहीं हुआ है।याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस तरह के शौचालयों में शौचालय, पानी, बिजली, पंखा, डोरबर्न जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं हों, जिससे महिलाओं की निजता और गरिमा का ध्यान रखा जा...

पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित रथ यात्रा : कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर यात्रा रोकने के निर्देश देने की मांग
पश्चिम बंगाल में भाजपा की प्रस्तावित 'रथ यात्रा' : कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर यात्रा रोकने के निर्देश देने की मांग

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल में चुनावी रथ यात्रा के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। पेशे से वकील, राम प्रसाद सरकार की तरफ से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि भाजपा को ''रथ यात्रा'' से रोकने के लिए हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे। दलील में कहा गया है कि यदि इस यात्रा को अनुमति दी गई तो राज्य में COVID19 महामारी की स्थिति और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की पूरी संभावना है।मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बीजेपी ने राज्य सरकार से पूरे राज्य में ''रथ...

वकीलों के परिसर में तलाशी और ज़ब्ती कार्रवाई करने के लिए गाइडलाइंस की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
वकीलों के परिसर में तलाशी और ज़ब्ती कार्रवाई करने के लिए गाइडलाइंस की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें एक वकील के परिसर में तलाशी और जब्ती कार्रवाई करते हुए पुलिस या जांच अधिकारियों द्वारा अनिवार्य प्रक्रियाओं के उचित दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में व्यावसायिक संगठनों में आयोजित की जाने वाली सर्च को भी शामिल किया गया है, जहां सर्च से जुड़ी सामग्री एक कानूनी सलाहकार के रूप में सेवारत व्यक्ति के कब्जे में है।जनहित याचिका निखिल बोरवंकर ने दायर की है, जो "साथी अधिवक्ताओं" के परिसरों में तलाशी और जब्ती कार्रवाई करते...