पुलिस थानों में महिलाओं के लिए शौचालयः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव को हलफनामा दायर करने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा

LiveLaw News Network

9 March 2021 4:30 AM GMT

  • पुलिस थानों में महिलाओं के लिए शौचालयः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव को हलफनामा दायर करने या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए कहा

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव से कहा है कि राज्य के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में महिलाओं के लिए शौचालय का निर्माण करने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में एक हलफनामा दायर करें।

    न्यायमूर्ति संजय यादव और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने राज्य के वकील से कहा है कि यदि हलफनामा दायर नहीं किया जाता है, तो सचिव को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की अगली तारीख पर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होना होगा।

    कुछ दिन पहले कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की थी कि विभिन्न थानों में तैनात महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता के लिए यूपी सरकार द्वारा कोई तत्काल कदम नहीं उठाए गए हैं। उसी के बाद अब कोर्ट ने यह निर्देश दिया है।

    सोमवार को उत्तर प्रदेश राज्य की ओर से पेश वकील ने खंडपीठ को सूचित किया कि संबंधित थानों में महिला शौचालयों के निर्माण के लिए एजेंसी तय करके प्रभावी कदम उठाए गए हैं।

    इस संदर्भ में खंडपीठ ने आदेश दिया,

    ''उत्तर प्रदेश राज्य में संबंधित थानों में लेडीज टॉयलेट निर्माण के लिए एक एजेंसी को तय करके दिनांक 17.02.2021 के आदेश के तहत राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के संबंध में सचिव,गृह द्वारा एक हलफनामा दायर किया जाए।

    यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि 15.03.2021 को या उससे पहले शपथपत्र दायर नहीं किया जाता है तो सचिव, गृह को 16.03.2021 को सुबह 10 बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहना होगा।''

    इस मामले में लाॅ के कुछ छात्रों ने एक जनहित याचिका दायर की थी। इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं कि महिलाओं की गोपनीयता और प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए सभी पुलिस स्टेशनों में शौचालय बनाए और पानी, बिजली, पंखा, डॉकर्नोब जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

    यह देखते हुए कि यह मुद्दा ''महत्वपूर्ण'' है, अदालत ने सरकार को याद दिलाया कि स्वच्छता सहित बुनियादी सुविधाएं प्रत्येक को उपलब्ध कराना सरकार का दायित्व है। कोर्ट ने कहा कि,''जीवन और इसके उपभोग में आवश्यक स्वच्छता और सफाई व्यवस्था शामिल है। जरूरी मानव आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में, जीवन को गरिमा के साथ आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।''

    अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।

    केस का शीर्षकः अंजलि पांडे व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य

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