बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, स्टाफ और वकीलों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर बीबीए ने एजी से हस्तेक्षप करने की मांग की

LiveLaw News Network

8 March 2021 7:18 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट के जज, स्टाफ और वकीलों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर बीबीए ने एजी से हस्तेक्षप करने की मांग की

    बॉम्बे हाईकोर्ट की कानूनी बिरादरी को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में मानते हुए उनको प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने महाराष्ट्र राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। बॉम्बे बार एसोसिएशन देश के सबसे पुराने बार एसोसिएशनों में से एक है।

    बीबीए के अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट नितिन ठक्कर ने दिल्ली हाईकोर्ट का उदाहरण दिया, जिसने 3 मार्च को सभी जजों, कोर्ट के स्टाफ और वकीलों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने को लेकर उनकी उम्र सीमा या शारीरिक स्थिति में बिना किसी प्रकार का भेदभाव "फ्रंटलाइन वर्कर्स" के आधार पर एक याचिका पर स्वतः संज्ञान लिया था।

    उन्होने कहा,

    "यह विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया जाता है कि महाराष्ट्र राज्य न्यायाधीशों, हाईकोर्ट स्टाफ और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के बारे में विचार और घोषणा कर सकता है, ताकि उन्हें प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन अभियान में शामिल किया जा सके।"

    बीबीए ने हाईकोर्ट परिसर में एक वैक्सीनेश सेंटर स्थापित करने की मांग की है।

    पत्र में एजी से अनुरोध किया गया है कि वह राज्य के साथ अपने अच्छे संबंधों का उपयोग करे।

    पत्र में लिखा है,

    "सर, हमारे बार के नेता के रूप में हम ईमानदारी से और विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अपने अच्छे संबंधों का उपयोग करें और राज्य सरकार के साथ बार की इस चिंता का उठाए। हमें यकीन है कि आपके हस्तक्षेप से इस संबंध में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।"

    पत्र में कहा गया है कि बॉम्बे हाई कोर्ट महामारी के दौरान भी 'अथक' कार्य कर रहा है और नवंबर से अदालत ने शारीरिक सुनवाई भी शुरू कर दी है।

    पत्र में कहा गया है कि शहर में COVID-19 मामलों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए उन सभी हितधारकों की रक्षा करना महत्वपूर्ण हो गया है, जो बॉम्बे हाईकोर्ट के कामकाज में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।

    पत्र में कहा गया है,

    "न्याय प्रशासन एक आवश्यक संवैधानिक कार्य है और इस प्रक्रिया में शामिल हितधारक, जो महामारी के जोखिम के बीच इस काम में खुद को लगाए हुए हैं, स्पष्ट रूप से उन अन्य लोगों के साथ काम करने वाले कार्यकर्ता हैं, जो सरकार के विभिन्न अन्य एजेंसियों के कामकाज में मदद कर रहे हैं।"

    शनिवार को रायगढ़ के दो अधिवक्ताओं ने राज्य भर में कानूनी बिरादरी के लिए तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) कोरोनवायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन की मांग को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।

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