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हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
'लोक अभियोजकों की अनुपलब्धता का परिणाम अभियुक्तों के त्वरित ट्रायल के अधिकार का उल्लंघन हो सकता है': कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य को रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को राज्य में लोक अभियोजकों के सभी रिक्त पदों को चाहे वह नियमित भर्ती से हो या अनुबंध के आधार पर (यदि कानून में अनुमति हो), भरने के लिए त्वरित कदम उठाने का निर्देश दिया।मुख्य न्यायाधीश अभय ओका और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने कहा,"सरकारी अभियोजकों की अनुपलब्धता का राज्य में आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन के साथ सीधा संबंध है। इस तथ्य के अलावा कि मुकदमे के संचालन में देरी से अभियुक्तों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है। पर्याप्त संख्या में लोक...

जमानत आदेश में प्राथमिकी के तथ्यों को प्रतिबिंबित करने के तरीके पर न्यायिक अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाए: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक अकादमी को आदेश दिए
'जमानत आदेश में प्राथमिकी के तथ्यों को प्रतिबिंबित करने के तरीके पर न्यायिक अधिकारियों को निर्देश जारी किया जाए': पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक अकादमी को आदेश दिए

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी के निदेशक को न्यायिक अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करने का निर्देश दिया कि जमानत / अग्रिम जमानत प्रदान करते समय या इनकार करते समय जमानत आदेश में प्राथमिकी में दर्ज तथ्यों को प्रतिबिंबित करने की आवश्यकता है।न्यायमूर्ति अरविंद कुमार सांगवान की खंडपीठ ने यह देखते हुए आदेश दिया कि एक कथित डकैती मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने प्राथमिकी के तथ्यों पर ध्यान दिए बिना फैसला सुनाया कि हिरासत में पूछताछ की जरूरत है, चूंकि याचिकाकर्ता...

God Does Not Recognize Any Community, Temple Shall Not Be A Place For Perpetuating Communal Separation Leading To Discrimination
मद्रास हाईकोर्ट ने जूनियर सिविल जज भर्ती 2003, 2009 और 2012 में रोस्टर सिस्टम के पालन की जांच करने के लिए समिति का गठन किया

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) पद के लिए भर्ती के लिए जारी वरिष्ठता सूची के संबंध में एक जांच समिति का गठन किया है। एक याचिका दायर कर सूची में दोष का आरोप लगाया गया था। याचिका उन न्यायिक अधिकारियों ने दायर की थी, जिन्हें 2009 में भर्ती किया गया था। चीफ जस्टिस संजीव बनर्जी और ज‌स्ट‌िस सेंथिलकुमार राममूर्ति की पीठ ने समिति को कथित दोषों में सुधार करने और वर्ष 2009 के साथ-साथ 2003 और 2012 के लिए संशोधित वरिष्ठता सूची तैयार करने का काम सौंपा है, जिसमें वही गलतियां की गई...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक हटाई, प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए
कलकत्ता हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर रोक हटाई, प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालयों के लिए शिक्षकों की भर्ती की पश्चिम बंगाल सरकार की चल रही प्रक्रिया पर लगाए गए अंतरिम रोक आदेश को हटा लिया है।न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने 30 जून के आदेश में अंकन योजना और चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं से जुड़े आरोपों के आलोक में भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी।न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग ने जारी निर्देशों का पालन किया है।पीठ ने कहा कि, "चूंकि 2 जुलाई, 2021 को पारित न्यायालय के आदेश...

दिल्ली बार काउंसिल ने वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए कथित रूप से फर्ज़ी Covid-19 रिपोर्ट देने वाले वकील का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित किया
दिल्ली बार काउंसिल ने वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए कथित रूप से फर्ज़ी Covid-19 रिपोर्ट देने वाले वकील का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित किया

बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (Bar Council of Delhi) ने एक वकील का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। वकील पर आरोप है कि उसने बार काउंसिल से वित्तीय सहायता हासिल करने के लिए अपनी फर्ज़ी Covid-19 रिपोर्ट जमा की थी। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने पाया कि यह कदाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। यह कहते हुए कि प्रयोगशाला ने पुष्टि की है कि उनके द्वारा संबंधित वकील को ऐसी कोई Covid-19 रिपोर्ट जारी नहीं की गई है, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली ने वकील का लाइसेंस निलंबित कर दिया।दिल्ली बार काउंसिल के...

केरल हाईकोर्ट
'संबंधित अधिकारी मूकदर्शक बन गए हैं': केरल उच्च न्यायालय में दहेज निषेध अधिनियम को लागू करने के लिए जनहित याचिका दायर

राज्य में दहेज हत्याओं की बढ़ती संख्या के बीच दहेज निषेध अधिनियम के सख्त और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केरल उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका दायर की गई है।यह याचिका एक शिक्षाविद डॉ. इंदिरा राजन ने दायर की है, जिन्होंने दहेज प्रथा और सरकार और अन्य अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण महिलाओं को हो रही परेशानियों पर चिंता जताई है।याचिका में कहा गया है, "दहेज एक सामाजिक कलंक है, जो महिलाओं के प्रति अकल्पनीय यातना और अपराध का कारण बनता है। इस बुराई ने समाज के सभी वर्गों की कई निर्दोष महिलाओं की...

राज्य सरकार विधवा महिला द्वारा घर से दूर रहते हुए आजीविका कमाने की कल्पना कैसे कर सकती है?: गुजरात हाईकोर्ट ने निष्कासन आदेश पर रोक लगाई
"राज्य सरकार विधवा महिला द्वारा घर से दूर रहते हुए आजीविका कमाने की कल्पना कैसे कर सकती है?": गुजरात हाईकोर्ट ने निष्कासन आदेश पर रोक लगाई

गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को गुजरात सरकार द्वारा पारित निष्कासन आदेश पर रोक लगाई, जिसमें भरूच जिले से एक विधवा महिला को शराब की तस्करी के अपराध में छह महीने की अवधि के लिए निष्कासित कर दिया गया था।न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय की खंडपीठ ने मामले में शामिल तथ्य के आधार पर राज्य सरकार से पूछा कि राज्य सरकार विधवा महिला द्वारा छह महीन से घर से दूर रहते हुए आजीविका कमाने की कल्पना कैसे कर सकती है।यह ध्यान दिया जा सकता है कि उक्त निष्कासन आदेश गुजरात पुलिस अधिनियम, 1951 की धारा 56 (ए) के तहत शक्तियों के...

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में रिमांड आदेश की वैधता तय नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगे की आरोपी गुलफिशा फातिमा की रिहाई की याचिका खारिज की
"बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में रिमांड आदेश की वैधता तय नहीं कर सकते": दिल्ली हाईकोर्ट ने दंगे की आरोपी गुलफिशा फातिमा की रिहाई की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली दंगे की आरोपी गुलफिशा फातिमा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। इसमें कहा गया था कि अदालत बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Plea) में रिमांड आदेश की वैधता तय नहीं कर सकती है।न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की खंडपीठ ने राज्य की ओर से पेश अधिवक्ता जतिन भट्ट और अतिरिक्त सरकारी वकील अमित महाजन की सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी।कथित बड़ी साजिश से संबंधित एक आरोप पर गुलफिशा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत...

अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो कोरोना की तीसरी लहर दूर नहीं: केरल हाईकोर्ट ने शराब की दुकानों के बाहर भीड़ पर टिप्पणी की
'अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो कोरोना की तीसरी लहर दूर नहीं': केरल हाईकोर्ट ने शराब की दुकानों के बाहर भीड़ पर टिप्पणी की

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को टिप्पणी की कि अगर COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन और शराब की दुकानों के बाहर भीड़ को नियंत्रित नहीं किया गया तो COVID-19 की तीसरी लहर दूर नहीं है।न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन नागरिकों को बेवको आउटलेट्स से शराब खरीदने का उचित तरीका प्रदान करने के न्यायालय के आदेश को लागू न करने के संबंध में दूसरी अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।सिंगल बेंच ने पहले यह उचित ठहराया कि शराब की दुकानों के सामने इस तरह की अनियंत्रित और लंबी कतारें लगती हैं क्योंकि केएसबीसी उन दुकानों के...

नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं करने पर कोई कठोर कार्रवाई न की जाए: केरल हाईकोर्ट ने एनबीए की याचिका पर नोटिस जारी किया
"नए आईटी नियमों का अनुपालन नहीं करने पर कोई कठोर कार्रवाई न की जाए": केरल हाईकोर्ट ने एनबीए की याचिका पर नोटिस जारी किया

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें नए आईटी नियमों को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि यह नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया के बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अनुचित रूप से प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है।जस्टिस पीबी सुरेश कुमार ने भी केंद्र सरकार को नए आईटी नियमों के तहत एनबीए के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया है।एसोसिएशन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने प्रस्तुत किया कि उच्च न्यायालय ने लाइव...

गरीब नवाज मस्जिद विध्वंस: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने द वायर रिपोर्ट पर मस्जिद समिति सचिव के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार किया
गरीब नवाज मस्जिद विध्वंस: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'द वायर' रिपोर्ट पर मस्जिद समिति सचिव के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गरीब नवाज मस्जिद समिति के सचिव मोहम्मद अनीस और बाराबंकी के एक स्थानीय निवासी मो. नईम ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया।विचाराधीन एफआईआर उनके और समाचार पोर्टल द वायर और उसके दो पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई थी, जो उत्तर प्रदेश में गरीब नवाज मस्जिद के कथित अवैध विध्वंस (रामसानेहीघाट, बाराबंकी) मुद्दे पर अपने पोर्टल पर इसकी रिपोर्टिंग की थी।न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जौहरी की खंडपीठ ने कहा कि यह...

पुलिस इन दिनों डिजिटल जानकारी, CCTV फुटेज पर विश्वास कर रही है, लेकिन उनके काम के सवाल पर इसका विवरण देने से कतराती है : एमपी हाईकोर्ट ने NDPS केस में ज़मानत स्वीकार की
पुलिस इन दिनों डिजिटल जानकारी, CCTV फुटेज पर विश्वास कर रही है, लेकिन उनके काम के सवाल पर इसका विवरण देने से कतराती है : एमपी हाईकोर्ट ने NDPS केस में ज़मानत स्वीकार की

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने थाने के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों के संबंध में पुलिस के संस्करण में विरोधाभास पाते हुए एनडीपीएस मामले के संबंध में एक आरोपी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने यह आदेश यह देखते हुए दिया कि पुलिस आजकल सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल जानकारी के उपयोग पर निर्भर है, मगर जब अपने स्वयं के कामकाज की बात आती है, तो वह विवरण देने से कतराती है।न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा:"यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि तकनीकी प्रगति के कारण पुलिस आजकल आरोपी व्यक्तियों को अपराध से जोड़ने के...

आनंद विवाह अधिनियम: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिख विवाह के लिए नियम अधिसूचित करने के निर्देश की मांग करने वाली याचिका पर राज्य को नोटिस जारी किया
आनंद विवाह अधिनियम: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सिख विवाह के लिए नियम अधिसूचित करने के निर्देश की मांग करने वाली याचिका पर राज्य को नोटिस जारी किया

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य सरकार को एक याचिका पर नोटिस जारी कर आग्रह किया कि राज्य सरकार को आनंद विवाह अधिनियम, 1909 के तहत नियमों को अधिसूचित करना चाहिए।मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने राज्य को याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।पक्षकार अमनजोत सिंह चड्ढा द्वारा व्यक्तिगत रूप से दायर की गई याचिका में कहा गया कि अधिनियम धारा छह के तहत राज्य सरकार पर आनंद विवाह के पंजीकरण के लिए नियम बनाने के लिए एक कर्तव्य डालता है, क्योंकि आनंद...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कस्टडी के मामले में बच्चे के हाथ से लिखे पत्र पर विश्वास जताया, नहीं सौंपी माँ को बच्चे की कस्टडी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कस्टडी के मामले में बच्चे के हाथ से लिखे पत्र पर विश्वास जताया, नहीं सौंपी माँ को बच्चे की कस्टडी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह दोहराया कि कस्टडी के मामलों में बच्चे की भलाई पर अत्यधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। तदनुसार, इसने उपेक्षा और दुर्व्यवहार के संबंध में बच्चे के हाथ से लिखे पत्र के आधार पर एक बच्चे को उसकी मां की कस्टडी से हटाने के आदेश को बरकरार रखा।न्यायमूर्ति शिवकांत प्रसाद ने कहा कि एक नाबालिग की भलाई अन्य सभी विचारों को देखकर हो पाएगा,"इस प्रकार, बच्चे की कस्टडी के मामले में यह अच्छी तरह से स्थापित कानून है कि सर्वोपरि विचार बच्चे की भलाई है न कि माता-पिता का अधिकार।"उन्होंने...

केरल हाईकोर्ट ने हेबियस कॉर्पस याचिका मामले में महिला और उसके बेटे को चरमपंथी संगठनों द्वारा कस्टडी में रखने के मीडिया रिपोर्टों पर दु:ख और निराशा व्यक्त की
केरल हाईकोर्ट ने हेबियस कॉर्पस याचिका मामले में महिला और उसके बेटे को चरमपंथी संगठनों द्वारा कस्टडी में रखने के मीडिया रिपोर्टों पर दु:ख और निराशा व्यक्त की

केरल हाईकोर्ट ने बुधवार को मीडिया रिपोर्टों पर अपनी निराशा व्यक्त की जिसमें कहा गया कि महिला और उसके बेटे को चरमपंथी निकायों की कस्टडी में रखा गया है। अदालत ने महिला के पति की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी किया था।पति ने अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी और बेटे को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया और अवैध रूप से कस्टडी में रखा गया था। कोर्ट को बाद में यह पता चला कि महिला ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया था।कोर्ट ने इसके बाद नोटिस जारी किया था। कोर्ट...

सीआरपीसी की धारा 438 के तहत जुवेनाइल की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 438 के तहत जुवेनाइल की अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 438 के तहत एक किशोर द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है; जमानती या गैर-जमानती अपराध में किशोर को जमानत दी जाती है, चाहे सीआरपीसी के तहत कुछ और भी हो।न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज ने कहा कि,"सीआरपीसी की धारा 438 के प्रावधानों को गिरफ्तारी की आशंका वाले व्यक्ति को जमानत देने के लिए उपयोग जाता है। सीआरपीसी की धारा 438 के प्रावधानों को अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के साथ पढ़ने से पता चलता है कि किशोर को गिरफ्तार नहीं किया जा...

कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वाद सूची, केस स्टेटस आदि पर जानकारी प्रदान करने के लिए टेलीग्राम चैनल लॉन्च करने की घोषणा की
कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वाद सूची, केस स्टेटस आदि पर जानकारी प्रदान करने के लिए टेलीग्राम चैनल लॉन्च करने की घोषणा की

कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय एस ओका ने गुरुवार को बार और वादियों को एक पत्र के माध्यम से एक टेलीग्राम चैनल शुरू करने की घोषणा की। यह चैनल राज्य के 30 जिलों के हाईकोर्ट और जिला न्यायपालिका की सेवा करेगा। इसके अलावा, हाईकोर्ट के लिए एक 'टेलीग्राम चैटबॉट' भी विकसित किया गया है । इसे 'कर्नाटक हाईकोर्ट वर्चुअल केस इंफॉर्मेशन सर्विसेज' (HCKChatBot) नाम दिया गया है।टेलीग्राम चैनल विभिन्न ई-कोर्ट सेवाओं जैसे कि वाद सूची, केस स्टेटस, दैनिक सूचनाएं, हाईकोर्ट के डिस्प्ले बोर्ड और कर्नाटक...

केरल हाईकोर्ट
"महिला स्वेच्छा से इस्लाम में परिवर्तित हुई": केरल हाईकोर्ट ने पत्नी और बेटे की अवैध कस्टडी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में पति द्वारा दायर हेबियस कॉर्पस की याचिका खारिज की

केरल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति ज़ियाद रहमान एए की खंडपीठ ने बुधवार को एक व्यक्ति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसकी पत्नी और बेटे को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया और अवैध रूप से कस्टडी में रखा गया है। दरअसल, कोर्ट को पता चला कि महिला ने खुद की इच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।याचिकाकर्ता गिल्बर्ट पीटी (पूर्व माकपा कार्यकर्ता) ने 29 जून 2021 को एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें कोझीकोड के एक धार्मिक संस्थान, थेरबियाथुल इस्लाम...

वैवाहिक क्रूरता : आखिर पुलिस क्यों महिला को उसके पति के घर वापस जाने के लिए  मजबूर कर रही है?, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगा
वैवाहिक क्रूरता : आखिर पुलिस क्यों महिला को उसके पति के घर वापस जाने के लिए मजबूर कर रही है?", इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से जवाब मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अलीगढ़ और कासगंज के पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा कि एक महिला को उसके पति द्वारा प्रताड़ित करके उसके ससुराल से बाहर निकालने के बाद पुलिस क्यों उस महिला को उसके पति के घर जाने के लिए मजबूर कर रही है।न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की पीठ ने कहा: "याचिकाकर्ता प्रथम दृष्टया एक अकेली महिला है, जिसके पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है और अब उसे अपने पति के पास वापस जाने के लिए पुलिस सहित उत्तरदाताओं के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जहां वह...

शांति, प्रगति और सुशासन सुनिश्चित करें: 58 वकीलों, शोधकर्ताओं ने राष्ट्रपति से लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 के मसौदे को वापस लेने का आग्रह किया
'शांति, प्रगति और सुशासन सुनिश्चित करें': 58 वकीलों, शोधकर्ताओं ने राष्ट्रपति से लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 के मसौदे को वापस लेने का आग्रह किया

58 वकीलों और शोधकर्ताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 (LDAR) के मसौदे को वापस लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र लिखकर केंद्र शासित प्रदेश के नागरिकों के हित और भलाई की अपील की है।पत्र में लिखा गया है, "मसौदा LDAR लक्षद्वीप की सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय वास्तविकताओं से असंबद्ध है। हम पाते हैं कि LDAR का मसौदा न केवल सुशासन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामान्य कल्याण के संरक्षण और प्रचार के घोषित उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहता...