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बॉम्बे हाईकोर्ट ने 6 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी की मौत की सजा को 25 साल की कैद में बदला
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 6 साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी की मौत की सजा को 25 साल की कैद में बदला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को छह साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के 36 साल के दोषी की मौत की सजा को 25 साल की निश्चित कारावास में बदल दिया। खंडपीठ ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा देते समय दोषी की पृष्ठभूमि और किसी भी पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड की अनुपस्थिति सहित सज़ा कम करने वाले कारकों पर विचार नहीं किया। अदालत ने कहा,“ इसमें कोई शक नहीं कि यह मामला 6 साल की एक नाबालिग के साथ पहले बलात्कार, अप्राकृतिक यौनाचार और फिर उसकी हत्या का है। इसमें कोई शक नहीं कि हत्या भी क्रूर तरीके से की गई है....

विवाद का बदला लेने के लिए पिता द्वारा नाबालिग बेटी की इज्जत दांव पर लगाना स्वाभाविक नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि बरकरार रखी
'विवाद का बदला लेने के लिए पिता द्वारा नाबालिग बेटी की इज्जत दांव पर लगाना स्वाभाविक नहीं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि बरकरार रखी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में 8 वर्षीय लड़की के खिलाफ बलात्कार के अपराध को अंजाम देने के आरोपी व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा, क्योंकि उसने देखा कि किसी भी पिता के लिए पिछले विवाद का बदला लेने के लिए अपनी नाबालिग बेटी के सम्मान को दांव पर लगाना स्वाभाविक नहीं है। वह भी झूठा आरोप लगाकर कि उसके साथ बलात्कार हुआ है।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस राजेंद्र कुमार-चतुर्थ की खंडपीठ ने आरोपी द्वारा दायर अपील खारिज कर दी। खंडपीठ ने यह निष्कर्ष निकाला कि ट्रायल कोर्ट ने सबूतों की उचित सराहना के बाद...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में गलती से लिखे गए पूर्व पति के नाम से संबंधित मामले में फंसी महिला को राहत दी
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट में गलती से लिखे गए पूर्व पति के नाम से संबंधित मामले में फंसी महिला को राहत दी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 साल के बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट पर पिता का नाम सही करने में नवी मुंबई नगर निगम की अनिच्छा पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए नगर निकाय को बर्थ सर्टिफिकेट में महिला के पूर्व पति के नाम को तुरंत बच्चे के जैविक पिता के नाम से बदलने का निर्देश दिया।जस्टिस जीएस पटेल और जस्टिस कमल खाता ने एनएमएमसी और मजिस्ट्रेट के समक्ष मां के असफल प्रयासों के बारे में कहा,"हम स्वीकार करते हैं कि हम नगर निगम और इस मामले में जेएमएफसी के दृष्टिकोण को समझने में असमर्थ हैं।"इस मामले में तथ्य बेहद अजीबोगरीब...

सनातन धर्म शाश्वत कर्तव्यों का एक समूह, जबकि‌ फिलहाल ऐसा विचार सामने आ रहा है कि यह जातिवाद और अस्पृश्यता को बढ़ावा देने वाला: मद्रास हाईकोर्ट
'सनातन धर्म' शाश्वत कर्तव्यों का एक समूह, जबकि‌ फिलहाल ऐसा विचार सामने आ रहा है कि यह जातिवाद और अस्पृश्यता को बढ़ावा देने वाला: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि "सनातन धर्म" शाश्वत कर्तव्यों का एक समूह है, जिसमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, राजा के प्रति कर्तव्य, माता-पिता और गुरुओं के प्रति कर्तव्य आदि शामिल हैं और उस संदर्भ में, सनातन धर्म के विरोध का अर्थ ये होगा कि ये सभी कर्तव्य नष्ट होने योग्य थे। कोर्ट ने कहा,"आम तौर पर सनातन धर्म को 'शाश्वत कर्तव्यों' के एक समूह के रूप में समझा जाता है, और इसे एक विशिष्ट साहित्य में नहीं खोजा जा सकता है....इसमें राष्ट्र के प्रति कर्तव्य, राजा के प्रति कर्तव्य, राजा का अपनी...

बॉम्बे हाईकोर्ट के जज ने पक्षपात का आरोप लगाने वाला पत्र मिलने के बाद खुद को सुनवाई से अलग किया, सीबीआई को पत्र भेजने वाले की जांच करने का आदेश दिया
बॉम्बे हाईकोर्ट के जज ने पक्षपात का आरोप लगाने वाला पत्र मिलने के बाद खुद को सुनवाई से अलग किया, सीबीआई को पत्र भेजने वाले की जांच करने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस भारती डांगरे ने पक्षपात का आरोप लगाने वाला एक पत्र मिलने के बाद आपराधिक पुनर्विचार आवेदन पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, लेकिन उन्होंने खुद को अलग करने के लिए कारण बताए हैं। इसके साथ ही कड़े शब्दों में दिए गए आदेश में सीबीआई से कार्रवाई करने का आग्रह किया।हाईकोर्ट ने कहा,“कारण का खुलासा किए बिना मेरे लिए पीछे हटने का विकल्प खुला है, लेकिन अब समय आ गया है कि असंतुष्ट तत्वों को कुछ जवाब दिया जाए, जो अपने बेईमान कृत्यों से सिस्टम को परेशान करना जारी रखते हैं। साथ ही एक...

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने CLAT आयोजित करने की पेशकश की, कहा- NLU कंसोर्टियम गैर-वैधानिक निकाय
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने CLAT आयोजित करने की पेशकश की, कहा- NLU कंसोर्टियम गैर-वैधानिक निकाय

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को लॉ स्कूलों में एडमिशन के लिए कॉमन लॉ एंट्रेंस टेस्ट (CLAT) आयोजित करने की पेशकश की। शीर्ष वकीलों के निकाय ने कहा कि उसके पास कई क्षेत्रीय भाषाओं में CLAT आयोजित करने की व्यवस्था है, जैसा कि उसने AIBE (अखिल भारतीय बार परीक्षा) के लिए किया था।एग्जाम वर्तमान में एनएलयू के कंसोर्टियम द्वारा रोटेशनल आधार पर आयोजित की जाती है। बीसीआई ने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के बीच इस व्यवस्था को कोई वैधानिक मान्यता नहीं है। इसमें कहा गया कि बीसीआई लॉ एजुकेशन के क्षेत्र में...

रेस जुडिकाटा| सिविल कोर्ट योग्यता के आधार पर फैसला सुनाते समय कार्रवाई के समान कारण पर नया मुकदमा दायर करने की स्वतंत्रता नहीं दे सकता: केरल हाईकोर्ट
रेस जुडिकाटा| सिविल कोर्ट योग्यता के आधार पर फैसला सुनाते समय कार्रवाई के समान कारण पर नया मुकदमा दायर करने की स्वतंत्रता नहीं दे सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि किसी सिविल कोर्ट को ही यह अनुमति नहीं होती कि कार्रवाही के एक ही कारण पर योग्यता के आधार पर डिक्री पारित करते समय एक नया मुकदमा दायर करने की स्वतंत्रता दे या कार्रवाई के उसी कारण पर एक नया मुकदमा स्थापित करने में किसी भी वैधानिक बाधा को हटा दे।जस्टिस पी सोमराजन ने बताया कि नया मुकदमा दायर करने की स्वतंत्रता केवल आदेश XXIII नियम 1 और 2 सीपीसी के तहत दी जा सकती है, जबकि उस प्रावधान के तहत मुकदमा वापस लेने की अनुमति मांगने के लिए एक आवेदन प्रस्तुत किया जाता...

70% मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस इंटर्न को स्टाइपेंड नहीं दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमिशन से जवाब मांगा
70% मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस इंटर्न को स्टाइपेंड नहीं दे रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल मेडिकल कमिशन से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (15 सितंबर) को नेशनल मेडिकल कमिशन (National Medical Commission) को उस शिकायत का जवाब देने का निर्देश दिया कि 70 प्रतिशत मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टरों को कोई स्टाइपेंड (Stipend) नहीं देते हैं या न्यूनतम निर्धारित स्टाइपेंड नहीं दे रहे हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) को एक सारणीबद्ध चार्ट दाखिल करने और यह बताने का निर्देश दिया कि(i) क्या मेडिकल इंटर्न के लिए स्टाइपेंड की कमी के बारे में...

माता-पिता की गलती बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र से हमेशा के लिए वंचित नहीं कर सकती : कर्नाटक हाईकोर्ट
माता-पिता की गलती बच्चे को जन्म प्रमाण पत्र से हमेशा के लिए वंचित नहीं कर सकती : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक याचिका स्वीकार कर ली, जिसमें नगर निकाय को याचिकाकर्ता का नाम उसके जन्म प्रमाण पत्र में डालने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि 'माता-पिता की गलती से बच्चे को नुकसान नहीं हो सकता।' जस्टिस सूरज गोविंदराज ने नागरिक निकाय का दावा रद्द कर दिया और कहा कि याचिकाकर्ता की पहचान और पितृत्व विवादित नहीं है और इसलिए उसे अपने नाम से जन्म प्रमाण पत्र देने से इनकार नहीं किया जा सकता।बेंच ने कहा,"जब याचिकाकर्ता की पहचान विवाद में नहीं है, पितृत्व विवाद में नहीं है...

स्वावलंबी सारथी योजना की सांप्रदायिक कवरेज| कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुधीर चौधरी को अंतरिम सुरक्षा दी, लेकिन कहा कि उनकी रिपोर्ट अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत पैदा कर सकती है
स्वावलंबी सारथी योजना की सांप्रदायिक कवरेज| कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुधीर चौधरी को अंतरिम सुरक्षा दी, लेकिन कहा कि उनकी रिपोर्ट अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत पैदा कर सकती है

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि समाचार चैनल आज तक के न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ राज्य की 'स्वावलंबी सारथी योजना' के कथित सांप्रदायिक कवरेज का प्रथम दृष्टया मामला बनता है। उक्त योजना के तहत वाहनों की खरीद के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों को सब्सिडी दी जाती है।हालांकि, जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की एकल पीठ ने कहा कि हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है और इसलिए कर्नाटक पुलिस से कहा कि अगले सप्ताह मामले के अंतिम निस्तारण तक चौधरी के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाए। आजतक ने भी एक अलग याचिका में...

पूरी तरह गलत: गुजरात हाईकोर्ट ने सभी धार्मिक समुदायों के लिए अंत्येष्टि भूमि की मांग संबंधी दूसरी जनहित याचिका खारिज की, याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया
'पूरी तरह गलत': गुजरात हाईकोर्ट ने सभी धार्मिक समुदायों के लिए अंत्येष्टि भूमि की मांग संबंधी 'दूसरी' जनहित याचिका खारिज की, याचिकाकर्ता पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया

गुजरात हाईकोर्ट ने आज एक जनहित याचिका को खारिज किया, जिसमें राज्य में विभिन्न धार्मिक समुदायों के मृतकों की अंत्येष्टि के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने देखा कि याचिकाकर्ता ने पहले भी ऐसी ही राहत के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी और बाद में उसे वापस के रूप में खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस अनिरुद्ध पी मायी ने कहा,"याचिकाकर्ता की ओर से उसी राहत के लिए दायर की गई पूरी तरह...

केवल विकलांगता किसी व्यक्ति को कोई भी पेशा अपनाने या व्यवसाय करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं करती: दिल्ली हाईकोर्ट
केवल विकलांगता किसी व्यक्ति को कोई भी पेशा अपनाने या व्यवसाय करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं करती: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि केवल विकलांगता किसी व्यक्ति को कोई पेशा अपनाने या कोई धन्‍धा, व्यापार या व्यवसाय करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं करती। जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा, "इस प्रकार यह पूरी तरह से प्रतिगामी होगा, विकलांगता से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को कोई भी व्यापार या व्यवसाय करने के अधिकार से वंचित करना अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत दी गई संवैधानिक गारंटी का अपमान होगा।"अदालत ने एक किरायेदार की दुकान के संबंध में मकान मालिक के पक्ष में किराया नियंत्रक द्वारा पारित बेदखली आदेश को...

शरीर के निचले अंग की दिव्यांगता से प्रभावित वकील के अदालतों के बीच आवाजाही करने से उसकी आय पर असर पड़ता है: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोटर एक्सीडेंट मुआवजा बढ़ाया
शरीर के निचले अंग की दिव्यांगता से प्रभावित वकील के अदालतों के बीच आवाजाही करने से उसकी आय पर असर पड़ता है: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मोटर एक्सीडेंट मुआवजा बढ़ाया

कर्नाटक हााईकोर्ट ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल द्वारा वकील को दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ा दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि शरीर के निचले अंग की दिव्यांगता निश्चित रूप से क्लाइंट की कुशलतापूर्वक मदद करने और अदालतों के बीच तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की उनकी क्षमता में बाधा डालती है, जिससे उनकी आय और पेशेवर जिम्मेदारियों पर असर पड़ सकता है।जस्टिस के सोमशेखर और जस्टिस उमेश एम अडिगा की खंडपीठ ने 66 वर्षीय वकील द्वारा दायर अपील आंशिक रूप से स्वीकार कर ली और मुआवजे की राशि बढ़ाकर...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट प्रावधान न होने के बावजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के ट्रांसफर को बरकरार रखा, उसके समस्याग्रस्त रवैये का हवाला दिया
कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्पष्ट प्रावधान न होने के बावजूद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के ट्रांसफर को बरकरार रखा, उसके समस्याग्रस्त "रवैये" का हवाला दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने योजना और नियमों के तहत स्पष्ट प्रावधान न होने के के बावजूद एक 'आंगनवाड़ी कार्यकर्ता' (अपीलकर्ता) के स्थानांतरण को बरकरार रखा।अपीलकर्ता का तर्क था कि उसका स्थानांतरण कानून की दृष्टि से गलत है, क्योंकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती के लिए पश्चिम बंगाल सरकार, महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग की ओर से 25 जनवरी 2006 को जारी विज्ञापन में ट्रांसफर के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया था, और यह निर्धारित किया गया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में केवल 'स्थानीय महिलाओं' को ही नियुक्त...

बलात्कार पीड़िता को गर्भ जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को 19 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात कराने की अनुमति दी
'बलात्कार पीड़िता को गर्भ जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता': गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को 19 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात कराने की अनुमति दी

गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की 19 सप्ताह की गर्भावस्था को मेडिकल रूप से समाप्त करने की अनुमतिदी। कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि यदि पीड़िता अनिच्छुक है तो उसे अपनी गर्भावस्था जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। जस्टिस समीर जे. दवे की पीठ ने 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की बड़ी बहन द्वारा 17 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।याचिका पर 9 सितंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लड़की की जांच करने और कोर्ट को...

पत्नी से लंबे समय तक अलग रहने के बाद दूसरी महिला के साथ रह रहा पति क्रूरता साबित होने पर तलाक से इनकार करने का आधिकारी नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट
पत्नी से लंबे समय तक अलग रहने के बाद दूसरी महिला के साथ रह रहा पति 'क्रूरता' साबित होने पर तलाक से इनकार करने का आधिकारी नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी पत्नी से लंबे समय तक अलग रहने और तलाक की याचिका लंबित रहने के दौरान पुनर्मिलन की कोई संभावना नहीं होने के बाद दूसरी महिला के साथ रहने वाला पति क्रूरता के सिद्ध आधारों पर पत्नी को तलाक मांगने से वंचित नहीं कर सकता।जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने कहा कि पत्नी द्वारा आपराधिक मामलों में लगाए गए क्रूरता के आरोपों को तलाक की कार्यवाही में प्रमाणित किया जाना चाहिए।खंडपीठ ने कहा कि पति के खिलाफ विभिन्न एजेंसियों में अस्पष्ट आरोपों के साथ...

निर्णय में त्रुटि कदाचार नहीं: नियोक्ता की ओर से अस्वीकार्य लोक अदालत समझौता करने के लिए कर्मचारी को बर्खास्त करने पर गुजरात हाईकोर्ट ने कहा
'निर्णय में त्रुटि कदाचार नहीं': नियोक्ता की ओर से 'अस्वीकार्य' लोक अदालत समझौता करने के लिए कर्मचारी को बर्खास्त करने पर गुजरात हाईकोर्ट ने कहा

गुजरात हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि लोक अदालत में सेटलमेंट क्लेम पर हस्ताक्षर करना कदाचार की श्रेणी में नहीं आता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया, भले ही किसी कर्मचारी के कार्य निर्णय में त्रुटि या कर्तव्यों में लापरवाही प्रतीत होते हों, लेकिन ऐसे कार्य तब तक कदाचार नहीं माने जाएंगे, जब तक कि कंपनी यह न दिखा सके कि उन्हें उन कार्यों से अपूरणीय क्षति हुई है।कोर्ट ने इस प्रकार ऐसे मामलों में लापरवाही की गंभीरता को स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस एनवी...

नूंह हिंसा: हरियाणा पुलिस ने कांग्रेस विधायक मम्मन खान को आरोपी बनाया, हाईकोर्ट ने हिंसा की एसआईटी जांच के लिए उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया
नूंह हिंसा: हरियाणा पुलिस ने कांग्रेस विधायक मम्मन खान को आरोपी बनाया, हाईकोर्ट ने हिंसा की एसआईटी जांच के लिए उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कांग्रेस विधायक मम्मन खान द्वारा नूंह में हुई हिंसा की घटनाओं की एसआईटी जांच की मांग को लेकर याचिका दायर करने कुछ दिनों बाद हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह भी इस मामले में एक नामित आरोपी हैं।खान ने अपनी याचिका में उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की है, जिसमें पुलिस डायरेक्टर जनरल स्तर से नीचे के अधिकारी न हों। उन्होंने जांच लंबित रहने के दौरान दंडात्मक कदमों से सुरक्षा की भी मांग की है।हालांकि, सुनवाई के दौरान उन्हें पता चला कि...

हापुड में वकीलों पर लाठीचार्ज का मामला : सरकार के दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित/स्थानांतरित करने के बाद यूपी बार काउंसिल ने हड़ताल वापस ली
हापुड में वकीलों पर लाठीचार्ज का मामला : सरकार के दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित/स्थानांतरित करने के बाद यूपी बार काउंसिल ने हड़ताल वापस ली

उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने गुरुवार को राज्य के वकीलों की चिंताओं और मांगों के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव के साथ एक सफल वार्ता के बाद अपनी चल रही राज्यव्यापी हड़ताल को समाप्त करने और आज से काम फिर से शुरू करने का फैसला किया। वकील पिछले महीने हापुड जिले में वकीलों पर कथित पुलिस लाठीचार्ज का विरोध कर रहे हैं और वे दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ अधिवक्ता संरक्षण कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं। वकीलों ने घायल वकीलों के लिए मुआवजे के साथ ही उन पर पर दर्ज मुकदमे वापस लेने...

नौकरी घोटाला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभिषेक बनर्जी, उनकी फर्म लीप्स एंड बाउंड्स से जुड़े निदेशकों की संपत्तियों पर ईडी से रिपोर्ट मांगी
नौकरी घोटाला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभिषेक बनर्जी, उनकी फर्म 'लीप्स एंड बाउंड्स' से जुड़े निदेशकों की संपत्तियों पर ईडी से रिपोर्ट मांगी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो ("सीबीआई") और प्रवर्तन निदेशालय ("ईडी") को भर्ती-घोटाले के आरोपी एआईटीसी सांसद अभिषेक बनर्जी से जुड़ी कंपनी 'लीप्स एंड बाउंड्स' के सीईओ और निदेशकों के नाम और संपत्ति के नाम पेश करने का निर्देश दिया। कंपनी के दफ्तरों पर पिछले महीने केंद्रीय एजेंसियों ने छापेमारी की थी। आरोप है कि कंपनी का इस्तेमाल बड़ी रकम हड़पने के लिए किया जा रहा था।जस्टिस अमृता सिन्हा की एकल पीठ ने आगे निर्देश दिया कि कैश-फॉर-जॉब घोटाले से कथित तौर पर जुड़े सभी फिल्म-उद्योग...