'बलात्कार पीड़िता को गर्भ जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता': गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को 19 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात कराने की अनुमति दी

Sharafat

15 Sep 2023 7:30 AM GMT

  • बलात्कार पीड़िता को गर्भ जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता: गुजरात हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को 19 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात कराने की अनुमति दी

    गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की 19 सप्ताह की गर्भावस्था को मेडिकल रूप से समाप्त करने की अनुमतिदी। कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि यदि पीड़िता अनिच्छुक है तो उसे अपनी गर्भावस्था जारी रखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

    जस्टिस समीर जे. दवे की पीठ ने 16 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की बड़ी बहन द्वारा 17 सप्ताह से अधिक के गर्भ को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

    याचिका पर 9 सितंबर को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने लड़की की जांच करने और कोर्ट को रिपोर्ट सौंपने के लिए जीईएमआरएस मेडिकल कॉलेज और जनरल हॉस्पिटल वडनगर के डॉक्टरों का एक मेडिकल पैनल गठित किया।

    न्यायालय के आदेश के अनुसार, 9 सितंबर को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई जिसमें कहा गया कि लड़की को 18 सप्ताह और 5 दिन (8 सितंबर, 2023 तक) का गर्भ है और वह हाई रिस्क पर है। इसमें आगे कहा गया है कि यदि टर्मिनेशन के लिए मेडिकल इंतज़ाम विफल हो जाता है तो मॉर्बिडिटी और मृत्यु का अतिरिक्त जोखिम होगा और सर्जरी होने की आवश्यकता होने पर इंफेक्शन का रिस्क भी होगा।

    अदालत ने रिपोर्ट पर गौर करते हुए आज आवेदक के वकील से यह पता लगाने के लिए कहा कि क्या पीड़ित का परिवार टर्मिनेशन प्रक्रिया में हाई रिस्क होने के बावजूद टर्मिनेशन के लिए तैयार है। पीड़ित परिवार से परामर्श करने के बाद वकील ने पीठ को सूचित किया कि वे टर्मिनेशन के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं।

    न्यायालय ने गर्भावस्था को समाप्त करने की उनकी प्रवृत्ति को देखते हुए एक्स बनाम प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, एनसीटी दिल्ली सरकार 2022 लाइव लॉ (एससी) 809 के मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का जिक्र करते हुए निम्नलिखित दिशानिर्देश पारित किया :

    * जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और जनरल अस्पताल, वडनगर को निर्देश दिया जाता है कि वह पीड़ित लड़की की गर्भावस्था की मेडिकल टर्मिनेशन की प्रक्रिया जल्द से जल्द और किसी भी मामले में एक सप्ताह की अवधि के भीतर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

    * प्रतिवादी नंबर 3- पुलिस निरीक्षक, कडी पुलिस स्टेशन, महेसाणा को तत्काल आधार पर आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है, ताकि पीड़ित लड़की की गर्भावस्था की मेडिकल टर्मिनेशन की प्रक्रिया शुरू की जा सके और एक सप्ताह की अवधि के भीतर समाप्त की जा सके।

    * यह अपेक्षा की जाती है कि संबंधित प्रतिवादी अधिकारी आवश्यक देखभाल, संवेदनशीलता और सावधानी बरतेंगे ताकि पीड़ित लड़की की उम्र के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसकी गर्भावस्था की मेडिकल टर्मिनेशन की प्रक्रिया सुचारू रूप से की जा सके। .

    इसके अलावा अदालत ने प्रतिवादी पुलिस अधिकारियों को आगामी मुकदमे में साक्ष्य के रूप में उपयोग करने के उद्देश्य से भ्रूण से ऊतक निकालकर डीएनए परीक्षण रिपोर्ट को संरक्षित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का भी निर्देश दिया।

    उपरोक्त निर्देशों के साथ याचिका का निस्तारण कर दिया गया।


    केस टाइटल - XYZ बनाम गुजरात राज्य

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