स्वावलंबी सारथी योजना की सांप्रदायिक कवरेज| कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुधीर चौधरी को अंतरिम सुरक्षा दी, लेकिन कहा कि उनकी रिपोर्ट अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत पैदा कर सकती है

Avanish Pathak

15 Sep 2023 10:53 AM GMT

  • स्वावलंबी सारथी योजना की सांप्रदायिक कवरेज| कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुधीर चौधरी को अंतरिम सुरक्षा दी, लेकिन कहा कि उनकी रिपोर्ट अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत पैदा कर सकती है

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि समाचार चैनल आज तक के न्यूज़ एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ राज्य की 'स्वावलंबी सारथी योजना' के कथित सांप्रदायिक कवरेज का प्रथम दृष्टया मामला बनता है।

    उक्त योजना के तहत वाहनों की खरीद के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों को सब्सिडी दी जाती है।

    हालांकि, जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की एकल पीठ ने कहा कि हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है और इसलिए कर्नाटक पुलिस से कहा कि अगले सप्ताह मामले के अंतिम निस्तारण तक चौधरी के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाए। आजतक ने भी एक अलग याचिका में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज दोनों याचिकाओं पर एक सामान्य आदेश पारित किया गया।

    जज ने आज सुनवाई के पहले चरण में मौखिक रूप से कहा, " (न्यूज़ रिपोर्ट में) विशेष आरोप यह था कि सरकार केवल अल्पसंख्यकों को स्कीम का लाभ प्रदान कर रही है और हिंदुओं को वंचित कर रही है। यह प्रथम दृष्टया जांच का मामला बनता है।"

    मामले को अंतिम निस्तारण के लिए अगले बुधवार तक के लिए स्थगित करते हुए कोर्ट ने कहा, "हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। कोई भी त्वरित कार्रवाई न करें।"

    चौधरी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक उत्पात फैलाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन अपराधों के लिए 3 साल की जेल की सजा का प्रावधान है।

    चौधरी की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट उदय होल्ला ने दावा किया कि कथित समाचार रिपोर्ट में केवल यह उल्लेख किया गया है कि बजट में सरकार ने दावा किया था कि यह योजना अल्पसंख्यकों और एससी/एसटी समुदायों के लिए खुली होगी, लेकिन जब योजना की घोषणा की गई, तो यह केवल अल्पसंख्यकों तक ही सीमित थी।

    हालांकि, हाईकोर्ट ने बताया कि ऐसा स्पष्टीकरण केवल बाद के प्रसारण में दिया गया था। प्रारंभिक रिपोर्ट में केवल यह उल्लेख किया गया था कि प्रोत्साहन केवल अल्पसंख्यक समुदाय को दिया जा रहा है, हिंदुओं को नहीं।

    कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा,

    "मीडिया की भूमिका जानकारी प्रदान करना है। लेकिन यह जानकारी प्रदान करने का तरीका नहीं है... औसत आदमी के मन में अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत विकसित हो सकती है, कह सकता है कि उन्हें (प्रोत्साहन) दिया गया है, मुझे नहीं।" ..ऐसा नहीं है कि लाभ केवल अल्पसंख्यकों को दिया जाता है...यहां तक कि कॉर्पोरेट संस्थाओं को भी (प्रोत्साहन दिया जाता है) भी...यह केवल अल्पसंख्यकों तक ही सीमित नहीं है।''

    एफआईआर में कहा गया है कि 11 सितंबर को एक न्यूज़ प्रोग्राम में चौधरी ने दावा किया कि कर्नाटक सरकार केवल अल्पसंख्यकों को योजना का लाभ प्रदान कर रही है, गैर-अल्पसंख्यक हिंदुओं को नहीं और वह राज्य में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण कर रही है। कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया पर इस रिपोर्ट का खंडन किया और कहा कि यह योजना पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई थी।

    रिपोर्ट में टिप्पणियां कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड की 'स्वावलंबी सारथी योजना' के संबंध में थीं, जिसके तहत वाहनों की खरीद के लिए धार्मिक अल्पसंख्यकों को सब्सिडी दी जाती है।

    एफआईआर कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड के प्रशासनिक अधिकारी की शिकायत पर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि सुधीर चौधरी ''ऐसी खबरें प्रकाशित कर राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे हैं।''

    सुनवाई का लाइव अपडेट यहां पढ़े

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