मुख्य सुर्खियां

फैमिली कोर्ट एक्ट, 1984 की धारा 19 | सीआरपीसी की धारा 125 के तहत फैमिली कोर्ट का आदेश अपील योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
फैमिली कोर्ट एक्ट, 1984 की धारा 19 | सीआरपीसी की धारा 125 के तहत फैमिली कोर्ट का आदेश अपील योग्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत फैमिली कोर्ट द्वारा पारित आदेश फैमिली कोर्ट एक्ट, 1984 की धारा 19 के तहत हाईकोर्ट के समक्ष अपील योग्य नहीं है।जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने फैमिली कोर्ट एक्ट, 1984 की धारा 19 का जिक्र करते हुए कहा,"उप-धारा (2) में दिए गए अनुसार सहेजें" शब्दों का उपयोग करके संसद ने अधिनियम की धारा 19(1) के तहत बनाए गए अपील के अधिकार के संबंध में धारा 19 की उप-धारा (2) की सर्वोच्चता के बारे...

UPVAT Rules | छूट/कटौती का लाभ देने से पहले अपनाना होगा सख्त रुख: इलाहाबाद हाईकोर्ट
UPVAT Rules | छूट/कटौती का लाभ देने से पहले अपनाना होगा सख्त रुख: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि यद्यपि संदेह की स्थिति में टैक्स लगाने की व्याख्या निर्धारिती के पक्ष में की जानी चाहिए। हालांकि, छूट और कटौतियों का लाभ देने से पहले सख्त रुख अपनाने की जरूरत है।जस्टिस शेखर बी. सराफ ने कहा,“टैक्स लगाने के क़ानून में क़ानून का सामान्य नियम यह है कि किसी भी संदेह की स्थिति में करदाता को लाभ दिया जाना चाहिए। हालांकि, दी जाने वाली छूट और कटौती के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अनुसार, यह जांचने के लिए सख्त दृष्टिकोण अपनाया जा सकता है कि निर्धारिती इस तरह के लाभ...

अदालत ए एंड सी एक्ट की धारा 36(3) के तहत अवार्ड पर बिना शर्त रोक नहीं लगा सकती, जब तक कि प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का मामला न हो: दिल्ली हाईकोर्ट
अदालत ए एंड सी एक्ट की धारा 36(3) के तहत अवार्ड पर बिना शर्त रोक नहीं लगा सकती, जब तक कि प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का मामला न हो: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि अदालत ए एंड सी एक्ट की धारा 36(3) के तहत अवार्ड पर बिना शर्त रोक नहीं लगा सकती, जब तक कि प्रथम दृष्टया यह मामला न बन जाए कि अवार्ड देना धोखाधड़ी से हुआ है।जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने भारत में जड़ें न रखने वाली विदेशी संस्था के पक्ष में स्टे देने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने पाया कि उसके पास ऐसी कोई संपत्ति नहीं है, जिसे आर्बिट्रल अवार्ड के प्रवर्तन पर रोक लगाने के लिए सुरक्षा के रूप में पेश किया जा सके। इसके अलावा, यह आर्बिट्रल अवार्ड का एक हिस्सा भी जमा करने को...

साख की हानि को साबित करना मुश्किल, गणितीय परिशुद्धता से साबित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट
साख की हानि को साबित करना मुश्किल, गणितीय परिशुद्धता से साबित नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने माना कि साख (Goodwill) के नुकसान का दावा करने वाले किसी भी पक्ष के लिए इसे किसी गणितीय सटीकता के साथ साबित करना या स्थापित करना मुश्किल होगा।जस्टिस विभु बाखरू और जस्टिस अमित महाजन की खंडपीठ ने आर्बिट्रल अवार्ड बरकरार रखा, जिसमें आर्बिट्रेटर ने पक्षकार को जुर्माने के रूप में कुछ राशि अपने पास रखने की अनुमति दी थी, जो कि साख के नुकसान का वास्तविक पूर्व-अनुमान है, बिना इसके वास्तविक नुकसान की मात्रा के सबूत के।मामले के तथ्य1997 में अपीलकर्ताओं (मेटल इंजीनियरिंग एंड फोर्जिंग कंपनी...

हाईकोर्ट ने हरियाणा रेलवे पुलिस द्वारा छात्र पर कथित यौन उत्पीड़न और हिरासत में यातना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया
हाईकोर्ट ने हरियाणा रेलवे पुलिस द्वारा छात्र पर कथित यौन उत्पीड़न और हिरासत में यातना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा रेलवे जनरल पुलिस द्वारा एक छात्रा पर किए गए कथित यौन उत्पीड़न और हिरासत में यातना की जांच के लिए हरियाणा के डीजीपी को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश दिया है।ज‌स्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने कहा कि, निष्पक्ष जांच और निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार केवल आरोपी तक ही सीमित नहीं है। इसका विस्तार पीड़ित और समाज तक भी है।कोर्ट ने कहा, आजकल निष्पक्ष खेल और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए सारा ध्यान आरोपियों पर दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप निष्पक्ष...

दिल्ली हाईकोर्ट ने ओमान में परिवार की हत्या के आरोपी व्यक्ति के प्रत्यर्पण को बरकरार रखा
दिल्ली हाईकोर्ट ने ओमान में परिवार की हत्या के आरोपी व्यक्ति के प्रत्यर्पण को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओमान में तीन नाबालिग बच्चों सहित एक परिवार की हत्या के आरोपी व्यक्ति के प्रत्यर्पण के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा।जस्टिस अमित बंसल ने आरोपी मजीबुल्लाह मोहम्मद हनीफ द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें हत्या के मुकदमे का सामना करने के लिए उसे ओमान में प्रत्यर्पित करने की सिफारिश करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।कोर्ट ने कहा,“…वर्तमान याचिका, लंबित आवेदनों के साथ, खारिज कर दी जाती है और विद्वान एसीएमएम द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा...

चुनाव लड़ने के अधिकार में प्रचार का अधिकार भी शामिल है: राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस उम्मीदवार मेवाराम जैन को ईडी का समन रद्द किया
'चुनाव लड़ने के अधिकार में प्रचार का अधिकार भी शामिल है': राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस उम्मीदवार मेवाराम जैन को ईडी का समन रद्द किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में विधान चुनाव में बाणनेर से कांग्रेस के उम्मीदवार मेवा राम जैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को परिस्थितियों में "उचित नहीं" मानते हुए रद्द कर दिया।कोर्ट ने कहा,"याचिकाकर्ता राज्य विधान सभा चुनाव लड़ने वाला एक उम्मीदवार है और हमारे जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में, चुनाव लड़ने के उसके अधिकार में प्रचार करने का अधिकार भी शामिल है।" जस्टिस फरजंद अली ने कहा कि मतदान 25 नवंबर, 2023 को होना था, जबकि ईडी ने 20 नवंबर को जैन को समन जारी किया, और उन्हें 22...

धारा 205 सीआरपीसी | व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का प्रावधान अभियुक्तों के अनुचित उत्पीड़न से बचाने के लिए है: झारखंड हाईकोर्ट
धारा 205 सीआरपीसी | व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट का प्रावधान अभियुक्तों के अनुचित उत्पीड़न से बचाने के लिए है: झारखंड हाईकोर्ट

झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 205 में उल्लिखित आरोपियों की व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के पीछे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरोपी व्यक्तियों को अनावश्यक उत्पीड़न का सामना न करना पड़े और शिकायतकर्ता को किसी भी अनुचित पूर्वाग्रह का सामना नहीं करना चाहिए।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने कहा,“सीआरपीसी की धारा 205 के तहत छूट का उद्देश्य यह है कि विद्वान मजिस्ट्रेट का आदेश ऐसा होना चाहिए जिससे अभियुक्त को कोई अनावश्यक उत्पीड़न न हो और साथ ही इससे शिकायतकर्ता...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 33 साल पुरानी सजा को खारिज किया, कहा- दुकान के कैश मेमो से लाइसेंस नंबर हटाने में कोई अपराधिक मनःस्थिति नहीं
कलकत्ता हाईकोर्ट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 33 साल पुरानी सजा को खारिज किया, कहा- दुकान के कैश मेमो से लाइसेंस नंबर हटाने में कोई अपराधिक मनःस्थिति नहीं

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति को बरी कर दिया, जिसे 1990 में आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 (ईसी अधिनियम) की धारा 7(1)(ए)(ii) के तहत डब्ल्यूबी क्लॉथ एंड यॉर्न ऑर्डर 1960, के उल्लंघन के लिए ट्रायल कोर्ट ने दोषी पाया था और जुर्माने के साथ एक महीने के कारावास की सजा सुनाई गई।जस्टिस सुभेंदु सामंत की एकल पीठ ने कहा कि ट्रायल जज ने अपीलकर्ता को दोषी ठहराते समय ईसी अधिनियम के तहत प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए दिशानिर्देशों की सराहना करने में गलती की थी।उन्होंने कहा, "केवल साइन बोर्ड या...

जीएसटी एक्ट के तहत कार्यवाही से पहले विभाग को मृतक के कानूनी प्रतिनिधि को नोटिस देना आवश्यक: इलाहाबाद हाईकोर्ट
जीएसटी एक्ट के तहत कार्यवाही से पहले विभाग को मृतक के कानूनी प्रतिनिधि को नोटिस देना आवश्यक: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि वस्तु एवं सेवा कर विभाग को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत मृतक के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले मृतक के कानूनी प्रतिनिधि को नोटिस देना आवश्यक है।याचिकाकर्ता का पति फर्म का एकमात्र मालिक था और कंसल्टेंट के रूप में सेवाएं प्रदान करने में लगा हुआ था। याचिकाकर्ता के पति के नाम पर वित्तीय वर्ष 2014-15 सेवा कर के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 142, 173, 174 के साथ पठित वित्त अधिनियम, 1994 की धारा 73(1) के प्रावधानों के तहत 8,97,716 रुपये की देनदारी लगाते हुए...

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने अवमानना नियम पर जवाब देने के लिए एसईसी प्रमुख राजीव सिन्हा को अतिरिक्त समय दिया
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट ने अवमानना नियम पर जवाब देने के लिए एसईसी प्रमुख राजीव सिन्हा को अतिरिक्त समय दिया

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को इस साल अक्टूबर में उनके खिलाफ जारी अवमानना नियम का जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय दिया।पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती से संबंधित अदालत के आदेशों के कथित उल्लंघन के लिए सिन्हा और एसईसी के खिलाफ अवमानना ​​नियम जारी किया गया था, जिसके कारण बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और लोगों की जान चली गई।चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस उदय कुमार की खंडपीठ के समक्ष सिन्हा कलकत्ता हाईकोर्ट की अवमानना नियम, 1975 के...

बंगाल में रैलियां नियमित विशेषता हैं: हाईकोर्ट ने कोलकाता में भाजपा की रैली के खिलाफ राज्य की अपील खारिज की
बंगाल में रैलियां 'नियमित विशेषता' हैं: हाईकोर्ट ने कोलकाता में भाजपा की रैली के खिलाफ राज्य की अपील खारिज की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एकल पीठ के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील खारिज कर दी। उक्त पीठ ने 29 नवंबर को कोलकाता में विक्टोरिया हाउस के पास भाजपा की रैली की अनुमति दी है।इससे पहले, जस्टिस राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने कोलकाता पुलिस द्वारा "कम्प्यूटरीकृत अस्वीकृतियों" के माध्यम से दिखाए गए विवेक का उपयोग न करने पर आपत्ति जताते हुए रैली की अनुमति दी थी। एजेंसी ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ताओं ने राज्य द्वारा जारी सलाह के अनुसार अपेक्षित समय के भीतर आवेदन नहीं किया है।चीफ जस्टिस टीएस...

झारखंड हाईकोर्ट ने प्रशासनिक सेवा कैडर में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए जेपीएससी आवंटन के फैसले को बरकरार रखा
झारखंड हाईकोर्ट ने प्रशासनिक सेवा कैडर में आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए जेपीएससी आवंटन के फैसले को बरकरार रखा

हाल के एक फैसले में, झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड प्रशासनिक सेवा कैडर में पदों के लिए आरक्षित श्रेणी के तहत विशेष विचार की मांग करने वाली उम्मीदवारों द्वारा दायर कई अपीलों को खारिज कर दिया। अपीलें समान मामलों में हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश द्वारा पारित सामान्य आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थीं।अदालत ने एकल न्यायाधीश के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता 2016 के विज्ञापन संख्या 23 के तहत झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा जारी विज्ञापन की शर्त संख्या 3 में उल्लिखित विशेष विषय स्नातक की...

लंबे समय तक कब्जा लेने या मुआवजा देने में राज्य की विफलता के कारण भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही विफल हो गई: राजस्थान हाईकोर्ट
लंबे समय तक कब्जा लेने या मुआवजा देने में राज्य की विफलता के कारण भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही विफल हो गई: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में लगभग ढाई दशकों के बाद 1998 से निश्चित भूमि अधिग्रहण अवार्ड की कार्यवाही 'लैपस्ड' (Lapsed) घोषित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका स्वीकार कर ली।जस्टिस अनूप कुमार ढांड की एकल-न्यायाधीश पीठ ने दोहराया कि जब राज्य भूमि अधिग्रहण अवार्ड में निर्धारित संपत्ति पर कब्जा करने या याचिकाकर्ता को मुआवजा देने में विफल रहा तो अधिग्रहण की कार्यवाही समाप्त हो गया।इंदौर विकास प्राधिकरण बनाम मनोहर लाल और अन्य (2020) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए निष्कर्ष...

तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन वैध: केरल हाईकोर्ट ने तलाक तात्कालिक नहीं होने के कारण मुस्लिम पति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द की
तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन वैध: केरल हाईकोर्ट ने तलाक तात्कालिक नहीं होने के कारण मुस्लिम पति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द की

केरल हाईकोर्ट ने तीन तलाक पर कानून की व्याख्या करते हुए हाल ही में मुस्लिम पति के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही यह पाते हुए रद्द कर दी कि उसने तलाक-ए-हसन कहा था, जो मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत कानूनी और वैध है।कोर्ट ने कहा,“तलाक कुरीज़ की प्रतियों से पता चलेगा कि कई मध्यस्थताएं हुईं। आगे यह भी पता चला है कि प्रतिवादी नंबर 3 ने न्यायालय केंद्रित मध्यस्थता के लिए भी सहयोग नहीं किया... न्यायालय के समक्ष रखी गई सामग्री से पता चलता है कि पक्षकारों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की एक श्रृंखला विफल...

POCSO Act | जब प्रक्रियात्मक चूक से अभियोजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा तो ट्रायल भी ख़राब नहीं होगा: मद्रास हाईकोर्ट
POCSO Act | जब प्रक्रियात्मक चूक से अभियोजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा तो ट्रायल भी ख़राब नहीं होगा: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में देखा कि यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम (POCSO Act) अधिनियम, किशोर न्याय (JJ Act) अधिनियम और सीआरपीसी के तहत जांच और मुकदमे के दौरान बयान दर्ज करने के संबंध में प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय बच्चों के अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने के लिए हैं। पीड़ित बच्चे के लिए और जब प्रक्रियात्मक खामियां अभियोजन पक्ष के मामले को प्रभावित नहीं करती हैं तो इससे ट्रायल भी प्रभावित नहीं होगा।जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस सुंदर मोहन की खंडपीठ ने इस प्रकार 7 से 12 साल की उम्र की अपनी नाबालिग...

हाईकोर्ट ने अपने रोजगार के कारण डीयू के 2-ईयर एलएलएम कोर्स से 3-ईयर कोर्स में ट्रांसफर की मांग वाली जज की याचिका खारिज की
हाईकोर्ट ने अपने रोजगार के कारण डीयू के 2-ईयर एलएलएम कोर्स से 3-ईयर कोर्स में ट्रांसफर की मांग वाली जज की याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जज द्वारा दायर वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें न्यायिक अधिकारी के रूप में उसके रोजगार के कारण उसकी चल रही पढ़ाई को पूरा करने के लिए उसे 2-ईयर एलएलएम से दिल्ली ट्रांसफर द्वारा प्रस्तावित 3-ईयर कोर्स में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।जस्टिस पुरुषइंद्र कुमार कौरव ने कहा कि यूनिवर्सिटी द्वारा प्रस्तावित 3-ईयर एलएलएम कोर्स विशेष रूप से उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो नौकरीपेशा हैं, लेकिन यह निर्धारित नहीं करता है कि यदि कोई स्टूडेंट 2-ईयर कोर्स के बीच में रोजगार प्राप्त...

जब तक कोई रोक न हो, मामला रद्द करने की याचिका लंबित होने के कारण सुनवाई स्थगित न करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का ट्रायल कोर्ट को निर्देश
जब तक कोई रोक न हो, मामला रद्द करने की याचिका लंबित होने के कारण सुनवाई स्थगित न करें: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का ट्रायल कोर्ट को निर्देश

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि कई मामलों में ट्रायल कोर्ट स्थगन दे रहे हैं, जहां मामला रद्द करने की याचिका लंबित है, ट्रायल कोर्ट को तब तक मामलों को आगे बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं, जब तक कि कोई रोक न हो।जस्टिस जसजीत सिंह बेदी ने कहा,"मैंने पाया कि कई मामलों में जहां मुकदमे पर रोक लगाने के लिए कोई अंतरिम आदेश नहीं हैं, दोनों पक्षों के वकीलों के कहने पर ट्रायल कोर्ट सबसे अच्छे ज्ञात कारणों से मामले पर आगे नहीं बढ़ रहे हैं। इसलिए मैं ट्रायल कोर्ट को अपनी कार्यवाही जारी रखने के...