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रोमांटिक रिश्ते में 16-18 साल के बच्चे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं, हमें उन पर मुकदमा क्यों चलाना चाहिए: पोक्सो मामलों पर जस्टिस मदन लोकुर
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने शनिवार को कहा कि पोक्सो मामलों से निपटने के दौरान बच्चों के लिए एक अलग प्रक्रिया विकसित करने की आवश्यकता है और न्यायपालिका को भी मामलों के प्रबंधन की प्रक्रिया में ऐसे मामलों तेजी से निर्णय लेने के लिए संलग्न करने की आवश्यकता है।जस्टिस लोकुर दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) द्वारा 'हक़: सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स' के साथ "जस्टिस, ट्रायल, प्रोसीडिंग एंड पेंडेंसी ऑफ पोक्सो केस" विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।जस्टिस लोकुर ने उस...
अधिग्रहित भूमि को छोड़ा या मूल मालिक को लौटाया नहीं जा सकता: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एनएचएआई को भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुआवजे की एक याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि प्रासंगिक वैधानिक प्रावधानों के तहत एक बार भूमि का अधिग्रहण कर लेने के बाद अधिकारी इस आधार पर भूमि को छोड़ नहीं सकते हैं या लौटा नहीं कर सकते हैं कि अधिग्रहीत भूमि की अब उन्हें जरूरत नहीं है। जमीन का अधिग्रहण एनएचएआई ने किया था।जस्टिस ज्योत्सना रेवल दुआ की एकल पीठ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि उत्तरदाताओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत उनकी भूमि का अधिग्रहण किया...
'धर्मांतरण के बाद कोई अपनी जाति साथ नहीं रख सकता': मद्रास हाईकोर्ट ने धर्मांतरित व्यक्ति के पिछड़े कोटे के दावे को खारिज किया
मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि एक व्यक्ति जो दूसरे धर्म में परिवर्तित हो गया है, वह धर्मांतरण से पहले अपने समुदाय के लाभों का दावा नहीं कर सकता है जब तक कि राज्य द्वारा स्पष्ट रूप से इसकी अनुमति नहीं दी जाती है।मदुरै पीठ के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन तमिलनाडु लोक सेवा आयोग की कार्रवाई को चुनौती देने वाले एक उम्मीदवार की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें उन्हें "पिछड़ा वर्ग (मुस्लिम)" नहीं माना गया था, लेकिन उन्हें संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा-II में "सामान्य" श्रेणी के रूप में माना गया था।...
[धारा 60 CPC] सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन और ग्रेच्युटी राशि को किसी भी डिक्री की संतुष्टि के लिए अटैच नहीं किया जा सकता: तेलंगाना हाईकोर्ट
तेलंगाना हाईकोर्ट ने राधेश्याम गुप्ता बनाम पंजाब नेशनल बैंक (2009) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हाल ही में एक फैसले में कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी की पेंशन और ग्रेच्युटी राशि को किसी भी अदालत की डिक्री की संतुष्टि के लिए संलग्न नहीं किया जा सकता है।संक्षिप्त तथ्यरिट आवेदन याचिकाकर्ता ने दायर किया था, जिसमें प्रतिवादी के खिलाफ उसकी पेंशन और ग्रेच्युटी जारी नहीं करने के लिए परमादेश के रिट की मांग की गई थी।याचिकाकर्ता प्रतिवादी के कार्यालय में एक रिकॉर्ड सहायक के रूप में काम करता था और...
दिल्ली दंगे: कोर्ट ने खजूरी खास एफआईआर में उमर खालिद, खालिद सैफी को आरोपमुक्त किया
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को स्टूडेंट एक्टिविस्ट उमर खालिद और यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य खालिद सैफी को 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में आरोपमुक्त कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने थाना खजूरी खास में दर्ज एफआईआर 101/2020 के मामले में यह आदेश सुनाया।कोर्ट ने उमर खालिद और खालिद सैफी के अलावा तारिक मोईन रिजवी, जागर खान और मो इलियास को भी आरोपमुक्त कर दिया।"आरोपी तारिक मोइन रिजवी, जागर खान, मोहम्मद इलियास, खालिद सैफी और उमर खालिद को धारा 437-ए सीआरपीसी...
पत्नी द्वारा दिखाए गए पति के निर्विवाद आर्थिक मूल्यांकन के आधार पर अंतरिम भरण-पोषण निर्धारित किया जा सकता हैः गुजरात हाईकोर्ट
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी द्वारा दिखाया गया पति की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन, यदि पति द्वारा विवादित नहीं है (उपयुक्त सामग्री द्वारा समर्थित), तो उसे पत्नी को दिए जाने वाले अंतरिम भरण-पोषण का निर्धारण करने के लिए एक आधार के रूप में लिया जा सकता है। जस्टिस उमेश ए त्रिवेदी की पीठ ने यह भी कहा कि एक पति को यह साबित करने के लिए ठोस सबूत देने की आवश्यकता होती है कि उसकी पत्नी व्यभिचारी जीवन जी रही है ताकि कोर्ट के समक्ष यह मामला बनाया जा सके कि उसकी पत्नी भरण-पोषण पाने की हकदार नहीं है। ...
"तमाशा बनाया दिया, किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे?": पटना हाईकोर्ट ने महिला का घर तोड़ने पर बिहार पुलिस को फटकार लगाई
पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महिला के घर को कथित रूप से गिराने के लिए बिहार पुलिस को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की, "क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं, राज्य या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया। किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे।"इस मामले में थाना प्रभारी के जवाबी हलफनामे पर विचार करते हुए अदालत ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि राज्य पुलिस द्वारा कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना घर को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया गया।जस्टिस संदीप कुमार की पीठ ने यह भी कहा कि सभी...
"हरियाणा सरकार के रवैये में कोई बदलाव नहीं": हाईकोर्ट ने अपील दायर करने में 3 साल की देरी को मामले की फाइलें खो जाने के आधार पर खारिज किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने बुधवार को हरियाणा सरकार को लिमिटेशन एक्ट पर ध्यान नहीं देने और अपील करने में अत्यधिक देरी करने के लिए फटकार लगाई।जस्टिस दीपक गुप्ता की एकल पीठ ने इस आधार पर सरकार को क्षमा करने से इनकार करते हुए कहा कि अंतर्विभागीय परामर्श के दौरान मामले की फाइल गुम हो गई थी, टिप्पणी की,"बड़ी संख्या में मामलों में सरकार इसी तरह के आधार पर देरी को माफ करना चाहती है। इस न्यायालय के साथ-साथ माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकारियों के ढेरों बार-बार दिए गए निर्देशों के बावजूद, राज्य सरकार...
ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड गुम हुआ, दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसले के 19 वर्ष बाद गैर इरादतन हत्या के लिए दी गई सजा रद्द की
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपील स्वीकार किए जाने के 19 से अधिक वर्षों के बाद ने 2003 में व्यक्ति को गैर इरादतन हत्या के लिए दी गई सजा रद्द कर दी, क्योंकि बार-बार के प्रयासों के बावजूद ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड नहीं मिला या फिर से बनाया नहीं जा सका।जस्टिस जसमीत सिंह ने अक्टूबर, 2003 में ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा और सजा के आदेश को चुनौती देने वाले रमेश कौशिक द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया।अदालत ने कहा,"मेरा विचार है कि अपीलकर्ता की सजा की पुष्टि करने के लिए ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड का अवलोकन अपील की...
मंदिरों के अंदर सेल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध, पवित्रता को बनाए रखा जाना चाहिए: मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु एचआर एंड सीई विभाग को निर्देश दिया
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को तमिलनाडु राज्य में मंदिर परिसर के अंदर सेल फोन के उपयोग के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि हालांकि संविधान का अनुच्छेद 25 सभी को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार देता है, वही मंदिर परिसर के अंदर नियमों के अधीन है।मदुरै पीठ के जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस सत्य नारायण प्रसाद ने इस प्रकार कहा,इस बात पर कोई विवाद नहीं हो सकता कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सभी व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने का अधिकार है।...
'मजिस्ट्रेट ने मेकेनिकली प्रक्रिया जारी की' : बॉम्बे हाईकोर्ट ने फ्यूचर जेनराली के प्रबंध निदेशक और लीगल हेड को मानहानि मामले में जारी समन रद्द किया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक आपराधिक मानहानि के मामले में फ्यूचर जेनराली इंडिया लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और लीगल हेड को जारी किए गए समन को यह देखते हुए रद्द कर दिया कि मजिस्ट्रेट ने यांत्रिक रूप से उनके खिलाफ प्रक्रिया जारी की।जस्टिस अनिल एस किलोर आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि के अपराध के लिए आवेदकों के खिलाफ प्रक्रिया जारी करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। कथित मानहानि एक वाद में कंपनी द्वारा दायर एक लिखित बयान में हुई थी।एक कंपनी द्वारा किए गए अपराध...
'बोलने की आज़ादी का अधिकार बदनामी करने का अधिकार नहीं देता': मद्रास हाईकोर्ट ने एनजीओ के पूर्व सीएम एडप्पादी पलानीस्वामी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने पर रोक लगाई
मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गैर सरकारी संगठन अराप्पोर इयक्कम पर तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी के खिलाफ कोई भी अपमानजनक बयान देने से अस्थायी रूप से रोक लगा दी।जस्टिस कृष्णन रामास्वामी की पीठ ने पलानीस्वामी के पक्ष में अंतरिम निषेधाज्ञा देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के तहत गारंटीकृत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार दूसरों को बदनाम करने का अधिकार नहीं देता।मुक्त भाषण का अधिकार किसी व्यक्ति को दूसरों को बदनाम करने का अधिकार नहीं देता है। नागरिकों का सहसंबद्ध कर्तव्य है...
'मंदिरों के अंदर मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक, पवित्रता को बनाए रखा जाना चाहिए': मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया
तमिलनाडु सरकार को तमिलनाडु राज्य में मंदिर परिसर के अंदर मोबाइल फोन के उपयोग के खिलाफ रोक लगाने का निर्देश देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि संविधान का अनुच्छेद 25 सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है, वही मंदिर परिसर के अंदर नियमों के अधीन है।जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस सत्य नारायण प्रसाद ने कहा,"इस बात पर कोई विवाद नहीं हो सकता कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत सभी व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से धर्म को मानने, आचरण करने और प्रचार करने का अधिकार है। हालांकि, कार्य करने और अभ्यास...
प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए कर्मचारी के वेतन का भुगतान करने के लिए आदाता विभाग उत्तरदायी: जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दोहराया कि प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए कर्मचारी के वेतन का भुगतान करने के लिए आदाता विभाग (Borrowing Department) उत्तरदायी है।जस्टिस संजय धर ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों के खिलाफ 01.06.2015 से 29.12.2016 तक की अवधि के लिए एक अतिरिक्त ब्याज के साथ उनका वेतन जारी करने के लिए परमादेश की मांग की थी जिस अवधि के दौरान उनका वेतन रोका गया था, उस अवधि के लिए प्रति माह 74,000 रुपये का मुआवजा।मौजूदा...
रिहायशी ढांचों पर मोबाइल टावर लगाने पर रोक नहीं, हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को सुरक्षित इमारतों पर ही मोबाइल टावर लगाने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आवासीय भवनों पर टावर लगाने पर रोक हटाते हुए पंजाब सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मोबाइल टावर संरचनात्मक रूप से सुरक्षित और स्वीकृत इमारतों पर ही लगाए जाएं।कोर्ट ने आदेश में कहा," यह प्रतिवादी-पंजाब राज्य के लिए खुला होगा कि वह रूफ टॉप टावर्स के संबंध में सभी दूरसंचार अवसंरचना प्रदाताओं/दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के आवेदनों पर विचार करे और निर्णय ले, अगर वे संघ/राज्य सरकार के लागू नियमों/विनियमों/निर्देशों/दिशानिर्देशों के अनुसार पात्र पाए जाते हैं। ...
क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, निजता के अधिकार का उल्लंघन नहीं: दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट से कहा
दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट (Delhi High Court) को बताया कि अपने सभी स्कूलों की कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाने के 2017 के फैसले के पीछे एक प्रमुख कारण बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, विशेष रूप से यौन शोषण और डराने-धमकाने की घटनाओं के आलोक में।दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन और गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा सभी सरकारी स्कूलों में कक्षाओं के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में सरकार की ओर से हलफनामे दायर किया गया।एडवोकेट जय अनंत देहदराय के माध्यम से दायर...
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए यूपी सरकार के प्रस्ताव की जांच के लिए हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश की नियुक्ति की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बांके बिहारी मंदिर (वृंदावन में) के प्रबंधन के लिए मंदिर क्षेत्र के पुनर्विकास सहित उत्तर प्रदेश सरकार की प्रस्तावित/ड्राफ्ट योजना की जांच करने के लिए हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सुधीर नारायण अग्रवाल को नियुक्त किया है। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने श्री ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के प्रबंधन और रखरखाव के लिए एक उचित योजना तैयार करने से संबंधित जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।पृष्ठभूमिबांके बिहारी मंदिर वृंदावन, मथुरा...
वक्फ एक्ट की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार को नोटिस जारी किया
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने वक्फ अधिनियम, 1995 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर आज राज्य सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।जनहित याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 14-15 और अन्य अनुच्छेदों के मूल सिद्धांतों के खिलाफ धार्मिक रूप से झुका हुआ वक्फ अधिनियम बनाया है।जस्टिस विजय कुमार शुक्ला और जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नोटिस जारी करते हुए मामले की आगे की सुनवाई 6 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है।एमपी पुलिस में एक...
ज्ञानवापी | "बिना किसी नुकसान के 'शिव लिंग' की आयु निर्धारित करने का तरीका बताने के लिए तीन महीने का समय चाहिए": इलाहाबाद हाईकोर्ट से एएसआई ने कहा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को बिना कोई नुकसान पहुंचाए बिना उसके अंदर पाए गए कथित 'शिव लिंग' की आयु निर्धारित करने के लिए किसी भी प्रकार की जांच करने की व्यवहार्यता पर रिपोर्ट करने के लिए उसे 3 महीने का समय चाहिएएएसआई ने यह प्रस्तुति जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ के समक्ष की, जो वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित रूप से पाए गए 'शिव लिंग' की वैज्ञानिक जांच करने के लिए हिंदू उपासकों की याचिका को खारिज करने...
सरकारी आदेश के पूर्वव्यापी संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती है, विशेष रूप से जहां यह केवल एक कार्यकारी आदेश है और कानून नहीं है: जेएंडकेएंडएल हाईकोर्ट
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक फैसले में कहा कि सरकारी आदेश के पूर्वव्यापी संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती है, विशेष रूप से जहां यह केवल एक कार्यकारी आदेश है, न कि कानून।जस्टिस वसीम सादिक नर्गल की पीठ ने कहा,"जैसा कि नीति के आधार पर प्रत्येक सरकार/कार्यकारी आदेश का भावी संचालन होता है, इसे किसी भी तरह से पूर्वव्यापी रूप से लागू नहीं किया जा सकता है....."।कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की थी, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता ने जम्मू-कश्मीर बिजली विकास विभाग...