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राष्ट्रीय राजधानी में लोक निर्माण विभाग के केवल 36 फुट-ओवर-ब्रिज दिव्यांग व्यक्तियों के अनुकूल हैं: हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा
राष्ट्रीय राजधानी में लोक निर्माण विभाग के केवल 36 फुट-ओवर-ब्रिज दिव्यांग व्यक्तियों के अनुकूल हैं: हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा

दिल्ली हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में लोक निर्माण विभाग के तहत 110 फुट-ओवर-ब्रिज में से केवल 36 में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए लिफ्ट या एस्केलेटर जैसी यंत्रीकृत सहायता है।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष याचिका के जवाब में यह प्रस्तुत किया। उक्त याचिका में फुट-ओवर ब्रिज से जुड़ी लिफ्टों और एस्केलेटरों की गैर-कार्यात्मकता का आरोप लगाया गया। याचिकाकर्ता ने इस दलील को दोहराया कि 36 फुट-ओवर ब्रिज के संबंध में उपरोक्त...

जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा
2019 जामिया हिंसा: दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वतंत्र एसआईटी को जांच ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा

जामिया मिलिया इस्लामिया हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि वह छात्रों के खिलाफ दर्ज एफआईआर और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उनकी शिकायतों की जांच दिल्ली पुलिस से एक स्वतंत्र एजेंसी को ट्रांसफर करने की मांग करने वाले संशोधन आवेदन पर एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करे।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की खंडपीठ ने मामले को 13 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।इस बीच, पीठ ने पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के दौरान कथित भाषणों के लिए विभिन्न राजनीतिक...

बॉम्बे हाईकोर्ट, मुंबई
यदि चेक बिना लाइसेंस वाले साहूकार के कर्ज की जमानत के रूप में दिया गया है तो धारा 138 एनआई एक्ट के तहत अपराध आकर्षित नहीं होगाः बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत दर्ज एक शिकायत में दायर आपराधिक संशोधन आवेदन को यह देखते हुए खारिज कर दिया कि यदि बिना लाइसेंस वाले साहूकार से कर्ज के लिए जमानत के रूप में दिया गए चेक के मामले में धारा 138 को आकर्षित नहीं किया जा सकता है।जस्टिस प्रकाश नाइक ने आदेश में कहा, "बिना लाइसेंस के साहूकारी कारोबार के मामलों में निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के प्रावधानों को आकर्षित नहीं होते हैं।"प्रार्थी का मामला था कि उसने फरवरी 2014 में आरोपियों को 12...

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण के वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद (Gyanvapi Case) को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चल रहे मामले की सुनवाई कल पूरी हो गई और अब कोर्ट ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।जस्टिस प्रकाश पाडिया की पीठ ने काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण करने के वाराणसी न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन मस्जिद समिति (जो ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है) की ओर से दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।वाराणसी कोर्ट के एएसआई के...

इलाहाबाद हाईकोर्ट
अगर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच की है तो क्या चार्जशीट में नामित सरकारी कर्मचारी पर मुकदमा चलाने के लिए स्वीकृति की आवश्यकता है? इलाहाबाद हाईकोर्ट विचार करेगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) इस सवाल पर विचार करने के लिए तैयार है कि अगर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के निर्देश पर किसी मामले की जांच की है, और सरकार/लोक सेवक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, तो क्या ऐसे सरकारी/लोक सेवक (सेवारत या सेवानिवृत्त) पर मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति की कोई आवश्यकता है।जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने डॉ. सैयद फरीद हैदर रिजवी (एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी) की याचिका को रद्द करने की मांग पर सुनवाई करते हुए सीबीआई के वकील के...

मद्रास हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का दायरा बढ़ाया, डिटेन्यू द्वारा बलात्कार की शिकायत पर विधिवत विचार नहीं किए जाने के दावे के बाद पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी
मद्रास हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का दायरा बढ़ाया, डिटेन्यू द्वारा बलात्कार की शिकायत पर विधिवत विचार नहीं किए जाने के दावे के बाद पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी

मद्रास हाईकोर्ट ने बलात्कार की शिकायतों पर पुलिस अधिकारियों द्वारा ठीक से विचार नहीं किए जाने पर बंदी की सहायता के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (Habeas Corpus Plea) के दायरे का विस्तार किया और आरोपों के संबंध में पुलिस अधीक्षक से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा।बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बंदी की बड़ी बहन द्वारा दायर की गई। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसकी बहन के साथ बलात्कार किया गया और भले ही वह उसी दिन शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आई, जिस दिन उसे विभिन्न पुलिस स्टेशनों में जाने के लिए मजबूर किया गया...

दिल्ली हाईकोर्ट
पुलिस के मस्जिद मुअज्जिन के खिलाफ 'अवैध कार्रवाई' के सबूत नष्ट करने के लिए सीसीटीवी डीवीआर छीनने के आरोप पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में निजी आवास से पुलिसकर्मियों के कथित जबरदस्ती घुसने और सीसीटीवी कैमरा डीवीआर हटाने की निष्पक्ष जांच की मांग वाली याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा।जस्टिस पूनम ए बंबा ने अपने आदेश में कहा,"रूपाली बंधोपाध्याय अतिरिक्त सरकारी वकील ने जवाब/स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा।"याचिकाकर्ता मो. यूनुस खान का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट वजीह शफीक ने पहले अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि 07 अगस्त को मेंडू के पुराने गांव गढ़ी के बीट प्रभारी ने उस्मानपुर पुलिस...

[कर्नाटक सिविल सर्विस रूल्स] सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ चार साल पहले हुई घटना के लिए जांच शुरू नहीं की जा सकती: हाईकोर्ट
[कर्नाटक सिविल सर्विस रूल्स] सेवानिवृत्त कर्मचारी के खिलाफ चार साल पहले हुई घटना के लिए जांच शुरू नहीं की जा सकती: हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पाया कि कर्नाटक सिविल सर्विस रूल्स के नियम 214 (2) (बी) (ii) के अनुसार, सेवानिवृत्त व्यक्ति के खिलाफ चार साल पहले हुई घटना के संबंध में कोई जांच शुरू नहीं की जा सकती।जस्टिस एसजी पंडित की एकल न्यायाधीश पीठ ने कर्नाटक हाउसिंग बोर्ड के पूर्व कर्मचारियों अनिल कुमार और टी. मल्लन्ना द्वारा दायर याचिका स्वीकार की और चार्ज मेमो के साथ-साथ जांच अधिकारी की नियुक्ति भी रद्द कर दी।पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने पर क्रमशः 30.06.2018 और 31.08.2020 को सेवानिवृत्त...

रिलायंस रिटेल लिमिटेड
उपभोक्ता फोरम ने रिलायंस रिटेल को कैरी बैग के लिए पैसे लेने पर मुआवजे के रूप में 7,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया

जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने रिलायंस रिटेल लिमिटेड को कैरी बैग के लिए पैसे लेने पर मुआवजे के रूप में 5000 रुपये और मुकदमेबाजी के खर्च के लिए 2000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। शिकायतकर्ता को कैरी बैग खरीदने के लिए मजबूर किया गया था।जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष के रूप में एम. शोभा और सदस्यों के रूप में रेणुकादेवी देशपांडे और एच. जनार्दन ने फैसला सुनाया।शिकायतकर्ता, जो एक वकील है और उसकी पत्नी 10.07.2022 को एक मंदिर से लौट रहे थे, जब वे रिलायंस स्मार्ट पॉइंट (अपोजिट...

एनसीडीआरसी ने हिस्टेरेक्टॉमी के कारण वेसिकोवागिनल फिस्टुला के मामले में मेडिकल लापरवाही से अस्पताल और डॉक्टर को बरी किया
एनसीडीआरसी ने हिस्टेरेक्टॉमी के कारण वेसिकोवागिनल फिस्टुला के मामले में मेडिकल लापरवाही से अस्पताल और डॉक्टर को बरी किया

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) की डॉ. एस.एस. कांतिकर (अध्यक्ष सदस्य) की पीठ ने कल्याणी स्थित एसएनआर कार्निवल अस्पताल और उसके डॉक्टर के खिलाफ मेडिकल लापरवाही के आरोपों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह देखा गया कि शिकायतकर्ता कोई स्पष्ट साक्ष्य प्रस्तुत करने में असमर्थ है।आयोग ने कृष्णानगर में स्वास्थ्य के मुख्य मेडिकल अधिकारी नादिया द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की राय का भी उल्लेख किया, जिसमें शिकायत खारिज कर दी गई थी। इसमें कहा गया था कि चूंकि कार्निवल अस्पताल का विकल्प उचित है और पोस्ट...

अनियंत्रित भावनाओं का अपरिपक्व कृत्य: राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग के प्रेमी के खिलाफ पोक्सो केस खारिज किया
अनियंत्रित भावनाओं का अपरिपक्व कृत्य: राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग के प्रेमी के खिलाफ पोक्सो केस खारिज किया

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक 22 वर्षीय युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और POCSO अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कर दिया है। उस पर 16 वर्षीय लड़की को गर्भवती करने का आरोप है, जिसने बाद में एक बच्चे को जन्म दिया था।जस्टिस दिनेश मेहता की एकल पीठ ने कहा कि नाबालिग और आरोपी प्रेमी थे और यौन कृत्य सहमति की प्रकृति के थे। कोर्ट ने कहा,"यह अदालत याचिकाकर्ता के पीड़िता के साथ यौन संबंध को न तो मंजूरी दे सकती है और न सहमति दे सकती है और न देती है, लेकिन फिर भी, यह एक कठोर वास्तविकता है...

20 हजार रुपये से अधिक नकद लेनदेन धारा 138 एनआई एक्ट मामले में लेन-देन को रद्द नहीं करता: कर्नाटक हाईकोर्ट
20 हजार रुपये से अधिक नकद लेनदेन धारा 138 एनआई एक्ट मामले में लेन-देन को रद्द नहीं करता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने माना कि आयकर अधिनियम की धारा 269 एसएस का उल्लंघन लेनदेन को शून्य नहीं बनाता है और यह कानूनी रूप से रिकवरी योग्य ऋण कहा जा सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 269 एसएस यह निर्धारित करती है कि यदि लेनदेन राशि 20,000 रुपये से अधिक है, तो ऐसा लेनदेन चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से किया जाएगा।अभियुक्त गजानन ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बेलगाम के फैसले को रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिन्होंने मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा पारित सजा के आदेश की पुष्टि की...

दिल्ली दंगे - अगर यह यूएपीए के बिना साधारण मामला होता तो अधिकांश अदालतें सबूतों को खारिज कर देतीं: खालिद सैफी की जमानत के याचिका पर सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन का तर्क
दिल्ली दंगे - 'अगर यह यूएपीए के बिना साधारण मामला होता तो अधिकांश अदालतें सबूतों को खारिज कर देतीं': खालिद सैफी की जमानत के याचिका पर सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन का तर्क

दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए मामले में जमानत की मांग करते हुए यूनाइटेड अगेंस्ट हेट के सदस्य खालिद सैफी ने सोमवार को तर्क दिया कि यदि यह एक सामान्य मामला होता तो अधिकांश अदालतें सबूतों को खारिज कर देतीं। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की विशेष पीठ के समक्ष खालिद सैफी की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सैफी की ओर से सीनियर एडवोकेट रेबेका एम. जॉन ने यह दलील दी।जॉन ने तर्क दिया,"अगर यह यूएपीए के बिना कोई सामान्य मामला...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
जबरन धर्मांतरण के खिलाफ गंभीर कदम उठाएंगे; केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, किसी को धर्मांतरण का मौलिक अधिकार नहीं

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि वह जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे की "गंभीरता से अवगत" है।उल्‍लेखनीय है कि भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने जबरन धर्मांतरण को नियंत्रित करने के ‌लिए उपायों की मांग की है।जनहित याचिका के जवाब में यूनियन ऑफ इंडिया में कहा कि, "याचिका में मांगी गई राहत को यूनियन ऑफ इंडिया ने पूरी गंभीरता से लेगी और उचित कदम उठाए जाएंगे। केंद्र सरकार मामले से वाकिफ है।"याचिका में डर, धमकी और धोखे से प्रलोभन और...

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निजामुद्दीन मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंपने का निर्देश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निजामुद्दीन मरकज की चाबी मौलाना साद को सौंपने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को निजामुद्दीन मरकज़ में तब्लीगी जमात मुख्यालय में सार्वजनिक प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रखने के दिल्ली पुलिस के रुख को खारिज करते हुए पुलिस को मरकज निजामुद्दीन की चाबी मौलाना साद को सौंपने का आदेश दिया। अदालत ने इस साल मार्च में रमजान के महीने के दौरान मस्जिद की पांच मंजिलों पर नमाज अदा करने की अनुमति दी थी। मई में हाईकोर्ट ने मार्च 2020 के बाद पहली बार मस्जिद प्रबंधन को रमजान के महीने के बाद सार्वजनिक प्रवेश की अनुमति दी थी। हालांकि, संलग्न मदरसा और हॉस्टल में...

एनडीपीएस एक्ट | धारा 41 का पालन न होना, जमानत का आधार नहीं; धारा 37 की कठोरता फिर भी पूरी होनी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
एनडीपीएस एक्ट | धारा 41 का पालन न होना, जमानत का आधार नहीं; धारा 37 की कठोरता फिर भी पूरी होनी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि यह सवाल कि गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती की प्रक्रिया में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 41 का पालन न होना, ट्रायल को निष्प्रभावी कर देता है, यह ट्रायल के चरण देखा जाएगा, और इसका जमानत देने पर कोई असर नहीं होगा।अदालत ने कहा कि हालांकि अधिकारी प्रावधानों की वैधानिक कठोरता को नजरअंदाज नहीं कर सकते, खासकर जब यह अभियुक्तों के लिए गंभीर पूर्वाग्रह का कारण बनता है, शीर्ष अदालत ने करनैल सिंह बनाम हरियाणा राज्य में कहा है कि धारा 41 का...

बाइक व्लॉगर्स आरटीओ परमिट के बिना मोडिफाइड बाइक का उपयोग करते हैं, रैश ड्राइविंग में लिप्त होते हैं: मद्रास हाईकोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया
"बाइक व्लॉगर्स" आरटीओ परमिट के बिना मोडिफाइड बाइक का उपयोग करते हैं, रैश ड्राइविंग में लिप्त होते हैं: मद्रास हाईकोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को वकील की उस याचिका पर राज्य से जवाब मांगा, जिसमें बाइक चलाने वालों के खिलाफ नियम और कानून बनाने की मांग की गई है, जो तमिलनाडु राज्य में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) के बिना सार्वजनिक स्थानों पर अपनी बाइक तेजी से और खतरनाक तरीके से चलाते हैं।एक्टिंग चीफ जस्टिस टी राजा और जस्टिस डी कृष्णकुमार की पीठ ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी और राज्य को चार सप्ताह के लिए नोटिस पर जवाब देने का आदेश दिया।पेशे से वकील याचिकाकर्ता एम विग्नेश ने अपने हलफनामे में कहा कि तमिलनाडु राज्य में...

ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति व्यावहारिक नहीं, पहले नीति बनाने की जरूरत: पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल भर्ती पर मैट के आदेश के खिलाफ राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया
ट्रांसजेंडरों की नियुक्ति व्यावहारिक नहीं, पहले नीति बनाने की जरूरत: पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल भर्ती पर मैट के आदेश के खिलाफ राज्य ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया

महाराष्ट्र सरकार ने गृह विभाग की सभी भर्तियों के आवेदन फॉर्म में पुरुष और महिला के बाद 'अन्य लिंग' का तीसरा विकल्प बनाने के Maharashtra Administrative Tribunal (MAT) के राज्य को दिए निर्देशों के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। राज्य ने इसे "अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन" और "नीति निर्माण के क्षेत्र में हस्तक्षेप" कहा।याचिका पुलिस कांस्टेबल, चालक और राज्य रिजर्व पुलिस बल की भर्ती से संबंधित है। भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करने की विंडो 30 नवंबर, 2022 को समाप्त हो रही है।याचिका में कहा...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
क्या वाहन मालिकों की पसंद का उल्लंघन होगा: कर्नाटक हाईकोर्ट ने "मूविंग गार्डन" को लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सभी संभावित वाहनों पर 'मूविंग गार्डन' को लागू करने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाले वकील द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की कि यदि अवधारणा व्यवहार्य पाई जाती है तो राज्य सरकार को इसे लागू करने का निर्देश दिया जाए ताकि पारिस्थितिकी और पर्यावरण को बनाए रखा जा सके।चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने के. सुरेश द्वारा दायर याचिका खारिज करते हुए कहा,"मूविंग गार्डन'...