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अनधिकृत कब्जा करने वाले को भी संपत्ति के मालिक को कानून द्वारा प्रदान किए गए तरीके से बेदखल करना चाहिए: उत्तराखंड हाईकोर्ट
अनधिकृत कब्जा करने वाले को भी संपत्ति के मालिक को 'कानून द्वारा प्रदान किए गए तरीके' से बेदखल करना चाहिए: उत्तराखंड हाईकोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दोहराया कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही एक किरायेदार को संपत्ति से बेदखल किया जा सकता है और इसलिए, संपत्ति का मालिक कानून द्वारा प्रदान किए गए तरीके के अलावा किसी अन्य तरीके से जबरन कब्जा वापस नहीं ले सकता।मालिकों द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस मनोज कुमार तिवारी की सिंगल जज बेंच ने कहा,"हालांकि, यह कानून की स्थापित स्थिति है कि संपत्ति के असली मालिक के खिलाफ निषेधाज्ञा नहीं दी जा सकती है, लेकिन यह न्यायशास्त्र में समान रूप से स्थापित है कि...

Allahabad High Court
सीएससी कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू करें, सुनिश्चित करें कि मामले की फाइलें सुबह 10 बजे तक हाईकोर्ट पहुंचें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिए

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मुख्य सरकारी वकील के कार्यालय से कोर्ट में फाइलों के आने में देरी पर आपत्ति जताते हुए प्रमुख सचिव (विधि) और एलआर, यूपी सरकार को सीएससी के कार्यालय में दो सप्ताह के भीतर बायोमेट्रिक सिस्टम शुरू करने का निर्देश दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्यालय के कर्मचारी समय पर पहुंचें।जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें राज्य की ओर से पेश सरकारी वकील ने इस आधार पर मामले को स्थगित करने की प्रार्थना की...

ट्रेनिंग, कोचिंग सर्विस शैक्षणिक संस्थान के अंतर्गत नहीं आतीं, कोई जीएसटी छूट उपलब्ध नहीं: केरल एएआर
ट्रेनिंग, कोचिंग सर्विस 'शैक्षणिक संस्थान' के अंतर्गत नहीं आतीं, कोई जीएसटी छूट उपलब्ध नहीं: केरल एएआर

केरल अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) ने फैसला सुनाया कि जीएसटी छूट का दावा करने के लिए ट्रेनिंग और कोचिंग सर्विस "शैक्षणिक संस्थान" की परिभाषा के तहत नहीं आती ।एस.एल. श्रीपार्वती और अब्राहम रेन एस की दो सदस्यीय पीठ ने देखा कि वर्तमान में लागू किसी भी कानून द्वारा मान्यता प्राप्त योग्यता प्राप्त करने के लिए कोर्स के एक भाग के रूप में शिक्षा के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने वाले संस्थान और अनुमोदित व्यावसायिक शिक्षा कोर्स के भाग के रूप में शिक्षा प्रदान करने में लगे हुए हैं। "शैक्षणिक संस्थान" की...

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली
कानून पति को पत्नी की सहमति और जानकारी के बिना उसका घरेलू सामान और ज्वैलरी ले जाने की अनुमति नहीं देता: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कानून पति को पत्नी की सहमति और जानकारी के बिना उसकी ज्वैलरी सहित घरेलू सामान ले जाने की अनुमति नहीं देता।जस्टिस अमित महाजन ने यह देखते हुए कि किसी भी व्यक्ति को इस बहाने से कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती कि पक्षकार मुकदमेबाजी कर रहे हैं, कहा,"सिर्फ इसलिए कि स्त्रीधन के संबंध में पत्नी की शिकायत लंबित है, इसका मतलब यह नहीं कि पति को चुपके से पत्नी को वैवाहिक घर से बाहर फेंकने और सामान ले जाने की अनुमति दी जा सकती है।"अदालत ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी...

मकोका | मुकदमा चलाने की अनुमति से इनकार न्यायिक हिरासत के विस्तार के आदेश को अमान्य नहीं करता: बॉम्बे हाईकोर्ट
मकोका | मुकदमा चलाने की अनुमति से इनकार न्यायिक हिरासत के विस्तार के आदेश को अमान्य नहीं करता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक मामले में कहा कि अदालत जब किसी आरोपी की न्यायिक हिरासत बढ़ा देती है तो मुकदमा चलाने की मंजूरी से इनकार हिरासत के बढ़ाने को अमान्य नहीं कर देता।उक्त टिप्पणी के साथ कोर्ट ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत एक मामले में डिफॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया।कोर्ट ने कहा,"एक बार, जब विशेष अदालत ने कारण बताते हुए जांच की अवधि को 180 दिनों तक बढ़ा दिया है तो मुकदमे की मंजूरी से इनकार से विशेष अदालत द्वारा दी गई 90 दिनों की विस्तारित अवधि खत्म नहीं...

फेशियल रिकग्निशन सिस्टम सीसीटीवी के माध्यम से लोगों को ट्रेस नहीं करती, इसका इस्तेमाल सार्वजनिक सुरक्षा के लिए किया जाता है: हैदराबाद पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया
फेशियल रिकग्निशन सिस्टम सीसीटीवी के माध्यम से लोगों को ट्रेस नहीं करती, इसका इस्तेमाल सार्वजनिक सुरक्षा के लिए किया जाता है: हैदराबाद पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया

हैदराबाद शहर के पुलिस कमिश्नर सीवी आनंद ने तेलंगाना हाईकोर्ट को सूचित किया है कि फेशियल रिकग्निशन सिस्टम एक अकेला उपकरण है जिसका उपयोग सार्वजनिक सुरक्षा के लिए अपराधों को रोकने और उनका पता लगाने के लिए किया जाता है।उपकरण का उपयोग मुख्य रूप से संदिग्ध आतंकवादी, आदतन अपराधियों, खूंखार अपराधियों, लापता व्यक्तियों, अज्ञात शवों आदि की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह सार्वजनिक स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से जुड़ा नहीं है और वास्तविक समय की प्रोफाइलिंग/सामूहिक निगरानी के लिए उपयोग नहीं किया जाता...

दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन: हाईकोर्ट ने CUET, 2022 के लिए सीट आवंटन नीति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
दिल्ली यूनिवर्सिटी एडमिशन: हाईकोर्ट ने CUET, 2022 के लिए सीट आवंटन नीति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की

दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, 2022 (CUET) से कॉलेजों में विभिन्न ग्रेजुएशन कोर्स में एडमिशन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी की नीति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।जस्टिस विभु बाखरू की अवकाश पीठ ने कहा कि याचिका निराधार है और यह मानने का कोई प्रशंसनीय कारण नहीं कि कॉमन सीट आवंटन सिस्टम (CSAS) मनमाना, अनुचित और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 या 21 का उल्लंघन है।अदालत दो उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने सीएसएएस को चुनौती देने के अलावा, अपने कोर्स...

सड़कों से होर्डिंग हटाने के 18 साल पुराने आदेश के उल्लंघन पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर
सड़कों से होर्डिंग हटाने के 18 साल पुराने आदेश के उल्लंघन पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर

काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स ने हाल ही में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष हाइवे, मेन रोड और सड़क के किनारे लगे साइनबोर्ड, होर्डिंग और विज्ञापन बोर्ड को हटाने के मामलों में अधिकारियों की कथित निष्क्रियता के खिलाफ एक अवमानना ​​याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है अधिकारियों द्वारा बोर्ड को न हटाना दो दशक पुराने आदेश का उल्लंघन है। काउंसिल ऑफ इंजीजियर्स अखिल भारतीय स्तर का संगठन है, याचिका उसके संगठन और अध्यक्ष, दोनों की ओर से दायर की गई है।याचिकाकर्ताओं ने पंजाब सिविल सचिवालय के मुख्य सचिव के...

महिला जज के साथ दुर्व्यवहार| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी वकील को यूपी की अदालतों में प्रैक्टिस करने से रोका, जज को सुरक्षा देने के आदेश
महिला जज के साथ दुर्व्यवहार| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी वकील को यूपी की अदालतों में प्रैक्टिस करने से रोका, जज को सुरक्षा देने के आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर जिले में तैनात एक महिला जज के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक वकील को उत्तर प्रदेश की अदालतों में प्रैक्टिस करने से रोक दिया है। कोर्ट ने उसे 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने का भी आदेश दिया है।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को बुलंदशहर के खुर्जा की बाहरी अदालत में तैनात महिला न्यायिक अधिकारी की ओर से दिए गए संदर्भ पर आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।न्यायालय ने...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पत्नी की भरणपोषण याचिका स्थानांतरित करने की पति की याचिका खारिज की, कहा-पति का इरादा केवल पत्नी को परेशान करना है
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पत्नी की भरणपोषण याचिका स्थानांतरित करने की पति की याचिका खारिज की, कहा-पति का इरादा केवल पत्नी को परेशान करना है

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में एक पति की याचिका खारिज कर दिया, जिसमें उसने बर्दवान स्थित फैमिली कोर्ट में पत्नी की ओर से दायर धारा 125 सीआरपीसी कार्यवाही को ट्रांसफर करने की मांग की थी। पत्नी ने पति से मुआवजे की मांग की थी।जस्टिस शम्पा दत्त (पॉल) की पीठ फैसले में कहा कि पति की यह प्रार्थना कि मामले को बर्दवान अदालत को छोड़कर किसी भी अदालत में स्थानांतरित किया जा सकता है, यह प्रदर्शित करता है कि उसका एकमात्र इरादा पत्नी को परेशान करना है।मामलापुनरीक्षणवादी/याचिकाकर्ता का यह मामला था कि पति और...

सीआरपीसी की धारा 125 | पत्नी और बच्चों की आर्थिक मदद करने के लिए पति बाध्य, उन्हें पालने की जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता: गुजरात हाईकोर्ट
सीआरपीसी की धारा 125 | पत्नी और बच्चों की आर्थिक मदद करने के लिए पति बाध्य, उन्हें पालने की जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में देखा कि पति अपनी कानूनी रूप से विवाहित पत्नी और बच्चों को वित्तीय रूप से सहायता देने के लिए बाध्य है और वह उन्हें बनाए रखने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।जस्टिस समीर जे. दवे ने कहा कि पिता और पति होने के नाते पुरुष का सामाजिक और कानूनी कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी और बच्चों को उसी तरह का जीवन स्तर प्रदान करे, जिसका वे अलगाव से पहले आनंद उठाते थे।कोर्ट ने कहा,"पति का यह कर्तव्य है कि वह अपनी पत्नी का भरण-पोषण करे और उसे और उनके बच्चों को वित्तीय रूप से सहायता दें और...

सीआरपीसी की धारा 82 के तहत उद्घोषणा जारी करने और आरोपी की पेशी के लिए दो अलग-अलग तारीख दी जाएं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट से कहा
सीआरपीसी की धारा 82 के तहत उद्घोषणा जारी करने और आरोपी की पेशी के लिए दो अलग-अलग तारीख दी जाएं : पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट से कहा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 'उद्घोषणा' (Publication Of Proclamation) जारी करने से संबंधित सीआरपीसी की धारा 82 के उल्लंघन को रोकने के प्रयास में न्यायिक मजिस्ट्रेटों की अदालतों को उद्घोषणा में दो अलग-अलग तिथियां देने की सलाह दी है; पहली 15-20 दिनों के भीतर उद्घोषणा का प्रकाशन सुनिश्चित करने के लिए और दूसरी 30 दिनों के बाद अभियुक्तों की पेशी सुनिश्चित करने के लिए।जस्टिस गुरबीर सिंह की एकल पीठ ने कहा,“न्यायिक मजिस्ट्रेटों की अदालतों को सीआरपीसी की धारा 82 के प्रावधानों को अक्षरशः और सच्ची भावना...

अलॉटमेंट रद्द करना मनमाना : एनसीडीआरसी ने ई-होम इंफ्रास्ट्रक्चर को जमा की गई राशि लौटाने का निर्देश दिया
अलॉटमेंट रद्द करना मनमाना : एनसीडीआरसी ने ई-होम इंफ्रास्ट्रक्चर को जमा की गई राशि लौटाने का निर्देश दिया

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की पीठ ने ई-होम्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ताओं द्वारा जमा की गई पूरी राशि का भुगतान करे जिसमें स्टांप पेपर खरीदने के लिए खर्च किए गए 410000 रुपये और आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड द्वारा दी गई राशि को 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज के साथ भुगतान करना शामिल है। आयोग 18 प्रतिश वार्षिक दर से ब्याज के साथ शेष मूल राशि वापस करने के लिए प्रतिवादी पक्ष को निर्देश देने के लिए दायर एक शिकायत पर सुनवाई कर रहा था,जिसमें कुछ अन्य...

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के 12 साल बाद पत्नी की हत्या के आरोपी सिपाही को जमानत दी, कहा पुलिस ट्रायल को लंबा खींच रही है
जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के 12 साल बाद पत्नी की हत्या के आरोपी सिपाही को जमानत दी, कहा पुलिस ट्रायल को लंबा खींच रही है

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने यह कहते हुए कि ट्रायल के समापन की उम्मीद के बिना एक अभियुक्त की कैद की लंबी अवधि सीआरपीसी की धारा 437 के पहले प्रावधान की कठोरता को कम करती है, हाल ही में अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी।जस्टिस संजय धर ने कहा कि अभियुक्त ने 12 साल से अधिक समय तक अपनी लंबी कैद के और इस तथ्य के कारण कि अभियोजन पक्ष और पुलिस विभाग के आचरण से शायद ही कोई निकट भविष्य में ट्रायल के निष्कर्ष की संभावना है, जमानत देने के लिए एक मामला तैयार किया है।अदालत ने...

सांसद राजन विचारे ने सुरक्षा बहाली के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, शिंदे नेतृत्व वाली सरकार पर ठाकरे गुट के नेताओं को डराने का आरोप लगाया
सांसद राजन विचारे ने सुरक्षा बहाली के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया, शिंदे नेतृत्व वाली सरकार पर ठाकरे गुट के नेताओं को डराने का आरोप लगाया

उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) शिवसेना खेमे के सांसद राजन विचारे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य के खिलाफ कांस्टेबल की सुरक्षा कम करने के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।याचिका में कहा गया कि सीएम शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार सरकारी खजाने की कीमत पर निजी सहायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं और कुछ ऐसे लोगों को दोहरी पुलिस सुरक्षा प्रदान कर रही है, जो किसी पद पर भी नहीं हैं, लेकिन सीएम एकनाथ शिंदे के करीबी हैं। यूबीटी शिवसेना के साथ जुड़े...

दिल्ली हाईकोर्ट ने खानपुर मार्केट में DUSIB की दुकान-विध्वंस कार्रवाई पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने खानपुर मार्केट में DUSIB की दुकान-विध्वंस कार्रवाई पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने खानपुर मार्केट एसोसिएशन के सदस्यों के कब्जे वाली लगभग 34 दुकानों को गिराने के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के फैसले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।जस्टिस अमित महाजन की अवकाशकालीन पीठ ने खानपुर मार्केट एसोसिएशन द्वारा 27 दिसंबर, 2022 को DUSIB द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें निर्देश दिया गया कि सात दिनों के भीतर दुकानों से सामान हटा दिया जाए।नोटिस में आरोप लगाया गया कि दुकानों का निर्माण DUSIB की जमीन पर अनधिकृत रूप से किया...

आंसर की ((key) की शुद्धता के संबंध में संदेह का लाभ एग्जाम अथॉरिटी के पक्ष में जाता है, उम्मीदवार के पक्ष में नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
आंसर की ((key) की शुद्धता के संबंध में संदेह का लाभ एग्जाम अथॉरिटी के पक्ष में जाता है, उम्मीदवार के पक्ष में नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह देखते हुए कि एग्जाम की आंसर की (key) की शुद्धता के बारे में हमेशा एक धारणा होती है, कहा कि आंसर की की शुद्धता पर संदेह की स्थिति में लाभ उम्मीदवार के बजाय एग्जाम अथॉरिटी को जाना चाहिए।जस्टिस जे जे मुनीर की पीठ ने ज्ञान प्रकाश सिंह की वह रिट याचिका खारिज कर दी, जिसमें उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा संस्थान शिक्षा सेवा आयोग (UPHESC) द्वारा आयोजित कंपीटिशन एग्जाम में सहायता प्राप्त गैर-सरकारी कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर (कैमिस्ट्री) के रूप में उनका चयन न करने के निर्णय को...

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को गरीबी रेखा से नीचे एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को मुफ्त भोजन, इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को गरीबी रेखा से नीचे एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को मुफ्त भोजन, इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऐसे एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों को मुफ्त भोजन और चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और राष्ट्रीय राजधानी में इसके खर्च को वहन करने में असमर्थ हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 2017 और उसके तहत बनाए गए नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित...

यदि देयता स्वीकार की जाती है, तो बकाया भुगतान न करने के संबंध में विवाद को आर्बिट्रेशन के लिए नहीं भेजा जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
यदि देयता स्वीकार की जाती है, तो बकाया भुगतान न करने के संबंध में विवाद को आर्बिट्रेशन के लिए नहीं भेजा जा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि जहां अनुबंध के तहत देय राशि का भुगतान पक्षकारों द्वारा स्वीकार किया जाता है, उनके बीच भुगतान न करने से संबंधित विवाद को विवाद नहीं कहा जा सकता है, जो 'से उत्पन्न' या 'संबंध में' अनुबंध के तहत हुआ है। इस प्रकार इसे आर्बिट्रेशन के लिए नहीं भेजा जा सकता है।जस्टिस निधि गुप्ता की पीठ ने यह मानते हुए कि यह अनुबंध के तहत देय अंतिम राशि का भुगतान न करने का साधारण मामला है, फैसला सुनाया कि सिविल जज ने मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 (ए एंड सी एक्ट) की धारा 8...

कांग्रेस विधायकों का सामूहिक इस्तीफा: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से 10 दिनों में अपना निर्णय स्पष्ट करने को कहा
कांग्रेस विधायकों का सामूहिक इस्तीफा: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से 10 दिनों में अपना निर्णय स्पष्ट करने को कहा

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सितंबर 2022 में उनके समक्ष 91 कांग्रेस विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे पर अपना रुख / निर्णय स्पष्ट करने के लिए 10 दिन का समय दिया।चीफ जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने एडवोकेट जनरल को स्पीकर से निर्देश प्राप्त करने और अदालत में अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा।मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।हाईकोर्ट वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उप नेता और भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ द्वारा...