महिला जज के साथ दुर्व्यवहार| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी वकील को यूपी की अदालतों में प्रैक्टिस करने से रोका, जज को सुरक्षा देने के आदेश

Avanish Pathak

3 Jan 2023 8:03 AM GMT

  • महिला जज के साथ दुर्व्यवहार| इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी वकील को यूपी की अदालतों में प्रैक्टिस करने से रोका, जज को सुरक्षा देने के आदेश

    Allahabad High Court

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर जिले में तैनात एक महिला जज के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक वकील को उत्तर प्रदेश की अदालतों में प्रैक्टिस करने से रोक दिया है। कोर्ट ने उसे 12 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से हाईकोर्ट के समक्ष पेश होने का भी आदेश दिया है।

    जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस शिव शंकर प्रसाद की खंडपीठ ने सोमवार को बुलंदशहर के खुर्जा की बाहरी अदालत में तैनात महिला न्यायिक अधिकारी की ओर से दिए गए संदर्भ पर आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

    न्यायालय ने अवमाननाकर्ता को भविष्य में सावधान रहने और अवांछनीय तरीके से कार्य न करने की भी चेतावनी दी क्योंकि उसने जोर देकर कहा कि उसका आचरण हाईकोर्ट की सख्त निगरानी में है।

    सुनवाई के दरमियान हाईकोर्ट में पेश विशेष वकील ने महिला न्यायाधीश की ओर से प्रशासनिक जज (बुलंदशहर) को भेजे गए एक पत्र के बारे में बताया, जिसमें उन्होंने अवमाननाकर्ता के आचरण के बारे में जानकारी दी थी। पत्र में बताया गया अवमाननाकर्ता ने जज का अपमान किया था, अदालती कार्यवाही में बाधा डाली थी। जज के खिलाफ गाली-गलौज की थी।

    महिला न्यायिक अधिकारी ने अपने पत्र में बताया था कि 20 दिसंबर, 2022 को अवमाननाकर्ता के अवमाननापूर्ण कृत्य के कारण उन्हें अपने जीवन, स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षा के लिए अपनी पीठ से उठकर चैंबर में शरण लेनी पड़ी थी।

    21 दिसंबर 2022 को अवमाननाकर्ता ने महिला जज के साथ सार्वजनिक रूप से अपमान और दुर्व्यवहार किया गया। उन्हें धमकी दी।

    इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने चैप्टर XXIV रूल्स 11 (2), इलाहाबाद हाईकोर्ट रूल्स के तहत अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग किया और अवमानना कर्ता/विपक्षी दल को लिस्टिंग की अगली तारीख (12 जनवरी, 2023) तक उत्तर प्रदेश की किसी भी अदालत में प्रैक्टिस करने से रोक दिया।

    इसके अलावा, यह देखते हुए कि आरोपी एडवोकेट भरत सिंह को एक अगस्त को हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया था, जबकि वह दो जनवरी, 2023 तक जवाब दाखिल करने में विफल रहे, अदालत ने उसकी टालमटोल की रणनीति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,

    "अवमाननाकर्ता ने स्‍थगन की मांग करते हुए स्पष्ट रूप से टालमटोल की रणनीति अपनाई है। अवमाननाकर्ता ने कथित तौर पर गैर-जिम्मेदार तरीके से काम किया ... महिला न्यायिक अधिकारी के खिलफ अनादर के कृत्यों को गंभीरता से देखा जाना चाहिए और सख्ती से निपटा जाना चाहिए अन्यथा न्यायिक प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी।"

    कोर्ट ने जिला जज, बुलंदशहर को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि महिला न्यायिक अधिकारी की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए और अवमाननाकर्ता या उसका समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा अदालती कार्यवाही में किसी भी तरह से बाधा या हस्तक्षेप न किया जाए।

    कोर्ट ने आदेश दिया कि आदेश की प्रति आवश्यक अनुपालन के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर को भेजी जाए।

    केस टाइटल- माननीय हाईकोर्ट बनाम भरत सिंह (एडवोकेट) के मामले में [अवमानना आवेदन (आपराधिक) संख्या- 11/2022]

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें

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