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कांग्रेस विधायकों का सामूहिक इस्तीफा: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से 10 दिनों में अपना निर्णय स्पष्ट करने को कहा
कांग्रेस विधायकों का सामूहिक इस्तीफा: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से 10 दिनों में अपना निर्णय स्पष्ट करने को कहा

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सितंबर 2022 में उनके समक्ष 91 कांग्रेस विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे पर अपना रुख / निर्णय स्पष्ट करने के लिए 10 दिन का समय दिया।चीफ जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने एडवोकेट जनरल को स्पीकर से निर्देश प्राप्त करने और अदालत में अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा।मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।हाईकोर्ट वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उप नेता और भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ द्वारा...

Dharavi
धारावी प्रोजेक्ट- ‘जब तक विकास योजना इसे एक ‘नेचर पार्क’ के रूप में दिखाती है, तब तक कोई अन्य गतिविधि नहीं की जा सकती’: बॉम्बे हाईकोर्ट ने माहिम नेचर पार्क पर कहा

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सोमवार को कहा कि माहिम नेचर पार्क (एमएनपी) का तब तक विकास के लिए दोहन नहीं किया जा सकता जब तक कि यह विकास योजना में "नेचर पार्क" के रूप में आरक्षित है।अदालत ने कहा,"जब तक विकास योजना इसे एक नेचर पार्क के रूप में दिखाती है, तब तक कोई अन्य गतिविधि नहीं की जा सकती है।"डिप्टी कलेक्टर और विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी द्वारा स्पष्ट किए जाने के बाद कि नेचर पार्क को धारावी पुनर्विकास परियोजना से बाहर रखा गया है। एसीजे एसवी गंगापुरवाला की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने...

चार्जशीट दाखिल करने के बाद कर्मचारी के निलंबन को बढ़ाने के आदेश में कारण दर्ज होने चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
चार्जशीट दाखिल करने के बाद कर्मचारी के निलंबन को बढ़ाने के आदेश में कारण दर्ज होने चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर खंडपीठ ने हाल ही में दोहराया कि एक बार निलंबित कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच में चार्जशीट दाखिल हो जाने के बाद निलंबन केवल सुविचारित आदेश के आधार पर बढ़ाया जा सकता है।जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने अजय कुमार चौधरी बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा करते हुए यह टिप्पणी की,पूर्वोक्त के मद्देनजर, यह स्पष्ट है कि चार्जशीट दायर करने के बाद प्रतिवादियों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने निलंबन की अवधि बढ़ाने के लिए तर्कपूर्ण आदेश पारित करें।...

जब प्राइवेट एंटिटी रिट क्षेत्राधिकार के अधीन होती है तो न्यायिक पुनर्विचार सार्वजनिक कार्यों तक सीमित होता है: जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट
जब प्राइवेट एंटिटी रिट क्षेत्राधिकार के अधीन होती है तो न्यायिक पुनर्विचार सार्वजनिक कार्यों तक सीमित होता है: जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि जिन मामलों में प्राइवेट एंटिटी रिट क्षेत्राधिकार के अधीन है, न्यायिक पुनर्विचार की शक्तियां उन कार्यों तक सीमित हैं, जिनमें सार्वजनिक कर्तव्य का तत्व शामिल है।जस्टिस संजय धर ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता प्रतिवादी जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का घटक) को निर्देश देने के लिए प्रार्थना कर रहा है कि वह छह करोड़ रुपये की अपनी स्वीकृत देयता को जारी करे।याचिका का...

बम विस्फोट करना आधिकारिक कर्तव्य नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोप मुक्त करने की मांग वाली लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका खारिज की
'बम विस्फोट करना आधिकारिक कर्तव्य नहीं' : बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोप मुक्त करने की मांग वाली लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका खारिज की

Bombay High Court Dismisses Lt Col Prasad Purohit's Plea For Discharge In Malegaon Blast Case बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को मालेगांव ब्लास्ट मामले में मुख्य आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें 2008 के मालेगांव विस्फोट के मामले में आरोप मुक्त करने की मांग की गई थी। मालेगांव ब्लास्ट में छह लोग मारे गए थे और 101 से अधिक घायल हुए थे।जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस प्रकाश नाइक की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया। अदालत ने कहा, "बम विस्फोट करना आधिकारिक कर्तव्य नहीं...

सर्विस प्रोवाइडर के बीच विवाद को आर्बिट्रेशन के लिए नहीं भेजा जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट
सर्विस प्रोवाइडर के बीच विवाद को आर्बिट्रेशन के लिए नहीं भेजा जा सकता: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम, 1997 (ट्राई एक्ट) स्व-निहित कोड है, जिसका उद्देश्य देश में प्रोवाइड की गई दूरसंचार सर्विसेज से उत्पन्न होने वाले सभी विवादों से निपटना है। इसलिए सर्विस प्रोवाइडर के बीच उपभोक्ताओं/सब्सक्राइबरों को प्रभावित कर सकने वाले विवाद को आर्बिट्रेशन के लिए नहीं भेजा जा सकता।इस प्रकार, न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि ट्राई एक्ट की धारा 14(ए)(ii) के मद्देनजर सर्विस प्रोवाइडर के बीच विवाद दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण...

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक दिन से कम समय का नोटिस देने वाले अधिकारियों को संपत्ति गिराने से रोका
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक दिन से कम समय का नोटिस देने वाले अधिकारियों को संपत्ति गिराने से रोका

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ हाल ही में याचिकाकर्ता के बचाव में आई, जिसकी संपत्ति को संबंधित अधिकारियों द्वारा एक दिन से भी कम समय में नोटिस देकर ध्वस्त करने का आदेश दिया गया।जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि पक्षों को सुनने के बाद यह तभी उचित होगा जब याचिकाकर्ता को उपयुक्त अधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए उचित समय दिया जाए।कोर्ट ने कहा,इसलिए प्रतिवादियों को निर्देश के साथ याचिका का निस्तारण किया जाता है कि वे 3 दिनों के भीतर याचिकाकर्ताओं को भूमि के सीमांकन के संबंध...

प्रोविजनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी की अधिसूचना और फाइनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी की अधिसूचना की समाप्ति के बीच की अवधि के दौरान किए गए आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी नहीं लगेगी: गुजरात हाईकोर्ट
प्रोविजनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी की अधिसूचना और फाइनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी की अधिसूचना की समाप्ति के बीच की अवधि के दौरान किए गए आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी नहीं लगेगी: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High Court) ने कहा कि प्रोविजनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी (एडीडी) लगाने की अधिसूचना की समाप्ति और फाइनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने वाली अधिसूचना के बीच की अवधि के दौरान किए गए आयात पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी नहीं लगेगी।कोर्ट ने राजस्व विभाग द्वारा किए गए तर्क को खारिज कर दिया कि चूंकि फाइनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी की अधिसूचना, प्रोविजनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी की अधिसूचना के दिन से लागू की गई थी इसलिए आयातित माल पर प्रोविजनल एंटी-डंपिंग ड्यूटी के रेट की ड्यूटी ही लागू होगी।जस्टिस एन.वी....

Mehbooba Mufti
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की मां को पासपोर्ट देने से इनकार करने पर अधिकारियों को फटकार लगाई

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने पासपोर्ट अधिकारी को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मां के नए सिरे से पासपोर्ट जारी करने के आवेदन पर विचार करने का निर्देश देते हुए कहा कि प्राधिकरण को "सीआईडी का माउथपीस" के रूप में कार्य नहीं करना चाहिए।कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 6 के वैधानिक प्रावधानों को ओवरराइड नहीं कर सकती है।मुफ्ती की मां गुलशन नजीर को पासपोर्ट देने से इनकार करने के आदेश को खारिज करते हुए जस्टिस एम ए चौधरी ने कहा कि...

ट्रायल कोर्ट को डाइंग डेक्लरेशन’ के मनगढ़ंत दस्तावेज तुरंत खारिज कर देने चाहिए थे : बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के दोषी व्यक्ति को बरी किया
ट्रायल कोर्ट को डाइंग डेक्लरेशन’ के मनगढ़ंत दस्तावेज तुरंत खारिज कर देने चाहिए थे : बॉम्बे हाईकोर्ट ने पत्नी की हत्या के दोषी व्यक्ति को बरी किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महिला के मृत्यु-पूर्व बयान (डाइंग डेक्लरेशन) पर परिस्थितियों की वजह से विश्वास न करते हुए पत्नी की हत्या के आरोपी पति की दोषसिद्धि को निरस्त कर दिया। उस व्यक्ति को मार्च 2015 में दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि मृत्यु-पूर्व बयान पर सामान्यतया बाएं अंगूठे के निशान के बजाय दाहिने अंगूठे का निशान था, जिसे लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था और इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि बयान से पहले उसे कोई सीडेटिव (दर्द निवारक) दिया गया था या नहीं।...

मारुति सुजुकी को कार में दोषों को ठीक न कर पाने के कारण उपभोक्ता को 3 लाख रुपये का भुगतान करना चाहिएः दिल्ली राज्य आयोग
मारुति सुजुकी को कार में दोषों को ठीक न कर पाने के कारण उपभोक्ता को 3 लाख रुपये का भुगतान करना चाहिएः दिल्ली राज्य आयोग

दिल्ली स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन बेंच, जिसमें जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल अध्यक्ष और सुश्री पिंकी सदस्य थीं, ने जिला आयोग, शालीमार बाग के आदेश को बरकरार रखा। जिला आयोग ने मारुति सुजुकी इंडिया को 3,41,000/- 10% प्रति वर्ष के ब्याज के साथ, सेवा प्रदान करने में कमी के लिए शिकायत दर्ज करने की तिथि से, मुआवजा देने का निर्देश दिया था।जिला फोरम ने शिकायतकर्ता को 1000 रुपये हर्जाने का निर्देश दिया। 50,000/- उनके द्वारा झेले गए दर्द और पीड़ा के मुआवजे के रूप में 5,000 / रुपये मुकदमेबाजी की...

यह स्वीकार करना मुश्किल की घनी आबादी के बीच दो बच्चों की विधवा मां के साथ कई मौकों पर जबरन बलात्कार किया जा सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट
यह स्वीकार करना मुश्किल की घनी आबादी के बीच दो बच्चों की विधवा मां के साथ कई मौकों पर जबरन बलात्कार किया जा सकता है: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल में एक महिला से बलात्कार के आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, यह स्वीकार करना मुश्किल है कि दो बच्चों की विधवा मां के साथ घनी आबादी के इलाके में कई बार बलात्कार किया जा सकता है।“दरअसल, आवेदक और आरोपी के बीच लंबे समय से जान-पहचान थी। यह स्वीकार करना मुश्किल है कि घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में रहने वाली दो बच्चों वाली विधवा के साथ एक बार नहीं बल्कि कई मौकों पर जबरन बलात्कार किया जा सकता है। ”जस्टिस विभा कंकनवाड़ी और जस्टिस अभय वाघवासे की...

वैध वीजा के बावजूद यौन अपराध के दोषी अमेरिकी नागरिक को भारत में प्रवेश से इनकार, गुजरात हाईकोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया
वैध वीजा के बावजूद यौन अपराध के दोषी अमेरिकी नागरिक को भारत में प्रवेश से इनकार, गुजरात हाईकोर्ट ने यूनियन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया

गुजरात हाईकोर्ट ने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक द्वारा दायर एक याचिका पर यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य को नोटिस जारी किया है। अमेरिका में बाल यौन शोषण मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण वैध वीजा होने के बावजूद उसे भारत में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।एएसजी देवांग व्यास द्वारा याचिका की विचारणीयता का मुद्दा उठाए जाने के बाद जस्टिस गीता गोपी की पीठ ने नोटिस का जवाब 3 जनवरी, 2023 तक देने का निर्देश दिया।मामलामामला धनराज पटेल नामक एक व्यक्ति से संबंधित है, जो भारत में पैदा हुआ था, लेकिन 17 साल की उम्र...

भ्रष्टाचार के मामले में केवल इसलिए पूरी कार्यवाही रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि शिकायतकर्ता जांच के दौरान पक्षद्रोही हो गया: उड़ीसा हाईकोर्ट
भ्रष्टाचार के मामले में केवल इसलिए पूरी कार्यवाही रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि शिकायतकर्ता जांच के दौरान पक्षद्रोही हो गया: उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने माना कि भ्रष्टाचार के मामले में पूरी कार्यवाही केवल इसलिए रद्द नहीं की जा सकती, क्योंकि रिश्वत की मांग के संबंध में जाल में भाग लेने वाले शिकायतकर्ता ने जांच के दौरान अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन नहीं किया।जस्टिस राधा कृष्ण पटनायक की एकल न्यायाधीश पीठ ने इस तरह के मामले को रद्द करने के लिए दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा:"इसमें कोई संदेह नहीं कि आरोप को समर्थन में लाने के लिए मांग और स्वीकृति के आवश्यक तत्वों को स्थापित करना होगा, लेकिन यहां तक ​​कि जब भौतिक गवाह कथित जाल...

अब तक लिस्टिंग में बहुत समय बर्बाद हुआ: जस्टिस गौतम पटेल की अध्यक्षता वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने पेपर इनफ्लो को कम करने के निर्देश जारी किए, लिस्टिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया
'अब तक लिस्टिंग में बहुत समय बर्बाद हुआ': जस्टिस गौतम पटेल की अध्यक्षता वाली बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंच ने पेपर इनफ्लो को कम करने के निर्देश जारी किए, लिस्टिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया

जस्टिस गौतम पटेल की अध्यक्षता वाली बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की बेंच ने प्रायोगिक आधार पर पेपर इनफ्लो को कम करने और उनकी बेंच के समक्ष मामलों को लिस्ट करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए प्रशासनिक पक्ष पर कई निर्देश जारी किए हैं।अभी दो हफ्ते पहले जस्टिस अभय ओक ने सभी संवैधानिक अदालतों में पारदर्शिता लाने के लिए मामलों की लिस्टिंग में किसी भी तरह के मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करने की बात कही थी।28 दिसंबर के नोटिस के अनुसार, लिस्टिंग के लिए एक स्वचालित प्रणाली लागू की जाएगी। ...

अंधा अंधे का नेतृत्व कर रहा है? मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशिक्षित न्यायिक अधिकारी प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं, एकेडमी को रिफ्रेशर कोर्स आयोजित करने का आदेश
'अंधा अंधे का नेतृत्व कर रहा है?' मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशिक्षित न्यायिक अधिकारी प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं, एकेडमी को रिफ्रेशर कोर्स आयोजित करने का आदेश

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में तमिलनाडु राज्य न्यायिक अकादमी को न्यायिक अधिकारियों के लिए "रिफ्रेशर कोर्स" आयोजित करने का निर्देश दिया, जिसमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), यौन अपराधों से बच्चों की रोकथाम (POCSO) अधिनियम, SC/ST अधिनियम और एनडीपीएस अधिनियम जैसे विशेष अधिनियमों पर ध्यान केंद्रित किया जाए।जस्टिस पी.एन. प्रकाश और जस्टिस एन. आनंद वेंकटेश की पीठ ने यह निर्देश यह देखते हुए दिया कि निचली अदालतें आईपीसी और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका से...

डिटेंशन ऑर्डर की अनुवादित प्रति की आपूर्ति करने में विफलता हिरासत में लेने वाले प्राधिकरण के निर्णय को प्रभावित नहीं करती है: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
डिटेंशन ऑर्डर की अनुवादित प्रति की आपूर्ति करने में विफलता हिरासत में लेने वाले प्राधिकरण के निर्णय को प्रभावित नहीं करती है: जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि डिटेंशन ऑर्डर की अनुवादित प्रति की आपूर्ति करने के लिए डिटेनिंग अथॉरिटी की ओर से विफलता निरोध को समाप्त नहीं करती है।जस्टिस वसीम सादिक नरगल की पीठ ने कहा,"भारत के संविधान के अनुच्छेद 22(5) के तहत संवैधानिक शासनादेश के साथ प्रिवेंटिव डिटेंशन से निपटने वाले सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 1978 के प्रावधानों के एक मात्र अवलोकन से मुझे नहीं लगता कि ऐसी आवश्यकता अनिवार्य है और आंशिक रूप से विफल है। सभी...