कांग्रेस विधायकों का सामूहिक इस्तीफा: राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी से 10 दिनों में अपना निर्णय स्पष्ट करने को कहा
Brij Nandan
2 Jan 2023 5:08 PM IST
राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को सितंबर 2022 में उनके समक्ष 91 कांग्रेस विधायकों द्वारा दिए गए इस्तीफे पर अपना रुख / निर्णय स्पष्ट करने के लिए 10 दिन का समय दिया।
चीफ जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने एडवोकेट जनरल को स्पीकर से निर्देश प्राप्त करने और अदालत में अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा।
मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
हाईकोर्ट वर्तमान में राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उप नेता और भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ द्वारा कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने में अध्यक्ष की निष्क्रियता से संबंधित याचिका पर विचार कर रहा है।
आज सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल (जोशी की ओर से पेश) ने कहा कि विधायकों ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और ऐसे में उन इस्तीफे पर आदेश पारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस पर आपत्ति जताते हुए, याचिकाकर्ता-इन-पर्सन राठौर ने प्रस्तुत किया कि एक बार प्रस्तुत किए गए इस्तीफे को वापस नहीं लिया जा सकता है और स्पीकर अपना निर्णय सुनाने के लिए बाध्य हैं।
यह भी प्रस्तुत किया गया कि एडवोकेट जनरल स्पीकर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते क्योंकि AG सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, स्पीकर का पद सरकार से स्वतंत्र है।
इन परिस्थितियों में विधानसभा स्पीकर का जवाब मांगते हुए हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 जनवरी के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि राठौड़ ने पिछले महीने कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर आरोप लगाया कि विधानसभा स्पीकर (जोशी) सितंबर 2022 से कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे को दबाए बैठे हैं और किसी भी फैसले पर पहुंचने में विफल रहे हैं।
जनहित याचिका में कहा गया है कि चूंकि विधायकों ने राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया के नियमों के नियम 173 के अनुसार अपना इस्तीफा सौंप दिया था, इसलिए यह इस्तीफा स्वीकार करने के लिए स्पीकर पर निर्भर है।
याचिका सात कार्य दिवसों के भीतर इस्तीफे पर निर्णय लेने के लिए स्पीकर को निर्देश देने की मांग करती है। साथ ही विधानसभा सचिव से इस्तीफे से संबंधित दस्तावेज पेश करने और इस्तीफा देने वाले विधायकों की पहचान उजागर करने का निर्देश भी मांगा गया है।
गौरतलब हो कि पिछले साल सितंबर में सीएम अशोक गहलोत के वफादार लगभग 90 कांग्रेस विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाने के कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर नाराजगी जताते हुए राज्य विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सितंबर में सामूहिक रूप से इस्तीफा देने वाले विधायकों ने 31 दिसंबर से अपना इस्तीफा वापस लेना शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 190 (3) के अनुसार, एक विधायक स्पीकर या सभापति को पत्र लिखकर, जैसा भी मामला हो, अपनी सीट से इस्तीफा दे सकता है, और उसका इस्तीफा स्पीकर या सभापति द्वारा स्वीकार किया जाता है।
प्रावधान आगे यह भी प्रदान करता है कि अगर प्राप्त जानकारी से या अन्यथा और ऐसी जांच करने के बाद जैसा वह उचित समझे, स्पीकर/सभापति इस बात से संतुष्ट हैं कि ऐसा इस्तीफा स्वैच्छिक या वास्तविक नहीं है, तो वह ऐसे इस्तीफे को स्वीकार नहीं करेंगे।