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स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए बच्चों को डांटना-मारना अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिक्षक को बरी किया
स्कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए बच्चों को डांटना-मारना अपराध नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिक्षक को बरी किया

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने एक शारीरिक दंड मामले में कहा कि स्कूल शिक्षक द्वारा बिना किसी दुर्भावना के इरादे से केवल बच्चे को सही करने के लिए डांटना-मारना आईपीसी की धारा 324 या गोवा बाल अधिनियम, 2005 की धारा 2 (एम) के तहत अपराध नहीं है।गोवा खंडपीठ के जस्टिस भरत पी. देशपांडे ने दो बच्चों के हाथों पर छड़ी से मारने के लिए एक स्कूल शिक्षक की सजा को खारिज करते हुए कहा कि शिक्षक हमारी शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं, और अगर वे लगातार अनुशासनहीनता के अधीन हैं तो कुछ तुच्छ आरोपों के डर स्कूल में...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में सर्पदंश के सभी पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए राज्य को निर्देश देने से इनकार किया, कहा- इस पर सरकार को विचार करना है
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में सर्पदंश के सभी पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए राज्य को निर्देश देने से इनकार किया, कहा- इस पर सरकार को विचार करना है

बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में सांप और बिच्छू के काटने वाले सभी पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने यह देखते हुए यह निर्देश दिया कि यह नीतिगत निर्णय है और इस तरह का निर्देश राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करेगा।एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. वी. गंगापुरवाला और जस्टििस संदीप वी. मार्ने की खंडपीठ ने जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए कहा,"सांप के काटने के कारण मरने वाले अन्य व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान करने के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा...

एफआईआर दर्ज करने से एसएचओ के इनकार से पीड़ित व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 154 (3) के तहत पुलिक अधीक्षक के समक्ष एक अगल से आवेदन करने की जरूरत: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
एफआईआर दर्ज करने से एसएचओ के इनकार से पीड़ित व्यक्ति को सीआरपीसी की धारा 154 (3) के तहत पुलिक अधीक्षक के समक्ष एक अगल से आवेदन करने की जरूरत: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाल ही कहा कि एक व्यक्ति, जो एक पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी की ओर से एफआईआर दर्ज करने से इनकार करने से व्यथित है, को धारा 154 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस अधीक्षक के समक्ष एक अलग और स्वतंत्र आवेदन दायर करने की आवश्यकता है।जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राकेश मोहन पांडे की खंडपीठ ने टिप्पणी की,"सीआरपीसी की धारा 154(1) के तहत पुलिस अधीक्षक को केवल आवेदन की एक प्रति का समर्थन करना सीआरपीसी की धारा 154(3) का सख्त अनुपालन नहीं कहा जा सकता है। एसएचओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा की कार्यवाही को फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने के की व्यक्ति की याचिका को अनुमति दी, फैमिली कोर्ट में उसका तलाक का मामला लंबित है
बॉम्बे हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा की कार्यवाही को फैमिली कोर्ट में ट्रांसफर करने के की व्यक्ति की याचिका को अनुमति दी, फैमिली कोर्ट में उसका तलाक का मामला लंबित है

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट की अदालत से फैमिली कोर्ट में घरेलू हिंसा की कार्यवाही को ट्रांसफर करने की मांग करने वाले एक व्यक्ति के आवेदन की अनुमति दी, जहां उसने तलाक की याचिका दायर की है।कोर्ट ने कहा कि यह पत्नी के लिए असुविधाजनक नहीं होगा क्योंकि दोनों एक ही शहर में हैं।जस्टिस अमित बोरकर ने कहा कि परस्पर विरोधी फैसलों की संभावना है और ट्रांसफर से एक अदालत का बोझ कम होगा।कोर्ट ने कहा,“दो अदालतों द्वारा परस्पर विरोधी फैसलों की संभावना है। ट्रांसफर से एक अदालत का बोझ कम होगा जिसके परिणामस्वरूप...

यात्रा करने के अधिकार में केवल असाधारण परिस्थितियों में कटौती की जानी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट
यात्रा करने के अधिकार में केवल असाधारण परिस्थितियों में कटौती की जानी चाहिए: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि अपील की लंबितता जब सजा को निलंबित कर दिया गया हो तो यह एक "असाधारण परिस्थिति" नहीं हो सकती है जिसके तहत यात्रा करने के अधिकार में कटौती की जा सके।कोर्ट ने कहा कि यात्रा करने का अधिकार एक मूल्यवान मौलिक अधिकार है।जस्टिस जसमीत सिंह ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में दोषी नित्या नंद गौतम को 15 फरवरी से 15 मार्च तक अपनी बेटी से मिलने के लिए एक महीने के लिए दुबई जाने की अनुमति दी।कोर्ट ने कहा,"मेरे अनुसार, यात्रा करने का अधिकार एक...

एआईबीई-XVII: बार काउंसिल ऑफ इंडिया उम्मीदवारों को कम से कम नोट्स के साथ बेयर एक्ट की डाउनलोड की गई कॉपियां ले जाने की अनुमति दी
एआईबीई-XVII: बार काउंसिल ऑफ इंडिया उम्मीदवारों को 'कम से कम' नोट्स के साथ बेयर एक्ट की डाउनलोड की गई कॉपियां ले जाने की अनुमति दी

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने 5 फरवरी को ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन XVII (एआईबीई-17) में बैठने वाले उम्मीदवारों को बिना नोट्स (या कम से कम नोट्स) के बेयर एक्ट की डाउनलोड की गई प्रतियां ले जाने की अनुमति दी।गुरुवार को जारी इस संबंध में एक अधिसूचना इस प्रकार है,"उम्मीदवारों को बिना नोट्स के बेयर एक्ट की डाउनलोड की गई प्रतियां ले जाने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन अगर ऐसी प्रतियां उपलब्ध नहीं हैं, तो कुछ उम्मीदवारों द्वारा प्रार्थना के आधार पर संक्षिप्त नोट्स/न्यूनतम नोट्स के साथ बेयर एक्ट की प्रतियां...

वैकल्पिक उपाय उपलब्ध होने पर एफआईआर दर्ज करने के लिए रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते: गुजरात हाईकोर्ट
वैकल्पिक उपाय उपलब्ध होने पर एफआईआर दर्ज करने के लिए रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग नहीं कर सकते: गुजरात हाईकोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने आशाबेन मुलजीभाई घोरी बनाम गुजरात राज्य में अपने हालिया फैसले में कहा कि एफआईआर दर्ज करने के लिए रिट क्षेत्राधिकार का उपयोग नहीं किया जा सकता है। जस्टिस इलेश जे वोरा की पीठ ने एफआईआर दर्ज करने के लिए रिट अदालत के निर्देशों की मांग वाली एक रिट याचिका का निस्तारण किया।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उसके अभ्यावेदन के बावजूद, वह संबंधित अधिकारियों से एफआईआर दर्ज नहीं करवा सकी। इसलिए, उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत न्यायालय का रुख किया।अपने खंडन में, प्रतिवादी राज्य ने तर्क...

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट को दी गई धमकी की निंदा की; मधुकर अंगूर ने अपने फॉलोवर्स के कृत्य के लिए मांगी माफी
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट को दी गई धमकी की निंदा की; मधुकर अंगूर ने अपने फॉलोवर्स' के कृत्य के लिए मांगी माफी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीनियर एडवोकेट एमएस श्याम सुंदर को दी गई धमकियों पर कड़ा ऐतराज जताया, जिन्होंने अदालत में एक याचिका दायर कर एलायंस यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर मधुकर जी अंगुर को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की है, जिन्हें कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। श्याम सुंदर मैसर्स एलायंस यू‌निवसिटी की ओर पेश हो रहे थे।जस्टिस वी श्रीशानंद की सिंगल जज बेंच ने कहा, "इस अदालत की एक परंपरा/संस्कृति है, आप इसे खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। बार का एक...

जिस समझौते के तहत पत्नी ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण अधिकार छोड़ती है, वह लागू नहीं हो सकता; केरल हाईकोर्ट ने दोहराया
जिस समझौते के तहत पत्नी ने सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण अधिकार छोड़ती है, वह लागू नहीं हो सकता; केरल हाईकोर्ट ने दोहराया

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह कानून अच्छी तरह से स्थापित है कि एक समझौता जिसके जरिए पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के अपने अधिकार को छोड़ देती है, वह सार्वजनिक नीति के खिलाफ है और ऐसा समझौता आरंभ से ही अमान्य (ab intio void) है और लागू करने योग्य नहीं है।जस्टिस ए बदरुद्दीन ने कहा,"इसलिए, पत्नी की ओर से भरण-पोषण के लिए किए गए दावे को ‌अमान्य समझौते के आधार पर विवादित या अस्वीकार नहीं किया जा सकता है और पत्नी ऐसे अमान्य समझौते की अनदेखी करते हुए भरण-पोषण पाने की हकदार है।" ...

‘एक बेटी हमेशा बेटी रहती है’: हाईकोर्ट ने कहा विवाहित बेटियों को अनुकम्पा नियुक्ति से बाहर रखने की पंजाब पाॅलिसी अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन
‘एक बेटी हमेशा बेटी रहती है’: हाईकोर्ट ने कहा विवाहित बेटियों को अनुकम्पा नियुक्ति से बाहर रखने की पंजाब पाॅलिसी अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना है कि विवाहित बेटियों को उनके पिता की मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति के लाभ से बाहर करने की पाॅलिसी भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक है।जस्टिस जीएस संधवालिया और जस्टिस हरप्रीत कौर जीवन की खंडपीठ ने कहाः ‘‘हमारी सुविचारित राय है कि एक विवाहित बेटी के मामले में शुरुआत में बहिष्करण (अपवाद)स्पष्ट रूप से मनमाना है। केवल लिंग के आधार पर दहलीज पर अस्वीकृति भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन होगा क्योंकि इसके विपरीत...

संवैधानिक अदालतों में न्यायिक रिक्तियों को भरने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती: कानून मंत्री किरेन रिजिजू
संवैधानिक अदालतों में न्यायिक रिक्तियों को भरने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती: कानून मंत्री किरेन रिजिजू

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट (Andhra Pradesh High Court) में जजों की रिक्तियों के संबंध में तेलुगु देशम पार्टी के सांसद कनकमेडला रवींद्र कुमार के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हाईकोर्ट में रिक्तियों को भरना कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एकीकृत और सहयोगात्मक प्रक्रिया है। इसके लिए राज्य और केंद्रीय दोनों स्तरों पर विभिन्न संवैधानिक प्राधिकरणों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है। इसलिए, उच्च न्यायपालिका में जजों की रिक्तियों को भरने के लिए समय सीमा...

अडानी-हिंडनबर्ग मामला: सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका में शॉर्ट सेलिंग को धोखाधड़ी का अपराध घोषित करने की मांग
अडानी-हिंडनबर्ग मामला: सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका में 'शॉर्ट सेलिंग' को धोखाधड़ी का अपराध घोषित करने की मांग

अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद शेयर बाजार में अडानी समूह के शेयरों में ज़बरदस्त गिरावट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका में 'शॉर्ट-सेलिंग' को धोखाधड़ी का अपराध घोषित करने की मांग की गई है। याचिका में हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ "आर्टिफिशियल क्रैशिंग की आड़ में शॉर्ट सेलिंग के माध्यम से निवेशकों का शोषण करने के लिए" जांच की मांग की गई है।याचिकाकर्ता ने कहा कि निवेशकों...

Gauhati High Court
मैनुअल स्केवेंजिंग विरोधी कानून के तहत राज्य निगरानी समिति में दो महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करें: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम सरकार से कहा

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार को असम सरकार को मैनुअल स्केवेंजिंग रोजगार निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 की धारा 26 के तहत गठित राज्य निगरानी समिति में दो महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल करने का निर्देश दिया।अधिनियम, 2013 की धारा 26(1)(i) के अनुसार समिति में चार सामाजिक कार्यकर्ताओं में से दो महिलाएं होनी चाहिए। हालांकि, अगस्त 2018 में राज्य सरकार ने समिति में तीन पुरुष सामाजिक कार्यकर्ता और केवल एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता को नियुक्त किया।याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष जनहित याचिका में...

आरटीआई एक्ट के तहत खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और डोजियर का खुलासा नहीं किया जा सकता, राज्य पुलिस एटीएस को छूट: दिल्ली हाईकोर्ट
आरटीआई एक्ट के तहत खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट और डोजियर का खुलासा नहीं किया जा सकता, राज्य पुलिस एटीएस को छूट: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट और डोजियर का सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI Act) के तहत खुलासा नहीं किया जा सकता।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि प्रमुख जनहित देश की सुरक्षा की रक्षा करने में है न कि ऐसी रिपोर्टों का खुलासा करने में।अदालत ने कहा,"खुफिया अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट और डोजियर, जो जांच का विषय हैं, आरटीआई एक्ट के तहत खुलासा नहीं किया जा सकता, खासकर अगर वे देश की संप्रभुता या अखंडता से समझौता करते हैं।"अदालत ने मुंबई दोहरे विस्फोट...

ब्लैकलिस्टिंग के प्रस्ताव के लंबित होने के आधार पर बोली लगाने वाले को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोक सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट
ब्लैकलिस्टिंग के प्रस्ताव के लंबित होने के आधार पर बोली लगाने वाले को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोक सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने नागपुर जिला परिषद को विभिन्न कार्यों के लिए निर्माण फर्म की बोली पर विचार करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह निर्देश यह देखते हुए दिया कि इसे केवल इसलिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि राज्य इसे ब्लैकलिस्ट में डालने पर विचार कर रहा है।जस्टिस ए.एस. चांदुरकर और जस्टिस वृषाली वी. जोशी की खंडपीठ ने कहा,"हालांकि इस प्रस्ताव पर कोई विवाद नहीं हो सकता है कि उपयुक्त मामले में ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई को उचित ठहराया जा सकता है। इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए जब तक कि ब्लैकलिस्टिंग का...

रेलवे अथॉरिटी मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, भले ही दावेदार चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश कर रहा हो: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
रेलवे अथॉरिटी मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, भले ही दावेदार चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश कर रहा हो: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि रेल अथॉरिटी रेलवे एक्ट की धारा 124-ए के तहत दावेदार को मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, जो चलती ट्रेन से उतरते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।रेलवे एक्ट, 1989 ("अधिनियम") की धारा 124-ए अप्रिय घटनाओं के कारण मुआवजे से संबंधित है।जस्टिस जीएस अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि इस तरह का परिदृश्य एक्ट की धारा 124-ए के प्रावधान से प्रभावित नहीं होगा।उन्होंने कहा,अपीलकर्ताओं के वकील यह दिखाने के लिए कानून के किसी भी प्रावधान को इंगित नहीं कर सके कि चलती ट्रेन...

गुजरात हाईकोर्ट ने प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल लापरवाही, गर्भवती महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की कथित घटनाओं की जांच के लिए समिति का गठन किया
गुजरात हाईकोर्ट ने प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल लापरवाही, गर्भवती महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की कथित घटनाओं की जांच के लिए समिति का गठन किया

गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य के प्राइवेट हॉस्पिटल में गर्भवती महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की कथित घटनाओं की जांच के लिए समिति का गठन किया।अदालत ने कहा,"यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और याचिकाकर्ता द्वारा याचिका में वर्णित घटनाओं के बारे में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कैसे रिपोर्ट किया गया, हम इस न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति का गठन करना उचित समझते हैं। साथ ही दो महिला अधिकारियों द्वारा सहायता प्रदान की गई, जिससे वास्तविक सच्चाई का पता लगाया जा सके,...