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चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया,  सुप्रीम कोर्ट ने पिछले तीन महीने में 12,471 मामले निपटाए, जबकि 12,108 मामले दायर किए गए
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया, ' सुप्रीम कोर्ट ने पिछले तीन महीने में 12,471 मामले निपटाए, जबकि 12,108 मामले दायर किए गए'

चीफ ज‌स्टिस ऑफ इंडिया ज‌‌स्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में बताया कि जैसा कि साल की पहली तिमाही पूरी हो रहा है, 12,471 मामलों का निस्तारण हो चुका है, जबकि 12,108 मामले दायर हुए ‌थे। यह दिखाता है कि‌ निस्तारण की दर पिछले तीन महीनों में मामलों दायर करने की दर से अधिक रही है। भारी-भरकम बैकलॉग के कारण आलोचनाओं से घिरी न्यायपालिका के लिए यह समाचार आशा से भरा है।जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “प्रारंभिक वर्षों में अदालत पर बोझ, आज की तुलना में बहुत कम था। साल दर साल काम का बोझ बढ़ा है। अब हर दिन, सुप्रीम...

‌शिकायत राजनीति से प्रेरितः कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीन साल के बच्चे पर ट्वीट के मामले में WBCPCR की ओर से शुभेंदु अधिकारी को दी गई नोटिस पर रोक लगाई
‌शिकायत राजनीति से प्रेरितः कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीन साल के बच्चे पर ट्वीट के मामले में WBCPCR की ओर से शुभेंदु अधिकारी को दी गई नोटिस पर रोक लगाई

कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तीन साल के बच्चे के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट करने के मामले में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी।13 नवंबर, 2022 को अधिकारी ने संबंधित तीन साल के बच्चे के जन्मदिन की पार्टी के लिए की गई सुरक्षा व्यवस्था के बारे में एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें कथित तौर पर तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी के बेटे की जन्मदिन की पार्टी का जिक्र था।ट्वीट में अधिकारी ने बिना किसी व्यक्ति का सीधे...

चीफ जस्टिस की मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर भ्रामक खबरों पर केरल हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, स्पष्टीकरण जारी किया
चीफ जस्टिस की मुख्यमंत्री से मुलाकात को लेकर भ्रामक खबरों पर केरल हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, स्पष्टीकरण जारी किया

केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ चीफ ज‌स्टिस एस मणिकुमार की बैठक के संबंध में भ्रामक खबरों पर नाराजगी व्यक्त की। हाईकोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि यह देखने में आया है कि "विजुअल मीडिया का एक वर्ग" समाचारों का प्रसारण कर रहा है और "समझ से परे कारण बना रहा है"।हाईकोर्ट के पीआरओ ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "मैं केरल हाईकोर्ट की ओर से झूठी प्रकृति की मनगढ़ंत व्याख्याओं के साथ समाचार प्रसारित करने पर नाराजगी व्यक्त कर रहा हूं।"पीआरओ ने स्पष्ट किया कि चीफ जस्टिस...

ऐसे भेदभाव पर विधायिका सहमत नहीं होगी, मलयाला ब्राह्मणों को सबरीमाला मेलशांति पोस्ट प्रतिबंधित करने के फैसले पर केरल हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा
"ऐसे भेदभाव पर विधायिका सहमत नहीं होगी", मलयाला ब्राह्मणों को सबरीमाला 'मेलशांति' पोस्ट प्रतिबंधित करने के फैसले पर केरल हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा

केरल हाईकोर्ट ने शनिवार को अपनी विशेष बैठक में सबरीमाला-मलिकप्पुरम मंदिरों में मेलशांति (मुख्य पुजारी) के रूप में नियुक्ति के लिए केवल मलयाला ब्राह्मणों से आवेदन आमंत्रित करने वाली त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी।इस मामले की सुनवाई खंडपीठ में जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस पीजी अजित कुमार शामिल है।त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड की अधिसूचना को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 (1) और 16 (2) के तहत गारंटीकृत...

सरकारी नौकरी सिर्फ सपना नहीं बल्कि विजेता होने का संकेत भी है; ठग लोगों की इस कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं ठग: पीएंडएच हाईकोर्ट
सरकारी नौकरी सिर्फ सपना नहीं बल्कि विजेता होने का संकेत भी है; ठग लोगों की इस कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं ठग: पीएंडएच हाईकोर्ट

भारतीय सेना में नौकरी दिलाने का झांसा देकर दूसरे व्यक्ति को ठगने के आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि सरकारी नौकरी पाना सिर्फ एक सपना नहीं है बल्कि एक विजेता होने का संकेत भी है और लोगों की कमजोरी का फायदा ठग उठा रहे हैं।सरकारी और निजी नौकरियों के बीच अंतर के बारे में अपनी राय स्पष्ट करते हुए ज‌स्टिस अनूप चितकारा की पीठ ने कहा, "... जमीनी हकीकत यह है कि सरकारी क्षेत्र और निजी क्षेत्र में निचले पायदान पर समकक्ष नौकरियों के...

गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार आरोपी को पीड़िता के धारा 161 सीआरपीसी के अलग-अलग मामले के बयान को उसके आरोपों का खंडन करने में इस्तेमाल करने के लिए अनुमति दी
गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार आरोपी को पीड़िता के धारा 161 सीआरपीसी के अलग-अलग मामले के बयान को उसके आरोपों का खंडन करने में इस्तेमाल करने के लिए अनुमति दी

गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में निचली अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें बलात्कार के एक मामले में आरोपी को पुलिस निरीक्षक से जिरह करने का मौका नहीं दिया गया था। अधिकारी ने दूसरे मामले में पीड़िता का बयान दर्ज किया था।आवेदक-आरोपी ने गवाह पर प्रक्रिया जारी करने के लिए सीआरपीसी की धारा 233 के तहत एक आवेदन दिया, जिसने आईपीसी की धारा 307 के तहत अपराधों के लिए नारनपुरा पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के संबंध में पीड़ित का बयान दर्ज किया था।गवाह की जांच का कारण यह था कि आरोपी के अनुसार उसने धारा 161...

एडवोकेट शादान फरासत सुप्रीम कोर्ट में पंजाब राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त
एडवोकेट शादान फरासत सुप्रीम कोर्ट में पंजाब राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त

एडवोकेट शादान फरासत को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पंजाब राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) के रूप में नियुक्त किया गया है। पंजाब सरकार के गृह मामलों और न्याय विभाग द्वारा 30 जनवरी को एएजी के रूप में नियुक्ति के लिए पत्र जारी किया गया है।पत्र में कहा गया है,"आप एतदद्वारा भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पंजाब राज्य के लिए और उसकी ओर से मामलों का बचाव करने के लिए लीगल सेल पंजाब कार्यालय, नयी दिल्ली में एडिशनल एडवोकेट जनरल के रूप में तत्काल प्रभाव से नियुक्त किये जाते...

क्या धारा 482 सीआरपीसी याचिका को केवल इस आधार पर खारिज किया जा सकता है कि डिस्चार्ज एप्लिकेशन लंबित है? सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया
क्या धारा 482 सीआरपीसी याचिका को केवल इस आधार पर खारिज किया जा सकता है कि डिस्चार्ज एप्लिकेशन लंबित है? सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक विशेष अनुमति याचिका में नोटिस जारी किया, जिसमें यह मुद्दा उठाया गया था क्या हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एक याचिका को केवल इस आधार पर खारिज कर सकता है कि डिस्चार्ज एप्लिकेशन लंबित है?इस मामले में, याचिकाकर्ताओं-अभियुक्तों ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने देखा कि इस याचिका के लंबित रहने के दरमियान, सभी आरोपियों ने सीआरपीसी की धारा 239 के तहत ट्रायल कोर्ट के समक्ष आरोपमुक्त करने की...

राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य को विवाहित जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य को विवाहित जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

जयपुर बेंच में राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य को विवाहित जोड़े के जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस विवाहित युगल में दोनों बालिग हैं और उन्होंने हाल ही में अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराया। उन्होंने यह कहते हुए जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया कि उनके रिश्तेदार उनकी शादी को मंजूरी और मान्यता नहीं दे रहे हैं।जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने देखा,“कानून अच्छी तरह से स्थापित है कि किसी के हाथ में कानून लेकर निजता और व्यक्तियों की स्वतंत्रता...

मद्रास हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिकाओं के लिए ई-फाइलिंग को अनिवार्य बनाया
मद्रास हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिकाओं के लिए ई-फाइलिंग को अनिवार्य बनाया

मद्रास हाईकोर्ट ने मद्रास में प्रिंसिपल बेंच और मदुरै खंडपीठ दोनों में ई-फाइलिंग अनिवार्य कर दी है। यह सुविधा प्रारंभ में केवल अग्रिम जमानत आवेदनों के लिए अनिवार्य है।एडवोकेट्स या पार्टी-इन-पर्सन को पहले ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक यूजर अकाउंट बनाना होगा। ई-फाइलिंग प्रक्रिया के लिए हाईकोर्ट द्वारा तैयार किए गए विस्तृत दिशानिर्देश और ट्यूटोरियल वीडियो और उपयोगकर्ता नियमावली को मद्रास हाईकोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से देखा जा सकता है।एडवोकेट या पार्टी-इन-पर्सन सभी कार्य दिवसों पर सुबह 10:30 बजे...

विवाहित महिलाओं के आवेदन पर पति के बजाय माता-पिता के जाति और आय प्रमाण पत्र के आधार पर विचार करें : कर्नाटक हाईकोर्ट
विवाहित महिलाओं के आवेदन पर पति के बजाय माता-पिता के जाति और आय प्रमाण पत्र के आधार पर विचार करें : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्नातक प्राथमिक शिक्षकों के पद के सैकड़ों आवेदकों को राहत दी है, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा सामान्य योग्यता श्रेणी में रखा गया था, क्योंकि उन्होंने अपने पति या पत्नी के प्रमाण पत्र के बजाय अपने माता-पिता का जाति और आय प्रमाण पत्र जमा किया था।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने याचिकाओं के एक बैच को अनुमति दी और अनंतिम चयन सूची को रद्द कर दिया, क्योंकि यह याचिकाकर्ताओं को सामान्य योग्यता श्रेणी के तहत लाए जाने से संबंधित है।अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं को उन...

दिल्ली पुलिस ने उन्हें बलि का बकरा बनाया : दिल्ली कोर्ट ने शरजील इमाम और अन्य को जामिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज किया
"दिल्ली पुलिस ने उन्हें बलि का बकरा बनाया" : दिल्ली कोर्ट ने शरजील इमाम और अन्य को जामिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज किया

दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली में 2019 के जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा और आठ अन्य को डिस्चार्ज करते हुए शनिवार को कहा कि पुलिस "वास्तविक अपराधियों" को पकड़ने में असमर्थ रही और "निश्चित रूप से उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।" अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने गलत तरीके से चार्जशीट दायर करने के लिए अभियोजन पक्ष की खिंचाई करते हुए कहा कि पुलिस ने विरोध करने वाली भीड़ में से कुछ लोगों को आरोपी और अन्य को पुलिस गवाह के रूप में पेश करने के लिए "मनमाने ढंग से चुना"...

एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्रत्येक एफआईआर में आईओ के लिए चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्रत्येक एफआईआर में आईओ के लिए चार्जशीट दाखिल करना अनिवार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) के लिए यह अनिवार्य नहीं है कि एससी/एसटी एक्ट 1989 के तहत अपराध का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई प्रत्येक एफआईआर में वह चार्जशीट फाइल करे।जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस संजय कुमार पचौरी की खंडपीठ ने आगे स्पष्ट किया कि अधिनियम1989 की धारा 4(2)(ई) और एससी-एसटी एक्ट नियम 1995 के नियम 7(2) केवल आईओ को इस तरह के आरोप पत्र दायर करने के लिए कहते हैं, जहां जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर अपराध बनता है।पीठ ने यह आदेश अधिनियम, 1989 की धारा 4(2)(ई) और 1995...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
एमपी पंचायत राज्य अधिनियम की धारा 122 के तहत चुनाव याचिकाओं के ट्रायल में सीपीसी के प्रावधानों का पालन किया जाना चाहिए: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट, ग्वालियर खंडपीठ ने हाल ही में अनुविभागीय अधिकारी (SDO) द्वारा पारित वह आदेश रद्द कर दिया, जिसमें म.प्र. पंचायत राज अधिनियम की धारा 122 के तहत कार्यवाही की गई थी। कोर्ट ने कहा कि पंचायत राज्य अधिनियम, 1993 को नागरिक प्रक्रिया संहिता के अनुसार नहीं किया गया।जस्टिस मिलिंद रमेश फड़के ने कहा कि म.प्र. के नियम 11 के अनुसार, पंचायत (चुनाव याचिकाएं, भ्रष्ट आचरण और सदस्यता के लिए अयोग्यता) नियम, 1995, चुनाव याचिका के संबंध में ट्रायल सीपीसी के अनुसार आयोजित किया जाना है।अदालत ने...

KHCAA के प्रेसिडेंट सैबी जोस किदंगूर ने रिश्वतखोरी के आरोपों पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कराने के लिए केरल हाईकोर्ट का रुख किया
KHCAA के प्रेसिडेंट सैबी जोस किदंगूर ने रिश्वतखोरी के आरोपों पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कराने के लिए केरल हाईकोर्ट का रुख किया

केरल हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एडवोकेट सैबी जोस किदंगूर ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने और आगे की सभी कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। किदंगूर जजों को रिश्वत देने के नाम पर मुवक्किलों से पैसे लेने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।एर्नाकुलम सेंट्रल पुलिस स्टेशन ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 (1) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 के तहत अपराधों को लागू करके एडवोकेट सैबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। एफआईआर राज्य पुलिस...

केवल इसलिए कि रोगी ने इलाज के लिए अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं दी या सर्जरी विफल हो गई, डॉक्टर को लापरवाह नहीं ठहराया जा सकता: केरल हाईकोर्ट
केवल इसलिए कि रोगी ने इलाज के लिए अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं दी या सर्जरी विफल हो गई, डॉक्टर को लापरवाह नहीं ठहराया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि सामान्य पेशेवर प्रैक्टिस से केवल विचलन या दुर्घटना या अप्रिय घटना मेडिकल लापरवाही साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। अदालत ने कहा कि मेडिकल पेशेवर को आपराधिक लापरवाही के लिए दोषी ठहराए जाने के लिए उचित संदेह से परे सकल और दोषी लापरवाही को स्थापित करने की आवश्यकता है।अदालत की एकल पीठ मेडिकल लापरवाही के लिए भारत दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 304ए और 201 सहपठित धारा 34 के तहत निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए तीन डॉक्टरों और तीन नर्सों की आपराधिक अपील की...

सीबीआई को सामान्य सहमति के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य में मामलों की जांच करने के लिए पर्याप्त रूप से सशक्त किया गया: जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट
सीबीआई को सामान्य सहमति के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य में मामलों की जांच करने के लिए पर्याप्त रूप से सशक्त किया गया: जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड एल हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 7 मई, 1958 और 8 दिसंबर 1963 को सरकार द्वारा दी गई सामान्य सहमति के संदर्भ में जम्मू-कश्मीर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर किए गए अपराधों की जांच के लिए अपेक्षित अधिकार का उपयोग किया।जस्टिस संजय धर की पीठ ने याचिकाओं के एक समूह में उठाए गए कानून के सामान्य प्रश्न का उत्तर देते हुए यह फैसला सुनाया कि क्या सीबीआई को तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर किए गए...

कानूनी रूप से मान्य यूनिवर्सिटी से आवश्यक विषय में ग्रेजुएट करने वाले उम्मीदवार से एआईसीटीई अप्रूव संस्थान की डिग्री की मांग नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट
कानूनी रूप से मान्य यूनिवर्सिटी से आवश्यक विषय में ग्रेजुएट करने वाले उम्मीदवार से एआईसीटीई अप्रूव संस्थान की डिग्री की मांग नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच ने कहा कि असिस्टेंट लोको पायलट पोस्ट के लिए आवश्यक योग्यता रखने वाले उम्मीदवार को केवल इस कारण से पैनल में शामिल करने से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसके पास जो डिग्री है वह राजस्थान सरकार द्वारा अनुमोदित संस्थान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) से नहीं है।चीफ जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने पाया कि कानूनी रूप से मान्य यूनिवर्सिटी (Statutory University) से प्राप्त डिग्री या डिप्लोमा AICTE की मान्यता के दायरे से बाहर है।"इस प्रकार, मामले के...