कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट को दी गई धमकी की निंदा की; मधुकर अंगूर ने अपने फॉलोवर्स' के कृत्य के लिए मांगी माफी

Avanish Pathak

3 Feb 2023 4:20 PM GMT

  • कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट को दी गई धमकी की निंदा की; मधुकर अंगूर ने अपने फॉलोवर्स के कृत्य के लिए मांगी माफी

    कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीनियर एडवोकेट एमएस श्याम सुंदर को दी गई धमकियों पर कड़ा ऐतराज जताया, जिन्होंने अदालत में एक याचिका दायर कर एलायंस यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर मधुकर जी अंगुर को दी गई जमानत को रद्द करने की मांग की है, जिन्हें कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। श्याम सुंदर मैसर्स एलायंस यू‌निवसिटी की ओर पेश हो रहे थे।

    जस्टिस वी श्रीशानंद की सिंगल जज बेंच ने कहा, "इस अदालत की एक परंपरा/संस्कृति है, आप इसे खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। बार का एक जिम्मेदार सदस्य आप पर आरोप लगा रहा है। यह कर्नाटक में अनसुना था।"

    सीनियर एडवोकेट सुंदर ने अदालत के समक्ष एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने घर के बाहर कुछ उपद्रवी तत्वों को देखा था और यहां तक कि उनकी महिला सहकर्मी का भी किसी ने पीछा किया था।

    कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रतिवादी को अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया।

    पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "हमने जो आदेश (जमानत देना) पारित किया, उसकी पूरे देश में चर्चा हुई ‌थी। इस अदालत का दृष्टिकोण दिल्ली हाईकोर्ट के दृष्टिकोण के विपरीत था। हमने अपने विवेक का प्रयोग किया और बहुत श्रम कर आपके पक्ष में आदेश दिया है...।

    कोर्ट ने कहा,

    “आप उपद्रवी तत्वों को कैसे भेज सकते हैं? यहां किसी को डराने की कोशिश मत करें...। नाराजगी के बाद कोर्ट से बिना शर्त लिख‌ित माफी मांगी गई।

    अपने आदेश में अदालत ने कहा, “सी‌नियर एडवोकेट एमएस श्याम सुंदर ने एक अभूतपूर्व प्रस्तुति दी है, जिसमें कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व उनके घर के सामने आ गए और उन्हें खतरा है। इस तरह की गतिविधियां कड़े शब्दों में निंदनीय हैं। यह भी प्रस्तुत किया गया है कि श्यामसुंदर की महिला सहकर्मी का कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से पीछा किया गया था।"

    कोर्ट ने आगे कहा, "मधुकर अंगुर ने स्पष्ट रूप से आरोपों का खंडन किया था।

    ...उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और भविष्य में भी कानून का पालन करने वाले बने रहेंगे और जाने-अनजाने अगर उनका कोई अनुयायी ऐसी गतिविधियों में शामिल होता है, तो वह इसके लिए क्षमाप्रार्थी महसूस करते हैं...”

    मामला अगली सुनवाई के लिए एक मार्च को पोस्ट किया गया है।

    केस टाइटल: एम/एस एलायंस यूनिवर्सिटी और अन्य और मधुकर अंगूर और अन्य।

    केस नंबर: CRL.P 10606/2022

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