ब्लैकलिस्टिंग के प्रस्ताव के लंबित होने के आधार पर बोली लगाने वाले को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोक सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट

Shahadat

3 Feb 2023 6:45 AM GMT

  • ब्लैकलिस्टिंग के प्रस्ताव के लंबित होने के आधार पर बोली लगाने वाले को टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोक सकते: बॉम्बे हाईकोर्ट

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने नागपुर जिला परिषद को विभिन्न कार्यों के लिए निर्माण फर्म की बोली पर विचार करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह निर्देश यह देखते हुए दिया कि इसे केवल इसलिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि राज्य इसे ब्लैकलिस्ट में डालने पर विचार कर रहा है।

    जस्टिस ए.एस. चांदुरकर और जस्टिस वृषाली वी. जोशी की खंडपीठ ने कहा,

    "हालांकि इस प्रस्ताव पर कोई विवाद नहीं हो सकता है कि उपयुक्त मामले में ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई को उचित ठहराया जा सकता है। इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए जब तक कि ब्लैकलिस्टिंग का आदेश न हो, बोली लगाने वाला बिना किसी बाधा के टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने का हकदार है। जिला परिषद के अनुसार भी याचिकाकर्ता को ब्लैकलिस्ट में डालने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित है। इस प्रकार याचिकाकर्ता को ब्लैकलिस्ट में डालने के किसी भी आदेश के अभाव में उसे उस आधार पर टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोका जा सकता।"

    जिला परिषद ने 2022 में टेंडर नोटिस जारी कर करीब 10 कार्यों के लिए बोली आमंत्रित की। जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने दिनांक 30 जनवरी 2023 को पत्र जारी कर जिला परिषद को सूचित किया कि याचिकाकर्ता को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। इसलिए याचिकाकर्ता को इस आधार पर टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है कि राज्य सरकार के निर्देशों की प्रतीक्षा की जा रही है।

    टेंडर डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, ठेकेदार अयोग्य होने के लिए उत्तरदायी है यदि उसे टेंडर में भाग लेने से ब्लैकलिस्ट में डाला गया।

    याचिकाकर्ता के वकील अभय सांबरे ने प्रस्तुत किया कि चूंकि अभी तक ब्लैकलिस्टिंग का कोई आदेश अस्तित्व में नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता को केवल इसलिए भाग लेने से नहीं रोका जा सकता है, क्योंकि यह प्रस्तावित है कि उसे ब्लैकलिस्ट किया जाए।

    एडवोकेट पी.के. जिला परिषद के लिए साथियानाथन ने प्रस्तुत किया कि जिला परिषद द्वारा संचार प्राप्त किया गया कि याचिकाकर्ता को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता के खिलाफ तीन अपराध दर्ज हैं, इसलिए याचिकाकर्ता को जिला परिषद द्वारा प्रतिबंधित करना उचित है।

    अदालत ने कहा कि ब्लैकलिस्ट में डालने का आदेश अस्तित्व में ही नहीं है और यहां तक कि जिला परिषद के अनुसार याचिकाकर्ता को ब्लैकलिस्ट में डालने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास लंबित है। अदालत ने कहा कि ब्लैकलिस्ट में डालने के किसी भी आदेश के अभाव में याचिकाकर्ता को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने से नहीं रोका जा सकता है।

    अदालत ने कहा कि जिला परिषद उचित नहीं है और याचिकाकर्ता को निविदा प्रक्रिया में भाग लेने से रोक रही है। कोर्ट ने जिला परिषद को टेंडर नोटिस के अनुसार याचिकाकर्ता की बोली पर विचार करने का निर्देश दिया।

    अदालत ने कहा कि बोलियों को केवल 30 दिसंबर, 2022 के संचार के कारण खारिज नहीं किया जाएगा। यदि याचिकाकर्ता को ब्लैकलिस्ट में डाला जाता है तो जिला परिषद कानून के अनुसार उस पहलू पर विचार करने के लिए स्वतंत्र है।

    केस नंबर- रिट याचिका नंबर 16/2023

    केस टाइटल- एम/एस. नानक कंस्ट्रक्शन बनाम महाराष्ट्र राज्य

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