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शाहजहांपुर बलात्कार कांड 2011 - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य और शिकायतकर्ता की अनापत्ति के बाद चिन्मयानंद सरस्वती को अग्रिम जमानत दी
शाहजहांपुर बलात्कार कांड 2011 - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य और शिकायतकर्ता की 'अनापत्ति' के बाद चिन्मयानंद सरस्वती को अग्रिम जमानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद सरस्वती को शाहजहांपुर बलात्कार मामले 2011 के संबंध में अग्रिम जमानत दे दी, क्योंकि राज्य ने चिन्मयानंद की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया। शिकायतकर्ता के वकील ने एक जवाबी हलफनामा दायर किया जिसमें कहा गया कि अगर चिन्मयानंद को अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाता है तो शिकायतकर्ता को कोई आपत्ति नहीं है। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने शिकायतकर्ता और राज्य के रुख को ध्यान में रखते हुए 19 दिसंबर, 2022 के अपने पहले के आदेश की पुष्टि करते हुए उसे...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
‘मां ने अपने अवैध संबंध को अधिक महत्व दिया, बच्चे के लिए नैतिक मूल्य महत्वपूर्ण’: कर्नाटक हाईकोर्ट ने 7 साल की बच्ची की कस्टडी पिता को सौंपी

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैमिली कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है,जिसमें सात साल की एक बच्ची की मां को निर्देश दिया गया था कि वह बच्ची की कस्टडी उसके पिता को सौंप दे। यह निर्देश देते हुए फैमिली कोर्ट ने कहा था कि वह खुद अपने बच्चे के कल्याण पर ध्यान देने के बजाय अपने अवैध संबंधों के प्रति अधिक ध्यान दे रही है। जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ ने महिला द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया और कहा, ‘‘यदि उक्त एस (नाम संपादित) के साथ अपीलकर्ता के संबंध के मुद्दे की...

रॉटवीलर कुत्ते ने 72 वर्षीय रिश्तेदार को काटा: मुंबई कोर्ट ने कुत्ते के मालिक को दोषी ठहराया, 3 साल की जेल की सजा सुनाई
रॉटवीलर कुत्ते ने 72 वर्षीय रिश्तेदार को काटा: मुंबई कोर्ट ने कुत्ते के मालिक को दोषी ठहराया, 3 साल की जेल की सजा सुनाई

मुंबई में एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक व्यवसायी को दोषी ठहराया और आईपीसी की धारा 289 के तहत लापरवाही के लिए तीन साल की कैद की सजा सुनाई, क्योंकि उसके रॉटवीलर कुत्ते ने 72 वर्षीय रिश्तेदार पर हमला किया और तीन बार उसे काटा।मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नदीम पटेल ने पाया कि मालिक होने के नाते दोषी साइरस होर्मुसजी कुत्ते के आक्रामक स्वभाव से पूरी तरह वाकिफ थे। इसके बावजूद उन्होंने गुस्से में भौंकने वाले कुत्ते को कार से बाहर उतारा।अदालत ने टिप्पणी की,"जब इस प्रकार के आक्रामक कुत्ते को सार्वजनिक...

यदि आवेदक अपील में हुई देरी के लिए पर्याप्त कारण दिखाने में विफल रहता है तो देरी को माफ नहीं किया जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट ने दोहराया
यदि आवेदक अपील में हुई देरी के लिए 'पर्याप्त कारण' दिखाने में विफल रहता है तो देरी को माफ नहीं किया जा सकता: झारखंड हाईकोर्ट ने दोहराया

झारखंड हाईकोर्ट ने दोहराया कि अदालत को अपील में हुई देरी की माफी के आवेदन को तब तक अनुमति नहीं देनी चाहिए जब तक कि आवेदक अदालत को संतुष्ट न कर दे कि उसे किसी 'पर्याप्त कारण' से मुकदमा चलाने से रोका गया।जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी ने दूसरी अपील खारिज करते हुए कहा,"आवेदक को न्यायालय को संतुष्ट करना चाहिए कि उसे अपने मामले पर मुकदमा चलाने से किसी भी "पर्याप्त कारण" से रोका गया। इसके साथ ही जब तक कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तब तक न्यायालय को देरी की माफी के लिए आवेदन की अनुमति...

भविष्य निधि वैधानिक कटौती, कर्मचारी को इससे लालच नहीं दिया जा सकता; कटौती ना होना धोखाधड़ी नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट
भविष्य निधि वैधानिक कटौती, कर्मचारी को इससे लालच नहीं दिया जा सकता; कटौती ना होना धोखाधड़ी नहीं : कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि एक कर्मचारी की ओर से भविष्य निधि में योगदान वैधानिक कटौती है और कर्मचारी के खाते में नियोक्ता की ओर से भविष्य नि‌धि भुगतान न करना धोखाधड़ी के अपराध को आकर्षित नहीं कर सकता है।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने सीएच केएस प्रसाद नामक व्यक्ति की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409 और 420 के तहत दर्ज अपराधों को खारिज करते हुए यह अवलोकन किया।पीठ ने कहा,“मामला भविष्य निधि में योगदान और संगठन को इसके...

विभागीय जांच केवल कर्मचारी पर मामूली जुर्माना लगाने के आधार पर नहीं की जा सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
विभागीय जांच केवल कर्मचारी पर मामूली जुर्माना लगाने के आधार पर नहीं की जा सकती: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सेल के अधिकारी के भुगतान और वार्षिक वेतन वृद्धि को इस आधार पर बहाल करने का निर्देश दिया कि उसके खिलाफ कोई विभागीय जांच शुरू नहीं की गई।याचिकाकर्ता को भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में डिप्टी जनरल मैनेजर (निरीक्षण विभाग) के रूप में तैनात किया गया और उसे आपूर्तिकर्ता (विक्रेता) के परिसर में और बीएसपी में स्थित स्टोरों में भी रिफ्रैक्टरी सामग्री के निरीक्षण के आयोजन का काम सौंपा गया।नवंबर-दिसंबर 2007 के महीनों में याचिकाकर्ता ने राउरकेला, नागपुर और नारकेतपल्ली में...

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राज्य आयुक्त दिव्यांग उम्मीदवारों के निवास के पास एग्जाम सेंटर बनाने के लिए केपीएससी से केवल  सिफारिश कर सकते हैं: केरल हाईकोर्ट
दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राज्य आयुक्त दिव्यांग उम्मीदवारों के निवास के पास एग्जाम सेंटर बनाने के लिए केपीएससी से केवल 'सिफारिश' कर सकते हैं: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों के लिए राज्य आयुक्त द्वारा केरल लोक सेवा आयोग (केपीएससी) को जारी किए गए आदेश में यह निर्देश देना कि चयन प्रक्रिया में भाग ले रहे दिव्यांग उम्मीदवारों को उनके आवास के पास एग्जाम सेंटर उपलब्ध कराए जाएं, इसकी शक्तियों के दायरे से बाहर है।जस्टिस शाजी पी. चैली की एकल न्यायाधीश पीठ ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 80-82 का अवलोकन किया, जो राज्य आयुक्त की शक्तियों और कार्यों को निर्धारित करती है और कहा कि आयुक्त ने किसी भी...

अभिभावक और प्रतिपाल्य अधिनियम की धारा 9 के तहत सामान्य रूप से रहता है एक विशेष स्थान पर समय बिताने से संबंधित नहीं, बल्‍कि निवास करने का इरादा है: एमपी हाईकोर्ट
अभिभावक और प्रतिपाल्य अधिनियम की धारा 9 के तहत "सामान्य रूप से रहता है" एक विशेष स्थान पर समय बिताने से संबंधित नहीं, बल्‍कि निवास करने का इरादा है: एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर स्थित खंडपीठ ने हाल ही में दोहराया कि गार्डियन एंड वार्ड एक्ट की धारा 9 के तहत "सामान्य रूप से निवास" शब्द का निर्धारण किसी विशेष स्थान पर रहने वाले संबंधित व्यक्ति के वहां पहुंचने के इरादे के आधार पर किया जाता है।गार्डियन एंड वार्ड एक्ट की धारा 9 कुछ आवेदनों के संबंध में न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से संबंधित है। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की पीठ ने कहा कि "सामान्य रूप से निवास करता है" शब्द का किसी विशेष स्थान पर बिताए गए समय से कोई लेना-देना नहीं है।मामले के तथ्य यह थे...

फिजिकल क्लासेस चलाने वाले कोचिंग संस्थान बिना सहमति के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लासेस के लिए बाध्य नहीं कर सकते: दिल्ली उपभोक्ता आयोग ने फीस वापस करने का निर्देश दिए
फिजिकल क्लासेस चलाने वाले कोचिंग संस्थान बिना सहमति के स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लासेस के लिए बाध्य नहीं कर सकते: दिल्ली उपभोक्ता आयोग ने फीस वापस करने का निर्देश दिए

दिल्ली में एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक मेडिकल कोचिंग संस्थान को एक छात्र द्वारा भुगतान की गई पूरी अग्रिम फीस वापस करने का निर्देश दिया।आयोग ने कहा कि किसी स्टूडेंट्स को COVID-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेस के लिए मजबूर नहीं कर सकता है, जब छात्र ने शुरुआत में फिजिकल क्लासेस के लिए एडमिशन लिया था।आगे कहा,"पक्षों के बीच यह निर्विवाद तथ्य है कि संस्थान में भर्ती छात्रों को दी जाने वाली कोचिंग निस्संदेह 'फिजिकल क्लासेस' के लिए थी न कि ऑनलाइन मोड के लिए। महामारी कोविड -19 का प्रकोप...

कर्मचारी की सर्विस की अवधि और नियोक्ता का आचरण पिछला वेतन देते समय प्रासंगिक विचार: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
कर्मचारी की सर्विस की अवधि और नियोक्ता का आचरण पिछला वेतन देते समय प्रासंगिक विचार: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने कहा कि बैक-वेज देते समय कर्मचारी की सर्विस की अवधि को ध्यान में रखा जाना चाहिए और साथ ही नियोक्ता के आचरण को भी देखा जाना चाहिए।जस्टिस संजय द्विवेदी की पीठ संविधान के अनुच्छेद 226/227 के तहत दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें लेबर कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई, जिसके माध्यम से जगदीश प्रसाद साहू (प्रतिवादी नंबर 2) को पूरे पिछले वेतन के साथ सर्विस में बहाल किया गया।साहू ने लगभग एक दशक तक पर्यावरण नियोजन और समन्वय संगठन (EPCO) के साथ काम किया। उसे जनवरी,...

मासूम जानवरों को मारने के लिए बाध्य करने वाला कोई प्रावधान नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उपद्रव पैदा करने वाले पक्षियों, कुत्तों को मारने की मांग वाली याचिका खारिज की
'मासूम जानवरों को मारने के लिए बाध्य करने वाला कोई प्रावधान नहीं': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उपद्रव पैदा करने वाले पक्षियों, कुत्तों को मारने की मांग वाली याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह वह जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी, जिसमें लखनऊ नगर निगम को उपद्रव या कीट पैदा करने वाले पक्षियों या जानवरों को नष्ट करने और लखनऊ शहर में आवारा या मालिक रहित कुत्तों को नष्ट करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने कहा कि इस तरह का निर्देश न्यायालय द्वारा जारी नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो नगर निगम को निर्दोष जानवरों को मारने के लिए बाध्य करता हो।जनहित...

इस तरह के गंभीर आरोप पूरी न्यायपालिका को बदनाम कर रहे हैं: केरल हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में एडवोकेट सैबी जोस के खिलाफ एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार किया
'इस तरह के गंभीर आरोप पूरी न्यायपालिका को बदनाम कर रहे हैं': केरल हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में एडवोकेट सैबी जोस के खिलाफ एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार किया

केरल हाईकोर्ट ने सोमवार को केरल हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एडवोकेट सैबी जोस किदंगूर के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को रिश्वत देने के बहाने मुवक्किलों से रूपये लिए।अदालत ने शुरुआत में उनसे पूछा कि एफआईआर दर्ज करने के दो दिनों के भीतर उन्होंने जल्दबाजी में अदालत का रुख क्यों किया?जस्टिस कौसर एडप्पागथ की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एस श्रीकुमार से पूछा कि याचिकाकर्ता जल्दबाजी में क्यों है...

हम कानून बनाने वाले नहीं हैं, इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर कहा
'हम कानून बनाने वाले नहीं हैं, इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते': दिल्ली हाईकोर्ट ने 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की मांग वाली जनहित याचिका पर कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को उस जनहित याचिका पर दिशा-निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें प्रार्थना की गई थी कि केंद्र और भारत के चुनाव आयोग को 2024 में एक साथ लोकसभा और विधान सभा के चुनाव कराने की व्यवहार्यता का पता लगाने का निर्देश दिया जाए।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा,"हम इसे नहीं कर सकते। हम विधायिका नहीं हैं। हम अपनी सीमाएं जानते हैं। हम कानून का अनुपालन सुनिश्चित करते हैं। हम इस तरह के परमादेश जारी नहीं कर सकते।जैसा कि उपाध्याय ने कहा कि...

यदि प्रथम दृष्टया दोषसिद्धि की प्रबल संभावना है तो केवल पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर हत्या का आरोप रद्द नहीं किया जा सकता : केरल हाईकोर्ट
यदि प्रथम दृष्टया दोषसिद्धि की प्रबल संभावना है तो केवल पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर हत्या का आरोप रद्द नहीं किया जा सकता : केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता, 1860 (आईपीसी) की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया, जबकि आरोपी और वास्तविक शिकायतकर्ता के बीच विवाद सुलझा लिया गया।जस्टिस ए बदरुद्दीन आईपीसी की धारा 324 और 307 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (रोकथाम) की धारा 3(1)(एस), 3(2)(वीए) के तहत अपराध के आरोपी व्यक्ति द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे।पहली याचिका उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए थी और दूसरी याचिका विशेष अदालत के उस...

अंतरिम उपाय प्रदान करने के लिए मध्यस्थ की शक्ति मध्यस्थता अधिनियम की धारा 9 के तहत न्यायालय की शक्तियों के समान : कलकत्ता हाईकोर्ट
अंतरिम उपाय प्रदान करने के लिए मध्यस्थ की शक्ति मध्यस्थता अधिनियम की धारा 9 के तहत न्यायालय की शक्तियों के समान : कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा कि 2015 के संशोधन अधिनियम के बाद, मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 17 के तहत अंतरिम उपाय प्रदान करने के लिए मध्यस्थ की शक्तियां अधिनियम की धारा 9 तहत न्यायालय की शक्तियों के समान (Pari Passu) हैं।ज‌स्टिस शेखर बी सराफ की पीठ ने टिप्पणी की कि धारा 9 के तहत अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने के लिए लागू परीक्षण धारा 17 के तहत मध्यस्थ द्वारा पारित आदेश की वैधता का परीक्षण करने के लिए भी लागू होगा।याचिकाकर्ता, जाग्रति ट्रेड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ने प्रतिवादी...

क्रूरता, परित्याग, व्यभिचार जैसे नए तथ्यों के आधारों पर स्‍थापित तलाक की दूसरी याचिका रेस ज्यूडिकाटा से प्रभावित नहीं होती: मद्रास हाईकोर्ट
क्रूरता, परित्याग, व्यभिचार जैसे नए तथ्यों के आधारों पर स्‍थापित तलाक की दूसरी याचिका रेस ज्यूडिकाटा से प्रभावित नहीं होती: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि जहां तक विवाह विच्छेद के आधारों का संबंध है, वे सतत प्रकृति के हैं। जस्टिस जीके इलानथिरैयन ने कहा कि जब कार्रवाई का कारण निरंतर और आवर्ती प्रकृति का है, तो तलाक के लिए बाद की याचिका रेस ज्यूडिकाटा से प्रभावित नहीं होगी।कोर्ट ने कहा,"तथ्य जो क्रूरता, परित्याग या व्यभिचार के आधार का गठन करते हैं, जैसा भी मामला हो, प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर कार्रवाई के विभिन्न कारणों को जन्म देने के लिए अलग-अलग होने की संभावना है। जब कार्रवाई का कारण...

नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट विवाद: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई यूनिवर्सिटी को एलएलएम कोर्स में ओबीसी कैंडिडेट को एडमिशन देने का निर्देश दिया
नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट विवाद: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई यूनिवर्सिटी को एलएलएम कोर्स में ओबीसी कैंडिडेट को एडमिशन देने का निर्देश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई यूनिवर्सिटी को एलएलएम पाठ्यक्रम में लॉ ग्रेजुएट को प्रवेश देने का निर्देश दिया है, यह देखते हुए कि ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है कि नॉन-क्रीमी लेयर (एनसीएल) प्रमाणपत्र आवेदन पंजीकरण प्रक्रिया से पहले होना चाहिए।जस्टिस जीएस पटेल और ज‌स्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने कहा,"अगर हम याचिका में दिए बयान को फेस वैल्यू पर लेते हैं कि अस्वीकृति इस आधार पर थी कि नए आवेदन की प्राप्ति पंजीकरण प्रक्रिया की समाप्ति तिथि के समान नहीं हो सकती है, तो इनकार स्पष्ट रूप से गलत है और इसे बनाए नहीं...

तथ्यों को छुपाकर रिसर्च वीज़ा को आगे बढ़वाया गया, ऐसा करना तत्काल निर्वासन योग्य: राजस्थान हाईकोर्ट ने यमनी नागरिक की अपील खारिज की
तथ्यों को छुपाकर रिसर्च वीज़ा को आगे बढ़वाया गया, ऐसा करना तत्काल निर्वासन योग्य: राजस्थान हाईकोर्ट ने यमनी नागरिक की अपील खारिज की

राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक यमनी नागरिक की अपील को खारिज कर दिया, जिसने अपने रिसर्च वीजा को यह दावा करते हुए आगे बढ़वाया था कि उसने विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जयपुर में पीएचडी के लिए एडमिशन प्राप्त किया है।चीफ जस्टिस पंकज मिथल और ज‌स्टिस मणींद्र मोहन श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि मामले के तथ्य खुद के लिए बोलते हैं और याचिकाकर्ता तत्काल निर्वासित होने के लिए उत्तरदायी है।कोर्ट ने कहा,"याचिकाकर्ता-अपीलकर्ता ने न केवल छात्र और शोध वीजा की...