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अपराधी परिवीक्षा अधिनियम: उड़ीसा हाईकोर्ट ने चावल और धान नियंत्रण आदेश का उल्लंघन करने के लिए 29 साल पहले दोषी ठहराए गए आरोपियों को राहत दी
अपराधी परिवीक्षा अधिनियम: उड़ीसा हाईकोर्ट ने चावल और धान नियंत्रण आदेश का उल्लंघन करने के लिए '29 साल पहले' दोषी ठहराए गए आरोपियों को राहत दी

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में दो व्यक्तियों को परिवीक्षा पर रिहा कर दिया है, जिन्हें उड़ीसा चावल और धान नियंत्रण आदेश, 1965 के उल्लंघन में चावल की बोरियों के परिवहन के लिए 29 साल पहले दोषी ठहराया गया था।जस्टिस गौरीशंकर सतपथी की एकल न्यायाधीश खंडपीठ ने दोषियों को इतने विलंबित समय पर जेल भेजना अनुचित समझा और इस प्रकार कहा,“…दोषी पहली बार के अपराधी हैं और अपीलकर्ताओं की कोई पिछली सजा उनके खिलाफ साबित नहीं हुई। अपीलकर्ताओं की सजा के बाद इस बीच 29 साल से अधिक समय बीत चुका है और दोषियों की उम्र लगभग...

उड़ीसा हाईकोर्ट ने तहसीलदार को भारत-पाक वार-विडो को आवंटित भूमि के रिकॉर्ड जारी करने में ‘लापरवाही’ बरतने पर फटकार लगाई
उड़ीसा हाईकोर्ट ने तहसीलदार को भारत-पाक वार-विडो को आवंटित भूमि के रिकॉर्ड जारी करने में ‘लापरवाही’ बरतने पर फटकार लगाई

उड़ीसा हाईकोर्ट ने गंजाम जिले में स्थित छत्रपुर के तहसीलदार को ‘‘लापरवाहपूर्ण रवैया’’ अपनाने और भूमि के रिकॉर्ड को फिर से जारी करने के लिए एक अस्सी वर्षीय भारत-पाक युद्ध-विधवा (वार-विडो) के आवेदन पर विचार करने में बरती गई निष्क्रियता के लिए कड़ी फटकार लगाई है,जो बुजुर्ग ने 1999 के सुपर-चक्रवात के कारण खो दिए थे। जस्टिस विश्वनाथ रथ की सिंगल बेंच ने कहा, ‘‘... इस अदालत ने तहसीलदार, छत्रपुर द्वारा ऐसे गंभीर मुद्दे पर दो महीने से अधिक की निष्क्रियता बरतने के कारण अपनी चिंता व्यक्त करने के लिए इसे...

बैंक के ग्राहक के पास ईमेल भेजने वाले अधिकारियों से संपर्क करने का कोई तरीका नहीं है, जवाबदेही आवश्यक: दिल्ली हाईकोर्ट
बैंक के ग्राहक के पास ईमेल भेजने वाले अधिकारियों से संपर्क करने का कोई तरीका नहीं है, जवाबदेही आवश्यक: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने उन अधिकारियों के संपर्क विवरण का उल्लेख किए बिना सिटी बैंक द्वारा अपने ग्राहकों को भेजे गए कंप्यूटर जनित ई-मेल पर चिंता व्यक्त की, जिनके निर्देशों के तहत उन्हें मेल भेजा गया।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह देखते हुए कि बैंक अधिकारियों की कुछ जवाबदेही होनी चाहिए, बैंक से जवाब मांगा कि क्या ग्राहकों को भेजे गए ईमेल में उनके अधिकारियों के नाम उनकी ई-मेल आईडी के साथ डाले जा सकते हैं।कोर्ट ने बैंक के जवाब में ग्राहकों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से पहले बैंक द्वारा की गई वेरिफिकेशन की...

आईएनएस विंध्यगिरि-एमवी नोर्डलेक टक्कर | सरकार ने 1300 करोड़ रूपये से अधिक का हर्जाना मांगा: बॉम्बे हाईकोर्ट ने जर्मन कंपनी की देनदारी को लगभग 30 करोड़ रूपये तक सीमित किया
आईएनएस विंध्यगिरि-एमवी नोर्डलेक टक्कर | सरकार ने 1300 करोड़ रूपये से अधिक का हर्जाना मांगा: बॉम्बे हाईकोर्ट ने जर्मन कंपनी की देनदारी को लगभग 30 करोड़ रूपये तक सीमित किया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारत सरकार को बड़े झटके देते हुए 30 जनवरी, 2011 को व्यापारी जहाज एमवी नोर्डलेक और नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विंध्यगिरि के बीच हुई टक्कर से हुए नुकसान के लिए जर्मन कंपनी एमवी नोर्डलेक जीएमबीएच की देनदारी को लगभग 30 करोड़ रूपये तक सीमित कर दिया।जस्टिस एन जे जमादार ने सभी दावों के लिए कंपनी की देयता को 27,89,234 विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) तक सीमित कर दिया, जो केंद्र सरकार के दावे 1397.76 करोड़ रूपये के खिलाफ महज 30 करोड़ रूपये है। हालांकि, सरकार के दावे पर पड़ने वाले असर को देखते...

जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को उसके पिता की सहमति के बाद 19 सप्ताह की गर्भ को समाप्त कराने की अनुमति दी
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने नाबालिग रेप पीड़िता को उसके पिता की सहमति के बाद 19 सप्ताह की गर्भ को समाप्त कराने की अनुमति दी

जम्मू- कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने एक नाबालिग रेप पीड़िता को 19 सप्ताह की गर्भ को समाप्त कराने अनुमति दी क्योंकि उसके पिता ने "अतिरिक्त उच्च जोखिम सहमति" दी थी।पीड़िता के पिता ने नाबालिग का गर्भपात कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। रेप मामले में 14 फरवरी को उत्तरी कश्मीर के एक थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।जस्टिस जावेद इकबाल वानी ने 17 फरवरी को श्रीनगर में एलडी अस्पताल के एक मेडिकल बोर्ड को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि गर्भावस्था को समाप्त करना उचित है या नहीं।मंगलवार को...

उपनियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ छह महीने के भीतर कार्यवाही पूरी करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया
उपनियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ छह महीने के भीतर कार्यवाही पूरी करें: दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को उन स्कूलों के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही को छह महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया, जो उसके उपनियमों का उल्लंघन करते पाए गए हैं।चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने उस जनहित याचिका का निस्तारण किया, जिसमें शिक्षा समितियों और फ्रेंचाइजी स्कूलों के बीच लेनदेन की सीबीएसई जांच और दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी (डीपीएसएस) द्वारा संचालित स्कूलों के मामलों का निरीक्षण करने की मांग की गई।याचिकाकर्ता शिक्षा के...

मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले दोषी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दी
मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले दोषी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दी

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले दोषी को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दी। कार्यक्रम स्थलों पर सिविल ड्रेस में एक एस्कॉर्ट पार्टी मौजूद रहेगी।जस्टिस ए.एस. गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक की खंडपीठ ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए उसकी उपस्थिति आवश्यक है।बेंच ने कहा,"धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए अपनी बेटी की शादी की तारीख पर आवेदक की उपस्थिति आवश्यक है। मामले के सभी दृष्टिकोणों पर विचार करने के बाद, हम आवेदक को 23, 24 और 25 फरवरी 2023 को...

आपराधिक मानहानि मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अरुण पुरी, राजदीप सरदेसाई, शिव अरूर के खिलाफ समन खारिज किया
आपराधिक मानहानि मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने अरुण पुरी, राजदीप सरदेसाई, शिव अरूर के खिलाफ समन खारिज किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे ग्रुप, इंडिया टुडे के एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी, न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई और शिव अरूर को एक ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन को खारिज कर दिया है। समन पूर्व विधायक भोजराज पाटिल की शिकायत पर जारी किया गया था, जिन्होंने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अपराध का आरोप लगाया था।जस्टिस वी श्रीशानंद ने कहा कि संज्ञान लेने और सम्मन जारी करने का आदेश यांत्रिक प्रकृति का है। अदालत ने कानून के अनुसार कड़ाई से नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को वापस...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किया, यातना के आरोपी महिला के ससुराल वालों की जमानत रद्द की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग किया, यातना के आरोपी महिला के ससुराल वालों की जमानत रद्द की

कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग किया और एक महिला के ससुराल वालों को दी गई जमानत को इस आधार पर रद्द कर दिया कि उन्होंने महिला को प्रताड़ित किया था।पीड़िता की ओर से दायर रिट याचिका को स्वीकार करते हुए, जस्टिस राजशेखर मंथा की सिंगल जज पीठ ने कहा, "इस न्यायालय का विचार है कि यह मामला वास्तव में असाधारण प्रकृति का है और असाधारण उपायों की मांग करता है। याचिकाकर्ता स्पष्ट रूप से निरंतर प्रताड़ना और उत्पीड़न का शिकार हुई है। भारतीय दंड संहिता की धारा...

सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता आकाश जितनी ऊंची, बयानों से कम नहीं हो सकती: बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता "आकाश जितनी ऊंची", बयानों से कम नहीं हो सकती: बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने उपराष्ट्रपति और कानून मंत्री के खिलाफ जनहित याचिका खारिज की

बॉम्बे हाईकोर्ट ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कानून मंत्री किरण रिजिजू के खिलाफ जनहित याचिका को खारिज करते हुए एक विस्तृत आदेश में कहा, "भारत के माननीय सुप्रीम कोर्ट की विश्वसनीयता आसमान छूती है। इसे व्यक्तियों के बयानों से कम या प्रभावित नहीं किया जा सकता है।"बेंच ने आदेश में कहा,"भारत का संविधान सर्वोच्च और पवित्र है। भारत का प्रत्येक नागरिक संविधान से बंधा हुआ है और इसके संवैधानिक मूल्यों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है। संवैधानिक संस्थाओं और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों सहित सभी को...

Writ Of Habeas Corpus Will Not Lie When Adoptive Mother Seeks Child
राज्य धारा 80 सीपीसी का अनुपालन नहीं करने पर पार्टी का दावा खारिज करने के लिए प्रार्थना नहीं कर सकता, अगर उसने लिखित बयान में आवश्यकता को हटा दिया है: एमपी हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दोहराया कि एक राज्य प्राधिकरण बाद के चरण में धारा 80 सीपीसी के गैर-अनुपालन के संबंध में आपत्ति नहीं उठा सकता है यदि उसने अपने लिखित बयान में इस मुद्दे को नहीं उठाया है।जस्टिस जीएस अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि भले ही धारा 80 सीपीसी के तहत प्रावधान अनिवार्य है, इसे संबंधित प्राधिकरण द्वारा माफ किया जा सकता है-इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि सीपीसी की धारा 80 के तहत नोटिस का मूल उद्देश्य राज्य और उसके अधिकारियों को विवाद को हल करने का अवसर देना है जिससे राज्य के मूल्यवान समय और धन...

पोक्सो एक्ट के तहत सहमति से यौन संबंध बनाने वाले नाबालिगों के मामलों की अनिवार्य रिपोर्टिंग के खिलाफ जनहित याचिका, दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
पोक्सो एक्ट के तहत सहमति से यौन संबंध बनाने वाले नाबालिगों के मामलों की अनिवार्य रिपोर्टिंग के खिलाफ जनहित याचिका, दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को पोक्सो एक्ट, 2012 के उन प्रावधानों के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें नाबालिगों से जुड़े सहमति से यौन संबंध के मामलों में पुलिस को अनिवार्य रिपोर्टिंग या एफआईआर दर्ज करने की आवश्यकता है।चीफ ज‌स्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने आठ सप्ताह के भीतर कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार से जवाब मांगा।एडवोकेट हर्ष विभोर सिंघल की ओर से दायर याचिका संविधान के पोक्सो अधिनियम की धारा 19, 21 और 22 की संवैधानिक वैधता...

चुप्प‌ी के कारण जजों को कष्ट उठाना पड़ेगा: पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने न्यायपालिका को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की निंदा की
'चुप्प‌ी के कारण जजों को कष्ट उठाना पड़ेगा': पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल ने न्यायपालिका को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल की निंदा की

पंजाब एंड हरियाणा बार काउंसिल के अध्यक्ष सुवीर सिद्धू ने सोमवार को जारी एक खुले पत्र में जजों के अपमान के लिए कुछ व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल करने की निंदा की। यह कहते हुए कि सार्वजनिक मंचों पर अपमानजनक आरोप लगाकर न्यायपालिका का अपमान न्याय के प्रशासन में बाधा डालता है और निष्पक्ष आलोचना के दायरे में नहीं आता है।पत्र में कहा गया है कि,"अदालतें हमेशा सार्वजनिक अवलोकन और निष्पक्ष वैध आलोचना के लिए खुली रही हैं। जजों ने परंपरागत रूप से कानूनी प्रणाली के बारे में विचारों और...

100 फीसदी दक्षता की अपेक्षा नहीं कर सकते: कर्नाटक हाईकोर्ट ने दुर्घटना/प्रैक कॉल से बचने के लिए अनिवार्य पैनिक बटन के खिलाफ जनहित याचिका का निस्तारण किया
100 फीसदी दक्षता की अपेक्षा नहीं कर सकते: कर्नाटक हाईकोर्ट ने दुर्घटना/प्रैक कॉल से बचने के लिए अनिवार्य 'पैनिक' बटन के खिलाफ जनहित याचिका का निस्तारण किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को संकटग्रस्त या जरूरतमंद नगारिकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली प्रदान करने में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि उपाय नागरिक के लिए अनुकूल, उत्तरदायी और कुशल हैं।पीठ ने यह अवलोकन अरुणकुमार एनटी की ओर से दायर एक जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए किया, जिसने राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर 112 या अन्य त्वरित प्रतिक्रिया सुविधा नंबरों...

‘100% दक्षता की अपेक्षा नहीं कर सकते; राज्य का प्रयास सराहनीय’: कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रैंक कॉल से बचने के लिए अनिवार्य पैनिक बटन के खिलाफ जनहित याचिका का निस्तारण किया
‘100% दक्षता की अपेक्षा नहीं कर सकते; राज्य का प्रयास सराहनीय’: कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रैंक कॉल से बचने के लिए अनिवार्य 'पैनिक' बटन के खिलाफ जनहित याचिका का निस्तारण किया

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन नागरिकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली प्रदान करने में राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की जिन्हें सहायता की आवश्यकता है या संकट में हैं।चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस अशोक एस किनागी की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि उपाय नागरिक अनुकूल, उत्तरदायी और कुशल हैं।कोर्ट ने ये अवलोकन एक अरुणकुमार एनटी द्वारा दायर एक जनहित याचिका का निपटान करते हुए किया, जिसने राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर 112 या अन्य त्वरित...

हाईकोर्ट ऑफ कर्नाटक
बरी होने से संतुष्ट न होने पर शिकायतकर्ता पुलिस द्वारा कर्तव्य में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मानवाधिकार आयोग के समक्ष कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायत की जांच करने वाले और मामले में चार्जशीट दायर करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कर्नाटक राज्य मानवाधिकार आयोग (KHRC) के समक्ष आरोपी को बरी किए जाने के बाद शिकायतकर्ता द्वारा कार्यवाही शुरू करना कानून के तहत टिकने योग्य नहीं है।जस्टिस ज्योति मुलिमणि की एकल न्यायाधीश पीठ ने पुलिस इंस्पेक्टर सिद्दलिंगप्पा एसटी द्वारा दायर याचिका स्वीकार करते हुए अवलोकन किया और आयोग द्वारा दिनांक 20.06.2015 को पारित आदेश रद्द कर दिया, जिसमें ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में 10,000...

वन घोटाला: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में आईएफएस अधिकारी विशाल चौहान को जमानत दी
वन घोटाला: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में आईएफएस अधिकारी विशाल चौहान को जमानत दी

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को पंजाब वन घोटाला और डब्ल्यूडब्ल्यूआईसीएस रिसॉर्ट जबरन वसूली मामले में आईएफएस अधिकारी विशाल चौहान और अन्य को जमानत दे दी।चौहान को पिछले साल एफआईआर में नामित किया गया, जब सतर्कता विभाग ने मोहाली के मंडल वन अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह और वन विभाग के ठेकेदार हरमिंदर सिंह की गिरफ्तारी के साथ वन घोटाले का भंडाफोड़ किया।जस्टिस अनूप चितकारा की पीठ ने यह आदेश पारित किया, क्योंकि यह कहा गया कि अभियुक्तों को आगे सुनवाई से पहले कैद करना न्यायोचित नहीं है।पीठ ने...

यदि मोटर दुर्घटना में लगी चोट से संबंध स्थापित हो तो मृत्यु के लिए मुआवजा देय: राजस्थान हाईकोर्ट
यदि मोटर दुर्घटना में लगी चोट से संबंध स्थापित हो तो मृत्यु के लिए मुआवजा देय: राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के फैसले में संशोधन किया, जिसने जयपुर के 58 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु के मुआवजे को इस आधार पर अस्वीकार कर दिया था कि मोटर दुर्घटना के दौरान लगी चोटों और उसके बाद की मौत के बीच कोई संबंध नहीं था।जस्टिस बीरेंद्र कुमार की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा:"रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह साबित करे कि 15.12.2008 को अपनी मृत्यु से पहले टी.पी. विश्वनाथ नैय्यर अपने पैर के फ्रैक्चर से पहले ही ठीक हो चुके थे, जो दुर्घटना के कारण हुआ था। इसलिए...

शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकार को कैसे कम किया जा सकता है? कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीपीआई (एम) नेता की याचिका पर पुलिस से पूछा
शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकार को कैसे कम किया जा सकता है? कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीपीआई (एम) नेता की याचिका पर पुलिस से पूछा

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस से पूछा कि उसने माकपा नेता तुषार कांति घोष को दक्षिण 24 परगना जिले के भांगोर इलाके में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति क्यों नहीं दी।जस्टिस राजशेखर मंथा की एकल पीठ ने भांगोर पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक को स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया,"कैसे याचिकाकर्ता द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के संवैधानिक अधिकार में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी करके हस्तक्षेप किया जा सकता है। वर्तमान कानून और व्यवस्था की स्थिति पर दोबारा गौर किया जाएगा...