मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले दोषी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दी

Brij Nandan

22 Feb 2023 4:51 AM GMT

  • मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले दोषी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दी

    बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने वाले दोषी को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने की अनुमति दी। कार्यक्रम स्थलों पर सिविल ड्रेस में एक एस्कॉर्ट पार्टी मौजूद रहेगी।

    जस्टिस ए.एस. गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक की खंडपीठ ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए उसकी उपस्थिति आवश्यक है।

    बेंच ने कहा,

    "धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए अपनी बेटी की शादी की तारीख पर आवेदक की उपस्थिति आवश्यक है। मामले के सभी दृष्टिकोणों पर विचार करने के बाद, हम आवेदक को 23, 24 और 25 फरवरी 2023 को सुबह 9.00 बजे से शाम 6.00 बजे के बीच शादी और संबंधित धार्मिक समारोहों में शामिल होने की अनुमति देते हैं।“

    2021 में, कोल्हापुर जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महेश जाधव ने अपनी मां की हत्या कर अंगों को भूनकर खाने के मामले में आईपीसी की धारा 302 (हत्या की सजा) के तहत दोषी ठहराया था।

    ट्रायल कोर्ट ने उसे यह देखते हुए मृत्युदंड दिया कि उसके कृत्य जघन्य हैं और “दुर्लभ" मामलों की श्रेणी में आते हैं।

    उनकी मौत की सजा की पुष्टि के लिए मामला उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।

    दोषी ने कोल्हापुर में 24 फरवरी 2023 को अपनी बेटी की शादी के लिए 22 फरवरी 2023 से 28 फरवरी 2023 तक एक सप्ताह की अस्थायी जमानत के लिए आवेदन किया था।

    उसने प्रस्तुत किया कि वह 28 अगस्त, 2017 से हिरासत में है और एक बार भी उसे जमानत, पैरोल या फरलो पर रिहा नहीं किया गया है। इसके अलावा, वह आर्थिक रूप से निचले तबके से ताल्लुक रखता है और एस्कॉर्ट फीस का भुगतान करने में सक्षम नहीं होगा।

    अदालत ने माना कि आवेदक निम्न आर्थिक तबके से है और अधिकारियों को निर्देश दिया कि विवाह स्थल पर उसके साथ आने वाली एस्कॉर्ट पार्टी के लिए एस्कॉर्ट फीस माफ किया जाए।

    एडवोकेट डॉ. युग मोहित चौधरी के साथ एडवोकेट माधवी गोनाथेश्वरन ने आवेदक का प्रतिनिधित्व किया जबकि एपीपी अजय पाटिल ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया।

    केस नंबर - Interim Application No.673 of 2023 in Criminal Confirmation Case No.1 Of 2021

    केस टाइटल - सुनील राम कुचकोरवी बनाम महाराष्ट्र राज्य

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