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मद्रास हाईकोर्ट ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को एडमिशन से वंचित करने के लिए स्कूल की आलोचना की
मद्रास हाईकोर्ट ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को एडमिशन से वंचित करने के लिए स्कूल की आलोचना की

मद्रास हाईकोर्ट ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चे को प्रवेश से वंचित करने के लिए शैक्षणिक संस्थान की आलोचना करते हुए कहा कि संस्था न केवल अपने कर्तव्य को निभाने में विफल रही है बल्कि उस ईसाई मिशनरी को भी बदनाम किया, जिसके नाम पर संस्था चल रही है।अदालत ने कहा,छठा उत्तरदाता का नाम काफी दयनीय और विडंबनापूर्ण तरीके से भारत में तीसरी पीढ़ी के अमेरिकी मेडिकल मिशनरी के नाम पर रखा गया। यह मुझे आश्चर्यचकित करता है कि क्या प्रशासन में आज के लोग उसके सिद्धांतों या मूल आचरण का पालन किए बिना उसके नाम का उपयोग कर...

अंतरिम रोक आदेश के खिलाफ एनजीओ की अपील पर मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी पलानीसामी को नोटिस जारी किया
अंतरिम रोक आदेश के खिलाफ एनजीओ की अपील पर मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी पलानीसामी को नोटिस जारी किया

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी पलानीसामी को एक एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली अरापोर इयाक्कम एनजीओ द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया है, जिसमें एआईएडीएमके नेता के खिलाफ किसी भी अपमानजनक टिप्पणी करने से रोक लगाई गई थी।जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने ये कहते हुए कि यह दूसरे पक्ष को सुने बिना ही अपील की अनुमति देने के बराबर होगा, विवादित आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया।पिछले साल दिसंबर में, जस्टिस कृष्णन रामास्वामी ने अरापोर इयक्कम...

कहीं अन्य दर्ज अलग जन्म तिथि का रिकॉर्ड स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तिथि से बेहतर प्रमाण नहीं हो सकता : उड़ीसा हाईकोर्ट
कहीं अन्य दर्ज अलग जन्म तिथि का रिकॉर्ड स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तिथि से बेहतर प्रमाण नहीं हो सकता : उड़ीसा हाईकोर्ट

उड़ीसा हाईकोर्ट ने पाया कि व्यक्ति की अलग जन्म तिथि के रूप में दर्ज उसकी जन्म तारीख का तथ्य उसके स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तारीख के दस्तावेजी प्रमाण के सामने टिक नहीं सकता।जस्टिस अरिंदम सिन्हा और संजय कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने कर्मचारी को उसके प्रबंधन के खिलाफ राहत प्रदान करते हुए कहा,"यह दर्ज तारीख का तथ्य दस्तावेजी साक्ष्य के सामने टिक नहीं सकता, जो स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट में है। स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट जन्म तिथि के प्रमाणों में से एक है। इसमें भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 की...

यौन उत्पीड़न के आरोप बढ़ रहे हैं; जमानत याचिका पर विचार करते समय एफआईआर दर्ज करने में अत्यधिक देरी पर विचार किया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
यौन उत्पीड़न के आरोप बढ़ रहे हैं; जमानत याचिका पर विचार करते समय एफआईआर दर्ज करने में अत्यधिक देरी पर विचार किया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाल ही में एक विवाहित महिला के साथ सामूहिक बलात्कार करने के आरोपी दो पुरुषों को जमानत दे दी। कोर्ट ने जमानत देते हुए इस बात पर जोर दिया कि जमानत याचिका पर विचार करते समय प्राथमिकी दर्ज करने में अत्यधिक देरी पर विचार किया जाना चाहिए।कोर्ट ने ये भी देखा कि यौन अपराधों में झूठे आरोप बढ़ रहे हैं।जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने आगे कहा कि 1983 के एक मामले (भारवाड़ा भोगिनभाई हिरजीभाई बनाम गुजरात राज्य) में सर्वोच्च न्यायालय की राय के बाद से गंगा में बहुत पानी बह...

कला केंद्र का प्रदर्शन लाइसेंस तब रद्द नहीं किया जा सकता, जब पॉक्सो एक्ट के तहत कथित अपराध परिसर में नहीं किया गया हो: बॉम्बे हाईकोर्ट
कला केंद्र का प्रदर्शन लाइसेंस तब रद्द नहीं किया जा सकता, जब पॉक्सो एक्ट के तहत कथित अपराध परिसर में नहीं किया गया हो: बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि नटराज सांस्कृतिक कला केंद्र, नासिक के कलाकारों का लाइसेंस मालिक के खिलाफ दर्ज अपराध के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता, क्योंकि कथित अपराध कला केंद्र के परिसर में नहीं किया गया।जस्टिस आरजी अवाचट ने कहा कि चूंकि मालिक को अपराध से बरी कर दिया गया है, इसलिए रद्द करने का आधार अब मौजूद नहीं है।अदालत ने कहा,"यह अधिकारियों का मामला नहीं है कि उक्त अपराध कला केंद्र के परिसर में किया गया। चूंकि जिस आधार पर याचिकाकर्ता का लाइसेंस रद्द किया जाना है, वह अब मौजूद नहीं है...

ट्रायल से संबंधित चिंता जज पर आक्षेप लगाने को न्यायोचित नहीं ठहराती: दिल्ली हाईकोर्ट ने अवमानना पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया
ट्रायल से संबंधित चिंता जज पर आक्षेप लगाने को न्यायोचित नहीं ठहराती: दिल्ली हाईकोर्ट ने अवमानना पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया

एक व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही को बंद करते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि अपनी पूर्व पत्नी द्वारा दायर मामले की सुनवाई के दौरान आदमी जिस चिंता से गुजरा था, वह एक न्यायिक अधिकारी पर आक्षेप लगाने (Casting Aspersion) के कृत्य को न्यायोचित नहीं ठहराती है।जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने उनके बिना शर्त माफी को स्वीकार कर लिया, साथ ही संयम बरतने और भविष्य में अदालत पर किसी भी तरह का आरोप लगाने से बचने की चेतावनी दी।अदालत ने कड़कड़डूमा अदालतों के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश...

एडहॉक जज के रूप में सेवा को हाईकोर्ट जज के रूप में पदोन्नति के लिए नहीं गिना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की याचिका खारिज की
'एडहॉक जज के रूप में सेवा को हाईकोर्ट जज के रूप में पदोन्नति के लिए नहीं गिना जा सकता': सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के नौ न्यायिक अधिकारियों की ओर से दायर रिट याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट को निर्देश दिया जाए के उन्हें जजों के रूप में पदोन्नति के लिए विचार करने का निर्देश दिया जाए।विचारार्थ पात्र न्यायिक अधिकारियों की हाईकोर्ट द्वारा तैयार की गई वरिष्ठता सूची में याचिकाकर्ताओं का नाम इस आधार पर शामिल नहीं था कि उन्होंने न्यायिक अधिकारी के रूप में दस वर्ष की सेवा पूरी नहीं की थी, जो कि अनुच्छेद 217(2)(ए) के तहत आवश्यक...

Allahabad High Court
भारतीय समाज लिव-इन रिलेशन को स्वीकार्य नहीं मानता, ब्रेक-अप के बाद महिला का अकेले रहना मुश्किल: इलाहाबाद हाईकोर्ट

अपनी शादीशुदा लिव-इन पार्टनर से रेप के आरोपी शख्स को जमानत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप टूटने के बाद एक महिला के लिए अकेले रहना मुश्किल होता है।यह मानते हुए कि भारतीय समाज बड़े पैमाने पर ऐसे संबंधों को स्वीकार्य नहीं मानता है, अदालत ने कहा कि एक महिला के पास अपने लिव-इन पार्टनर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है, जैसा कि वर्तमान मामले में हुआ है।जस्टिस सिद्धार्थ की पीठ ने आदित्य राज वर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी...

दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में वकीलों के खिलाफ सभी लंबित शिकायतों का विवरण मांगा, कहा- वकीलों के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में वकीलों के खिलाफ सभी लंबित शिकायतों का विवरण मांगा, कहा- वकीलों के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बार काउंसिल को बार-बार शिकायत करने के कारण वकीलों को "उत्पीड़न और हताशा में डाला जा रहा है", जब तक कदाचार का कोई गंभीर मामला नहीं बनता है, तब तक इसका समर्थन नहीं किया जा सकता है।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को वकीलों के खिलाफ सभी लंबित शिकायतों का विवरण रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया। मांगी गई जानकारी में शिकायत दर्ज करने की तारीख और पहली नोटिस शामिल हैं।अदालत ने छह सप्ताह के भीतर बीसीडी से एक विस्तृत चार्ट मांगते हुए कहा, "अगर कोई दूसरी शिकायत...

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-बाद की तारीख में ऊंची योग्यता अर्जित करना वरिष्ठता तय करने के लिए निर्धारक नहीं: जेकेएल हाईकोर्ट
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-बाद की तारीख में ऊंची योग्यता अर्जित करना वरिष्ठता तय करने के लिए निर्धारक नहीं: जेकेएल हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर सरकार को निर्देश दिया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वरिष्ठता उनकी प्रारंभिक नियुक्ति से तय की जाए। कोर्ट ने दोहराया कि बाद की तारीख में ऊंची योग्यता अर्जित करना, भले ही ऐसी योग्यता उच्चतर पद के लिए अपेक्षित योग्यता हो, वरिष्ठता निर्धारण के लिए निर्धारक नहीं होगा।पर्यवेक्षकों के रूप में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के चयन संबंधित फरवरी 2019 में जारी सरकारी आदेश के खिलाफ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस जावेद इकबाल वानी...

यह जरूरी है कि स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना दिल्ली में घुसकर कार्रवाई करने से बाहरी पुलिस को रोका जाएः दिल्ली हाईकोर्ट
यह जरूरी है कि स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना दिल्ली में घुसकर कार्रवाई करने से बाहरी पुलिस को रोका जाएः दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकना आवश्यक है, जहां अन्य राज्यों की पुलिस दिल्ली पुलिस को सूचना दिए बिना राष्ट्रीय राजधानी में अपने ऑपरेशन्स चलाती है।दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने अतीत में इसके संबंध में अदालत द्वारा पारित विभिन्न आदेशों का जब उल्लेख किया, ज‌स्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा,"जाहिर है, हालांकि इतिहास खुद को दोहराता रहता है। इन परिस्थितियों में, बाहरी राज्यों से पुलिस के दिल्ली में आने और स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना कार्रवाई करने जैसे...

Allahabad High Court
'अजीब बात है कि एक विधायक ने हवाई यात्रा के लिए जाली आधार कार्ड बनाया': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी को जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को जाली आधार कार्ड के जरिए हवाई यात्रा करने के खिलाफ दर्ज मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया।जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने माना क‌ि यह बहुत ही 'अजीब' है कि विधान सभा के एक सदस्य ने आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा किया और उसी के आधार पर यात्रा की।इसके साथ ही कोर्ट ने सोलंकी की ओर से पेश वकील की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि मामला अनिवार्य रूप से आधार अधिनियम 2016 के उल्लंघन से संबंधित है और अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज...

धारा 344 सीआरपीसी के तहत आपराधिक मनः स्थिति आवश्यक तत्व: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में गलत साक्ष्य देने के मामले में तहसीलदार के खिलाफ कार्यवाही खारिज की
धारा 344 सीआरपीसी के तहत आपराधिक मनः स्थिति आवश्यक तत्व: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में 'गलत साक्ष्य' देने के मामले में तहसीलदार के खिलाफ कार्यवाही खारिज की

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने निचली अदालत में कथित तौर पर 'झूठे साक्ष्य' देने के आरोप में एक तहसीलदार के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 344 के तहत आरंभी की गई आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया है।ज‌स्टिस दीपक कुमार तिवारी ने कार्यवाही को कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया। उन्होंने कहा,"सीआरपीसी की धारा 344 के तहत शक्ति के प्रयोग के लिए पूर्ववर्ती शर्त यह है कि निर्णय या अंतिम आदेश देने के समय गवाह ने जानबूझकर या अपनी इच्छा से झूठा साक्ष्य दिया है या इस इरादे से झूठा सबूत गढ़ा है कि इस तरह की...

नवरात्रि सांप्रदायिक हिंसा: खेड़ा एसपी ने सार्वजनिक पिटाई का बचाव किया; आरोपी ने आतंक का माहौल बनाया, दंगे रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की
नवरात्रि सांप्रदायिक हिंसा: खेड़ा एसपी ने सार्वजनिक पिटाई का बचाव किया; आरोपी ने आतंक का माहौल बनाया, दंगे रोकने के लिए कानूनी कार्रवाई की

गुजरात हाईकोर्ट के समक्ष राज्य पुलिस ने अपने हलफनामे में पिछले साल अक्टूबर में खेड़ा जिले के उंधेला गांव में गरबा कार्यक्रम में कथित तौर पर पथराव करने वाले कुछ आरोपियों की सार्वजनिक पिटाई का बचाव किया।स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस इंस्पेक्टर और खेड़ा सब-इंस्पेक्टर द्वारा दायर दो अलग-अलग हलफनामों में कहा गया कि पुलिस ने अपनी शक्तियों को पार नहीं किया या सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी डीके बसु दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों ने कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित...

प्रयागराज हिंसा : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद को जमानत दी
प्रयागराज हिंसा : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद को जमानत दी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते जून 2022 प्रयागराज हिंसा की घटना से संबंधित एक अन्य मामले में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद को जमानत दे दी। जावेद पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया है, जिस भीड़ ने कथित रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस वाहनों को आग लगा दी। जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने जावेद को जमानत दे दी क्योंकि यह नोट किया गया कि राज्य के याचिकाकर्ता के वकीलों द्वारा दी गई दलीलों का संतोषजनक ढंग से खंडन नहीं कर सके।नतीजतन याचिकाकर्ता को निचली अदालत की...

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने पांच आरोपियों को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एसएलपी में नोटिस जारी किया
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने पांच आरोपियों को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एसएलपी में नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की हत्या के मामले में पांच आरोपियों को जमानत देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2022 के आदेशों को चुनौती देने वाली एक आपराधिक एसएलपी में नोटिस जारी किया । जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मामले में शिकायतकर्ता (अनिल) द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।उल्लेखनीय है कि मई 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में उन्नाव में एक बलात्कार पीड़िता को कथित रूप से आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों [ उमेश कुमार...

दिल्ली हाईकोर्ट की जज ने ज़ी न्यूज़, सुधीर चौधरी को माफ़ी मांगने की मांग वाली शेहला राशिद की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया
दिल्ली हाईकोर्ट की जज ने ज़ी न्यूज़, सुधीर चौधरी को माफ़ी मांगने की मांग वाली शेहला राशिद की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने जेएनयू स्कॉलर शेहला राशिद द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें जी न्यूज और उसके तत्कालीन एंकर सुधीर चौधरी से नवंबर 2020 में समाचार चैनल द्वारा प्रसारित एक कार्यक्रम के संबंध में माफी मांगने की मांग की गई थी।शेहला राशिद ने 31 मार्च, 2022 को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) द्वारा पारित एक आदेश में संशोधन की मांग की है कि प्राधिकरण ने ब्रॉडकास्टर को माफी मांगने का निर्देश देने से...

मानव बलि की प्रथा अभी भी प्रचलित, यह निराशाजनक है: मद्रास हाईकोर्ट ने एमपी की महिला के परिवार को नोटिस जारी किया, राज्य ने सुरक्षा की पेशकश की
मानव बलि की प्रथा अभी भी प्रचलित, यह 'निराशाजनक' है: मद्रास हाईकोर्ट ने एमपी की महिला के परिवार को नोटिस जारी किया, राज्य ने सुरक्षा की पेशकश की

मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह देखना निराशाजनक है कि 21वीं सदी में भी मानव बलि दी जा रही है। जस्टिस जी चंद्रशेखरन मध्य प्रदेश की उस महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसने पर्याप्त पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।महिला ने दावा किया कि उसकी सौतेली मां सहित उसके परिवार के सदस्य उसकी मानव बलि देने की कोशिश कर रहे हैं। कथित योजनाओं के बारे में पता चलने के बाद वह घर छोड़कर तमिलनाडु भाग गई।उसने यह भी प्रस्तुत किया कि उसके माता-पिता प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उसने आरोप...

लॉ इंटर्न अदालतों में सफेद शर्ट, काली पैंट और काली टाई पहनकर आ सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट
लॉ इंटर्न अदालतों में सफेद शर्ट, काली पैंट और काली टाई पहनकर आ सकते हैं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि लॉ इंटर्न दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) द्वारा निर्धारित सफेद शर्ट, काली टाई और काली पैंट पहनकर राष्ट्रीय राजधानी में अदालत परिसर में प्रवेश कर सकते हैं।जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने यह भी कहा कि शहर की सिविल अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किसी भी अदालत में पेश होने वाले वकीलों को उनके लिए निर्धारित पोशाक के साथ सफेद बैंड पहनना होगा।अदालत ने कहा,“यह स्पष्ट किया जाता है कि शहर की सिविल अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किसी भी अदालत में पेश होने वाले वकीलों को...

शादियों के लिए मामूली किराए पर धर्मशाला किराए पर देना व्यावसायिक नहीं, प्रोपर्टी टैक्स नहीं लगेगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
शादियों के लिए मामूली किराए पर धर्मशाला किराए पर देना व्यावसायिक नहीं, प्रोपर्टी टैक्स नहीं लगेगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि अगर धर्मशाला को विवाह आयोजित करने के लिए मामूली किराए पर प्रदान किया जाता है तो यह व्यावसायिक उद्देश्य नहीं होगा।जस्टिस रिंटू बाहरी और जस्टिस मनीषा बत्रा की खंडपीठ ने कहा कि धर्मशालाएं प्रोपर्टी टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।भूमि और भवनों पर याचिकाकर्ता के टैक्स का आकलन किया गया और निर्धारिती को निर्धारित प्रपत्रों में बकाया सहित मांग की सूचना दी गई।इस राशि की वसूली के लिए संयुक्त आयुक्त, एनआईटी जोन फरीदाबाद ने हरियाणा नगरपालिका अधिनियम,...