मानव बलि की प्रथा अभी भी प्रचलित, यह 'निराशाजनक' है: मद्रास हाईकोर्ट ने एमपी की महिला के परिवार को नोटिस जारी किया, राज्य ने सुरक्षा की पेशकश की
Shahadat
23 Feb 2023 10:28 AM GMT
मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह देखना निराशाजनक है कि 21वीं सदी में भी मानव बलि दी जा रही है।
जस्टिस जी चंद्रशेखरन मध्य प्रदेश की उस महिला की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसने पर्याप्त पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।
महिला ने दावा किया कि उसकी सौतेली मां सहित उसके परिवार के सदस्य उसकी मानव बलि देने की कोशिश कर रहे हैं। कथित योजनाओं के बारे में पता चलने के बाद वह घर छोड़कर तमिलनाडु भाग गई।
उसने यह भी प्रस्तुत किया कि उसके माता-पिता प्रभावशाली व्यक्ति हैं। उसने आरोप लगाया कि उसका परिवार पहले ही उसके भाई और दो अन्य अज्ञात व्यक्तियों की भी बलि दे चुका है।
याचिका में दावा किया गया कि महिला अपने दोस्त की मदद से तमिलनाडु भाग गई, जिसे अब लड़की के परिवार के राजनीतिक प्रभाव के कारण भोपाल पुलिस ने अवैध हिरासत में ले लिया। उसने अदालत को आगे बताया कि उसके दोस्तों को उसके माता-पिता द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है।
उसने अदालत से यह भी कहा कि उसके माता-पिता के प्रभाव से मध्य प्रदेश पुलिस चेन्नई में है और उसे "ले जाने" की कोशिश कर रही है।
सीनियर वकील और राज्य लोक अभियोजक हसन मोहम्मद जिन्ना ने अदालत को सूचित किया कि राज्य महिला को पर्याप्त सुरक्षा देने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को तैयार है।
प्रस्तुतियों पर विचार करते हुए अदालत ने महिला के माता-पिता को तीन सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देने का आदेश दिया। इस बीच अदालत ने तमिलनाडु पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।