उन्नाव गैंगरेप पीड़िता हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने पांच आरोपियों को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एसएलपी में नोटिस जारी किया

LiveLaw News Network

23 Feb 2023 11:18 AM GMT

  • उन्नाव गैंगरेप पीड़िता हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट ने पांच आरोपियों को जमानत देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एसएलपी में नोटिस जारी किया

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की हत्या के मामले में पांच आरोपियों को जमानत देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2022 के आदेशों को चुनौती देने वाली एक आपराधिक एसएलपी में नोटिस जारी किया ।

    जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने मामले में शिकायतकर्ता (अनिल) द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।

    उल्लेखनीय है कि मई 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2019 में उन्नाव में एक बलात्कार पीड़िता को कथित रूप से आग लगाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों [ उमेश कुमार बाजपेई, राम किशोर त्रिवेदी, और हरि शंकर त्रिवेदी ] में से तीन को जमानत दे दी थी।

    जून 2022 में आरोपी शुभम त्रिवेदी को भी हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी।

    मामले की पृष्ठभूमि

    23 वर्षीय महिला ने मार्च 2019 में एक स्थानीय अदालत के हस्तक्षेप से एक एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि आरोपी शिवम त्रिवेदी उसे रोजगार देने के बहाने रायबरेली ले आया और 2017 में शादी का झूठा आश्वासन देकर उसके साथ बलात्कार किया। .

    महिला ने शिवम त्रिवेदी और उसके चचेरे भाई शुभम त्रिवेदी पर भी दिसंबर 2018 में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया, इसलिए, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी के तहत सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए एफआईआर दर्ज की गई।

    एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी शिवम को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, 30 नवंबर, 2019 को उसे जमानत मिल गई और पीड़िता से बदला लेने की कोशिश में उसने चार अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर दिसंबर 2019 के पहले सप्ताह में पीड़िता पर उस समय हमला किया और पेट्रोल डालकर उसे जला दिया।

    अपनी एसएलपी में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि आरोपी और उसके सहयोगी पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों पर सामूहिक बलात्कार की एफआईआर के संबंध में समझौता करने के लिए दबाव डाल रहे थे और धमकी दे रहे थे, इसलिए धमकी को अमल में लाने के लिए, सभी 5 आरोपियों ने पीड़िता पर पेट्रोल डालकर उसे जलाने का अपराध किया।

    याचिकाकर्ता के लिए एडवोकेट प्रफुल्ल कुमार बेहरा, पियाली सरकार, राजेंद्र वर्मा, विक्रांत नेहरा, मोनीश राणा, चेतन राणा के साथ एओआर एसएस नेहरा पेश हुए।


    केस टाइटल - अनिल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य।

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