शादियों के लिए मामूली किराए पर धर्मशाला किराए पर देना व्यावसायिक नहीं, प्रोपर्टी टैक्स नहीं लगेगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

Shahadat

23 Feb 2023 6:49 AM GMT

  • शादियों के लिए मामूली किराए पर धर्मशाला किराए पर देना व्यावसायिक नहीं, प्रोपर्टी टैक्स नहीं लगेगा: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

    पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने माना कि अगर धर्मशाला को विवाह आयोजित करने के लिए मामूली किराए पर प्रदान किया जाता है तो यह व्यावसायिक उद्देश्य नहीं होगा।

    जस्टिस रिंटू बाहरी और जस्टिस मनीषा बत्रा की खंडपीठ ने कहा कि धर्मशालाएं प्रोपर्टी टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।

    भूमि और भवनों पर याचिकाकर्ता के टैक्स का आकलन किया गया और निर्धारिती को निर्धारित प्रपत्रों में बकाया सहित मांग की सूचना दी गई।

    इस राशि की वसूली के लिए संयुक्त आयुक्त, एनआईटी जोन फरीदाबाद ने हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1994 के आयुक्त 401(2) की शक्ति का प्रयोग करते हुए खान दौलत धर्मशाला और उस पर निर्मित भवनों को कुर्क करने का आदेश दिया। उन्होंने कर की वसूली के लिए फरीदाबाद में एनआईटी के नगर सभागार में सार्वजनिक नीलामी के लिए संपत्ति रखने के निर्देश दिए।

    विभाग ने तर्क दिया कि छूट का लाभ नहीं देने का एकमात्र कारण यह है कि याचिकाकर्ता धर्मशाला में शादी के प्रयोजनों के लिए पैसे ले रहा है। याचिकाकर्ता ने धर्मशाला में विवाह पार्टियों और अन्य व्यावसायिक कार्यों के लिए भवन किराए पर लेकर किसी भी प्रकार की धर्मार्थ गतिविधि और लाभ नहीं लिया है।

    अदालत ने देखा कि विवाह आयोजित करने के संबंध में धर्मशाला को समुदाय के उपयोग के लिए रजिस्टर्ड किया गया और विवाह का आयोजन समुदाय को और सेवा प्रदान करने के बराबर है। यह किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की राशि नहीं होगी। निजी संस्थान हैं, जो केवल विवाह के उद्देश्य से बने हैं और बहुत महंगे हैं। ये ऐसे संस्थान हैं, जिन्हें विवाह समारोह आयोजित करने के लिए व्यावसायिक गतिविधियों के रूप में माना जा सकता है।

    इसके साथ ही कोर्ट ने नीलामी रद्द कर दी।

    केस टाइटल: दौलत राम खान बनाम हरियाणा राज्य

    साइटेशन: सीडब्ल्यूपी-5348-2007 (ओ एंड एम)

    दिनांक: 13.02.2023

    याचिकाकर्ता के वकील: राजेश लांबा और प्रतिवादी के वकील: प्रतीक महाजन

    ऑर्डर डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




    Next Story