प्रयागराज हिंसा : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद को जमानत दी

LiveLaw News Network

23 Feb 2023 11:36 AM GMT

  • प्रयागराज हिंसा : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद को जमानत दी

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते जून 2022 प्रयागराज हिंसा की घटना से संबंधित एक अन्य मामले में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता जावेद मोहम्मद को जमानत दे दी। जावेद पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगाया गया है, जिस भीड़ ने कथित रूप से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिस वाहनों को आग लगा दी।

    जस्टिस अजय भनोट की पीठ ने जावेद को जमानत दे दी क्योंकि यह नोट किया गया कि राज्य के याचिकाकर्ता के वकीलों द्वारा दी गई दलीलों का संतोषजनक ढंग से खंडन नहीं कर सके।

    नतीजतन याचिकाकर्ता को निचली अदालत की संतुष्टि के लिए एक व्यक्तिगत मुचलका और इतनी ही राशि के दो ज़मानतदार पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया गया।

    जावेद ने अपने खिलाफ आईपीसी की धारा 143, 144, 145, 147, 148, 149, 153-ए, 153-बी, 295-ए, 201, 511, 307, 332, 333, 353, 395, 435, 436, 427, 504, 505(2), 506, 120-बी और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4/5 और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम की धारा 7, किशोर न्याय अधिनियम की धारा 83, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान अधिनियम की धारा 3/4 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज मामले में जमानत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    अदालत के समक्ष आवेदक की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एसएफए नकवी ने सैयद अहमद फैजान की सहायता से तर्क दिया कि जावेद कानून का पालन करने वाला नागरिक है, जो देश की एकता और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द को अपने दिल के बहुत करीब रखता है।

    यह भी प्रस्तुत किया गया था कि आवेदक ने न तो कोई संदेश पोस्ट किया और न ही पोस्ट करेंगे, जो समाज में सामाजिक सद्भाव को बाधित करता हो। यह प्रस्तुत किया गया कि जावेद को बलि का बकरा बनाया गया, क्योंकि उन्होंने कुछ शक्तिशाली राजनीतिक हितों का विरोध किया था।

    आगे यह तर्क दिया गया कि यह स्थापित करने के लिए कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है कि आवेदक ने भीड़ को उकसाया या वह हिंसा के कृत्यों में शामिल था। उसके पास व्यापक फॉलोअर्स भी नहीं हैं जो उसके बुलावे पर एकत्र होंगे।

    कुछ अन्य तर्क दिए गए और न्यायालय को यह आश्वासन दिया गया कि वह गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा या सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा। नतीजतन, मामले की खूबियों पर कोई टिप्पणी किए बिना, हाईकोर्ट ने जमानत याचिका की अनुमति दी।

    गौरतलब है कि प्रयागराज हिंसा की घटना से संबंधित उन पर दर्ज पांच मामलों में से यह एक है। दो मामलों में जावेद को निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है। जबकि एक मामले में उसे पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी।

    जस्टिस समीर जैन की पीठ ने पिछले महीने कहा कि एफआईआर और जांच के दौरान दर्ज किए गए अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक सहित सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ सामान्य आरोप लगाए गए।

    अदालत ने जमानत देने के लिए इसे उपयुक्त मामला पाते हुए कहा,

    " न तो एफआईआर में और न ही जांच के दौरान दर्ज किए गए अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयानों में यह आरोप लगाया गया है कि आवेदक या तो लोगों को भड़का रहा था या भीड़ का नेतृत्व कर रहा था या उसके हाथ में कोई हथियार था या वह बम फेंक रहा था या वाहनों में आग लगा रहा था।"

    मामले का अधिक विवरण यहां पढ़ें : 'कह नहीं सकते कि उन्होंने प्रयागराज हिंसा में मदद की थी', इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य आरोपी जावेद को जमानत दी

    केस टाइटल - जावेद मोहम्मद @ पम्प @ जावेद अहमद बनाम यूपी राज्य [CRIMINAL MISC. जमानत आवेदन नंबर - 55315/2022

    साइटेशन : 2023 लाइवलॉ (एबी) 72

    आदेश पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें




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