मुख्य सुर्खियां

निष्कासन अभियान: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम में आश्रय शिविरों की संख्या पर रिपोर्ट मांगी
निष्कासन अभियान: गुवाहाटी हाईकोर्ट ने असम में आश्रय शिविरों की संख्या पर रिपोर्ट मांगी

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने स्वत: जनहित याचिका में असम सरकार से पूरे राज्य में अस्थायी आश्रय शिविरों की सही संख्या के बारे में रिपोर्ट मांगी, जिसमें बेदखली अभियान के कारण विस्थापित हुए लोगों को रखा जा रहा है।चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस मृदुल कुमार कलिता की खंडपीठ ने आगे निर्देश दिया:"आंकड़ों में लिंग-वार वितरण के साथ-साथ इन सभी शिविरों में आश्रय प्राप्त बच्चों की संख्या भी शामिल होगी।"इससे पहले अदालत ने सीनियर एडवोकेट बी.डी. कोंवर को इस मामले में एमिक्स क्यूरी के रूप में कार्य करने और चांगमाजी...

बॉम्बे हाईकोर्ट ने जालसाजी मामले में बरी होने को सही ठहराया, लेखक या दस्तावेज़ के हस्ताक्षरकर्ताओं पर कोई लिखावट रिपोर्ट नहीं होने के कारण जांच को दोषपूर्ण बताया
बॉम्बे हाईकोर्ट ने जालसाजी मामले में बरी होने को सही ठहराया, लेखक या दस्तावेज़ के हस्ताक्षरकर्ताओं पर कोई लिखावट रिपोर्ट नहीं होने के कारण जांच को दोषपूर्ण बताया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फर्जी जांच का हवाला देते हुए जालसाजी के मामले में पांच लोगों को बरी कर दिया, क्योंकि जाली दस्तावेज पर हस्ताक्षर के लेखकों के बारे में हस्तलिपि विशेषज्ञ की कोई रिपोर्ट नहीं थी।जस्टिस जीए सनप ने कहा कि हस्तलिपि रिपोर्ट के अभाव में शिकायतकर्ता द्वारा स्वयं हस्ताक्षर करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।कोर्ट ने कहा,“लेखक या दस्तावेजों के हस्ताक्षरकर्ताओं के संबंध में लिखावट विशेषज्ञ की कोई रिपोर्ट नहीं है। उस पहलू पर जांच दोषपूर्ण है। ऐसे में शिकायतकर्ता की भूमिका को लेकर...

[मोटर दुर्घटना में मृत्यु] दावा याचिका के सुनवाई योग्य होने के लिए निर्भरता का नुकसान पर्याप्त: मद्रास हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी को  मुआवजे देने का आदेश बरकरार रखा
[मोटर दुर्घटना में मृत्यु] दावा याचिका के सुनवाई योग्य होने के लिए निर्भरता का नुकसान पर्याप्त: मद्रास हाईकोर्ट ने दूसरी पत्नी को मुआवजे देने का आदेश बरकरार रखा

मद्रास हाईकोर्ट ने सड़क दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की दूसरी पत्नी को दिए गए मुआवजे को बरकरार रखते हुए हाल ही में देखा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166(1) के तहत मुआवजे का दावा करने के उद्देश्य के लिए निर्भरता के नुकसान को स्थापित करना पर्याप्त है।जस्टिस आर विजयकुमार ने कहा कि अधिनियम के तहत मुआवजे की पात्रता का आधार निर्भरता है। इस प्रकार, यहां तक कि कानूनी उत्तराधिकारी भी जो मृतक पर निर्भर नहीं है, मुआवजा प्राप्त करने का हकदार नहीं होगा।यह भी देखा जा सकता है कि आश्रितता मुआवजा प्रदान करने का...

केवल आरोपों की गंभीरता पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता, आरोपी के खिलाफ विशिष्ट आरोपों और सबूतों पर विचार किया जाना चाहिए: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
केवल आरोपों की गंभीरता पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता, आरोपी के खिलाफ विशिष्ट आरोपों और सबूतों पर विचार किया जाना चाहिए: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में फैसला सुनाया कि अदालत केवल आरोपों की गंभीरता और संभावित सजा के आधार पर जमानत से इनकार नहीं कर सकती और अन्य कारकों, जैसे आरोपी के खिलाफ आरोप और उपलब्ध साक्ष्य के लिए जमानत आवेदन का फैसला करते समय विचार किया जाना चाहिए और संतुलित किया जाना चाहिए।जस्टिस सत्येन वैद्य ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत के सिद्धांतों पर ये टिप्पणियां कीं, जिसमें याचिकाकर्ता ने अपनी लंबी हिरासत को अनुचित बताते हुए चुनौती दी। जांच एजेंसी को याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक सबूत...

जुवेनाइल जस्टिस | शिकायतकर्ता की आयु निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड स्वीकार्य नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
जुवेनाइल जस्टिस | शिकायतकर्ता की आयु निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड स्वीकार्य नहीं: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) नियम, 2012 के नियम 12 के तहत प्रावधान के अनुसार, शिकायतकर्ता के आधार कार्ड पर उनकी आयु निर्धारित करने के लिए भरोसा नहीं किया जा सकता।जस्टिस विवेक अग्रवाल की पीठ नाबालिग की उम्र निर्धारित करने के लिए आधार कार्ड की विश्वसनीयता के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ के निर्णय से भिन्न है।हालांकि पन्नीरसेल्वम बनाम पुलिस निरीक्षक, MANU/TN/1054/2014 में माननीय मद्रास हाईकोर्ट से अलग दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने माना कि आधार...

अगर अभियोजन पक्ष मृत्युदंड प्रस्तावित करता है तो उसे ट्रायल कोर्ट के समक्ष अभियुक्त की पृष्ठभूमि की जानकारी देनी होगी: सुप्रीम कोर्ट
अगर अभियोजन पक्ष मृत्युदंड प्रस्तावित करता है तो उसे ट्रायल कोर्ट के समक्ष अभियुक्त की पृष्ठभूमि की जानकारी देनी होगी: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक उल्लेखनीय फैसले में कहा है कि ऐसे मामलों में, जहां अपराध इतने जघन्य हों कि मौत की सजा को वारंट करते हों, अभियोजन पक्ष को ट्रायल कोर्ट के समक्ष वो सभी सामग्र‌ियां पेश करनी चाहिए, जो अभियुक्तों के पक्ष में शमनकारी परिस्थितियों का आकलन करने के लिए प्रासंगिक हों।न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह अभ्यास उन मामलों में भी किया जाना चाहिए, जहां अभियुक्त को अंततः मौत की सजा नहीं दी जा सकती है। प‌िछले साल मनोज बनाम मध्य प्रदेश राज्य 2022 लाइवलॉ (एससी ) 510 में अदालत ने ट्रायल चरण में...

ईद और परशुराम जयंती समारोह- मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक अशांति से बचने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं, पुलिस बल सतर्क रहेंगे: गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट को बताया
ईद और परशुराम जयंती समारोह- 'मॉब लिंचिंग, सांप्रदायिक अशांति से बचने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं, पुलिस बल सतर्क रहेंगे': गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात सरकार की इस दलील पर संतोष व्यक्त किया कि उसने त्योहारों के दौरान मॉब लिंचिंग या सांप्रदायिक अशांति से बचने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं और पुलिस ऐसे त्योहारों के दौरान सतर्क रहेंगी।उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अपने हलफनामे में, राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया कि उसने अन्य बातों के साथ-साथ लाउडस्पीकरों और डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करने वाले पुलिस गश्त को बढ़ाने, वाहनों, लाठी-हेलमेट, बॉडी प्रोटेक्टर्स, आंसू गैस के...

मोदी चोर टिप्पणी- ‘पटना कोर्ट में लंबित मानहानि का मामला दोहरे खतरे के सिद्धांत से प्रभावित’: राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया
'मोदी चोर' टिप्पणी- ‘पटना कोर्ट में लंबित मानहानि का मामला दोहरे खतरे के सिद्धांत से प्रभावित’: राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के समक्ष राहुल गांधी की ओर से एक हलफनामा दायर किया गया है जिसमें कहा गया है कि पटना कोर्ट में राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी द्वारा उनकी 'मोदी-चोर' टिप्पणी पर उनके खिलाफ दायर मानहानि का मामला दोहरे खतरे के सिद्धांत से प्रभावित है।गौरतलब हो कि मोदी द्वारा पटना कोर्ट में दायर मानहानि के मुकदमे को चुनौती देने वाली राहुल गांधी द्वारा वर्ष 2019 में दायर की गई निरस्ती याचिका में पूरक हलफनामा दाखिल किया गया है। ये डेवलपमेंट पटना कोर्ट द्वारा गांधी को धारा 313 सीआरपीसी...

एक फर्म के एकमात्र मालिक के रूप में पत्नी की ओर से जारी किए गए चेक के लिए एनआई एक्ट मामले में पति को आरोपी के रूप में नहीं बुला सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट
एक फर्म के एकमात्र मालिक के रूप में पत्नी की ओर से जारी किए गए चेक के लिए एनआई एक्ट मामले में पति को आरोपी के रूप में नहीं बुला सकते: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि एक पति को परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत अपराध के लिए एक आरोपी के रूप में नहीं बुलाया जा सकता है, जहां उसकी पत्नी व्यवसाय के एकमात्र मालिक के रूप में चेक जारी करती है।जस्टिस उमेश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिकाकर्ता पवन गर्ग द्वारा अदालत के समन आदेश को रद्द करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, "आवेदक को एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत अभियुक्त के रूप में नहीं बुलाया जा सकता है और आवेदक के संबंध में समन आदेश उपरोक्त तथ्यों और मामले की परिस्थितियों...

जब सरकार मोबाइल डेटा निलंबित करती है तब सार्वजनिक वाईफाई तक पहुंच उपलब्‍ध कराई जाए, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार, यूओआई से जवाब मांगा
जब सरकार मोबाइल डेटा निलंबित करती है तब सार्वजनिक वाईफाई तक पहुंच उपलब्‍ध कराई जाए, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार, यूओआई से जवाब मांगा

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मोबाइल डेटा सेवाओं को सीमित/ प्रतिबंधित किए जाने पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध वाई-फाई या ब्रॉडबैंड के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करने के लिए एक वैकल्पिक साधन का प्रावधान करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली रिट याचिका पर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।जस्टिस विनोद एस भारद्वाज की पीठ ने नीरज नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में यह आदेश पारित किया, जिसने अदालत में यह तर्क दिया था कि मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के निलंबन से नागरिकों के एक विशेष वर्ग...

सुनने की क्षमता को शत-प्रतिशत नुकसान ना हो तो कान के पर्दे में लगी चोट आईपीसी की धारा 320 के तहत गंभीर चोट नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
सुनने की क्षमता को शत-प्रतिशत नुकसान ना हो तो कान के पर्दे में लगी चोट आईपीसी की धारा 320 के तहत 'गंभीर चोट' नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा है कि अगर कान के परदे में लगी चोट छेद की प्रकृति है, हालांकि इससे सुनने की क्षमता में शत प्रतिशत नुकसान नहीं हुआ है, तो ऐसी चोट आईपीसी की धारा 320 (तीसरे) के अनुसार 'गंभीर चोट' नहीं है।न्यायालय ने कहा कि ऐसी चोट (कान के परदे में छेद के कारण) को 'गंभीर चोट' श्रेणी में आने के लिए, चिकित्सा साक्ष्य के जर‌िए यह दिखाया जाना सुनने की क्षमता का सौ प्रतिशत नुकसान हो गया है।कोर्ट ने कहा,''देखा गया है कि यदि कान के परदे में छेद कर दिया गया हो तो कान की सुनने की क्षमता...

चूंकि याचिकाकर्ता को लगता है कि उसके साथ अनुचित पक्षपात किया जा रहा है, केवल इसलिए जांच सीबीआई को ट्रांसफर नहीं की जा सकती: यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली हाईकोर्ट
चूंकि याचिकाकर्ता को लगता है कि उसके साथ अनुचित पक्षपात किया जा रहा है, केवल इसलिए जांच सीबीआई को ट्रांसफर नहीं की जा सकती: यौन उत्पीड़न मामले में दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि जांच ट्रांसफर करने का आदेश एक गंभीर मामला है, और चूंकि याचिकाकर्ता को लगता है कि उसके साथ अनुचित पक्षपात किया जा रहा है, केवल इसलिए जांच सीबीआई को ट्रांसफर नहीं की जा सकती।उक्त टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में आगे की जांच राज्य पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज दिया। अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारियों अपने कर्तव्यों में लापरवाही नहीं बरती है।जस्टिस जसमीत सिंह ने यह देखते हुए कि आगे की जांच का आदेश देने की शक्ति...

हाईकोर्ट ने आरोपी को हथकड़ी लगाने को लेकर पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना मामले में 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
हाईकोर्ट ने आरोपी को हथकड़ी लगाने को लेकर पुलिस अधिकारी के खिलाफ अवमानना मामले में 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसने अकाली दल के सदस्य सुरेश कुमार सतीजा को 2018 के जालसाजी मामले में जांच के सिलसिले में बाजार ले जाने के दौरान हथकड़ी लगाई थी।जस्टिस अरविंद सिंह सांगवान ने आदेश में कहा,"इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि याचिकाकर्ता को प्रतिवादी द्वारा हथकड़ी लगाई गई थी, प्रतिवादी को 1,00,000/- रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया जाता है, जिसे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट कर्मचारी कल्याण संघ में जमा किया जाएगा।“अदालत 2018 में...

केंद्र की फैक्ट चेकिंग यूनिट केवल सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों संबंधित झूठी या भ्रामक जानकारी को हटाने का निर्देश दे सकती है, न कि व्यंग्य या विचारों कोः केंद्र का हलफनामा
केंद्र की फैक्ट चेकिंग यूनिट केवल सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों संबंधित झूठी या भ्रामक जानकारी को हटाने का निर्देश दे सकती है, न कि व्यंग्य या विचारों कोः केंद्र का हलफनामा

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया है कि केंद्र सरकार की आगामी फैक्ट चेकिंग यूनिट केवल सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों से संबंधित झूठी या भ्रामक जानकारी को हटाने का निर्देश दे सकती है, न कि व्यंग्य या कलाकारों के विचारों को।मंत्रालय की ओर से दायर हलफनामें कहा गया है,“यह दोहराया जाता है कि फैक्ट फाइंडिंग बॉडी की भूमिका केंद्र सरकार के किसी भी क्रियाकलाप तक सीमित है, जिसमें नीतियों, कार्यक्रमों, अधिसूचनाओं, नियमों, विनियमों, उसके कार्यान्वयन आदि के...

व्यक्तियों के एक समूह को गैंग माना जाए, इसके लिए एक या दूसरे रूप में हिंसा अनिवार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
व्यक्तियों के एक समूह को 'गैंग' माना जाए, इसके लिए एक या दूसरे रूप में हिंसा अनिवार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 की धारा 2 (बी) के तहत व्यक्तियों के एक समूह को 'गिरोह' के रूप में क्वालिफाई के लिए एक या दूसरे रूप में हिंसा अनिवार्य नहीं है।जस्टिस जेजे मुनीर की पीठ ने अधिनियम की धारा 2 (बी) का अवलोकन करने के बाद कहा कि दोहरे उद्देश्यों-सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करना या कोई अनुचित अस्थायी, आर्थिक लाभ आदि प्राप्त करना- को हिंसा, धमकी या हिंसा के प्रदर्शन या धमकी या जबरदस्ती, या अन्यथा से प्राप्त किया जा...

धारा 166, एमवीए 1988: कुंवारे हिंदू पुरुष की मोटर दुर्घटना में मृत्यु के कारण दिए गए मुआवजे पर उसकी मां ‌का पहला दावाः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
धारा 166, एमवीए 1988: कुंवारे हिंदू पुरुष की मोटर दुर्घटना में मृत्यु के कारण दिए गए मुआवजे पर उसकी मां ‌का पहला दावाः मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि एक कुंवारे हिंदू पुरुष की मोटर दुर्घटना में मृत्यु के कारण मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 166 के तहत दिए गए मुआवजे पर उसकी मां पहला दावा रखती है।जस्टिस जीएस अहलूवालिया की पीठ ने कहा कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 8 के आधार पर, मृत अविवाहित हिंदू की मां क्लास-1 की एक मात्र वारिस है। अधिनियम के तहत दिए गए मुआवजे पर उसका पहला दावा है।कोर्ट ने कहा,चूंकि मृतक अविवाहित था, इसलिए उसकी माता के अलावा प्रथम श्रेणी का कोई वारिस उपलब्ध नहीं है। यह कानून का एक...

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत के आधार पर बैंक खातों को एकतरफा फ्रीज करने को चुनौती देने वाली याचिका केरल हाईकोर्ट में दायर
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत के आधार पर बैंक खातों को "एकतरफा" फ्रीज करने को चुनौती देने वाली याचिका केरल हाईकोर्ट में दायर

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCCRP) पर दर्ज की जा रही शिकायतों के आधार पर बैंक खातों को "एकतरफा" फ्रीज करने को चुनौती देते हुए केरल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।जस्टिस विजू अब्राहम की एकल न्यायाधीश खंडपीठ ने राज्य के पुलिस प्रमुख को इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया।इसमें याचिकाकर्ता विभिन्न बैंकों में खाताधारक हैं। यह प्रथम याचिकाकर्ता, मोइदीन पी. का मामला है, जिसका केरल ग्रामीण बैंक में बचत बैंक खाता है, खाते में 3.5...