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गुजरात हाईकोर्ट ने कालाबाजारी रोकथाम कानून के तहत नजरबंदी आदेश रद्द किया
गुजरात हाईकोर्ट ने कालाबाजारी रोकथाम कानून के तहत नजरबंदी आदेश रद्द किया

गुजरात हाईकोर्ट ने कालाबाजारी रोकथाम और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के रखरखाव वस्तु अधिनियम, 1980 के तहत हिरासत का आदेश रद्द कर दिया। कोर्ट ने उक्त आदेश रद्द करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा पारित हिरासत के आदेश को सात दिनों के भीतर केंद्र सरकार को अनिवार्य रूप से अग्रेषित करने की आवश्यकता है।जस्टिस एएस सुपेहिया और जस्टिस दिव्येश ए जोशी की खंडपीठ ने शुरुआत में दर्ज किया कि डिटेनिंग अथॉरिटी द्वारा हिरासत में लिए गए मामले में कोई जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया गया। इसने यह भी नोट किया कि अधिनियम के...

लंबित मामलों पर इंटरव्यू देने न्यायाधीश का काम नहीं है: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय से स्पष्टीकरण मांगा
लंबित मामलों पर इंटरव्यू देने न्यायाधीश का काम नहीं है: सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय से स्पष्टीकरण मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के जज, जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय द्वारा पारित आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी की कि न्यायाधीशों को लंबित मामलों पर टीवी इंटरव्यू देने का कोई अधिकार नहीं है। उक्त आदेश में उन्होंने प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से पूछताछ करने के लिए सीबीआई और ईडी को निर्देश दिया था।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई...

दिल्ली के सभी जिला कोर्ट बार एसोसिएशन ने समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चल रही कार्यवाही के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया
दिल्ली के सभी जिला कोर्ट बार एसोसिएशन ने समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चल रही कार्यवाही के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया

दिल्ली के सभी जिला कोर्ट बार एसोसिएशन ने सेम-सेक्स विवाह की मान्यता पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चल रही कार्यवाही के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि विवाह के मुद्दे या वैधीकरण को केवल सभी हितधारकों के परामर्श से विधायी प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है।वकीलों के निकाय की समन्वय समिति द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया कि प्रक्रिया को "एकल अदालत के मामले" में संघनित नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके लिए निरंतर बातचीत और सहयोग की आवश्यकता होती है। इस मुद्दे को संसद...

बस टिकट - एक महीने में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता देने के लिए प्रतिनिधित्व तय करें या एमडी को उपस्थित रहने के लिए कहें : दिल्ली हाईकोर्ट ने डीटीसी से कहा
बस टिकट - एक महीने में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता देने के लिए प्रतिनिधित्व तय करें या एमडी को उपस्थित रहने के लिए कहें : दिल्ली हाईकोर्ट ने डीटीसी से कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को उसके समक्ष उपस्थित रहने या बस टिकट पर ट्रांसजेंडर समुदाय को थर्ड जेंडर के रूप में मान्यता देने और उन्हें एक महीने के भीतर मुफ्त यात्रा प्रदान करने के लिए प्रतिनिधित्व पर फैसला करने के लिए कहा है। जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा एक ट्रांसजेंडर अमित जुयाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें दिल्ली सरकार और डीटीसी के खिलाफ दीवानी अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी, जो कि 19 अक्टूबर, 2022 को एक खंडपीठ द्वारा पारित...

सीआरपीसी की धारा 190 के तहत ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जो मजिस्ट्रेट को आगे की जांच का निर्देश देने के लिए स्वत: या किसी भी व्यक्ति द्वारा आवेदन पर निर्देशित करने का अधिकार देता हो :
सीआरपीसी की धारा 190 के तहत ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जो मजिस्ट्रेट को आगे की जांच का निर्देश देने के लिए स्वत: या किसी भी व्यक्ति द्वारा आवेदन पर निर्देशित करने का अधिकार देता हो :

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि सीआरपीसी की धारा 190 मजिस्ट्रेट को किसी मामले में आगे की जांच के लिए स्वत: संज्ञान लेने का निर्देश देने का अधिकार नहीं देती है। जस्टिस संजय द्विवेदी की पीठ ने कहा कि एक बार मामले का संज्ञान लेने के बाद मजिस्ट्रेट आगे की जांच के लिए निर्देश नहीं दे सकते।याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दिए गए मामलों पर विचार करने के बाद और सीआरपीसी के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार यह स्पष्ट है कि सीआरपीसी की धारा 190 में अभिव्यक्ति "संज्ञान लेना" का अर्थ है कि मजिस्ट्रेट...

आर्य समाज के लिए यह आत्मनिरीक्षण का समय, बाल विवाह से बचने के लिए दिशानिर्देश तैयार करें: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज की सर्वोच्च संस्था को निर्देश दिया
'आर्य समाज के लिए यह आत्मनिरीक्षण का समय, बाल विवाह से बचने के लिए दिशानिर्देश तैयार करें': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आर्य समाज की सर्वोच्च संस्था को निर्देश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते आर्य समाज की सर्वोच्च संस्था 'सर्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा' को आत्मनिरीक्षण करने और नाबालिगों से जुड़े विवाहों को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया।न्यायालय ने 'सभा' को प्रस्तावित जोड़ों की काउंसलिंग करने का भी निर्देश दिया ताकि वे विवाह योग्य आयु तक पहुंचने से पहले किसी भी आपराधिक कृत्य में प्रवेश न कर सकें।जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने 'सभा' के लिए निम्नलिखित सुझाव जारी किए और इसके अध्यक्ष को एक दिशानिर्देश/रिपोर्ट तैयार करने और आठ सप्ताह...

मार्कशीट की जालसाजी के आरोप में एफआईआर में बरी होने के बाद पटना हाईकोर्ट ने अधिकारियों से बहाली के लिए पूर्व स्वास्थ्य प्रबंधक के दावे पर विचार करने के लिए कहा
मार्कशीट की जालसाजी के आरोप में एफआईआर में बरी होने के बाद पटना हाईकोर्ट ने अधिकारियों से बहाली के लिए पूर्व स्वास्थ्य प्रबंधक के दावे पर विचार करने के लिए कहा

पटना हाईकोर्ट ने अधिकारियों को एक ऐसे कर्मचारी के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया है, जिसे मार्कशीट में कथित तौर पर फर्जीवाड़ा करने के कारण उसकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था, लेकिन बाद में संबंधित आपराधिक मामले में निचली अदालत ने उसे बरी कर दिया था। जस्टिस हरीश कुमार और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने कहा कि,"अपीलकर्ता की इंगेजमेंट को केवल एमबीए की गलत और जाली मार्कशीट पेश करके अपीलकर्ता द्वारा की गई जालसाजी के कारण समाप्त कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप एक आपराधिक मामला...

यूएपीए मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने कथित पीएफआई सदस्यों की डिफॉल्ट जमानत की अस्वीकृति को बरकरार रखा
यूएपीए मामला: कर्नाटक हाईकोर्ट ने कथित पीएफआई सदस्यों की डिफॉल्ट जमानत की अस्वीकृति को बरकरार रखा

कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के पांच कथित सदस्यों की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत अपराधों के ट्रायल के लिए नामित विशेष अदालत के आदेश को बरकरार रखा है, जिसने डिफॉल्ट जमानत देने के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था।जस्टिस आलोक अराधे और ज‌स्टिस विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ ने मोहम्मद बिलाल और अन्य की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मे‌रिट नहीं पाई।केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में संगठन पर...

हाईकोर्ट के सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अप्रूवर को जमानत देने में धारा 306 बाधा नहीं : जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट
हाईकोर्ट के सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अप्रूवर को जमानत देने में धारा 306 बाधा नहीं : जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट

जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया है कि सीआरपीसी की धारा 306 (4) (बी) सीआरपीसी के संदर्भ में अप्रूवर को को जमानत नहीं दी जा सकती है जो हिरासत में है, हालांकि, एक उपयुक्त मामले में हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 सीआरपीसी के तहत अपनी निहित शक्तियों से अप्रूवर को जमानत पर रिहा कर सकता हैं।जस्टिस मोहन लाल ने उस याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिसके संदर्भ में याचिकाकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 306 (4) (बी) को रद्द करने की प्रार्थना की थी, जो अप्रूवर को जमानत पर...

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दिल्‍ली हाईकोर्ट से कहा, कैंपस के अंदर पीएम मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग अनुशासनहीनता के बराबर
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दिल्‍ली हाईकोर्ट से कहा, कैंपस के अंदर पीएम मोदी पर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग अनुशासनहीनता के बराबर

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों में उनकी कथित भूमिका पर बनी बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री का कैंपस के अंदर हाल ही में प्रदर्शन अनुशासनहीनता का घोर कृत्य है।यूनिवर्स‌िटी ने पीएचडी स्कॉलर और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव लोकेश चुग द्वारा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में उनकी कथित संलिप्तता को लेकर एक साल के लिए प्रतिबंधित किए जाने के खिलाफ दायर याचिका के विरोध में दायर जवाबी हलफनामे में यह प्रस्तुतियां दी है।याचिका...

भूमि आवंटन: पंचायत कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को शुल्क से छूट दे सकती है, लेकिन केवल गरीबी के आधार पर: पीएंडएच हाईकोर्ट
भूमि आवंटन: पंचायत कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों को शुल्क से छूट दे सकती है, लेकिन केवल गरीबी के आधार पर: पीएंडएच हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा ग्राम सामान्य भूमि (विनियमन) नियम, 1964 के नियम 8 के उप-नियम 4 के प्रावधान के तहत कुछ व्यक्तियों को भूमि आवंटित करने के ग्राम पंचायत के प्रस्ताव की अस्वीकृति को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस कुलदीप तिवारी की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि ग्राम पंचायत के पास गढ़ा खड्ड से भूखंडों को तराशने और "अनुसूचित जाति या पिछड़े वर्ग के किसी भी सदस्य या किसी भूमिहीन मजदूर या किरायेदार को" आवंटन के लिए प्रस्ताव लेने का कोई...

मैं डॉकेट एक्सप्लोज़न नहीं, डॉकेट एक्‍सक्लूज़न को लेकर चिंतित हूं: बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस
मैं डॉकेट एक्सप्लोज़न नहीं, डॉकेट एक्‍सक्लूज़न को लेकर चिंतित हूं: बॉम्बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस

बॉम्‍बे हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस एसवी गंगापुरवाला ने शनिवार को न्याय प्रणाली में वैकल्पिक विवाद समाधान के महत्व के बारे में बात करते हुए कहा, "मैं एक पल के लिए भी डॉकेट एक्‍सप्लोज़न (विस्फोट) के बारे में चिंतित नहीं हूं, हमारे जज इससे निपटने में सक्षम हैं ... मैं डॉकेट एक्सक्लूजन (बहिष्करण) के बारे में चिंतित हूं।" जस्टिस गंगापुरवाला मुंबई के मझगांव में नए सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने डॉकेट...

एफआईआर में लगाए गए आरोपों की सत्यता ट्रायल में परखी जाएगी, सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हाईकोर्ट ऐसा नहीं कर सकताः केरल हाईकोर्ट
एफआईआर में लगाए गए आरोपों की सत्यता ट्रायल में परखी जाएगी, सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हाईकोर्ट ऐसा नहीं कर सकताः केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि हाईकोर्ट को धारा 482 सीआरपीसी के तहत आपराधिक कार्यवाही को समाप्त करने के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए पूरी तरह से शिकायत में लगाए गए आरोपों या उसके साथ लगे दस्तावेजों के आधार पर आगे बढ़ना होगा।जस्टिस के बाबू की सिंगल जज बेंच ने पश्चिम बंगाल राज्य बनाम स्वपन कुमार गुहा (1982), केरल राज्य बनाम ओसी कुट्टन (1999), एम/एस निहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लिमिटेड बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य (2021), और मीनाक्षी बाला बनाम सुधीर कुमार और अन्य में दिए सुप्रीम...

मोदी चोर टिप्पणी - हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पटना कोर्ट में लंबित मानहानि मामले की कार्यवाही पर 16 मई तक रोक लगाई
'मोदी चोर' टिप्पणी - हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पटना कोर्ट में लंबित मानहानि मामले की कार्यवाही पर 16 मई तक रोक लगाई

पटना हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी द्वारा उनकी 'मोदी-चोरी' टिप्पणी को लेकर पटना अदालत में दायर आपराधिक मानहानि मामले में पटना अदालत में लंबित कार्यवाही पर सोमवार को 16 मई तक रोक लगा दी। जस्टिस संदीप सिंह की पीठ ने यह आदेश गांधी द्वारा दायर की गई याचिका में पारित किया, जिसमें गांधी ने वर्ष 2019 के एक मामले को खारिज करने की मांग की। इस मामले को 18 अप्रैल को अदालत के समक्ष रखा गया था और सुनवाई के लिए आज पोस्ट किया गया था।अदालत के समक्ष गांधी के...

कोई अखिल भारतीय न्यायिक सेवा मौजूद नहीं है, न्यायिक अधिकारी को फीडर ग्रेड में सेवा के पात्रता मानदंड को पूरा करना होगा: दिल्ली हाईकोर्ट
कोई अखिल भारतीय न्यायिक सेवा मौजूद नहीं है, न्यायिक अधिकारी को फीडर ग्रेड में सेवा के पात्रता मानदंड को पूरा करना होगा: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि एक न्यायिक अधिकारी को किसी विशेष राज्य न्यायिक सेवा के फीडर ग्रेड में निर्दिष्ट सेवा के निर्धारित पात्रता मानदंड को पूरा करना होता है। कोर्ट ने देखा कि जजों के लिए कोई अखिल भारतीय न्यायिक सेवा नहीं है।जस्टिस मनमोहन और जस्टिस सौरभ बनर्जी की खंडपीठ ने सिविल जज नीतू नागर की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने 2018 में स्वेच्छा से हरियाणा सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया था और परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली न्यायिक सेवा में शामिल हो गए थे।सिविल जज ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के...

आईटी नियम संशोधन में प्रथम दृष्टया ‘व्यंग्य’ के बचाव के लिए आवश्यक उपायों की कमी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा केस में कहा
आईटी नियम संशोधन में प्रथम दृष्टया ‘व्यंग्य’ के बचाव के लिए आवश्यक उपायों की कमी: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुणाल कामरा केस में कहा

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा दायर याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को आईटी नियम 2022 के नए संशोधन में आवश्यक सुरक्षा उपायों का अभाव देखा।जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला गोखले की खंडपीठ ने अंतरिम राहत के मामले को बृहस्पतिवार से आगे स्थगित करने से इनकार करते हुए ये टिप्पणी की।बेंच ने कहा,“हलफनामे (संघ) में कहा गया है कि व्यंग्य आदि को छूट दी जाएगी, लेकिन नियम ऐसा नहीं कहते हैं। यहां समस्या यह है कि नियम भले ही नेक इरादे से क्यों न हो, इसमें आवश्यक सुरक्षा की कमी है।”अदालत सूचना...

दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट मीडिया लीक के खिलाफ आसिफ इकबाल तन्हा के मामले की सुनवाई 02 अगस्त को करेगा
दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट मीडिया लीक के खिलाफ आसिफ इकबाल तन्हा के मामले की सुनवाई 02 अगस्त को करेगा

दिल्ली हाईकोर्ट 02 अगस्त को आसिफ इकबाल तन्हा द्वारा 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित बड़ी साजिश में अपने कथित कबूलनामे के बयान को मीडिया में लीक करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा।जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने जस्टिस अमित शर्मा और जस्टिस अनूप जयराम भंभानी द्वारा हाल ही में इसकी सुनवाई से खुद को अलग कर लेने के बाद इस मामले पर विचार करने का फैसला किया।तन्हा का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सौजन्य शंकरन ने अदालत को अवगत कराया कि दिल्ली पुलिस, ज़ी न्यूज़ और ऑपइंडिया डॉट कॉम द्वारा इस...

न्यायपालिका, उप-न्यायिक मुद्दों पर ट्वीट न करें: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्टर चेतन कुमार के ओसीआई रद्दीकरण पर 2 जून तक रोक लगाई
न्यायपालिका, उप-न्यायिक मुद्दों पर ट्वीट न करें: कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक्टर चेतन कुमार के ओसीआई रद्दीकरण पर 2 जून तक रोक लगाई

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत के माध्यम से कन्नड़ एक्ट और सोशल एक्टिविस्ट चेतन ए कुमार को जारी किए गए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड (ओसीआई) रद्द करने के केंद्र सरकार द्वारा पारित आदेश के संचालन पर रोक लगा दी।जस्टिस एम नागप्रसन्ना की एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा,"मामले के तथ्यों और परिस्थितियों में मुझे यह उचित लगता है कि प्रतिवादियों को सुनवाई की अगली तारीख- 2 जून तक मामले को ओसीआई कार्ड के मामले में तूल न देने का निर्देश दिया जाए।"अदालत ने इस शर्त पर राहत दी कि कुमार अदालत में हलफनामा जमा करते...

मुकदमेबाजी को डिफ़ॉल्ट रूप से समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, जहां तक संभव हो योग्यता पर निर्णय की किया जाना चाहिए : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट
मुकदमेबाजी को डिफ़ॉल्ट रूप से समाप्त नहीं किया जाना चाहिए, जहां तक संभव हो योग्यता पर निर्णय की किया जाना चाहिए : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने 2012 में दायर मुकदमे के लिए 339 दिनों की देरी की माफी की अनुमति दी, जिससे प्रतिवादी को बैलगाड़ी लेकर किसी भी तरह से मार्ग के उपयोग में बाधा डालने से रोका जा सके।जस्टिस रवि चीमलपति की पीठ ने कहा,"आम तौर पर मुकदमेबाजी को वादी या प्रतिवादी के डिफ़ॉल्ट रूप से समाप्त नहीं किया जाना चाहिए। न्याय के उद्देश्य के लिए यह आवश्यक है कि जहां तक संभव हो न्यायनिर्णय गुण-दोष के आधार पर किया जाए। हालांकि मुकदमा वर्ष 2012 का है, फिर भी वही लंबित है और यदि उक्त आवेदन पर विचार नहीं किया...

एनडीपीएस एक्ट- ‘केवल पत्नी की गर्भावस्था अंतरिम जमानत देने के लिए पर्याप्त कारण नहीं’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
एनडीपीएस एक्ट- ‘केवल पत्नी की गर्भावस्था अंतरिम जमानत देने के लिए पर्याप्त कारण नहीं’: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि अक्टूबर 2022 में सिटी खन्ना पुलिस स्टेशन, जिला लुधियाना में दर्ज नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 (एनडीपीएस एक्ट) की धारा 22 के तहत आरोपी व्यक्ति को अंतरिम जमानत देने के लिए केवल पत्नी की गर्भावस्था पर्याप्त नहीं है।अदालत अंतरिम जमानत देने के लिए सीआरपीसी की धारा 439 के साथ पाठित सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।जस्टिस जगजीत सिंह बेदी की पीठ ने कहा कि मात्र गर्भावस्था याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत देने के लिए...