ताज़ा खबरें

मानव जीवन की सुरक्षा पर्यावरण की रक्षा के समान ही महत्वपूर्ण; देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी परियोजनाओं को नहीं रोका जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
मानव जीवन की सुरक्षा पर्यावरण की रक्षा के समान ही महत्वपूर्ण; देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी परियोजनाओं को नहीं रोका जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सेतु भारतम परियोजना के हिस्से के रूप में पश्चिम बंगाल में रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को हरी झंडी दिखता हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा भी पर्यावरण की रक्षा के समान ही महत्वपूर्ण है।कलकत्ता हाईकोर्ट के 356 पेड़ों को काटने की अनुमति देने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद 2018 से इस परियोजना पर रोक लगी हुई थी।2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु...

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में  परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधान सभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए किए गए परिसीमन को चुनौती दी गई थी। जस्टिस एस के कौल और जस्टिस ए एस ओक ने अन्य बातों के साथ-साथ हाल की अधिसूचनाओं के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में किए गए परिसीमन अभ्यास को चुनौती देने वाली एक याचिका में ये आदेश पारित किया। जस्टिस ओक ने फैसले के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ते हुए कहा कि फैसले ने स्पष्ट किया है कि याचिका को खारिज...

लीगल प्रैक्टिस से लंबा ब्रेक लेने वाले वकील पेशे से वापस जुड़ने के लिए दोबारा बार एग्जाम दें: सुप्रीम कोर्ट
लीगल प्रैक्टिस से लंबा ब्रेक लेने वाले वकील पेशे से वापस जुड़ने के लिए दोबारा बार एग्जाम दें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (supreme Court) ने कहा कि एक नामांकित वकील, जो काफी समय के लिए गैर-कानूनी पेशे में काम कर रहे हैं और वे कानूनी पेशे में वापस आना चाहते हैं तो उन्हें दोबार बार एग्जाम देना होगा।सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने शुक्रवार को विधि स्नातकों को कानून की प्रैक्टिस करने के लिए पात्रता मानदंड के रूप में ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन को बरकरार रखा।पांच जजों की बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस ए.एस. ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी ने न केवल अखिल...

Justices Rajesh Bindal , Justice Aravind Kumar
जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में शपथ ली; सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत सभी 34 पद भर गए

जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जजों के रूप में शपथ ली। जस्टिस राजेश बिंदल इलाहाबाद हाईकोर्ट और जस्टिस अरविंद कुमार गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे।भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सभी जजों की उपस्थिति में उन्हें पद की शपथ दिलाई।उनकी नियुक्तियों के साथ, सुप्रीम कोर्ट में जजों के स्वीकृत सभी 34 पद भर गए हैं। आखिरी बार सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों की पूरी ताकत सितंबर 2019 से नवंबर 2019 के दौरान थी।31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम...

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कानूनी क्षेत्र में गेम-चेंजर, इसे खतरे के रूप में नहीं, अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए : जस्टिस हेमा कोहली
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कानूनी क्षेत्र में गेम-चेंजर, इसे खतरे के रूप में नहीं, अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए : जस्टिस हेमा कोहली

सुप्रीम कोर्ट की जज हिमा कोहली ने शनिवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कानूनी क्षेत्र में एक गेम-चेंजर है और वकीलों के काम करने के तरीके में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। जस्टिस कोहली ने जोर देकर कहा कि एआई को खतरे के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि कानूनी अभ्यास की गुणवत्ता बढ़ाने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।“आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आगमन ने कानूनी बिरादरी के बीच कुछ चिंताए पैदा कर दी हैं। वकीलों को डर हो सकता है कि टैक्नोलॉजी द्वारा उनकी विशेषज्ञता और कौशल को बेमानी...

कुछ न कहना या न करना शायद सुरक्षित है, लेकिन फर्क पैदा करने के लिए कठिन विकल्प चुनें, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कानून स्नातकों से कहा
कुछ न कहना या न करना शायद सुरक्षित है, लेकिन फर्क पैदा करने के लिए कठिन विकल्प चुनें, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कानून स्नातकों से कहा

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने नए कानून स्नातकों को सलाह दी कि वे न्याय और चैरिटी के बीच के अंतर को कभी न भूलें, क्योंकि चैर‌िटी मानव अधिकारों की पूर्ण उपलब्धता के लिए एक कमजोर विकल्प है।सीजेआई ने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी को परोपकार नहीं करना चाहिए या जरूरतमंदों की मदद नहीं करनी चाहिए, बल्‍कि यह कि न्याय और चैरिटी के बीच भ्रमित नहीं होना चाहिए।वे शनिवार को महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नागपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। पूर्व सीजेआई एसए बोबडे,...

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अब्दुल नज़ीर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अब्दुल नज़ीर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त

भारत के राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर को आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया है। आंध्र प्रदेश के वर्तमान राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में स्थानांतरित किया गया है । जस्टिस नज़ीर 4 जनवरी, 2023 को सेवानिवृत्त हुए।जस्टिस नज़ीर को फरवरी 2017 में कर्नाटक हाईकोर्ट में पदोन्नत किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में वह केएस पुट्टास्वामी मामले (जिसमें निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना जाता है), ट्रिपल तालक मामला ( वैध प्रथा...

चैरिटी के लिए उपयोग ‌होनी वाली समाचार पत्रों की आय की छूट: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एओ को भेजा
चैरिटी के लिए उपयोग ‌होनी वाली समाचार पत्रों की आय की छूट: सुप्रीम कोर्ट ने मामले को एओ को भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने चैरिटी के लिए इस्तेमाल होने वाली अखबार की आय की छूट के संबंध में अपील को वापस भेज दिया है।जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने सीआईटी बनाम अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण के फैसले पर भरोसा किया है और मामले को निर्धारिती की प्राप्तियों, अन्य बातों के सा‌थ-साथ जिसका समाचार पत्र भी है, की प्रकृति पर नए सिरे से विचार करने और इस मुद्दे पर नए निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिए कि क्या निर्धारिती एक धर्मार्थ ट्रस्ट है, जो धारा 11 के तहत आय की छूट का हकदार है, मामले को एओ...

सरकार की निष्पक्ष आलोचना करना हर पत्रकार का अधिकार है, यह राजद्रोह नहीं : पूर्व सीजेआई यूयू ललित
सरकार की निष्पक्ष आलोचना करना हर पत्रकार का अधिकार है, यह राजद्रोह नहीं : पूर्व सीजेआई यूयू ललित

भारत के पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि सरकार की निष्पक्ष आलोचना राजद्रोह नहीं होगी।उन्होंने कहा,“निष्पक्ष आलोचना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है, यह प्रत्येक पत्रकार का पोषित अधिकार है। मुझे सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है। अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह राजद्रोह नहीं है...आईपीसी की धारा 124ए हमेशा सभी पत्रकारिता उपक्रमों के लिए एक कांटा रहा है...आप (पत्रकार) समाज के प्रहरी हैं।"वह 10 फरवरी को नई दिल्ली में इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई-इंडिया) के भारत अध्याय...

सुप्रीम कोर्ट ने मृत कर्मचारी को ग्रेच्युटी देने के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर उत्तर प्रदेश सरकार पर 50, 000 रुपए का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने मृत कर्मचारी को ग्रेच्युटी देने के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर उत्तर प्रदेश सरकार पर 50, 000 रुपए का जुर्माना लगाया

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार पर मृतक प्रोफेसर की पत्नी को डेथ कम रिटायरमेन्ट ग्रेच्यूटी लाभ के भुगतान से संबंधित आदेश के खिलाफ तुच्छ अपील दायर करने के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।जस्टिस एम.आर. शाह और जस्टिस बी.वी. रागरत्ना की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष राज्य सरकारों द्वारा तुच्छ अपील दायर करने की प्रथा की निंदा की।खंडपीठ ने कहा,“हम सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस तरह के मामलों को दायर करने वाले राज्य के अभ्यास का विरोध करते हैं। अतः अपील आज से चार सप्ताह की अवधि के भीतर...

सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत और रिमांड पर अपने फ़ैसलों का उल्लंघन करने वाली निचली अदालतों पर नाराज़गी जताई
सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत और रिमांड पर अपने फ़ैसलों का उल्लंघन करने वाली निचली अदालतों पर नाराज़गी जताई

सुप्रीम कोर्ट ने चार्जशीट दायर करने पर अभियुक्तों को गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए ट्रायल कोर्ट को फटकार लगाई। कोर्ट ने यह देखते हुए उक्त टिप्पणी की कि वे इस तथ्य के बावजूद कि सहयोग कर रहे थे और वकीलों के माध्यम से पेश हो रहे थे। न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत की कार्रवाई सिद्धार्थ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एलएल 2021 एससी 391 मामले में शासनादेश का उल्लंघन है।सिद्धार्थ मामले में अदालत ने कहा था कि चार्जशीट को रिकॉर्ड पर लेने के लिए पूर्व-अपेक्षित औपचारिकता के रूप में अभियुक्त की गिरफ्तारी पर...

बोलने की अक्षमता वाली उम्मीदवार के लिए एमबीबीएस दाखिला : सुप्रीम कोर्ट ने उपयुक्तता की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया
बोलने की अक्षमता वाली उम्मीदवार के लिए एमबीबीएस दाखिला : सुप्रीम कोर्ट ने उपयुक्तता की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ को एमबीबीएस दाखिले के लिए बोलने और भाषा अक्षमता वाली उम्मीदवार की उपयुक्तता की जांच करने के लिए एक मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया।भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ स्नातक चिकित्सा शिक्षा, 1997 के विनियमों में 2019 के संशोधन को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बोलने और भाषा बेंचमार्क दिव्यांगता (40 %...

जस्टिस विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति : सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज किया कि कॉलेजियम को तथ्यों की जानकारी नहीं थी, कहा उपयुक्तता पर न्यायिक समीक्षा नहीं
जस्टिस विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति : सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को खारिज किया कि कॉलेजियम को तथ्यों की जानकारी नहीं थी, कहा उपयुक्तता पर न्यायिक समीक्षा नहीं

सुप्रीम ने शुक्रवार को मद्रास मद्रास की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में जस्टिस लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने के कारणों की घोषणा करते हुए इस तर्क को खारिज कर दिया कि कॉलेजियम को तथ्यों की जानकारी नहीं थी जब उन्होंने उसके नाम की पदोन्नति की सिफारिश की थी।सीनियर एडवोकेट राजू रामचंद्रन ने 7 फरवरी, 2023 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि सिफारिश 17 जनवरी, 2023 को की गई थी और धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित उम्मीदवार के...

सुप्रीम कोर्ट ने भाषाई अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए अनिवार्य तमिल भाषा पेपर देने से छूट एक साल के लिए बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने भाषाई अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए अनिवार्य तमिल भाषा पेपर देने से छूट एक साल के लिए बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 6 फरवरी को भाषाई अल्पसंख्यक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को शैक्षणिक वर्ष 2022-2023 के लिए 10वीं कक्षा परीक्षा में अनिवार्य तमिल भाषा पेपर देने से छूट एक साल के लिए बढ़ाई।जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस मनोज मिश्रा मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसने 2014 के सरकारी आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था।सरकारी आदेश में राज्य में सभी छात्रों के लिए कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में तमिल पेपर अनिवार्य कर दिया गया था।मद्रास...

Supreme Court
आदेश 21 नियम 84 सीपीसी: नीलामी क्रेता के लिए राशि का 25% जमा करना अनिवार्य; शेष राशि का भुगतान पंद्रह दिनों के भीतर करना होगा: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि आदेश 21 नियम 84 सीपीसी के तहत, नीलामी क्रेता की ओर से राशि का 25% जमा करना अनिवार्य है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, खरीद की पूरी राशि का भुगतान बिक्री की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।मामले में विचाराधीन संपत्ति को 18.10.2011 को नीलामी के लिए रखा गया था। नीलामी क्रेता ने 03.11.2011 को राशि का 25% जमा किया। नीलामी क्रेता ने 04.11.2011 को बिक्री मूल्य का 75% जमा किया गया था। निष्पादन न्यायालय ने आपत्तियों को खारिज कर...

आसाराम बापू केस: क्या हाईकोर्ट किताब में दर्ज बयानों के आधार पर अतिरिक्त गवाह को तलब कर सकता है हाईकोर्ट? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
आसाराम बापू केस: क्या हाईकोर्ट किताब में दर्ज बयानों के आधार पर अतिरिक्त गवाह को तलब कर सकता है हाईकोर्ट? सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आईपीएस ऑफिसर अजय पाल लांबा को सम्मन देने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्‍थान सरकार की अपील पर फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्हें आसाराम को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के मामले में आसाराम की ओर से की गई अपील में कोर्ट विटनेस के रूप में बयान दर्ज कराने के लिए सम्मन भेजा गया है।अपनी सजा के खिलाफ आसाराम की अपील हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि अभियोजन पक्ष का पूरा मामला झूठा और मनगढ़ंत है। लांबा को तलब करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया,...

अंतिम वर्ष के छात्रों को एआईबीई में शामिल होनें दें, सुनिश्चित करें कि एनरॉलमेंट फीस दमनकारी न बने: सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा
अंतिम वर्ष के छात्रों को एआईबीई में शामिल होनें दें, सुनिश्चित करें कि एनरॉलमेंट फीस दमनकारी न बने: सुप्रीम कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा

सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ ने शुक्रवार को कहा कि लॉ के अंतिम सेमेस्टर के छात्रों को पात्रता के प्रमाण पेश करने के बाद ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन देने की अनुमति दी जानी चाहिए, हालांकि एनरॉलमेंट कॉलेज की परीक्षा को पास करने के अधीन होगा।पीठ उक्त टिप्‍पणी के साथ भारत में कानून की प्रैक्टिस करने के लिए पात्रता मानदंड के रूप में ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन की आवश्यकता के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया की शक्ति को बरकरार रखा।पांच जजों की बेंच में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एएस...

MBBS : चार प्रयास काफी नहीं हैं?, सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम वर्ष की परीक्षा के प्रयासों की संख्या को सीमित करने के एनएमसी रेगुलेशन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की
MBBS : "चार प्रयास काफी नहीं हैं?", सुप्रीम कोर्ट ने प्रथम वर्ष की परीक्षा के प्रयासों की संख्या को सीमित करने के एनएमसी रेगुलेशन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) द्वारा 2019 में पेश किए गए विनियमन को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक बैच को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में एनएमसी के विनियमन को चुनौती दी गई थी, जिसमें प्रथम वर्ष की परीक्षा को पास करने के प्रयासों की संख्या चार प्रयासों तक सीमित कर दी गई थी। इस नियम के लागू होने से पहले प्रयासों की संख्या की कोई सीमा नहीं थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ,जस्टिस पीएस नरसिम्हा और,जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने...