सरकार की निष्पक्ष आलोचना करना हर पत्रकार का अधिकार है, यह राजद्रोह नहीं : पूर्व सीजेआई यूयू ललित
Shahadat
11 Feb 2023 3:25 PM IST
भारत के पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि सरकार की निष्पक्ष आलोचना राजद्रोह नहीं होगी।
उन्होंने कहा,
“निष्पक्ष आलोचना प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है, यह प्रत्येक पत्रकार का पोषित अधिकार है। मुझे सरकार की नीतियों और कृत्यों पर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है। अगर मैं ऐसा करता हूं तो यह राजद्रोह नहीं है...आईपीसी की धारा 124ए हमेशा सभी पत्रकारिता उपक्रमों के लिए एक कांटा रहा है...आप (पत्रकार) समाज के प्रहरी हैं।"
वह 10 फरवरी को नई दिल्ली में इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई-इंडिया) के भारत अध्याय के पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। पत्रकारिता 2022 में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार द प्रिंट और एनडीटीवी संवाददाता सौरभ शुक्ला को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
जस्टिस ललित ने बताया कि कैसे स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने अदालत में अपना बचाव किया, जब ब्रिटिश शासकों द्वारा उनके खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाया गया, फिर भी उन्हें दोषी ठहराया गया और छह साल की कैद की सजा सुनाई गई।
सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में आदेश दिया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124ए के तहत 152 साल पुराने राजद्रोह कानून को केंद्र सरकार द्वारा प्रावधान पर पुनर्विचार किए जाने प्रभावी रूप से स्थगित रखा जाना चाहिए। अंतरिम आदेश में अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से उक्त प्रावधान के तहत किसी भी एफआईआर को दर्ज करने से परहेज करने का आग्रह किया, जबकि यह फिर से विचाराधीन था।