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शिवसेना संकट।  अगर हटाने का प्रस्ताव लंबित रहते स्पीकर अयोग्यता पर फैसला करते हैं तो क्या ये उनकी निष्पक्षता को प्रभावित नहीं करेगा ?  : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा
शिवसेना संकट। " अगर हटाने का प्रस्ताव लंबित रहते स्पीकर अयोग्यता पर फैसला करते हैं तो क्या ये उनकी निष्पक्षता को प्रभावित नहीं करेगा ? " : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे समूहों के बीच शिवसेना पार्टी के भीतर दरार से उत्पन्न संवैधानिक मुद्दों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। मंगलवार की सुनवाई में, बेंच ने नबाम रेबिया बनाम डिप्टी स्पीकर (2016) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट की सात-न्यायाधीशों की बेंच को क्यों भेजा जाना चाहिए, इस पर दलीलें सुनीं। नबाम रेबिया में, 5-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया था कि कोई स्पीकर अयोग्यता की कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता है जब उसे हटाने का प्रस्ताव लंबित हो। सीजेआई डीवाई...

सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करते समय राज्यों को नेशनल मेडिकल काउंसिल के मानकों का पालन करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करते समय राज्यों को नेशनल मेडिकल काउंसिल के मानकों का पालन करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश संबंधित राज्यों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित करते समय नियामक प्राधिकरण, राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद जैसे बुनियादी सुविधाओं, संकाय आदि द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करने के लिए बाध्य हैं।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (अब एनएमसी) के फैसले को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया, जिसमें तीन राज्य में कुल 800 सीटों वाले आठ कॉलेजों को अनुमति पत्र जारी करने...

सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों को विकसित भूखंडों में खुली जगह आरक्षित करने के नियम को बरकरार रखा
सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डरों को विकसित भूखंडों में खुली जगह आरक्षित करने के नियम को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने उस नियम को बरकरार रखा है, जिसके तहत यह अन‌िवार्य किया गया है कि बिल्डरों को खुद विकसित किए गए भूखंडों में खुली जगह आरक्षित करनी चाहिए।प्रश्नगत नियम चेन्नई महानगर क्षेत्र के लिए विकास नियंत्रण नियमों का नियम 19 था। नियम में यह अनिवार्य है कि 10,000 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्र वाली किसी भी विकासात्मक योजना के क्षेत्र का 10% धार्मिक और मनोरंजक उपयोग के लिए खुले स्थान के रूप में आरक्षित किया जाना चाहिए और इस तरह के खुले स्थान को स्थानीय प्राधिकरण को पंजीकृत उपहार विलेख के जर‌िए...

बैंक ने लोन चुकाने के बावजूद वकील का नाम डिफॉल्टर लिस्ट में रखा, सुप्रीम कोर्ट ने 5 लाख का मुआवजा बरकरार रखा
बैंक ने लोन चुकाने के बावजूद वकील का नाम डिफॉल्टर लिस्ट में रखा, सुप्रीम कोर्ट ने 5 लाख का मुआवजा बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के केनरा बैंक को एक वकील को 5 लाख रुपये का भुगतान करने के निर्देश के आदेश को बरकरार रखा जिसे अपना लोन चुकाने के बावजूद लगभग 7.5 वर्षों तक सीआईबीआईएल के अनुसार लोन डिफॉल्टर की सूची में रखा गया था ।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने अपना आदेश दर्ज किया -“हमें राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, नई दिल्ली के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला क्योंकि हम 5,00,000/- (रुपये पांच लाख) रुपये के मुआवजे के...

आजीवन कारावास की सजा काट रहे पति-पत्नी ने आईवीएफ कराने के लिए पैरोल की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को सहानुभूतिपूर्वक अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया
आजीवन कारावास की सजा काट रहे पति-पत्नी ने आईवीएफ कराने के लिए पैरोल की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को 'सहानुभूतिपूर्वक' अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा काट रहे पति पत्नी को जयपुर की एक ओपन जेल से उदयपुर की जेल में समान सुविधा के साथ स्थानांतरित करने की अनुमति दी।कोर्ट ने यह अनुमति 45 वर्षीय महिला को गर्भ धारण करने के लिए इलाज के अनुरोध पर दी। कोर्ट ने इसके अलावा संबंधित अधिकारियों से पैरोल के उनके अनुरोध पर 'सहानुभूतिपूर्वक' विचार करने का आग्रह किया।कोर्ट ने इसके अलावा संबंधित अधिकारियों से पैरोल के उनके अनुरोध पर 'सहानुभूतिपूर्वक' विचार करने का आग्रह किया।राजस्थान हाईकोर्ट ने...

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग करते हुए कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आधार अडानी समूह के खिलाफ जांच की मांग करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है।याचिका आरोप लगाया गया है कि पोर्ट-टू-पावर समूह ने गलत तरीके से अपनी कंपनियों के शेयरों की कीमतों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है।याचिका में अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 3200 रुपये प्रति शेयर की दर से कथित रूप से "भारी मात्रा में सार्वजनिक फंड" का निवेश करने के लिए जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक की भूमिका की जांच की मांग की गई है, जब बाजार की मौजूदा...

मोटर वाहन अधिनियम | एग्रीगेटर्स लाइसेंस-राज्य नियम बनाते समय केंद्र के दिशानिर्देशों को ध्यान में रख सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट
मोटर वाहन अधिनियम | एग्रीगेटर्स लाइसेंस-राज्य नियम बनाते समय केंद्र के दिशानिर्देशों को ध्यान में रख सकते हैं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जब राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम की धारा 96 के तहत अपनी शक्ति के अनुसरण में नियम बनाती है तो वह उन दिशानिर्देशों को भी ध्यान में रख सकती है, जो केंद्र सरकार द्वारा 2020 में बनाए गए हैं। कंपनी को दोपहिया बाइक टैक्सी एग्रीगेटर लाइसेंस देने से महाराष्ट्र सरकार के इनकार के खिलाफ रैपिडो की याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश में अदालत ने यह टिप्पणी की।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने यह आदेश...

‘संसद एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल सकती है’: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन मामले में कहा
‘संसद एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल सकती है’: सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर परिसीमन मामले में कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की कवायद को बरकरार रखते हुए कहा कि संसद के पास राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाने की शक्ति है।जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओका की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 3 में प्रावधान है कि संसद कानून द्वारा नए राज्यों का गठन कर सकती है और मौजूदा राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों को बदल सकती है। अनुच्छेद 3 के अनुसार, एक "राज्य" में "केंद्र शासित प्रदेश" शामिल है।कोर्ट ने कहा,"अनुच्छेद 3 के खंड (ए) के तहत संसद की शक्ति, एक नया राज्य बनाने या...

जेके परिसीमन अभ्यास को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना-आंध्र प्रदेश और उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ तुलना को खारिज किया
जेके परिसीमन अभ्यास को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना-आंध्र प्रदेश और उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ तुलना को खारिज किया

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में किए गए परिसीमन अभ्यास को सही ठहराते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं द्वारा तेलंगाना-आंध्र प्रदेश और उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ तुलना के आधार पर दी गई दलीलों को खारिज कर दिया है।याचिकाकर्ताओं का मामला मुख्य रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 170 (3) पर आधारित था जो 2026 के बाद पहली जनगणना तक परिसीमन अभ्यास को रोकता है। इस संबंध में, उन्होंने 2014 में आंध्र प्रदेश राज्य के विभाजन के बाद की स्थिति का उल्लेख किया। उन्होंने 2021 में तेलंगाना राज्य में...

लोकसभा और कुछ विधानसभाओं में कोई डिप्टी स्पीकर नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों से जवाब मांगा
'लोकसभा और कुछ विधानसभाओं में कोई डिप्टी स्पीकर नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को केंद्र सरकार और पांच राज्यों को एक जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया था कि लोकसभा और पांच राज्यों की राज्य विधानसभाओं के डिप्टी स्पीकर के चुनाव अभी तक नहीं हुए हैं।ये मामला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था।याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट विभा दत्ता मखीजा ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 और अनुच्छेद 178 के अनुसार, राज्य विधानसभाओं के लिए डिप्टी...

‘हमें इंटरनेट फैसिलिटी के बिना वकीलों तक पहुंचना चाहिए: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- सभी कोर्ट में ई-सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे
‘हमें इंटरनेट फैसिलिटी के बिना वकीलों तक पहुंचना चाहिए': सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- सभी कोर्ट में ई-सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने अदालत में कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति ने भारत सरकार के तहत कॉमन सर्विस सेंटर कॉर्पोरेशन (CSCC) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया है। इसका मुख्य उद्देश्य न्यायपालिका को गांव या तालुका स्तर पर भी नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना है।CJI चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि न्यायपालिका को प्रौद्योगिकी के माध्यम से अधिक सुलभ बनाने के मिशन के तहत, ई-समिति देश भर की सभी अदालतों में "ई-सेवा केंद्र" भी स्थापित कर रही है।कॉमन सर्विस सेंटर विभिन्न ई-गवर्नेंस...

 जब फैकल्टी और बुनियादी ढांचा नहीं है तो बीसीआई ने त्रिपुरा एनएलयू को मान्यता कैसे दी ? : सुप्रीम कोर्ट हैरान
" जब फैकल्टी और बुनियादी ढांचा नहीं है तो बीसीआई ने त्रिपुरा एनएलयू को मान्यता कैसे दी ?" : सुप्रीम कोर्ट हैरान

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, त्रिपुरा द्वारा अकादमिक सत्र 2022-23 के लिए शुरू की गई प्रवेश प्रक्रिया को रद्द करने के निर्देश को निरस्त करने की मांग वाली याचिका पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया।जस्टिस एस के कौल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को वर्तमान कार्यवाही में एक पक्ष के रूप में इस तथ्य के आधार पर शामिल किया कि उसने एनएलयू, त्रिपुरा को मान्यता प्रदान की थी, भले ही उसके पास फैकल्टी और बुनियादी ढांचा नहीं...

भारत में हथियार रखने का कोई मौलिक अधिकार नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने बिना लाइसेंस वाले हथियारों पर स्वत: संज्ञान लिया
'भारत में हथियार रखने का कोई मौलिक अधिकार नहीं': सुप्रीम कोर्ट ने बिना लाइसेंस वाले हथियारों पर स्वत: संज्ञान लिया

सुप्रीम कोर्ट ने देश में बड़ी संख्या में बिना लाइसेंस के हथियार रखने और उनके इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की खंडपीठ ने इस प्रवृत्ति को "परेशान करने वाला" करार देते हुए हत्या के आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए मामला दर्ज किया।खंडपीठ ने कहा,"अभियोजन के अनुसार, बिना लाइसेंस वाली बंदूक का इस्तेमाल किया गया और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 सपठित धारा 307 के तहत अपराध दर्ज किया गया। हमारे सामने...

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का हाईकोर्ट चीफ जस्टिस को कड़ा संदेश: हाइब्रिड हियरिंग ऑप्शन को खत्म न करें, तकनीक केवल महामारी के समय के लिए नहीं थी
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का हाईकोर्ट चीफ जस्टिस को कड़ा संदेश: हाइब्रिड हियरिंग ऑप्शन को खत्म न करें, तकनीक केवल महामारी के समय के लिए नहीं थी

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने वर्चुअल सुनवाई को मौलिक अधिकार घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के प्रति अपनी पीड़ा व्यक्त की, जिन्होंने वर्चुअल सुनवाई के लिए बुनियादी ढांचे को खत्म करना शुरू कर दिया है। सीजेआई चंद्रचूड़ न्यायपालिका में तकनीक के उपयोग के प्रबल समर्थक रहे हैं और उन्होंने न्याय तक पहुंच को बढ़ावा देने में वर्चुअल सुनवाई के महत्व पर जोर दिया है।उन्होंने कहा,"आप प्रो-टेक्नोलॉजी हैं या नहीं, हाईकोर्ट के सभी चीफ जस्टिस को यह...

अडानी-हिंडनबर्ग मामला: नियामक व्यवस्था की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव से केंद्र सहमत
अडानी-हिंडनबर्ग मामला: नियामक व्यवस्था की समीक्षा के लिए विशेषज्ञ समिति बनाने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव से केंद्र सहमत

केंद्र सरकार ने सोमवार को अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे के मद्देनजर भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक ढांचे में संशोधन की आवश्यकता है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए एक समिति बनाने की इच्छा व्यक्त की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि सेबी और अन्य एजेंसियां न केवल शासन के लिहाज से, बल्कि अन्यथा भी स्थिति का ध्यान रखने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं। हालांकि, सरकार को समिति गठित करने में कोई आपत्ति नहीं है... समिति के सदस्यों के नामों के लिए संभावित सुझाव हम एक सीलबंद...

कॉलेजियम सिफारिशें |  सुनिश्चित करें कि जो अपेक्षित है वह किया जाए, अभी भी कुछ चिंताएं हैं : सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति पर केंद्र से कहा
कॉलेजियम सिफारिशें | " सुनिश्चित करें कि जो अपेक्षित है वह किया जाए, अभी भी कुछ चिंताएं हैं" : सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति पर केंद्र से कहा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में अभी भी कुछ चिंताएं हैं और केंद्र सरकार से कहा कि "सुनिश्चित करें कि जो अपेक्षित है वो किया जाए।"जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी देने में देरी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ एडवोकेट्स एसोसिएशन ऑफ बेंगलुरु द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पिछले मौके पर कोर्ट ने कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित हाईकोर्ट के जजों के तबादलों को अधिसूचित नहीं करने पर...

भीमा कोरेगांव मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 21 फरवरी तक स्थगित की
भीमा कोरेगांव मामला: सुप्रीम कोर्ट ने वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई 21 फरवरी तक स्थगित की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी वर्नोन गोंजाल्विस और अरुण फरेरा की जमानत याचिकाओं की सुनवाई 21 फरवरी तक स्थगित कर दी।दोनों ही गिरफ्तारी के बाद से अगस्त 2018 से जेल में बंद हैं। आरोपी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं।जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने आदेश में कहा,“सॉलिसिटर-जनरल की ओर से आवास की मांग की गई है। इस मामले को मंगलवार यानी 21 फरवरी को पहले आइटम के रूप में सूचीबद्ध करें।"केंद्र...

सुप्रीम कोर्ट ने उबर से तीन सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र सरकार से एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने उबर से तीन सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र सरकार से एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को उबर को मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 की धारा 93 (1) के तहत महाराष्ट्र राज्य में एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए 3 सप्ताह के भीतर (6 मार्च, 2023 को या उससे पहले) आवेदन करने का निर्देश दिया।इसके साथ ही, कोर्ट ने उबर को अपनी शिकायत को व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र राज्य को एक प्रतिनिधित्व करने की भी अनुमति दी।बेंच ने राज्य सरकार से एग्रीगेटर्स के लिए जल्द से जल्द दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा।ये मामला चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस...

मानव जीवन की सुरक्षा पर्यावरण की रक्षा के समान ही महत्वपूर्ण; देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी परियोजनाओं को नहीं रोका जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
मानव जीवन की सुरक्षा पर्यावरण की रक्षा के समान ही महत्वपूर्ण; देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी परियोजनाओं को नहीं रोका जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सेतु भारतम परियोजना के हिस्से के रूप में पश्चिम बंगाल में रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण को हरी झंडी दिखता हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा भी पर्यावरण की रक्षा के समान ही महत्वपूर्ण है।कलकत्ता हाईकोर्ट के 356 पेड़ों को काटने की अनुमति देने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद 2018 से इस परियोजना पर रोक लगी हुई थी।2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।पश्चिम बंगाल राज्य की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट डॉ अभिषेक मनु...