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सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति पर जस्टिस कृष्णा अय्यर और जस्टिस चिन्नप्पा रेड्डी के विचारों को खारिज किया, कहा- संविधान आर्थिक लोकतंत्र की अनुमति देता है
सुप्रीम कोर्ट ने 7:2 बहुमत से अपने पिछले विचारों को गलत माना कि सभी निजी संपत्तियों को "समुदाय के भौतिक संसाधन" के रूप में माना जा सकता है, जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के अनुसार राज्य आम भलाई के लिए वितरित करने के लिए बाध्य है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा लिखित बहुमत के फैसले में कहा गया कि जस्टिस वीआर कृष्ण अय्यर (कर्नाटक राज्य बनाम रंगनाथ रेड्डी (1978) 1 एससीआर 641) और जस्टिस ओ चिन्नप्पा रेड्डी (संजीव कोक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनाम भारत कोकिंग कोल लिमिटेड और अन्य...
सुप्रीम कोर्ट ने LOC रद्द करने के मामले में एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के हाउस हेल्प को दी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को केंद्र सरकार की चुनौती को खारिज की, जिसके तहत दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के हाउस हेल्प-सैमुअल मिरांडा के खिलाफ़ लुक-आउट-सर्कुलर रद्द कर दिया गया था।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया, जिसमें इस बात पर विचार किया गया कि मामले को दो बार बुलाए जाने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ, साथ ही गुण-दोष के आधार पर भी।खंडपीठ ने कहा,"मामले को दो बार बुलाया गया। कोई भी पेश नहीं हुआ। अन्यथा भी, गुण-दोष के...
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम अल्पसंख्यक समुदाय की मौलिक समानता को बढ़ावा देता है: सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए - उच्च शिक्षा की डिग्री को विनियमित करने की सीमा को छोड़कर - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह अधिनियम अल्पसंख्यक समुदाय की मौलिक समानता को बढ़ावा देता है।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला खारिज किया, जिसमें अधिनियम को असंवैधानिक करार दिया गया था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह अधिनियम नियामक क़ानून है, जो यह सुनिश्चित करता है कि...
Krishna Janmabhoomi Dispute : हाईकोर्ट में O7R11 याचिका खारिज होने के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील स्वीकार्य है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच
कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकारों से इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष ऑर्डर 7 नियम 11 सीपीसी याचिका खारिज होने के खिलाफ इंट्रा-कोर्ट अपील की स्वीकार्यता के सवाल पर संक्षिप्त सारांश प्रस्तुत करने को कहा।जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ मस्जिद समिति की शिकायत पर सुनवाई कर रही थी, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के 1 अगस्त के फैसले के खिलाफ थी, जिसमें ऑर्डर 7 नियम 11 सीपीसी के तहत देवता (भगवान कृष्ण) और हिंदू उपासकों द्वारा पेश किए गए 18 मुकदमों की...
जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस धूलिया ने जस्टिस कृष्ण अय्यर के खिलाफ सीजेआई चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर आपत्ति जताई
अनुच्छेद 39(बी) से संबंधित मामले में अपने फैसले में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई कि जस्टिस कृष्ण अय्यर के सिद्धांत ने "संविधान की व्यापक और लचीली भावना के साथ अन्याय किया।"जस्टिस नागरत्ना ने जस्टिस कृष्ण अय्यर पर सीजेआई चंद्रचूड़ की टिप्पणियों को "अनुचित" बताया, जबकि जस्टिस धूलिया ने कहा कि आलोचना "कठोर" थी, जिसे "टाला जा सकता था।"सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना,...
संविधान के मूल ढांचे के उल्लंघन के आधार पर किसी क़ानून को रद्द नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 (Uttar Pradesh Board of Madarsa Education Act, 2004) से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी क़ानून की संवैधानिक वैधता को केवल इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती कि उसने संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन किया।सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इस आधार पर क़ानून को रद्द करने पर असहमति जताई कि उसने धर्मनिरपेक्षता की मूल संरचना विशेषता का उल्लंघन किया।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज...
सुप्रीम कोर्ट ने UP Madarsa Education Act की वैधता बरकरार रखी
सुप्रीम कोर्ट ने 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' (Uttar Pradesh Board of Madarsa Education Act 2004) की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी और इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला खारिज कर दिया, जिसने पहले इसे खारिज कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा,हाईकोर्ट ने इस आधार पर अधिनियम खारिज करने में गलती की कि यह धर्मनिरपेक्षता के मूल ढांचे के सिद्धांत का उल्लंघन करता है। किसी क़ानून को तभी खारिज किया जा सकता है, जब वह संविधान के भाग III के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो या विधायी क्षमता से संबंधित...
BREAKING| सभी निजी संपत्ति 'समुदाय के भौतिक संसाधन' नहीं, जिन्हें राज्य को अनुच्छेद 39(बी) के अनुसार समान रूप से वितरित करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 8:1 के बहुमत से माना कि सभी निजी संपत्तियां 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' का हिस्सा नहीं बन सकती , जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार समान रूप से पुनर्वितरित करने के लिए राज्य बाध्य है।कोर्ट ने कहा कि कुछ निजी संपत्तियां अनुच्छेद 39(बी) के अंतर्गत आ सकती हैं, बशर्ते वे भौतिक हों और समुदाय की हों।9 जजों की पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस ऋषिकेश रॉय, जस्टिस बी.वी. नागरत्ना, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस...
सुप्रीम कोर्ट ने SDM पर हमला करने और उनका वाहन जलाने के आरोपी पूर्व विधायक किशोर समरीते को अंतरिम जमानत दी
सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी (SP) के पूर्व विधायक किशोर समरीते को अंतरिम जमानत दी, जिन्हें सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट पर हमला करने और उनके वाहन को आग लगाने के लिए दोषी ठहराया गया और 5 साल की कैद की सजा सुनाई गई।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ समरीते की अपील पर यह आदेश पारित किया, जिसने विशेष अदालत द्वारा लगाए गए दोषसिद्धि और सजा के आदेश को आंशिक रूप से संशोधित किया था।सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया,"याचिकाकर्ताओं के वकीलों और राज्य के...
सुप्रीम कोर्ट ने नवी मुंबई से खेल परिसर ट्रांसफर करने की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सिडको (महाराष्ट्र के नगर एवं औद्योगिक विकास निगम) द्वारा दायर याचिका खारिज की, जो वाणिज्यिक निर्माण के लिए नवी मुंबई से रायगढ़ में 20 एकड़ के खेल परिसर को ट्रांसफर करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य सरकार के 20 एकड़ के खेल परिसर को नवी मुंबई के घनसोली से महाराष्ट्र के रायगढ़ के...
प्रधानमंत्री के मेरे घर आने में कुछ भी गलत नहीं: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (4 नवंबर) को कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा निजी धार्मिक समारोह के लिए उनके घर आने में कुछ भी गलत नहीं है।10 नवंबर को रिटायर होने वाले सीजेआई ने द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित एक चर्चा में बोल रहे थे। द इंडियन एक्सप्रेस की ओपिनियन एडिटर वंदिता मिश्रा ने सीजेआई से हाल ही में हुए दो विवादों पर उनके विचार मांगे - पहला, सीजेआई के आवास पर गणेश पूजा उत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी; दूसरा, सीजेआई का हाल ही में दिया गया बयान कि...
न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ़ फ़ैसला सुनाना नहीं: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (4 नवंबर) को कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि हमेशा सरकार के खिलाफ़ फ़ैसला सुनाया जाए।10 नवंबर को पद छोड़ने वाले निवर्तमान सीजेआई ने कहा कि सोशल मीडिया के आगमन के साथ कई "दबाव समूह" उभरे हैं, जो किसी मामले में उनके हितों के अनुसार फ़ैसला न होने पर रोना रोते हैं। न्यायिक स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ़ सरकार से ही नहीं बल्कि ऐसे "दबाव समूहों" और "हित समूहों" से भी स्वतंत्रता है।इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित चर्चा में बोलते...
हाईकोर्ट के अवैध रेत खनन मामले की जांच पर रोक लगाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची ED
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मद्रास हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें कथित अवैध रेत खनन के संबंध में निजी ठेकेदारों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत जांच करने पर रोक लगाई गई थी।यह मामला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, जिसने इस स्तर पर नोटिस जारी किए बिना पक्षकारों से विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ मामले में निपटाए गए अपराध के अभाव में PMLA के तहत अनंतिम कुर्की के पहलू पर अपने नोट दाखिल करने को...
पदोन्नति के लिए कोई भी सीनियर जज न होने पर सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की नियुक्ति नहीं की जा सकी: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया कि उनके अधीन कॉलेजियम सुप्रीम कोर्ट में किसी महिला जज की नियुक्ति नहीं कर सका, क्योंकि हाईकोर्ट के जजों में पदोन्नति के लिए कोई भी वरिष्ठता वाला पद नहीं था।निवर्तमान सीजेआई अपने अंतिम कार्य सप्ताह में एक चर्चा में बोल रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस की ओपिनियन एडिटर वंदिता मिश्रा ने बताया कि सीजेआई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान, हालांकि सुप्रीम कोर्ट में 18 नियुक्तियां की गईं, लेकिन उनमें से कोई भी महिला नहीं थी।उन्होंने पूछा,"क्या यह ऐसा...
'लोक सेवा आयोग को झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए': सुप्रीम कोर्ट ने LDC पद की योग्यता पर KPSC की असंगतता की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट ने केरल लोक सेवा आयोग (KPSC) को उसके असंगत रुख के लिए कड़ी फटकार लगाई, जिसके कारण लंबे समय तक मुकदमेबाजी चली और केरल जल प्राधिकरण में लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) पद के लिए भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले लगभग बारह सौ उम्मीदवारों की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर असर पड़ा।जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने LDC पद के लिए आवश्यक योग्यता निर्धारित करने में KPSC के अलग-अलग रुख पर नाराजगी जताई। KPSC अपने इस रुख पर अड़ा था कि डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (DCA) इस विषय के पद...
CBI ने डीके शिवकुमार के खिलाफ जांच के लिए सहमति वापस लेने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ जांच के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा सहमति वापस लेने को चुनौती देते हुए उसके समक्ष विशेष अनुमति याचिका दायर की।जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल द्वारा सहमति वापस लेने के खिलाफ दायर अन्य याचिका पर सुनवाई कर रही थी, तभी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने CBI की अपील दायर करने के बारे में जानकारी...
सुप्रीम कोर्ट ने हिंदी में सुनवाई की मांग वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार किया, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 348(1) की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हिंदी में करने की मांग की गई थी।अनुच्छेद 348(1) में प्रावधान है कि सुप्रीम कोर्ट और सभी हाईकोर्ट में सभी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा में की जानी चाहिए।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि पीआईएल में केवल हिंदी...
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की मेरिट पर असंतोष व्यक्त करने के बाद वादी द्वारा नए वकील को नियुक्त करने की प्रथा की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में (24 अक्टूबर) एक वादी की आलोचना की, जिसने नए नियुक्त वकील के माध्यम से मामले की मेरिट पर असंतोष व्यक्त करने के बावजूद मामले की फिर से पैरवी करने की कोशिश की, लेकिन वकीलों को आगे निर्देश लेने की अनुमति दी।जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा -"ऐसा नहीं है कि मामले की पैरवी करने वाले और निर्देश लेने के लिए समय लेने वाले सीनियर वकील उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे कई मामले हैं जब हम मेरिट से संतुष्ट नहीं होते हैं तो याचिकाओं को...
गाजियाबाद कोर्ट में वकीलों के खिलाफ लाठीचार्ज के विरोध में SCBA ने प्रस्ताव पारित किया; जिला जज के खिलाफ जांच की मांग की
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने जिला कोर्ट के जज के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद न्यायालय में वकीलों के खिलाफ हाल ही में लाठीचार्ज हिंसा की निंदा करते हुए प्रस्ताव पारित किया। SCBA ने न्यायाधीश के खिलाफ जांच की भी मांग की।SCBA के अनुसार, यह घटना गाजियाबाद के जिला एवं सेशन जज अनिल कुमार-एक्स के निर्देश पर हुई। एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वह वकीलों की प्रतिष्ठा पर किसी भी तरह के हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट तथा उत्तर प्रदेश सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।SCBA ने...
S. 353 IPC | किसी पर चिल्लाना और धमकाना हमला नहीं माना जाता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी पर चिल्लाना और धमकाना हमला करने के अपराध के बराबर नहीं माना जाता।जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई की, जिसमें भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के कर्मचारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (हमला) के तहत एफआईआर दर्ज की गई, क्योंकि उसने सेवा से बर्खास्तगी की फाइलों का निरीक्षण करते समय कैट के कर्मचारियों पर चिल्लाया और धमकाया था।भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के तहत हमले को इस प्रकार परिभाषित किया गया:-“353 हमला - जो...