इलाहाबाद हाईकोट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आधी रात को ड्यूटी पर तैनात दलित नर्स से बलात्कार करने के आरोपी डॉक्टर को जमानत देने से किया इनकार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आधी रात को ड्यूटी पर तैनात दलित नर्स से बलात्कार करने के आरोपी डॉक्टर को जमानत देने से किया इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह प्राइवेट अस्पताल में अपने केबिन के अंदर 20 वर्षीय दलित नर्स से बलात्कार करने के आरोपी डॉक्टर को जमानत देने से इनकार किया। कथित घटना पिछले साल अगस्त में हुई थी, जब पीड़िता अस्पताल में रात की ड्यूटी पर थी।जस्टिस नलिन कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने सह-आरोपी नर्स मेहनाज और वार्ड बॉय जुनैद को जमानत दी, जिन्होंने कथित अपराध को अंजाम देने में मुख्य आरोपी (डॉक्टर शाहनवाज) की कथित रूप से मदद की थी।पीठ ने अपने आदेश में टिप्पणी की,"जहां तक ​​अपीलकर्ता डॉ. शाहनवाज का सवाल है,...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब्लैकलिस्टिंग को दंडात्मक उपकरण की तरह इस्तेमाल करने पर अधिकारियों की निंदा की
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 'ब्लैकलिस्टिंग' को दंडात्मक उपकरण की तरह इस्तेमाल करने पर अधिकारियों की निंदा की

इस बात पर जोर देते हुए कि किसी व्यक्ति को केवल दुर्लभ मामलों में ब्लैकलिस्ट करने की सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि यह बेहद कठोर और कठोर है, जो किसी व्यक्ति को व्यवसाय करने के अधिकार से वंचित करता है, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि अधिकारी अक्सर ब्लैकलिस्ट करने के उपकरण का उपयोग बाहरी कारणों से एक तंत्र के रूप में करते हैं ।"इस तरह की प्रथाओं को इस न्यायालय द्वारा निंदा की जाती है। जस्टिस शेखर बी. सर्राफ और जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने कहा, "यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को संभल मस्जिद की जांच का आदेश दिया, रमजान से पहले सजावट की जरूरत पर कल तक रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ASI को संभल मस्जिद की जांच का आदेश दिया, रमजान से पहले सजावट की जरूरत पर कल तक रिपोर्ट मांगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को संभल की शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है, ताकि रमजान महीने से पहले इमारत की सफेदी और सजावटी व्यवस्था की आवश्यकता का आकलन किया जा सके। न्यायालय ने एएसआई को कल सुबह 10 बजे तक इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने शाही जामा मस्जिद, संभल की प्रबंधन समिति की ओर से दायर मस्जिद की तैयारी के काम के बारे में प्रतिवादियों की आपत्तियों को चुनौती देने वाले एक आवेदन पर यह...

पुलिस द्वारा समन की तामील करने और न्यायिक निर्देशों का पालन करने में विफलता कानूनी प्रणाली के सुचारू संचालन में बाधा डालती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
पुलिस द्वारा समन की तामील करने और न्यायिक निर्देशों का पालन करने में विफलता कानूनी प्रणाली के सुचारू संचालन में बाधा डालती है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस मंजू रानी चौहान ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा समन की तामील और न्यायिक आदेशों के निष्पादन में देरी कानूनी प्रणाली के सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण बाधा उत्पन्न करती है।न्यायालय ने कहा,“उनकी उदासीनता और अकुशलता अनुचित देरी में योगदान करती है, जिससे पहले से ही लंबित मामलों की संख्या और बढ़ जाती है और न्याय के शीघ्र वितरण में गंभीर बाधा उत्पन्न होती है। कर्तव्य की यह उपेक्षा न केवल कानूनी कार्यवाही को लम्बा खींचती है, जिससे वादियों को अनावश्यक कठिनाई और वित्तीय तनाव का...

पुलिस बल चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण हत्या के आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जा सकी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP Govt की इस बात पर आलोचना की
पुलिस बल चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण हत्या के आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जा सकी: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP Govt की इस बात पर आलोचना की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा हत्या के आरोपी (अंडरट्रायल कैदी) को इलाज के लिए अस्पताल नहीं ले जाने पर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के कारण पुलिस बल उपलब्ध नहीं है।अप्रैल 2024 में एडिशनल सेशन जज ने देवरिया जिला जेल के जेल अधीक्षक को आरोपी आवेदक (कयामुद्दीन) को इलाज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। हालांकि, जेल अधीक्षक ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण उपलब्ध बल की कमी का हवाला देते हुए इलाज उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आवश्यक बल...

एडवोकेट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, कहा- पूर्व CJI को निरादर और निष्कासन से बचाने के लिए केस दायर ‌किए, कानून मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि उसे एक करोड़ फीस दी जाए
एडवोकेट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, कहा- पूर्व CJI को निरादर और निष्कासन से बचाने के लिए केस दायर ‌किए, कानून मंत्रालय को निर्देश दिया जाए कि उसे एक करोड़ फीस दी जाए

इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष लखनऊ के एक एडवोकेट ने याचिका दायर की है, जिसमें केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय को उन्हें फीस और खर्च के रूप में एक करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश देने की मांग की गई है। उनका दावा है कि उन्होंने भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा को "निरादर, अपमान, यातना और निष्कासन" से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में कुछ मामले दायर किए थे।अपनी रिट याचिका में एडवोकेट अशोक पांडे ने भारत के राष्ट्रपति को उनके प्रतिनिधित्व (28 फरवरी, 2024 को भेजा गया) की...

महाकुंभ भगदड़ | जान-माल के नुकसान की जांच करें, अगर कोई नुकसान हुआ है तो: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के सुझाव के बाद न्यायिक आयोग का दायरा बढ़ाया
महाकुंभ भगदड़ | जान-माल के नुकसान की जांच करें, अगर कोई नुकसान हुआ है तो: यूपी सरकार ने हाईकोर्ट के सुझाव के बाद न्यायिक आयोग का दायरा बढ़ाया

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि उसने न्यायिक आयोग की जांच का दायरा बढ़ाने के लिए अधिसूचना जारी की। आयोग अब जान-माल के नुकसान की जांच करेगा अगर कोई नुकसान हुआ।कोर्ट को बताया गया कि आयोग भगदड़ के दौरान जान-माल के नुकसान के बारे में स्वास्थ्य सेवा प्रशासन के साथ मेला प्रशासन और जिला प्रशासन के समन्वय की भी जांच करेगा।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ के समक्ष यह बयान दिया गया, जिसने प्रयागराज में महाकुंभ में भगदड़ के बाद लापता लोगों के संबंध में जनहित...

Narsinghanand X Posts Case | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई
Narsinghanand 'X' Posts Case | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक 27 फरवरी तक बढ़ाई। यह रोक यति नरसिंहानंद के 'अपमानजनक' भाषण पर कथित 'X' पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) को लेकर उनके खिलाफ दर्ज FIR के संबंध में लगाई गई।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दोनों पक्षों के वकीलों की सहमति के बाद राहत बढ़ाई। मामले की सुनवाई 19 तारीख को पूरी नहीं हो पाने के बाद आज यानी सोमवार को होनी थी।हाईकोर्ट के समक्ष एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल के नेतृत्व...

बोर्ड परीक्षा प्रमाण पत्र में नाम सिविल कोर्ट से डिक्री प्राप्त करने के बाद ही बदला जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
बोर्ड परीक्षा प्रमाण पत्र में नाम सिविल कोर्ट से डिक्री प्राप्त करने के बाद ही बदला जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में माना कि बोर्ड परीक्षा प्रमाणपत्रों में नाम केवल नाम परिवर्तन के संबंध में सिविल न्यायालय से डिक्री प्राप्त करने के बाद ही बदला जा सकता है। न्यायालय ने कहा कि आधार कार्ड और पैन कार्ड में नाम बदलने का संदर्भ बोर्ड की ओर से किसी व्यक्ति का नाम बदलने के लिए पर्याप्त नहीं है। चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने कहा,“अपनी पसंद से नया नाम प्राप्त करना अधिनियम के अध्याय-VI के अंतर्गत आता है, इस अर्थ में कि कोई व्यक्ति जो...

तेल विपणन कंपनियों के विपणन अनुशासन दिशानिर्देशों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए 30 दिन की समयसीमा अनिवार्य: इलाहाबाद हाईकोर्ट
तेल विपणन कंपनियों के विपणन अनुशासन दिशानिर्देशों के तहत कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए 30 दिन की समयसीमा 'अनिवार्य': इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) की ओर से तैयार विपणन अनुशासन दिशानिर्देश, 2012 के खंड 8.5.6 में उल्लिखित कारण बताओ नोटिस जारी करने की 30 दिन की समय सीमा अनिवार्य प्रकृति की है।जस्टिस शेखर बी सराफ और जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ ने ज्ञानेंद्र कुमार (डीलर) द्वारा दायर एक रिट याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें संयुक्त निरीक्षण में पाई गई कथित विसंगति के संबंध में 8 सितंबर, 2023 को उन्हें जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को चुनौती दी गई थी।संदर्भ के लिए,...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला जज के मौखिक निर्देशों के तहत वकील की नजरबंदी पर रिपोर्ट मांगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला जज के 'मौखिक निर्देशों' के तहत वकील की नजरबंदी पर रिपोर्ट मांगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को आगरा के 70 वर्षीय अधिवक्ता की कथित हिरासत पर चिंता जताई। उन्हें जिला एवं सत्र न्यायाधीश के 'मौखिक' निर्देश पर नवंबर 2024 में पुलिस कर्मियों ने कथित तौर पर घर में नजरबंद रखा था। याचिकाकर्ता (वकील महताब सिंह) ने दावा किया कि उन्हें धारा 168 बीएनएसएस (संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए पुलिस) का नोटिस देने के बाद 2 घंटे के लिए उनके घर में हिरासत में रखा गया था, ताकि उन्हें प्रशासनिक (उच्च न्यायालय) न्यायाधीश से मिलने से रोका जा सके, जब तक कि वे न्यायाधीश के पद पर...

Maha Kumbh Stampede | क्या न्यायिक आयोग की भूमिका का विस्तार हताहतों की संख्या की पहचान करने के लिए किया जा सकता है?: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा
Maha Kumbh Stampede | क्या न्यायिक आयोग की भूमिका का विस्तार हताहतों की संख्या की पहचान करने के लिए किया जा सकता है?: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा

29 जनवरी को प्रयागराज में महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद लापता हुए लोगों का ब्यौरा मांगने वाली जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मौखिक रूप से पूछा कि क्या उसके द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग की जांच का दायरा बढ़ाकर इसमें हताहतों की संख्या की पहचान करना और भगदड़ से संबंधित अन्य शिकायतों की जांच करना शामिल किया जा सकता है।चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने कहा कि अभी तक आयोग के दायरे में भगदड़ से संबंधित अन्य प्रासंगिक विवरणों की जांच...

सरकार की आलोचना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा, न्यायपालिका की भी आलोचना की जा सकती है: जुबैर की FIR रद्द करने की याचिका पर हाईकोर्ट की मौखिक टिप्पणी
'सरकार की आलोचना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा, न्यायपालिका की भी आलोचना की जा सकती है': जुबैर की FIR रद्द करने की याचिका पर हाईकोर्ट की मौखिक टिप्पणी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बार फिर ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक 19 फरवरी तक बढ़ा दी। यह रोक यति नरसिंहानंद के 'अपमानजनक' भाषण पर उनके कथित X पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) को लेकर उनके खिलाफ दर्ज FIR के संबंध में लगाई गई।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी की कि सरकार की किसी भी पहलू पर आलोचना की जा सकती है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा है। खंडपीठ ने यह भी कहा कि एक संस्था के रूप में न्यायपालिका भी आलोचना...

X Posts Case | पुलिस ने नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की; जुबैर ने नैरेटिव बनाया, लोगों को भड़काने की कोशिश की: इलाहाबाद हाईकोर्ट में बोली यूपी सरकार
'X' Posts Case | 'पुलिस ने नरसिंहानंद के खिलाफ कार्रवाई की; जुबैर ने नैरेटिव बनाया, लोगों को भड़काने की कोशिश की': इलाहाबाद हाईकोर्ट में बोली यूपी सरकार

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की याचिका का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा कि राज्य पुलिस ने नरसिंहानंद के खिलाफ़ कार्रवाई की थी और अदालतों ने ही उन्हें ज़मानत दी।उक्त याचिकिा में मोहम्मद जुबैन ने यति नरसिंहानंद के 'अपमानजनक' भाषण पर उनके कथित 'X' पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) पर यूपी पुलिस की FIR के खिलाफ़ याचिका दायर की।एडिशन एडवोकेट जनरल मनीष गोयल के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा कि जुबैर ने अपने X पोस्ट के ज़रिए नैरेटिव बनाया और लोगों को भड़काने की कोशिश की।...

Narsinghanand Case | क्या राज्य की कार्रवाई से किसी नागरिक का असंतुष्ट होना विध्वंसक गतिविधि माना जा सकता है? : जुबैर की याचिका पर हाईकोर्ट ने पूछा
Narsinghanand Case | क्या राज्य की कार्रवाई से किसी नागरिक का असंतुष्ट होना 'विध्वंसक' गतिविधि माना जा सकता है? : जुबैर की याचिका पर हाईकोर्ट ने पूछा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ़्तारी पर रोक को 18 फ़रवरी तक बढ़ा दिया। यह रोक यति नरसिंहानंद के 'अपमानजनक' भाषण पर उनके कथित X पोस्ट (पूर्व में ट्विटर) को लेकर उनके खिलाफ़ दर्ज की गई FIR के सिलसिले में लगाई गई।जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील से पूछा कि क्या राज्य की कार्रवाई से किसी नागरिक का असंतुष्ट होना धारा 152 BNS के तहत विध्वंसक गतिविधि माना जा सकता है।संदर्भ के लिए, यह...

Yati Narsinghanand Case | मैंने अपने पेशेवर दायित्व के तहत X पर पोस्ट किया, BNS/IPC के तहत कोई अपराध नहीं हुआ: हाईकोर्ट में बोले मोहम्मद जुबैर
Yati Narsinghanand Case | मैंने अपने पेशेवर दायित्व के तहत 'X' पर पोस्ट किया, BNS/IPC के तहत कोई अपराध नहीं हुआ: हाईकोर्ट में बोले मोहम्मद जुबैर

यति नरसिंहानंद के 'अपमानजनक' भाषण पर कथित एक्स पोस्ट को लेकर ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR को चुनौती देते हुए उनके वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया कि जुबैर ने तथ्य जांचकर्ता के रूप में अपने पेशेवर दायित्व के तहत पोस्ट किए। इस तरह के पोस्ट भारतीय न्याय संहिता या भारतीय दंड संहिता के तहत किसी भी अपराध के अंतर्गत नहीं आते हैं।जुबैर के लिए दलील देते हुए सीनियर एडवोकेट दिलीप कुमार ने जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस योगेंद्र...

प्रयागराज पुलिस हमला: इलाहाबाद HCBA ने वकीलों के खिलाफ अत्याचार का ब्यौरा देते हुए हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया; राज्य को जवाब देना होगा
प्रयागराज 'पुलिस हमला': इलाहाबाद HCBA ने वकीलों के खिलाफ 'अत्याचार' का ब्यौरा देते हुए हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया; राज्य को जवाब देना होगा

4 फरवरी को प्रयागराज में वकीलों पर 'हमला' करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग करने वाली आपराधिक रिट जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (HCBA) ने पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए अत्याचारों को उजागर करते हुए हाईकोर्ट के समक्ष पूरक हलफनामा और पेन-ड्राइव दाखिल किया।हाईकोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार, संबंधित संभागीय आयुक्त, मेला अधिकारी, पुलिस आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस उपायुक्त (यातायात) ने भी अपने-अपने हलफनामे दाखिल किए, जिन्हें जस्टिस...

गाजियाबाद एडवोकेट मर्डर 2023: हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, गवाह संरक्षण योजना के तहत पत्नी को दी जाए सुरक्षा
गाजियाबाद एडवोकेट मर्डर 2023: हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से कहा, गवाह संरक्षण योजना के तहत पत्नी को दी जाए सुरक्षा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे गाजियाबाद के 42 वर्षीय एडवोकेट मनोज कुमार चौधरी की पत्नी को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें, जिनकी 2023 में उनके कक्ष में दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, अगर वह गवाह संरक्षण योजना, 2018 के तहत आवेदन करती हैं।जस्टिस नंद प्रभा शुक्ला की पीठ ने गाजियाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में लंबित हत्या के मामले को अलीगढ़ में किसी अन्य सक्षम अदालत में स्थानांतरित करने की मांग करने वाली कविता चौधरी (मृतक एडवोकेट की...