इलाहाबाद हाईकोट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटी और प्रेमी की हत्या करने वाले व्यक्ति समेत 7 लोगों की दोषसिद्धि बरकरार रखी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेटी और प्रेमी की हत्या करने वाले व्यक्ति समेत 7 लोगों की दोषसिद्धि बरकरार रखी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को 'ऑनर' किलिंग के एक दुखद मामले में 2006 में अपनी बेटी और उसके प्रेमी की हत्या करने वाले व्यक्ति समेत सात लोगों की दोषसिद्धि बरकरार रखी।जस्टिस सिद्धार्थ और जस्टिस प्रवीण कुमार गिरि की खंडपीठ ने कहा कि 19 साल पहले हुई यह घटना पिता द्वारा अपनी बेटी और उसके प्रेमी के बीच के रिश्ते को अस्वीकार करने का नतीजा थी, जो मृतक की हत्या के लिए "पर्याप्त मकसद" था।खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा,"यह स्थापित कानून है कि एक व्यक्ति झूठ बोल सकता है, लेकिन परिस्थितियां झूठ नहीं बोल सकतीं।...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनाव के लिए निर्देशों के अनुपालन पर यूपी अल्पसंख्यक विभाग सचिव से हलफनामा मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनाव के लिए निर्देशों के अनुपालन पर यूपी अल्पसंख्यक विभाग सचिव से हलफनामा मांगा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूरी करने के लिए हाईकोर्ट के मार्च 2024 के निर्देशों का अनुपालन दर्शाने वाला हलफनामा दाखिल करें।जस्टिस राजीव सिंह की पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि न्यायालय द्वारा मांगा गया हलफनामा अगली सूचीबद्धता तिथि 19 मई तक दाखिल नहीं किया जाता है तो संबंधित अधिकारी अवमानना ​​के आरोप तय करने के...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के आसपास के कथित सिख फॉर जस्टिस सदस्यों को जमानत देने से इनकार किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के आसपास के कथित 'सिख फॉर जस्टिस' सदस्यों को जमानत देने से इनकार किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते 'सिख फॉर जस्टिस' के दो कथित सदस्यों और खालिस्तानी समर्थकों को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिन्हें पिछले साल जनवरी में अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर के आसपास 'रेकी' करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की खंडपीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि निचली अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ पर्याप्त सामग्री पाई थी कि उन्होंने 22 जनवरी को अयोध्या में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की योजना...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नीलाम की गई संपत्ति पर जानबूझकर मुकदमे को लंबा खींचने के लिए लोन गारंटरों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नीलाम की गई संपत्ति पर जानबूझकर मुकदमे को लंबा खींचने के लिए लोन गारंटरों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2017 में नीलाम की गई संपत्ति के संबंध में जानबूझकर मुकदमे को लंबा खींचने के लिए लोन गारंटरों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।लोन गारंटरों (याचिकाकर्ताओं) को नीलाम की गई संपत्ति को खाली करने और नीलामी खरीदार के पक्ष में जुर्माना अवार्ड देते हुए जस्टिस संगीता चंद्रा ने कहा,“यह न्यायालय रिट क्षेत्राधिकार के न्यायसंगत क्षेत्राधिकार होने और वादी की जिम्मेदारी के संबंध में पूर्वोक्त न्यायिक मिसालों पर गौर करने के बाद तथ्यों का स्पष्ट और पूर्ण खुलासा करते हुए किसी भी सक्रिय गलत...

Savarkar Defamation Case | राहुल गांधी को हाईकोर्ट से लगा झटका, समन आदेश खारिज करने से किया इनकार
Savarkar Defamation Case | राहुल गांधी को हाईकोर्ट से लगा झटका, समन आदेश खारिज करने से किया इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को वीडी सावरकर मानहानि मामले में राहत देने से इनकार किया, जो लखनऊ में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित है।गांधी ने पिछले साल दिसंबर में उन्हें आरोपी के तौर पर समन करने के अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।अपनी याचिका में गांधी ने सेशन कोर्ट के उस आदेश को भी चुनौती दी, जिसमें शिकायतकर्ता एडवोकेट नृपेंद्र पांडे द्वारा जून 2023 में उनकी शिकायत खारिज किए जाने के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका को...

गवाह दस्तावेज़ की शर्तों से सहमत नहीं होता, उसे निष्पादित करने वाला व्यक्ति सहमत होता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
गवाह दस्तावेज़ की शर्तों से सहमत नहीं होता, उसे निष्पादित करने वाला व्यक्ति सहमत होता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

दस्तावेज के गवाह और उसे निष्पादित करने वाले व्यक्ति के बीच अंतर करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि गवाह दस्तावेज़ की शर्तों से सहमत नहीं होता, जबकि उसे निष्पादित करने वाला व्यक्ति सहमत होता है।प्रतिवादी नंबर 3 को खुदरा दुकान डीलरशिप के लिए नीलामी में संबंधित संपत्ति आवंटित की गई। याचिकाकर्ता ने उक्त प्रतिवादी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने संपत्ति को पट्टे पर देते समय ब्रोशर जून, 2023 के खंड 4 (vi) (ए) के तहत निर्धारित अनिवार्य प्रावधान का उल्लंघन किया।भूमि की पेशकश...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 45 साल तक बिना किराया दिए संपत्ति पर कब्ज़ा करने वाले बेईमान किरायेदार पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 45 साल तक बिना किराया दिए संपत्ति पर कब्ज़ा करने वाले बेईमान किरायेदार पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

पिछले हफ़्ते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किरायेदार पर 45 साल से ज़्यादा समय तक संपत्ति पर कब्ज़ा करने और किराया न देने के लिए 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जो मकान मालकिन को वापस चाहिए, जिससे वह अपने नए ग्रेजुएट बेटे के लिए फ़ैक्टरी शुरू कर सके।अपीलीय प्राधिकरण के आदेश के खिलाफ किरायेदार की याचिका खारिज करते हुए जस्टिस पंकज भाटिया ने कहा,“वर्तमान मामले में मकान मालकिन के बेटे को व्यवसाय स्थापित करने के लिए रिहाई की मांग की गई, जिसने वर्ष 1981 में ग्रेजुएशन की उपाधि प्राप्त की और वह बेरोजगार है तथा...

ज‌स्टिस यशवंत वर्मा को शपथ दिलाने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, उनके तबादले के आदेश को रद्द करने की मांग
ज‌स्टिस यशवंत वर्मा को शपथ दिलाने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर, उनके तबादले के आदेश को रद्द करने की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को न्यायाधीश यशवंत वर्मा को पद की शपथ दिलाने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है, जो वर्तमान में अपने आधिकारिक आवासीय परिसर में अवैध नकदी रखने के आरोपों पर इन-हाउस जांच का सामना कर रहे हैं। अधिवक्ता विकास चतुर्वेदी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण और प्रस्तावित शपथ संविधान का उल्लंघन है।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि "वह कौन...

स्वतंत्र इच्छा, अल्लाह के एक होने और मुहम्मद के उसका पैगम्बर होने का यकीन करने पर ही इस्लाम में परिवर्तित हुआ जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
स्वतंत्र इच्छा, 'अल्लाह' के एक होने और 'मुहम्मद' के उसका पैगम्बर होने का यकीन करने पर ही इस्लाम में परिवर्तित हुआ जा सकता है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा इस्लाम में धर्म परिवर्तन तभी वैध माना जा सकता है, जब वह वयस्क हो, स्वस्थ दिमाग वाला हो और अपनी स्वतंत्र इच्छा से तथा "ईश्वर (अल्लाह) की एकता" और "मुहम्मद के पैगम्बर चरित्र" में अपने विश्वास और आस्था के कारण इस्लाम धर्म अपनाता हो।न्यायालय ने आगे कहा कि कोई भी धार्मिक परिवर्तन तभी वैध माना जाता है, जब मूल धर्म के सिद्धांतों के स्थान पर किसी नए धर्म के सिद्धांतों में "हृदय परिवर्तन" और "ईमानदारी से विश्वास" हो।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने कहा कि...

गैरकानूनी धर्म परिवर्तन गंभीर अपराध, न्यायालय पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर कार्यवाही रद्द नहीं कर सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट
गैरकानूनी धर्म परिवर्तन गंभीर अपराध, न्यायालय पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर कार्यवाही रद्द नहीं कर सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि गैरकानूनी धर्म परिवर्तन गंभीर अपराध है और न्यायालय पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर कार्यवाही रद्द नहीं कर सकता।न्यायालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि बलात्कार के अपराध के संबंध में कोई भी समझौता, जो किसी महिला के सम्मान के खिलाफ हो, जो उसके जीवन की जड़ को हिलाकर रख दे और उसके सर्वोच्च सम्मान को गंभीर आघात पहुंचाए, उसके सम्मान और गरिमा दोनों को ठेस पहुंचाए, न्यायालय को “स्वीकार्य नहीं” है।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने तौफीक अहमद द्वारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की...

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद के लिए ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन अनिवार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पद के लिए ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन अनिवार्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति के लिए यह अप्रासंगिक है कि उम्मीदवार ने स्नातक किया है या स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि मेरिट सूची न्यूनतम योग्यता यानी हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की योग्यता के आधार पर तैयार की जानी चाहिए, न कि स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री के आधार पर।याचिकाकर्ता ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर अपने चयन पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन उसका आवेदन इसलिए अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वह...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पैनल एडवोकेट से कथित अतिरिक्त फीस की एकतरफा वसूली के FCI के आदेश को रद्द किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पैनल एडवोकेट से कथित अतिरिक्त फीस की एकतरफा वसूली के FCI के आदेश को रद्द किया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा एक पैनल में शामिल एडवोकेट से कथित रूप से अधिक भुगतान की गई फीस की वसूली के लिए जारी आदेशों को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने यह निर्णय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन के आधार पर दिया। अदालत ने कहा कि अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर एक कलंककारी आदेश पारित किया, जिससे याचिकाकर्ता को उन सेवाओं के लिए मुआवजे से वंचित किया जा रहा था, जो उन्होंने प्रदान की थीं।जस्टिस शेखर बी. सराफ और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने कहा कि...

मृतक कर्मचारी के उत्तराधिकारियों को परिसीमा जैसे तकनीकी आधार पर मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति से वंचित नहीं किया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
मृतक कर्मचारी के उत्तराधिकारियों को परिसीमा जैसे तकनीकी आधार पर मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति से वंचित नहीं किया जाना चाहिए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति के मुद्दे पर विचार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि जहां सेवा के आकस्मिक लाभों की पात्रता है, वहां कानून में देरी और सीमा के आधार पर उन्हें अस्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता विधवा ने अपने पति के चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति के लिए नियोक्ता से संपर्क किया। सीमा द्वारा वर्जित होने के कारण उसका दावा खारिज कर दिया गया। तदनुसार, उसने भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट से संपर्क किया और दलील दी कि वह विधवा है और अपने पति की मृत्यु से सदमे में है।...

प्रोबेशनर की सेवाएं समाप्त करना बर्खास्तगी या निष्कासन नहीं, जब तक कि यह चरित्र या ईमानदारी पर सवाल न उठाए: इलाहाबाद हाईकोर्ट
प्रोबेशनर की सेवाएं समाप्त करना बर्खास्तगी या निष्कासन नहीं, जब तक कि यह चरित्र या ईमानदारी पर सवाल न उठाए: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि प्रोबेशनर की सेवा समाप्ति का आदेश न तो बर्खास्तगी का आदेश है और न ही निष्कासन, जब तक कि उसके चरित्र या ईमानदारी के विरुद्ध कुछ न हो जो इसे दंड का आदेश बनाता है।जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा,"यह अच्छी तरह से स्थापित है कि रोजगार के नियमों के तहत या संविदात्मक अधिकार के प्रयोग में किसी प्रोबेशनर की सेवाओं की समाप्ति न तो बर्खास्तगी है और न ही निष्कासन। हालांकि अगर आदेश कर्मचारी के चरित्र या ईमानदारी के विरुद्ध है तो यह दंड के रूप में एक आदेश होगा भले ही कर्मचारी केवल...

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसिड अटैक सर्वाइवर पुरुष की सहायता के लिए राज्य अधिकारियों से ऐसे मामलों में उचित संवेदनशीलता दिखाने को कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसिड अटैक सर्वाइवर पुरुष की सहायता के लिए राज्य अधिकारियों से ऐसे मामलों में उचित संवेदनशीलता दिखाने को कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में हापुड़ के जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया कि वह एसिड अटैक सर्वाइवर पुरुष को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत चार सप्ताह के भीतर अनुग्रह राशि की प्रक्रिया पूरी कर जारी करें।जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने एसिड अटैक सर्वाइवर से जुड़े मामलों में राज्य अधिकारियों द्वारा उचित संवेदनशीलता दिखाने की आवश्यकता पर बल दिया।खंडपीठ ने इस संबंध में केंद्र सरकार की एक योजना मौजूद होने के बावजूद सर्वाइवर के दावे की प्रक्रिया में...

राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने का अनुरोध विचाराधीन: केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया
राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने का अनुरोध विचाराधीन: केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया

केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को बताया कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग करने वाले आवेदन पर अभी विचार किया जा रहा है।कर्नाटक से भाजपा सदस्य (एस. विग्नेश शिशिर) द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर जस्टिस अताउ रहमान मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव-1 की पीठ के समक्ष यह दलील दी गई।याचिका में गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता की सीबीआई जांच की मांग की गई।सुनवाई के दौरान भारत के उप सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडे ने गांधी की नागरिकता पर निर्णय...

S.148 NI Act | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, मुआवज़े की 20% राशि जमा करने की शर्त अन्यायपूर्ण नहीं होनी चाहिए
S.148 NI Act | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, मुआवज़े की 20% राशि जमा करने की शर्त अन्यायपूर्ण नहीं होनी चाहिए

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में दोहराया कि परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 148 के तहत मुआवजे की राशि का 20% जमा करने की शर्त लगाने का आदेश पारित करते समय, अदालत को यह विचार करना होगा कि ऐसी शर्त अन्यायपूर्ण नहीं होगी या व्यक्ति के अपील के अधिकार से वंचित नहीं करेगी। ऐसा करते हुए अदालत ने कहा कि शर्त लगाना अनिवार्य नहीं है और अदालत के पास उचित मामलों में इसे कम करने या छूट देने का विवेक है। धारा 148(1) में प्रावधान है कि सीआरपीसी में निहित किसी भी बात के बावजूद जब धारा 138 एनआई अधिनियम के तहत...

गैर-चार्जशीटेड आरोपियों पर कार्यवाही न करने पर मजिस्ट्रेट सूचक को सूचित करने के लिए बाध्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
गैर-चार्जशीटेड आरोपियों पर कार्यवाही न करने पर मजिस्ट्रेट सूचक को सूचित करने के लिए बाध्य नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मजिस्ट्रेट को प्रत्येक मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं है, जब वह केवल आरोप पत्र दाखिल किए गए व्यक्तियों के खिलाफ संज्ञान ले रहा हो, लेकिन एफआईआर में नामित अन्य व्यक्तियों को छोड़ रहा हो, जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है।जस्टिस मंजू रानी चौहान की पीठ ने देखा कि यदि मजिस्ट्रेट, चार्जशीट में शामिल न किए गए व्यक्तियों के संबंध में शिकायतकर्ता को सुनवाई का अवसर देता है, तो इससे मामला अनावश्यक रूप से लंबा हो सकता है और अनावश्यक...

संविदा विवादों में नए अधिकार स्थापित करने के लिए रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं, बल्कि समझौते में दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए है: इलाहाबाद हाईकोर्ट
संविदा विवादों में नए अधिकार स्थापित करने के लिए रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं, बल्कि समझौते में दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए है: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माना कि संविदा विवादों में रिट याचिका तभी सुनवाई योग्य, जब वह अनुबंध/समझौते द्वारा बनाए गए अधिकारों की रक्षा के लिए दायर की गई हो। इसने माना कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट के माध्यम से अनुबंध के तहत नए अधिकार बनाने की मांग नहीं की जा सकती।जय प्रकाश एसोसिएट्स (JAL) ने पट्टे के किराए, प्रीमियम और उस पर ब्याज के भुगतान में चूक की, विशेष विकास क्षेत्र परियोजना के तहत पूरी 1000 हेक्टेयर भूमि के लिए पट्टा विलेख यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA)...

ऐसा आभास पैदा हुआ कि राज्य के वकीलों ने सामूहिक रूप से न्यायालय के खिलाफ रुख अपनाया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख लॉ सेक्रेटरी को पेश होने को कहा
ऐसा आभास पैदा हुआ कि राज्य के वकीलों ने सामूहिक रूप से न्यायालय के खिलाफ रुख अपनाया: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख लॉ सेक्रेटरी को पेश होने को कहा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार (20 मार्च) को प्रमुख सचिव (लॉ)/एल.आर. को न्यायालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया, क्योंकि न्यायालय ने पाया कि ऐसा आभास पैदा किया जा रहा है कि राज्य के वकीलों ने सामूहिक रूप से न्यायालय के खिलाफ रुख अपनाया।न्यायालय ने कहा कि वह कुछ राज्य पैनल सदस्यों के आचरण पर गौर नहीं कर रहा है बल्कि कुछ वकीलों द्वारा दूसरों के नाम लेने में अग्रणी भूमिका निभाने पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहा है, जिससे ऐसी आभास पैदा हो रहा है।जस्टिस मंजू रानी चौहान ने अपने आदेश में कहा,"इस न्यायालय...