SC के ताज़ा फैसले

अब हीट-वेव इसलिए है क्योंकि हमने हरियाली खो दी है: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DDA को फिर से पेड़ लगाने का निर्देश दिया
'अब हीट-वेव इसलिए है क्योंकि हमने हरियाली खो दी है': सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DDA को फिर से पेड़ लगाने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को निर्देश दिया कि वे भीषण गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में हरियाली बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं, जिससे जनता परेशान है।कोर्ट ने दिल्ली रिज में पेड़ों की अवैध कटाई के मुद्दे पर विचार करने के लिए 16 मई को नियुक्त 3 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को लागू करने का भी निर्देश दिया।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस उज्जल भुइयां की वेकेशन बेंच DDA के वाइस चेयरमैन पांडा के खिलाफ कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर पेड़ों की कटाई के लिए स्वत:...

Judicial Service | जज की पदोन्नति के कारण उत्पन्न रिक्ति प्रत्याशित रिक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट
Judicial Service | जज की पदोन्नति के कारण उत्पन्न रिक्ति प्रत्याशित रिक्ति नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 जून) को न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर याचिका खारिज की। उक्त याचिका में जिला जज की हाईकोर्ट में पदोन्नति के बाद उत्पन्न रिक्ति पर पदोन्नति की मांग की गई थी।हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जज की पदोन्नति के कारण उत्पन्न रिक्ति को प्रत्याशित रिक्ति नहीं कहा जा सकता।जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।...

DDA द्वारा ज्यूडिशियल ऑफिसर को कानूनी सलाहकार नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान, कहा- यह न्यायिक स्वतंत्रता का उल्लंघन
DDA द्वारा ज्यूडिशियल ऑफिसर को कानूनी सलाहकार नियुक्त करने पर सुप्रीम कोर्ट हैरान, कहा- यह न्यायिक स्वतंत्रता का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जून) को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारा दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा के सेवारत ज्यूडिशियल ऑफिसर को कानूनी सलाहकार नियुक्त करने की प्रथा पर हैरानी जताई।यह देखते हुए कि इस तरह की प्रथा न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करती है, कोर्ट ने DDA से इसे बंद करने को कहा। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से उचित कार्रवाई के लिए मामले पर गौर करने का भी आग्रह किया।जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस जस्टिस उज्जल भुइयां की वेकेशन बेंच सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का...

मूल निवासियों को भर्ती परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक नहीं दे सकेगी हरियाणा सरकार, हाईकोर्ट के फैसले से सुप्रीम कोर्ट सहमत
मूल निवासियों को भर्ती परीक्षाओं में अतिरिक्त अंक नहीं दे सकेगी हरियाणा सरकार, हाईकोर्ट के फैसले से सुप्रीम कोर्ट सहमत

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जून) को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर याचिका खारिज की, जिसमें 2022 की अधिसूचना खारिज कर दी गई थी, जिसमें "सामाजिक-आर्थिक" मानदंडों के आधार पर कुछ पदों पर भर्ती में हरियाणा के मूल निवासियों को 5% अतिरिक्त अंक दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि राज्य सरकार की नीति महज 'लोकलुभावन उपाय' है।जस्टिस एएस ओक और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच 31 मई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के...

विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता, अनुच्छेद 142 की शक्तियां अपवाद: सुप्रीम कोर्ट
विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता, अनुच्छेद 142 की शक्तियां अपवाद: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली सरकार और उसकी संस्थाओं के पक्ष में भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि विलय का सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से लागू नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त शक्तियों को इसके अपवाद के रूप में माना जाएगा। साथ ही साथ स्टेयर डेसिसिस के नियम के भी अपवाद माने जाएंगे।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुयान की पीठ के अनुसार,"हम इस न्यायालय द्वारा कुन्हायम्मद (सुप्रा) में निकाले गए अपवाद पर भी ध्यान देते हैं,...

SC/ST Act | प्रशासनिक जांच रिपोर्ट के बिना लोक सेवक के विरुद्ध कर्तव्य की उपेक्षा के अपराध का संज्ञान नहीं लिया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
SC/ST Act | प्रशासनिक जांच रिपोर्ट के बिना लोक सेवक के विरुद्ध कर्तव्य की उपेक्षा के अपराध का संज्ञान नहीं लिया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोक सेवक के विरुद्ध मामला शुरू करने के लिए प्रशासनिक जांच की संस्तुति न होने पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC/ST Act) के तहत लोक सेवक के विरुद्ध कर्तव्य की उपेक्षा के अपराध का संज्ञान लेने पर रोक लगेगी।हाईकोर्ट के निष्कर्षों को पलटते हुए जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की खंडपीठ ने कहा कि प्रशासनिक जांच की सिफारिश, 1989 के अधिनियम की धारा 4(2) के तहत लोक सेवक द्वारा जानबूझकर की गई उपेक्षा/कर्तव्य की अवहेलना के अपराध...

सुप्रीम कोर्ट ने UYRB से अतिरिक्त पानी के लिए दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने UYRB से अतिरिक्त पानी के लिए दिल्ली सरकार की याचिका पर फैसला करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की उस याचिका का निपटारा किया। उक्त याचिका में संकटग्रस्त राष्ट्रीय राजधानी को तत्काल पानी छोड़ने के लिए हरियाणा राज्य को निर्देश देने की मांग की गई थी। ऐसा करते हुए कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) से संपर्क करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्यों के बीच यमुना के पानी के बंटवारे से संबंधित मुद्दा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है।जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की वेकेशन बेंच ने कहा कि कोर्ट के पास पानी के बंटवारे के मुद्दे...

टीजर बहुत आपत्तिजनक: सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म हमारे बारह की रिलीज पर रोक लगाई
'टीजर बहुत आपत्तिजनक': सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'हमारे बारह' की रिलीज पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (13 जून) को बॉम्बे हाईकोर्ट में इसकी रिलीज को लेकर लंबित मामले के गुण-दोष के आधार पर निपटारे तक फिल्म 'हमारे बारह' की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी। 14 जून को रिलीज होने वाली इस फिल्म पर कथित तौर पर इस्लामी आस्था और भारत में विवाहित मुस्लिम महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा फिल्म की रिलीज की अनुमति दिए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया।वेकेशन बेंच ने...

जनहित दांव पर होने पर रेस जुडिकाटा का सिद्धांत सख्ती से लागू नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
जनहित दांव पर होने पर रेस जुडिकाटा का सिद्धांत सख्ती से लागू नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली सरकार और उसकी संस्थाओं के पक्ष में भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि जनहित दांव पर होने पर रेस जुडिकाटा का सिद्धांत सख्ती से लागू नहीं हो सकता।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में "अदालतों को अधिक लचीला रुख अपनाना चाहिए, यह मानते हुए कि कुछ मामले व्यक्तिगत विवादों से परे होते हैं और जनहित से जुड़े दूरगामी निहितार्थ रखते हैं।"यह मामला दिल्ली के नियोजित विकास के लिए भूमि अधिग्रहण...

यौन अपराध मामले में आरोपी का मेडिकल जांच से इनकार करना जांच में सहयोग करने की अनिच्छा दर्शाता है: सुप्रीम कोर्ट
यौन अपराध मामले में आरोपी का मेडिकल जांच से इनकार करना जांच में सहयोग करने की अनिच्छा दर्शाता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (10 जून) को अपनी 9 वर्षीय बेटी के यौन उत्पीड़न के आरोपी व्यक्ति को मेडिकल जांच से गुजरने का निर्देश दिया। कोर्ट ने उक्त निर्देश यह देखते हुए दिया कि उसका इनकार जांच में असहयोग के बराबर होगा।कोर्ट पीड़ित लड़की की मां द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई। इसमें आरोपी को मेडिकल जांच के लिए उपस्थित होने के लिए कहने वाले पुलिस नोटिस पर रोक लगाई गई थी।हाईकोर्ट ने आरोपी के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश पारित...

Section 217 CrPC | न्यायालय आरोपों में बदलाव करता है तो पक्षकारों को गवाहों को वापस बुलाने/री-एक्जामाइन करने का अवसर दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट
Section 217 CrPC | न्यायालय आरोपों में बदलाव करता है तो पक्षकारों को गवाहों को वापस बुलाने/री-एक्जामाइन करने का अवसर दिया जाना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपों में बदलाव की स्थिति में पक्षकारों को ऐसे बदले गए आरोपों के संदर्भ में गवाहों को वापस बुलाने या री-एक्जामाइन करने का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। साथ ही आरोपों में बदलाव के कारणों को निर्णय में दर्ज किया जाना चाहिए।जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा,न्यायालय निर्णय सुनाए जाने से पहले किसी भी आरोप में बदलाव या वृद्धि कर सकता है, लेकिन जब आरोपों में बदलाव किया जाता है तो अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष दोनों को सीआरपीसी की धारा 217 के तहत ऐसे बदले...

30 साल से अधिक समय तक काम करने के बाद भी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों से इनकार करना अनुचित: सुप्रीम कोर्ट
'30 साल से अधिक समय तक काम करने के बाद भी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों से इनकार करना अनुचित': सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 07 मई के अपने आदेश के माध्यम से 1981 में अल्पकालिक मौसमी नियुक्ति के आधार पर जिला गोरखपुर के लिए चयनित सहायक वसील बाकी नवीस (AWBN)/अपीलकर्ताओं को रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ प्रदान किए।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने पाया कि अपीलकर्ताओं ने 30 से 40 साल तक काम किया। इसलिए उन्होंने कहा कि उन्हें रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभों या टर्मिनल बकाया से वंचित करना अनुचित और अनुचित होगा।खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान आदेश अपीलकर्ताओं द्वारा सेवा...

BREAKING| 10 अगस्त तक दिल्ली न्यायपालिका के लिए बने प्लॉट से अपना पार्टी ऑफिस शिफ्ट करे AAP: सुप्रीम कोर्ट
BREAKING| 10 अगस्त तक दिल्ली न्यायपालिका के लिए बने प्लॉट से अपना पार्टी ऑफिस शिफ्ट करे AAP: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (10 जून) को आम आदमी पार्टी (AAP) को अपना राष्ट्रीय मुख्यालय नई दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित परिसर से शिफ्ट करने के लिए 10 अगस्त, 2024 तक का समय दिया, जिसे दिल्ली न्यायपालिका के विस्तार के लिए निर्धारित किया गया।कोर्ट ने 4 मार्च को AAP को परिसर खाली करने के लिए 15 जून तक की समयसीमा दी थी।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की वेकेशन बेंच ने AAP द्वारा दायर आवेदन स्वीकार कर लिया, जिसमें 10 अगस्त तक समय बढ़ाने की मांग की गई।वेकेशन बेंच ने स्पष्ट किया कि यह विस्तार "अंतिम...

कानून में बाद में किया गया बदलाव देरी को माफ करने का आधार नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट
कानून में बाद में किया गया बदलाव देरी को माफ करने का आधार नहीं हो सकता: सुप्रीम कोर्ट

भूमि अधिग्रहण के कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि कानून में बाद में किया गया बदलाव देरी को माफ करने का आधार नहीं हो सकता।जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा,"अगर कानून में बाद में किए गए बदलाव को देरी को माफ करने के वैध आधार के रूप में स्वीकार किया जाता है तो यह भानुमती का पिटारा खोल देगा, जहां बाद में खारिज किए गए सभी मामले या बाद में खारिज किए गए फैसलों पर आधारित मामले इस न्यायालय में आएंगे और कानून की नई व्याख्या के आधार पर राहत...

किरायेदारी समाप्त होने के बाद भी कब्जे में बने रहने वाले किरायेदार को अंतरकालीन लाभ देकर मकान मालिक को मुआवजा देना होगा : सुप्रीम कोर्ट
किरायेदारी समाप्त होने के बाद भी कब्जे में बने रहने वाले किरायेदार को 'अंतरकालीन लाभ' देकर मकान मालिक को मुआवजा देना होगा : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि किरायेदारी अधिकार समाप्त होने के बाद भी किराएदार किराए के परिसर में बना रहता है तो मकान मालिक किरायेदार से 'अंतरकालीन लाभ' के रूप में मुआवजा पाने का हकदार होगा।जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने कहा,"जबकि उपर्युक्त स्थिति आमतौर पर स्वीकार की जाती है, यह कानून के दायरे में भी है कि किरायेदार, जो एक बार वैध रूप से संपत्ति में प्रवेश कर गया, अपने अधिकार समाप्त होने के बाद भी कब्जे में बना रहता है, वह कब्जे के अधिकार समाप्त होने के बाद उस अवधि के लिए मकान...

सीआरपीसी की धारा 156(3) के अनुसार पुलिस जांच का निर्देश देते समय मजिस्ट्रेट अपराध का संज्ञान नहीं लेते: सुप्रीम कोर्ट
सीआरपीसी की धारा 156(3) के अनुसार पुलिस जांच का निर्देश देते समय मजिस्ट्रेट अपराध का संज्ञान नहीं लेते: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत पुलिस को जांच का निर्देश देकर किसी अपराध का संज्ञान लेने के लिए नहीं कहा जा सकता।हाईकोर्ट के निष्कर्षों को पलटते हुए जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ ने देवरापल्ली लक्ष्मीनारायण रेड्डी और अन्य बनाम वी. नारायण रेड्डी और अन्य (1976) 3 एससीसी 252 के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जब मजिस्ट्रेट अभ्यास में था अपने न्यायिक विवेक से सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत जांच का निर्देश देता है। इस...

समय-बाधित मुकदमे को खारिज किया जाना चाहिए, भले ही परिसीमा की याचिका बचाव के रूप में न उठाई गई हो: सुप्रीम कोर्ट
समय-बाधित मुकदमे को खारिज किया जाना चाहिए, भले ही परिसीमा की याचिका बचाव के रूप में न उठाई गई हो: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भले ही परिसीमा की याचिका को बचाव के रूप में स्थापित नहीं किया गया हो, लेकिन यदि परिसीमा द्वारा इसे वर्जित किया गया है तो अदालत को मुकदमा खारिज करना होगा।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के निष्कर्षों को पलटते हुए वी.एम. सालगाओकर और ब्रदर्स बनाम मोर्मुगाओ बंदरगाह के न्यासी बोर्ड और अन्य, (2005) 4 एससीसी 613 के मामले पर भरोसा जताया, जिसमें कहा गया कि परिसीमा अधिनियम की धारा 3 के आदेश के अनुसार, अदालत को निर्धारित अवधि के बाद दायर किए गए...