पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
DRT-II के काम न करने से हाईकोर्ट में याचिकाओं की बाढ़ आ गई: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने DRT-I को अतिरिक्त प्रभार देने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में अगस्त से लोन वसूली न्यायाधिकरण-II (DRT-II) के काम न करने के कारण पैदा हुई विचित्र स्थिति को चिन्हित किया, क्योंकि हाईकोर्ट प्रतिकूल रूप से प्रभावित वादियों की याचिकाओं से अटा पड़ा है।जस्टिस लिसा गिल और जस्टिस सुखविंदर कौर ने कहा,"DRT-II के काम न करने के कारण पैदा हुई विकट स्थिति के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित पक्षों द्वारा इस न्यायालय के समक्ष रिट याचिकाओं की बाढ़ आ गई। यह बताने के लिए कोई समय-सीमा उपलब्ध नहीं है कि DRT-II कब तक काम करना शुरू कर...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में प्रथम दृष्टया सबूत के बावजूद 10 वर्षीय बच्चे की मां को अग्रिम जमानत दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी 10 वर्षीय लड़की की मां को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि अदालत को मां के फैसले पर सवाल उठाने से बचना चाहिए, क्योंकि कोई भी बच्चे की सुरक्षा और सर्वोत्तम हित का आकलन करने के लिए बेहतर स्थिति में नहीं है।वर्तमान मामले में, बच्चे का पिता पहले से ही हरियाणा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति भ्रष्टाचार घोटाले में हिरासत में था। अगर मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया था, तो उसके पास अपनी 10 वर्षीय बेटी को रिश्तेदारों के पास छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं...
सरकार ने पंजाब पुलिस को जज की सुरक्षा में तैनात न करने के हाईकोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग की
पंजाब सरकार ने 27 सितंबर को पारित पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए आवेदन दायर किया- जिसमें पंजाब पुलिस को मौजूदा हाईकोर्ट जज की सुरक्षा में तैनात न करने का निर्देश दिया गया था, जिन्होंने पंजाब की "जांच एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर चूक" को उजागर किया और जिनकी सुरक्षा हाल ही में एक घटना में खतरे में पड़ गई।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने जज की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए पंजाब पुलिस के बजाय "तटस्थ" पुलिस बल के अधिकारियों को तैनात...
पत्नी के व्यभिचार को साबित करने और अंतरिम भरण-पोषण का विरोध करने के लिए पति द्वारा प्रस्तुत सोशल मीडिया सामग्री का मूल्यांकन न्यायालय कर सकता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि पति पत्नी द्वारा शुरू की गई अंतरिम भरण-पोषण कार्यवाही का विरोध करने के लिए व्यभिचार की दलील दे सकता है और उस चरण में न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया से प्राप्त साक्ष्यों पर विचार किया जा सकता है। जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा, "पति को पत्नी द्वारा व्यभिचार की दलील देने का अधिकार है; अंतरिम भरण-पोषण और कार्यवाही के व्यय (जिसे सामान्यतः मुकदमेबाजी व्यय के रूप में संदर्भित किया जाता है) के निर्णय से संबंधित कार्यवाही में; ताकि पत्नी द्वारा की गई...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने नशा मुक्ति केंद्रों पर मनोचिकित्सकों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया, कहा- नशे के आदी लोगों को मनोचिकित्सक की मदद दिलाने से तस्करी में कमी आएगी
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा है कि नशे के आदी लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिवों और चंडीगढ़ यूटी के सलाहकार को सभी नशा मुक्ति केंद्रों पर नियमित आधार पर मनोचिकित्सकों की नियुक्ति करनी चाहिए। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा कि, "नशे के आदी लोगों को मनोरोग चिकित्सा उपलब्ध कराने से अंततः मांग में कमी आएगी, जिसका परिणाम आपूर्ति में कमी के रूप में सामने आएगा, जिससे नशीले पदार्थों की तस्करी में कमी आएगी।"ये टिप्पणियां पंजाब, हरियाणा और यूटी...
'मोटी रिश्वत लेने के लिए आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया', हाईकोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ पंजाब के पूर्व वन मंत्री की याचिका खारिज की
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक लोक सेवक होने के नाते उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और 2017 से 2021 के अपने कार्यकाल के दौरान रिश्वत के रूप में मोटी रकम प्राप्त की। धर्मसोत 1992 से लगातार पांच बार विधायक रहे और 2017 से 2021 तक पंजाब में कैबिनेट मंत्री रहे। पंजाब के वन विभाग में अनियमितताओं (पेड़ों को काटने, अधिकारियों को स्थानांतरित करने, खरीद करने और...
S.111 BNS | राज्य पहले गिरफ्तारी नहीं कर सकता और बाद में "संगठित अपराध" के सबूत नहीं जुटा सकता: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111 के तहत "संगठित अपराध" के लिए किसी व्यक्ति को उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया स्वीकार्य सबूत के बिना गिरफ्तार नहीं कर सकता।भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले नए कानून BNS ने धारा 111 के तहत संगठित अपराध को अपराध के रूप में जोड़ा है। यदि अपराध के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो अधिकतम निर्धारित सजा मृत्युदंड है।संगठित अपराध की परिभाषा इस प्रकार है- अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना, ठेके पर...
हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दोषी को परिवीक्षा पर रिहा नहीं कर सकता, जब उसकी अपील सत्र न्यायालय में लंबित हो: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि लापरवाही से मौत के लिए धारा 304-ए के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को सत्र न्यायालय में अपील लंबित होने पर हाईकोर्ट परिवीक्षा पर रिहा करने पर विचार नहीं कर सकता। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि चूंकि वैकल्पिक उपाय उपलब्ध है, इसलिए दोषी सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा सकता।कोर्ट ने कहा,“इसलिए, सीआरपीसी की धारा 482 में निहित प्रतिबंध, हाईकोर्ट में निहित अधिकार क्षेत्र के कारण, तब लागू नहीं होता, जब कोई वैकल्पिक...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने SC/ST Act के गलत प्रावधान के तहत गिरफ्तार किशोर को दी गई अग्रिम जमानत रद्द करने से इनकार किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) 1989 अधिनियम (SC/ST Act) के गलत प्रावधान के तहत सेशन कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्य के साथ दुर्व्यवहार करने और उस पर हमला करने के आरोपी किशोर को दी गई जमानत रद्द करने से इनकार किया।सेशन कोर्ट ने पुलिस द्वारा लागू किए गए SC/ST Act की धारा 3 (1) (आर) के प्रावधान पर विचार करते हुए आरोपी को कथित तौर पर जमानत दी थी, जो किसी भी स्थान पर सार्वजनिक दृश्य में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य को अपमानित...
Security Breach: हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस की बड़े पैमाने पर चूक को उजागर करने वाले जज की सुरक्षा के लिए पुलिस को तैनात न करने का निर्देश दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस के मौजूदा जज की सुरक्षा के लिए पंजाब पुलिस को तैनात न करने का निर्देश दिया, जिन्होंने पंजाब की जांच एजेंसियों की ओर से बड़े पैमाने पर चूक को उजागर किया, जिनकी सुरक्षा हाल ही में एक घटना में समझौता की गई थी।चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने न्यायाधीश की आवाजाही को सुरक्षित करने के लिए पंजाब पुलिस के बजाय तटस्थ पुलिस बल के अधिकारियों को तैनात करने का आदेश दिया।उन्होंने टिप्पणी की,"यह सर्वविदित है कि पिछले 12/24 महीनों में जज द्वारा...
हाईकोर्ट ने विज्ञापनों, मंत्रियों के घरों के जीर्णोद्धार, मुकदमेबाजी पर खर्च किए गए पंजाब सरकार के धन का ब्यौरा मांगा
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के वित्त विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वह दिसंबर 2021 से सितंबर 2024 तक की अवधि के दौरान प्रिंट और ऑडियो-वीडियो मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित करने, मंत्रियों, विधायकों के घरों के जीर्णोद्धार पर हुए खर्च, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मुकदमेबाजी पर खर्च किए गए धन का ब्यौरा देते हुए हलफनामा दाखिल करें।यह घटनाक्रम तब सामने आया जब न्यायालय ने पाया कि पंजाब सरकार द्वारा इस बात का कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया कि भारत सरकार से धन प्राप्त होने...
हाईकोर्ट ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोबेशन के दौरान सेवा से हटाए गए पंजाब के न्यायिक अधिकारी को बहाल किया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने न्यायिक मजिस्ट्रेट को बहाल करने का निर्देश दिया, जिन्हें कैदी की मौत की जांच कर रहे ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोबेशन अवधि के दौरान सेवा से हटा दिया गया था।कथित घटना के वीडियो क्लिप के आधार पर हाईकोर्ट की सतर्कता समिति ने निष्कर्ष निकाला था कि न्यायाधीश ने डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार किया और कहा कि उनका आचरण न्यायिक अधिकारी के लिए अनुचित है।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने कहा,"याचिकाकर्ता को जो...
यदि किसी व्यक्ति की अपील पर शीघ्र सुनवाई की संभावना नहीं तो दोबारा दोषी ठहराए गए व्यक्ति पर लगाई गई सजा को निलंबित किया जा सकता है: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति जो पहले से ही किसी अन्य मामले में दोषी ठहराया गया पर लगाई गई सजा को भी निलंबित किया जा सकता है, जब उसकी अपील पर शीघ्र सुनवाई की कोई संभावना नहीं है।जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई का अधिकार पुनः दोषी को भी उपलब्ध है।उन्होंने कहा,“सिद्धांत उस पुनः दोषी पर भी लागू माना जा सकता है, जो इस न्यायालय के समक्ष अपील के लंबित रहने के दौरान कारावास की मूल सजा के निष्पादन के लिए छूट...
पंजाब सीमावर्ती राज्य, पुलिस को निराधार खतरों पर 'विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग' की रक्षा करने के बजाय कानून और व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता: हाईकोर्ट
यह देखते हुए कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की आवश्यकता है, पंजाब एंडहरियाणा हाईकोर्ट ने कमांडो सुरक्षा की मांग करने वाले वकील की याचिका को खारिज कर दिया।जस्टिस मनीषा बत्रा ने कहा, "सिद्धांत के रूप में, निजी व्यक्तियों को राज्य के खर्च पर सुरक्षा नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा यह नहीं पाया जाता है कि ऐसी बाध्यकारी परिस्थितियां थीं, जो इस तरह की सुरक्षा की आवश्यकता है, खासकर अगर खतरा किसी सार्वजनिक या राष्ट्रीय सेवा से जुड़ा हुआ है,...
पति अपनी आय से स्वैच्छिक कटौती जैसे EMI नहीं कर सकता, जिससे पत्नी को कम भरण-पोषण मिल सके: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी को दिए जाने वाले भरण-पोषण की राशि तय करते हुए कहा कि पति को अपनी सकल आय से स्वैच्छिक कटौती करने की अनुमति नहीं दी जा सकती जो कानूनी रूप से अनिवार्य नहीं है।अदालत ने फैमिली कोर्ट के उस निर्णय को संशोधित करके भरण-पोषण राशि बढ़ा दी जिसमें उसने पति को 10,000 रुपये की राशि काटने की अनुमति दी थी, जिसे वह कथित रूप से EMI के लिए चुका रहा था।जस्टिस सुमीत गोयल ने कहा,"कानून द्वारा अनिवार्य और पति के नियंत्रण से परे वैधानिक कटौतियों को ध्यान में रखा जा सकता है।...
एनआई एक्ट के तहत अंतरिम मुआवजे का निर्देश देने का प्रावधान विवेकाधीन है, आरोपी पर वित्तीय संकट पर विचार किया जाना चाहिए: पी एंड एच हाईकोर्ट
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट (एनआई एक्ट) की धारा 143ए के तहत प्रावधान अनिवार्य नहीं है, बल्कि विवेकाधीन प्रकृति का है और वित्तीय संकट सहित पैरामीटर, जिन्हें आरोपी को झेलना होगा, पर आदेश पारित करने से पहले विचार किया जाना चाहिए। एनआई एक्ट की धारा 143ए के अनुसार, धारा 138 के तहत अपराध की सुनवाई करने वाला न्यायालय चेक जारी करने वाले को शिकायतकर्ता को अंतरिम मुआवजा देने का आदेश दे सकता है, लेकिन यह मुआवजे के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।'जस्टिस सुरेश्वर...
पेंशन राज्य की ओर से कर्मचारियों को दिया जाने वाला दान नहीं बल्कि उसका कर्तव्य है: पी एंड एच हाईकोर्ट ने विधवा को 12 साल तक पेंशन देने से इनकार करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक विधवा को 12 वर्षों से अधिक समय तक पेंशन देने से मना करने के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (एचवीपीएनएल) पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायालय ने कहा कि, "पेंशन और पेंशन लाभ जिसमें पारिवारिक पेंशन भी शामिल है, राज्य द्वारा किया जाने वाला दान नहीं है और इसे प्रदान करना राज्य का कर्तव्य है।"जस्टिस जसगुरप्रीत सिंह पुरी ने कहा, "एक गरीब विधवा को पूर्वोक्त अनुचित कारणों से 12 वर्षों तक पारिवारिक पेंशन...
14 घंटे तक चली ईडी की पूछताछ "वीरतापूर्ण नहीं", मानवीय गरिमा का उल्लंघन: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया है कि वह सुधारात्मक उपाय करे और अपने अधिकारियों को PMLA के तहत संदिग्धों से एक बार में पूछताछ के लिए कुछ "उचित समय सीमा" का पालन करने के लिए जागरूक करे। जस्टिस महाबीर सिंह सिंधु ने कहा कि मौजूदा मामले में 15 घंटे तक चलने वाली ED की पूछताछ "वीरतापूर्ण नहीं है...बल्कि यह मनुष्य की गरिमा के विरुद्ध है।"भविष्य के लिए न्यायालय ने ED को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन एंड स्वतंत्रता के अधिकार, जिसमें गरिमा का अधिकार भी शामिल है, के...
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत दी, बशर्ते कि वह देशी पौधों के दस पौधे लगाए
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत दी, बशर्ते कि वह सार्वजनिक स्थान पर देशी पौधों के 10 पौधे लगाए। न्यायालय ने आगे कहा कि यदि शर्त का पालन नहीं किया जाता है, तो आदेश वापस ले लिया जाएगा।चीफ जस्टिस शील नागू ने कहा,"याचिकाकर्ता सार्वजनिक स्थान पर 10 देशी पौधे लगाएगा तथा अगली सुनवाई की तिथि से पहले रजिस्ट्री के समक्ष फोटोग्राफ के माध्यम से इस संबंध में सबूत प्रस्तुत करेगा। ऐसा न करने पर रजिस्ट्री को मामले को उचित पीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया जाता है जहां पीठ...
केरल हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित बलात्कार के मामले में एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाने वाली महिला की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
केरल हाईकोर्ट ने केरल के मलप्पुरम जिले में चार उच्च पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने का आरोप लगाने वाली महिला द्वारा दायर याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा, जिन्होंने उसके साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया।जस्टिस ए. बदरुद्दीन ने बलात्कार जैसे संज्ञेय अपराधों के आरोप होने पर एफआईआर दर्ज न करने के कृत्य की निंदा की। उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि सरकार और पुलिस अधिकारी महिला की शिकायत के आधार पर आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करने के लिए बाध्य हैं।याचिकाकर्ता ने मलप्पुरम जिले के...