सेवानिवृत्ति पर वेतन वृद्धि: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- 30 जून को 12 महीने की सेवा पूरी करने वाले पेंशन संशोधन के लिए वेतन वृद्धि के हकदार
Amir Ahmad
18 Oct 2025 2:50 PM IST

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में उन कर्मचारियों को बड़ी राहत दी, जो 30 जून को सेवानिवृत्त होते हैं।
कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ये कर्मचारी वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ के हकदार होंगे बशर्ते उन्होंने रिटायरमेंट की तारीख तक 12 महीने की संतोषजनक सेवा पूरी कर ली हो।
जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रोहित कपूर की खंडपीठ ने यह आदेश सुनाया।
पूरा मामला
हरियाणा राज्य के कर्मचारी याचिकाकर्ताओं ने हरियाणा सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम 2008 के नियम 10 को चुनौती दी थी। इस नियम के तहत, 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि से वंचित कर दिया जाता था भले ही उन्होंने पिछली वेतन वृद्धि के बाद से छह महीने या उससे अधिक की सेवा पूरी कर ली हो।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि उन्हें सेवानिवृत्ति के वर्ष के लिए एक वेतन वृद्धि का लाभ देकर उनकी पेंशन को पुन: निर्धारित किया जाए।
हाईकोर्ट ने इस मामले में द डायरेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन एंड एचआर) केपीटीसीएल और अन्य बनाम सी.पी. मुंडिनामणि और अन्य' मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले पर भरोसा किया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एक बार जब कोई कर्मचारी अधिवर्षिता की तारीख (30 जून) तक 12 महीने की संतोषजनक सेवा पूरी कर लेता है तो वह अगले दिन यानी 1 जुलाई को देय होने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि का हकदार हो जाता है।
कोर्ट ने यह माना कि वेतन वृद्धि की तारीख सेवानिवृत्ति के बाद पड़ने के कारण लाभ से इनकार करना मनमाना था।
हाईकोर्ट ने हरियाणा सिविल सेवा नियम, 2008 के नियम 10 का विश्लेषण करते हुए यह स्पष्ट किया कि 1 जुलाई को 6 महीने या उससे अधिक की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों की पात्रता का संदर्भ संशोधित वेतन संरचना में बदलाव के दौरान एक समान वेतन वृद्धि की तारीख (1 जुलाई) बनाने के लिए था।
इसका उद्देश्य केवल उन कर्मचारियों की स्थिति को संबोधित करना था, जिनकी पहले वेतन वृद्धि की तारीख अलग थी। कोर्ट ने दृढ़ता से कहा कि यह खंड वार्षिक वेतन वृद्धि अर्जित करने के लिए 12 महीने की सेवा पूरी करने की मूल आवश्यकता को समाप्त नहीं करता है।
कोर्ट ने तर्क दिया कि केवल छह महीने की सेवा के लिए वेतन वृद्धि देना वार्षिक वेतन वृद्धि की अवधारणा के ही विपरीत होगा।
खंडपीठ ने फैसला सुनाया कि याचिकाकर्ता जिन्होंने 30 जून तक एक वर्ष की निरंतर संतोषजनक सेवा पूरी की है वे वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ के हकदार होंगे और उनकी पेंशन उसी के अनुसार संशोधित की जाएगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों ने अपनी रिटायमेंट के वर्ष में पिछली वार्षिक वेतन वृद्धि प्राप्त करने के बाद छह महीने या उससे कम सेवा पूरी की है वे इस राहत के हकदार नहीं होंगे।
न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन महीने की अवधि के भीतर पात्र याचिकाकर्ताओं को देय लाभ जारी करने का निर्देश दिया।
इन टिप्पणियों के साथ कर्मचारियों द्वारा दायर रिट याचिका का निस्तारण कर दिया गया।

